बाइनरी ऑप्शन टिप्स

Unlisted Shares क्या होते है?

Unlisted Shares क्या होते है?
अनलिस्टेड मार्केट सेबी के गाइडलाइंस के मुताबिक रेगुलेट होता है जबकि ग्रे मार्केट को लेकर सेबी की कोई गाइडलाइंस नहीं है लेकिन यह न तो वैध और न ही अवैध.

Buy Unlisted shares |अनलिस्टेड शेयर कैसे खरीदें

जैसे-जैसे अधिक से अधिक कंपनियां लंबे समय तक निजी रहना पसंद करती हैं, रिटेल कंपनी के अल्ट्रा ग्रोथ स्टेज से चूक जाता है। सूचीबद्ध होने से पहले निजी कंपनियों का मूल्यांकन कई गुना बढ़ जाता है। आप लहर की सवारी करते हैं।

बड़ी निजी इक्विटी

किसी भी नए स्टार्टअप की सफलता तब मापी जाती है जब वे सार्वजनिक होने में सक्षम होते हैं। खुदरा Unlisted Shares क्या होते है? निवेशक केवल अधिकतम निवेश कर सकता है। 2 लाख रु. आवेदन जबकि उनके पास निवेश करने के लिए कहीं अधिक पैसा है। भारत में प्राइवेट इक्विटी 2 करोड़ से शुरू होती है। वह पहले से ही 2 लाख बनाम 2 करोड़ का बड़ा अंतर है।

यही कारण है कि IPOINVEST खुदरा Unlisted Shares क्या होते है? निवेशकों के लिए उन कंपनियों में निवेश करने के अवसर तलाश रहा है जो अल्पावधि से मध्य अवधि में शेयर बाजार में उतरने वाली हैं।buy unlisted shares online

निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि क्या है?
निवासी व्यक्तियों के लिए – टिकट का आकार 25,000 रुपये से शुरू होता है। एनआरआई के लिए, टिकट का आकार 1,00,000 रुपये से शुरू होता है

क्या कोई सेवा शुल्क है?
हम लोगों को सलाह देते हैं कि एक ही स्टॉक में सारा पैसा न लगाएं और पोर्टफोलियो में विविधता लाकर जोखिम का प्रबंधन करें। हम एक निवेशक को सही मात्रा के साथ सही स्टॉक चुनने में मदद करने के लिए मॉडल पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं।

क्या मुझे DMAT खाते की आवश्यकता है?
हां, क्योंकि शेयर आपके डीमैट खाते में ही ट्रांसफर किए जाएंगे।

मेरे खाते में स्टॉक कब दिखाई देंगे?
सप्ताहांत या किसी सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर T+1 दिन।

मेरे द्वारा खरीदे गए स्टॉक को बेचने के लिए सामान्य समय सीमा क्या है?
ऑफलाइन ट्रेडिंग के मामले में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। यदि निवेशक एक्सचेंज पर बेचना चाहता है तो स्टॉक के सूचीबद्ध होने के बाद 6 महीने से 1 साल की लॉक इन अवधि होती है। अगर वे बाहर निकलना चाहते हैं तो हम निवेशकों को अपने शेयर ऑफलाइन बेचने में मदद करते हैं।

क्या मैं शेयरों पर लाभांश, स्टॉक स्पिल्ट, बोनस और एक्स-बोनस के लिए पात्र हूं?

बिल्कुल। एक शेयरधारक के रूप में, आप सभी अधिकारों के हकदार हैं।

असूचीबद्ध स्टॉक खरीदने के लिए हमसे कैसे जुड़ें
-आप हमें सीधे +91 8750453028 पर कनेक्ट कर सकते हैं | या आप हमें ईमेल भेज सकते हैं – [email protected] | या आप हमें हमारे फेसबुक पर संदेश भेज सकते हैं – https://www.facebook.com/Ipoinvest/

असूचीबद्ध स्टॉक खरीदने के लिए आवश्यक दस्तावेज
– पैन कार्ड
– क्लाइंट मास्टर रिकॉर्ड (आप इसे अपने ब्रोकर प्लेटफॉर्म पर पा सकते हैं या आप अपने ब्रोकर से अपनी सीएमआर कॉपी भेजने के लिए कह सकते हैं)

