आंतरिक व्यापार

आंतरिक व्यापार किससे संबंधित है?
Explanation : 'इनसाइड ट्रेडिंग' (आंतरिक व्यापार) शेयर बाजार से संबंधित है। इसके अंतर्गत कंपनी के कर्मचारी या कोई संबंधित व्यक्ति कंपनी की आंतरिक सूचनाओं का उपयोग कर शेयर ट्रेडिंग में अनुचित लाभ प्राप्त करते हैं। यह अवैध कार्य माना जाता है।. अगला सवाल पढ़े
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Explanation : तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan, President of Turkey) है। जून 2018 में तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन फिर से चुनाव में जीते और अब तुर्की के इतिहास में सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति हैं। इससे पहले वे त . Read More
Explanation : फिक्की (FICCI) के नए अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा (Subhrakant Panda) है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने 3 नवंबर2022 को उन्हें अपना अगला अध्यक्ष नियुक्त किया। इंडियन मेटल्स एंड फेरो अलॉयज लिमिटेड (आईएमएफए . Read More
Explanation : फिक्की के वर्तमान अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा (Subhrakant Panda) है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ, फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry- FICCI) ने शुभ्रकांत पांडा को अपना अगला अध्यक्ष 5 नवंबर 2022 को चुन . Read More
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Explanation : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 537.518 अरब डॉलर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार 23 सितंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार (India's foreign exchange (forex) reserves) 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अ . Read More
Explanation : भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के संस्थापक बी आर अंबेडकर थे। 6 आंतरिक व्यापार दिसंबर 1956 को उनके निधन के बाद 3 अक्टूबर, 1957 को स्थानीय नेताओं ने शेड्यूल कास्ट फेडरेशन को भंग कर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना की थी। पार्टी का अध्यक्ष अंबेडकर क . Read More
Explanation : राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र राजस्थान के सेवर (भरतरपुर) में स्थित है। 20 अक्टूबर, 1993 को ICAR द्वारा सेवर, भरतपुर में राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र (NRCRM- National Research Centre on Rapseed-Mustard) की स्थापना की गई। फरवर . Read More
Explanation : भारत का विदेशी कर्ज 620.7 अरब डालर है। भारत पर विदेशी कर्ज मार्च, 2022 के अंत में एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डालर हो गया है। वित्त मंत्रालय द्वारा 2 सितंबर 2022 को जारी नवीन आंकड़ों के अनुसार, देश के इस . Read More
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विश्वभर में चमक बिखेरेंगे उत्तराखंड के 11 कृषि उत्पाद, केंद्रीय उद्योग संवद्र्धन और आंतरिक व्यापार विभाग कर रहा परीक्षण
बदली परिस्थितियों में स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक व जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यहां अधिकांश हिस्से में खेती जैविक है। इसी कारण यहां के कृषि उत्पाद अधिक पसंद किए जाते हैं लेकिन पहचान का संकट इनके सामने भी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: 'वोकल फार लोकल' नारे को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए धामी सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। इस कड़ी में राज्य के 11 कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के उद्देश्य से इनका भौगोलिक संकेतांक (जीआइ) टैग प्राप्त करने को आवेदन किए गए हैं। अब केंद्रीय उद्योग संवद्र्धन और आंतरिक व्यापार विभाग इनका परीक्षण कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन उत्पादों को जीआइ टैग हासिल हो जाएगा। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग होने से यहां के किसानों को इन उत्पादों के बेहतर दाम मिल सकेंगे।
बदली परिस्थितियों में स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक व जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यहां अधिकांश हिस्से में खेती जैविक है। इसी कारण यहां के कृषि उत्पाद अधिक पसंद किए जाते हैं, लेकिन पहचान का संकट इनके सामने भी है। कृषि उत्पादों को विश्वभर में पहचान मिले, इसके लिए पूर्व में जीआइ टैग लेने को प्रयास शुरू किए गए।