IPO Invest पर असूचीबद्ध शेयरों(Unlisted shares) को खरीदने की प्रक्रिया नीचे देखें।

1. आप ट्रेडिंग मूल्य पर हमारे साथ असूचीबद्ध शेयरों की बुकिंग की पुष्टि करते हैं।
2. यदि आप सीएमआर कॉपी में उल्लिखित बैंक खाते से धनराशि स्थानांतरित नहीं कर रहे हैं तो आप पैन कार्ड और रद्द किए गए चेक के साथ अपनी क्लाइंट मास्टर रिपोर्ट (दलाल उपलब्ध नहीं होने पर पूछें) प्रदान करें। ये सेबी के नियमों के अनुसार आवश्यक केवाईसी दस्तावेज हैं।
3. हम बैंक विवरण प्रदान करेंगे।
4. आपको उस खाते में धनराशि स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।
5. भुगतान आरटीजीएस/एनईएफटी/आईएमपीएस चेक ट्रांसफर में करना होगा। कोई नकद जमा नहीं।
6. भुगतान उसी खाते से करना होता है जिसमें शेयर जमा करने होते हैं।
7. यदि धन दोपहर 2 बजे से पहले जमा हो जाता है तो हम 24 घंटे में शेयरों को स्थानांतरित कर देंगे।

Unlisted shares

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गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में निवेश करने की जानकारी।

दोस्तों, आप शेयर बाजार में शेयर या स्टॉक कई बार ख़रीदा या बेचा है, लेकिन क्या आप जानते है कि शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियाँ सूचीबद्ध कैसे होती है ? आप कौन से मार्किट या स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) से शेयर खरीद या बेच सकते है ? आईये इसका उत्तर जानते है।

किसी भी शेयर या स्टॉक का क्रय या विक्रय प्रतिभूति बाज़ार (Security Market) के अंतर्गत आता है और प्राथमिक बाज़ार (Primary Market) और द्वितीयक बाज़ार (Secondary Market) इसके दो प्रकार है। प्रतिभूति बाज़ार में एनएसई या बीएसई दो प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज है। कोई भी कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होता है और निवेशक प्राथमिक बाज़ार से कंपनी के शेयर सीधे खरीदते है। जब कंपनी द्वितीयक बाज़ार में सूचीबद्ध हो जाता है तो निवेशक या ट्रेडर्स उसके शेयर आपस में खरीदते या बेचते है।

क्या अपने गैर सूचीबद्ध स्टॉक (Unlisted Stock) के बारें में सुना है ? गैर सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को कैसे खरीद सकते है, कहाँ खरीद सकते है ? आईये गैर सूचीबद्ध स्टॉक के बारें में विस्तार से समझते है।

स्टॉक या शेयर जो आधिकारिक तौर पर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध नहीं है, इन्हे अनलिस्टेड स्टॉक कहते है। साधारणतः स्टार्टअप या नयी कंपनी यह व्यवसाय इस श्रेणी में आते है, जिसमे इंस्टीटूशनल निवेशक या वेंचर कैपिटल आदि निवेश करते है। यह प्रक्रिया सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदने जितना आसान होता है।

स्टॉक या शेयर जो आधिकारिक तौर पर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध नहीं है, इन्हे अनलिस्टेड स्टॉक कहते है। साधारणतः स्टार्टअप या नयी कंपनी यह व्यवसाय इस श्रेणी में आते है, जिसमे इंस्टीटूशनल निवेशक या वेंचर कैपिटल आदि निवेश करते है। यह प्रक्रिया सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदने जितना आसान होता है।

आईये एक कंपनी "Y" Unlisted Shares क्या होते है? का Unlisted Shares क्या होते है? उदाहरण लेते है। "Y" एक स्टार्टअप कंपनी है और यह किसी भी स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई या बीएसई) में सूचीबद्ध नहीं है। इस कंपनी के स्टॉक को अनलिस्टेड स्टॉक (unlisted stock) कहते है। यदि निवेशक को कंपनी "Y" का व्यावसायिक पद्धति पसंद आता है और उन्होंने कंपनी "Y" में अपने पैसे निवेश करके उस कंपनी के शेयर खरीदते है तो ऐसे स्टॉक को अनलिस्टेड स्टॉक कहते है।

रिलायंस रिटेल, ओला, लावा अदि प्रसिद्ध अनलिस्टेड स्टॉक के उदाहरण है। ये कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में आधिकारिक रूप से पंकजीकृत नहीं है लेकिन ट्रेडर्स इस कंपनियों में ट्रेड करते है। एक निवेशक या ट्रेडर्स के रूप में, यदि आप भी स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करना चाहते है तो अनलिस्टेड स्टॉक एक अच्छा विकल्प है।। आईये जानते है की अनलिस्टेड स्टॉक्स या शेयर में कैसे निवेश करे।

अनलिस्टेड स्टॉक्स लिस्ट्स

आपके मन में एक प्रश्न उठ रहा है कि यदि अनलिस्टेड स्टॉक्स एनएसई या बीएसई स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत नहीं है तो ऐसे स्टॉक्स कैसे ख़रीदे ?

इसका उत्तर है कि अनलिस्टेड स्टॉक्स आप किसी ब्रोकर्स कंपनियों से खरीद सकते है, जैसे Unlisted Zone, Unlisted deals, Buy Sell Unlisted Shares आदि। इसके अलावा अन्य ब्रोकर का सूचि आपको इंटरनेट के माध्यम से मिल जायेगा।

अनलिस्टेड स्टॉक्स कि Unlisted Shares क्या होते है? श्रेणी में भिन्न-2 प्रकार के कंपनियां शामिल है जो निम्नलिखित है।

  • प्रसिद्ध कंपनियों की सहायक कंपनियां है। मुख्यतः ये सहायक कंपनियां मूल कंपनी के भाग होते है, जैसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज अनलिस्टेड स्टॉक्स है परन्तु यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है।
  • अन्य प्रकार के अनलिस्टेड कंपनियां जो मुख्यतः वित्तीय, तकनिकी या संचार आदि क्षेत्र में शामिल है जैसे ड्रीम 11 कंपनी शामिल है।

अनलिस्टेड स्टॉक्स में कैसे इन्वेस्ट करें

यदि आप भी अन्य निवेशक की तरह अनलिस्टेड शेयर में निवेश करना चाहते है, तो बहुत से माध्यम है जिसके द्वारा आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश कर सकते है।

स्टार्टअप से शुरू करें

आप किसी स्टार्टअप कंपनी के शेयर में निवेश करके शुरुवात कर सकते है। स्टार्टअप और छोटी कंपनियां शेयर की बिक्री की गारंटी नहीं देती हैं। स्टार्टअप कंपनी जल्दी और अग्रिम भुगतान करने के लिए पैसे की मांग करती है और ट्रेड के दिन से तीन दिन बाद ही डिलीवरी होती है। इसे आम तौर पर टी+3 डिलीवरी कहा जाता है।

ईसॉप शेयर

ईसॉप शेयर एक अनलिस्टेड स्टॉक है, इस शेयर को खरीदने की अनुमति सिर्फ कंपनी के आंतरिक कर्मचारियों को होता है। ईसॉप शेयर भी अन्य शेयर बाजार के शेयर के सामान होता है। एक ब्रोकर आपके लिए सही अनलिस्टेड स्टॉक खोजने में आपकी मदद कर सकता है।

प्रमोटर्स

आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश करना चाहते है तो आप सीधे प्रोमोटर्स (Promotors) से खरीद सकते है। कई निवेश बैंक और निजी प्लेसमेंट निजी या नॉन-लिस्टेड शेयरों को खरीदने में मदद प्रदान कर सकते हैं।

अपने सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध स्टॉक/शेयर के बारें और उसके अंतर को विस्तृत रूप से समझा। इसके साथ साथ अनलिस्टेड स्टॉक को कैसे ख़रीदे सकते है, कौन -2 से माध्यम से खरीद सकते है इसके बारें में जानकारी हासिल किये।