वर्ष 2016 में उत्तराखंड तेजपत्ता को पहला जीआइ टैग हासिल हुआ। इसके बाद तेजपत्ता की मांग बढ़ी और सरकार ने इसके उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित किया। गत वर्ष सितंबर में यहां के सात उत्पादों को यह टैग मिला, जिसमें मुनस्यारी राजमा व कुमाऊं च्यूरा आयल भी शामिल थे। इसके पश्चात राज्य जैविक उत्पाद परिषद द्वारा इस वर्ष फरवरी से अपै्रल तक 11 कृषि उत्पादों का जीआइ टैग लेने को आवेदन किए गए। इनका पंजीकरण भी केंद्र में हो चुका है।
इस साल इन कृषि उत्पादों के लिए हुए आवेदन
उत्पाद, आवेदन की तिथि
- बेरीनाग चाय, 11 फरवरी
- उत्तराखंड मंडुवा, 18 फरवरी
- उत्तराखंड झंगोरा, 01 मार्च
- उत्तराखंड गहथ, 03 मार्च
- उत्तराखंड लाल चावल, 14 मार्च
- उत्तराखंड काला भट्ट, 18 मार्च
- उत्तराखंड माल्टा फल, 26 मार्च
- उत्तराखंड चौलाई (रामदाना), 11 अपै्रल
- अल्मोड़ा लाखोरी मिर्च, 11 अपै्रल
- उत्तराखंड बुरांस शरबत, 12 अपै्रल
- उत्तराखंड पहाड़ी तोर दाल, 12 अपै्रल
इन उत्पादों को मिल चुका जीआइ टैग
तेजपत्ता, मुनस्यारी राजमा, कुमाऊं च्यूरा आयल, उत्तराखंड ऐंपण, उत्तराखंड भोटिया दन, उत्तराखंड ङ्क्षरगाल क्राफ्ट, उत्तराखंड थुलमा, उत्तराखंड ताम्र उत्पाद।
'हमने 11 कृषि उत्पादों का जीआइ टैग लेने को आवेदन कर दिया है। केंद्र के स्तर पर इनका पंजीकरण हो चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही परीक्षणोपरांत यह टैग मिल जाएंगे। इससे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग होने से बाजार में इन उत्पादों की मांग बढऩे के साथ ही किसानों को बेहतर दाम भी मिलेगा।
-गणेश जोशी, कृषि एवं उद्यान मंत्री
जीआइ टैग क्या है
जीआइ टैग के माध्यम से किसी विशेष उत्पाद को भौगोलिक पहचान दी जाती है। यह इस बात की सुरक्षा देता है कि जो उत्पाद जिस भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होता है, उसकी नकल अन्य कोई व्यक्ति, संस्था अथवा देश नहीं कर सकता।
यह है प्रक्रिया
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का उद्योग संवद्र्धन और आंतरिक व्यापार विभाग जीआइ टैग जारी करता है। जिस भौगोलिक क्षेत्र में जिस उत्पाद की उत्पत्ति हुई है, उसका जीआइ टैग लेने को वहां की कोई संस्था, सोसायटी, विभाग व एफपीओ आवेदन कर सकता है। गहन परीक्षण के बाद ही टैग जारी किया जाता है।
विश्वभर में चमक बिखेरेंगे उत्तराखंड के 11 कृषि उत्पाद, केंद्रीय उद्योग संवद्र्धन और आंतरिक व्यापार विभाग कर रहा परीक्षण
बदली परिस्थितियों में स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक व जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यहां अधिकांश हिस्से में खेती जैविक है। इसी कारण यहां के कृषि उत्पाद अधिक पसंद किए जाते हैं लेकिन पहचान का संकट इनके सामने भी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: 'वोकल फार लोकल' नारे को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए धामी सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। इस कड़ी में राज्य के 11 कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के उद्देश्य से इनका भौगोलिक संकेतांक (जीआइ) टैग प्राप्त करने को आवेदन किए गए हैं। अब केंद्रीय उद्योग संवद्र्धन और आंतरिक व्यापार विभाग इनका परीक्षण कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन उत्पादों को जीआइ टैग हासिल हो जाएगा। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग होने से यहां के किसानों को इन उत्पादों के बेहतर दाम मिल सकेंगे।
बदली परिस्थितियों में आंतरिक व्यापार स्वास्थ्य की दृष्टि से पौष्टिक व जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यहां अधिकांश हिस्से में खेती जैविक है। इसी कारण यहां के कृषि उत्पाद अधिक पसंद किए जाते हैं, लेकिन पहचान का संकट इनके सामने भी है। कृषि उत्पादों को विश्वभर में पहचान मिले, इसके लिए पूर्व में जीआइ टैग लेने को प्रयास शुरू किए गए।
वर्ष 2016 में उत्तराखंड तेजपत्ता को पहला जीआइ टैग हासिल हुआ। इसके बाद तेजपत्ता की मांग बढ़ी और सरकार ने इसके उत्पादन के लिए किसानों को प्रेरित किया। गत वर्ष सितंबर में यहां के सात उत्पादों को यह टैग मिला, जिसमें मुनस्यारी राजमा व कुमाऊं च्यूरा आयल भी शामिल थे। इसके पश्चात राज्य जैविक उत्पाद परिषद द्वारा इस वर्ष फरवरी से अपै्रल तक 11 कृषि उत्पादों का जीआइ टैग लेने को आवेदन किए गए। इनका पंजीकरण भी केंद्र में हो चुका है।