सिक्योरिटी मार्किट (Security Market) में ऐसे कई तरीके हैं जहा आप एक गैर-सूचीबद्ध स्टॉक खरीद सकते हैं। जैसे स्टार्टअप के शेयर, ईसॉप शेयर और प्रमोटर्स के शेयर को खरीद कर गैर सूचीबद्ध शेयर को खरीद सकते है।

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Unlisted Shares क्या होते है ? कैसे करे Unlisted शेयर्स मे निवेश ? यहाँ जाने पूरी जानकारी

शेयर बाजार पर जो कंपनी लिस्टेड नहीं होती है उस कंपनी के शेयर को Unlisted Shares कहा जाता है ,शेयर बाजार पर लिस्टेड कंपनी के शेयर लेना एक सुरक्षित निवेश है क्यों की इन सभी कंपनियों पर शेयर बाजार SEBI का नियंत्रण होता है। इसी समय Unliested कंपनी के शेयर खरदीने के बाद उसपर कोई नियंत्रण नहीं होता है। चलिए जानते है आज के आर्टिक्ल मे इस बारे मे अधिक जानकारी।

अनलिस्टेड शेयर में ट्रेडिंग और ग्रे मार्केट एक नहीं हैं, जानिए इनमें क्या है फर्क, मार्केट में लिस्टेड होने से पहले कैसे खरीदें शेयर?

Unlisted Market vs Grey Market: दोनों ही मार्केट में प्री-आईपीओ डीलिंग होती है जिसके चलते अधिकतर लोग अनलिस्टेड और ग्रे मार्केट को एकसमान समझ लेते हैं जबकि ऐसा नहीं है.

अनलिस्टेड शेयर में ट्रेडिंग और ग्रे मार्केट एक नहीं हैं, जानिए इनमें क्या है फर्क, मार्केट में लिस्टेड होने से पहले कैसे खरीदें शेयर?

अनलिस्टेड मार्केट सेबी के गाइडलाइंस के मुताबिक रेगुलेट होता है जबकि ग्रे मार्केट को लेकर सेबी की कोई गाइडलाइंस नहीं है लेकिन यह न तो वैध और न ही अवैध.

Unlisted Market vs Grey Market: किसी कंपनी को पैसों की जरूरत पड़ती है तो उसके पास कई विकल्पों में एक शेयर इशू करने का होता है. आमतौर पर निवेशक सिर्फ उन्हीं शेयरों की खरीद-बिक्री के बारे में सोचते हैं जो मार्केट में लिस्टेड होते हैं. हालांकि लिस्टेड कंपनियों के अलावा भी शेयरों की खरीद-बिक्री होती है. इनकी बिक्री अनलिस्टेड मार्केट में होती है. इसके अलावा कंपनियां जब आईपीओ इशू Unlisted Shares क्या होते है? करती हैं तो इसकी लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट को लेकर बहुत सी बातें की जाती हैं और इसके प्रीमियम के आधार पर कई निवेशक निवेश का फैसला लेते हैं. चूंकि ग्रे मार्केट भी कंपनी के लिस्टेड होने से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है तो ऐसे में अधिकतर लोग अनलिस्टेड और ग्रे मार्केट को एकसमान समझ लेते हैं जबकि ऐसा नहीं है.