इस साल इन कृषि उत्पादों के लिए हुए आवेदन
उत्पाद, आवेदन की तिथि
- बेरीनाग चाय, 11 फरवरी
- उत्तराखंड मंडुवा, 18 फरवरी
- उत्तराखंड झंगोरा, 01 मार्च
- उत्तराखंड गहथ, 03 मार्च
- उत्तराखंड लाल चावल, 14 मार्च
- उत्तराखंड काला भट्ट, 18 मार्च
- उत्तराखंड माल्टा फल, 26 मार्च
- उत्तराखंड चौलाई (रामदाना), 11 अपै्रल
- अल्मोड़ा लाखोरी मिर्च, 11 अपै्रल
- उत्तराखंड बुरांस शरबत, 12 अपै्रल
- उत्तराखंड पहाड़ी तोर दाल, 12 अपै्रल
इन उत्पादों को मिल चुका जीआइ टैग
तेजपत्ता, मुनस्यारी राजमा, कुमाऊं च्यूरा आयल, उत्तराखंड ऐंपण, उत्तराखंड भोटिया आंतरिक व्यापार दन, उत्तराखंड ङ्क्षरगाल क्राफ्ट, उत्तराखंड थुलमा, उत्तराखंड ताम्र उत्पाद।
'हमने 11 कृषि उत्पादों का जीआइ टैग लेने को आवेदन कर दिया है। केंद्र के स्तर पर इनका पंजीकरण हो चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही परीक्षणोपरांत यह टैग मिल जाएंगे। इससे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग होने से बाजार में इन उत्पादों की मांग बढऩे के साथ ही किसानों को बेहतर दाम भी मिलेगा।
-गणेश जोशी, कृषि एवं उद्यान मंत्री
जीआइ टैग क्या है
जीआइ टैग के माध्यम से किसी विशेष उत्पाद को भौगोलिक पहचान दी जाती है। यह इस बात की सुरक्षा देता है कि जो उत्पाद जिस भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होता है, उसकी नकल अन्य कोई व्यक्ति, संस्था अथवा देश नहीं कर सकता।
यह है प्रक्रिया
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का उद्योग संवद्र्धन और आंतरिक व्यापार विभाग जीआइ टैग जारी करता है। जिस भौगोलिक क्षेत्र में जिस उत्पाद की उत्पत्ति हुई है, उसका जीआइ टैग लेने को वहां की कोई संस्था, सोसायटी, विभाग व एफपीओ आवेदन कर सकता है। गहन परीक्षण के बाद ही टैग जारी किया जाता है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने लॉजीएक्सटिक्स लॉन्च किया
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade – DPIIT) ने यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (Unified Logistics Interface Platform’s – ULIP) हैकथॉन – ‘लॉजीएक्सटिक्स (LogiXtics)’ को लॉन्च किया है ताकि अधिक विचारों को क्राउडसोर्स किया जा सके जिससे लॉजिस्टिक्स उद्योग को लाभ होगा। नीति आयोग (NITI Aayog) और अटल इनोवेशन मिशन (Atal Innovation Mission) द्वारा यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) हैकथॉन – लॉजीएक्सटिक्स का आयोजन किया जा रहा है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने स्वच्छता अभियान के लिए 95 स्थलों की पहचान की
इन साइटों में उद्योग भवन और वनज्य भवन में मुख्य विभाग परिसर और देश भर में डीपीआईआईटी के तहत 19 संगठन शामिल हैं। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा चिन्हित सभी 11 मापदंडों की विभाग द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।
उद्योग भवन में विशेष अभियान के लिए विभाग ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसने गतिविधियों के समग्र समन्वय के लिए नोडल अधिकारी के तहत एक समन्वय समिति का गठन किया है. समन्वय की सुविधा के लिए विभाग ने एक समर्पित पोर्टल बनाया है, जहां संगठन अभियान में प्राप्त प्रगति को अपलोड करते हैं। इसी प्रकार उद्योग भवन और वनज्य भवन में स्वच्छता गतिविधियों की निगरानी के लिए एक स्वच्छता समिति का गठन किया गया है।
प्रारंभिक चरण के दौरान, डीपीआईआईटी ने समीक्षा के लिए लगभग 5.42 लाख भौतिक फाइलों और 46,616 ई-फाइलों की पहचान की है। इनमें से 73,389 भौतिक फाइलों को पहले ही हटा दिया गया है और 1,096 ई-फाइलों को बंद कर दिया गया है।
विभाग ने कहा कि उसने लोक शिकायत, और संसद आश्वासन से संबंधित लंबित संदर्भों की भी पहचान की है, और इन संदर्भों की दैनिक आधार पर निपटान के लिए निगरानी भी की जा रही है। विभाग ने नियम/प्रक्रिया सरलीकरण के क्षेत्र में विशेष अभियान 1.0 में 134 नियमों/प्रक्रिया को सरल बनाया है और अब अभियान 2.0 के लिए छह नियमों/प्रक्रियाओं की पहचान की है।
अभियान की प्रगति की निगरानी से अभियान को बढ़ावा मिलता है। DPIIT के सचिव साप्ताहिक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में भी इसकी निगरानी करते हैं। विभाग ने पूरे देश में कुल 75 अभियान स्थलों का निरीक्षण करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 49 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है। ( Department for promotion of industry and internal trade identifies 95 sites for Swacchhta drive )