Unlisted Market vs Grey Market को ऐसे समझें

  • जब कोई कंपनी आईपीओ के प्राइस बैंड का ऐलान करती है तो उसके आस-पास ग्रे मार्केट गतिविधियां शुरू हो जाती हैं. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में शेयरों की ट्रेडिंग आईपीओ आने से बहुत पहले भी जारी हो सकती हैं जैसे कि नजारा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ इस साल आया है लेकिन इसके शेयर अनलिस्टेड मार्केट में वर्ष 2018 से ही उपलब्ध हैं.
  • ग्रे मार्केट में शेयरों की डीलिंग में वास्तव में कोई शेयर नहीं मिलता है बल्कि एक तरह से यह अनऑफिशियल फ्यूचर/फारवर्ड की तरह हैं. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में शेयरों को डीमैट खाते में रखा जाता है. सेबी के नियमों के मुताबिक सभी फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रिक फॉर्म में रखना अनिवार्य है.
  • ग्रे मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री कैश के जरिए होती है और इसमें पूरी प्रक्रिया भरोसे पर टिकी होती है यानी इसमें रिस्क बहुत अधिक है. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में ट्रेडिंग के लिए सेबी की गाइडलाइंस तो नहीं है लेकिन चूंकि इसमें लेन-देन कैश में नहीं होता है और शेयर डीमैट में रखे जाते हैं, इसलिए यह लीगल है और इसमें रिस्क नहीं है.

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  • ग्रे मार्केट में शेयरों की ट्रेडिंग किसी स्थानीय ब्रोकर के जरिए होती है और उसके जरिए शेयरों के लिए अनऑफिशियली फारवर्ड/फ्यूचर कांट्रैक्ट किए जाते हैं. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर किया जाता है.
  • ग्रे मार्केट में आईपीओ आने से पहले शेयर उपलब्ध नहीं रहते हैं जबकि अनलिस्टेड मार्केट में शेयर आईपीओ आने से पहले भी डीमैट खाते में रहते हैं. अनलिस्टेड मार्केट में कंपनी के प्रमोटर या एंप्लाई के जरिए शेयर उपलब्ध होते हैं. अनलिस्टेड मार्केट में शेयर खरीदने के लिए अनलिस्टेड मार्केट को डील करने वाले ब्रोकर से संपर्क किया जा सकता है.

(यह आर्टिकल अनलिस्टेड मार्केट में डील करने वाले और unlistedarena.com के फाउंडर अभय दोशी से बातचीत पर आधारित है.)

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अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर डीमैट फॉर्म में ही होंगे जारी, सरकार ने की घोषणा

मंगलवार को कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इस संबंध में एक बयान जारी किया. इसमें उसने बताया कि भव‍िष्य में डीमैट या इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में ही शेयरों को ट्रांसफर किया जाएगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2018,
  • (अपडेटेड 11 सितंबर 2018, 6:Unlisted Shares क्या होते है? 03 PM IST)

निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. मंगलवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अब अनलिस्टेड पब्लिक कंपनियों को अपने नये शेयर डीमैट फॉर्म में ही जारी करने होंगे. ऐसा करना इन कंपनियों के लिए 2 अक्टूबर से अनिवार्य हो जाएगा.

मंगलवार को कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इस संबंध में एक बयान जारी किया. इसमें उसने बताया कि अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर भव‍िष्य में डीमैट या इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में ही ट्रांसफर किया जाएगा.

इस फैसले को लेकर मंत्रालय ने कहा कि पारदर्श‍िता बढ़ाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा की खातिर यह कदम उठाया गया है. इसके साथ ही कॉरपोरेट गवर्नेंस को बढ़ावा देने की खातिर भी यह फैसला लिया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि 2 अक्टूबर से यह व्यवस्था अनिवार्य हो जाएगी. इसके बाद डिमैटेरियलाइज्ड फॉर्म में ही अनलिस्टेड पब्लिक कंपनियों को अपने नये शेयर जारी करने होंगे. इसके अलावा शेयरों को ट्रांसफर करने का काम भी इसी से करना होगा.

बता दें कि कंपनीज एक्ट, 2013 में सरकारी कंपनियों के साथ ही निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाता है. आम तौर पर जिस कंपनी में 200 से ज्यादा सदस्य होते हैं, उसे ही पब्ल‍िक कंपनियों की श्रेणी में रखा जाता है. ऐसी कंपनियों को कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों का पालन करना पड़ता है.

मिनिस्ट्री की मानें तो ऐसा करने से कई दिक्कतें दूर हो जाएंगी. इस फैसले से फिजिकल सर्ट‍िफ‍िकेट के खोने, चोरी होने और फ्रॉड जैसे कई जोख‍िमों से बचा जा सकेगा.

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