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रैली क्या है

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अलवर, भरतपुर, धौलपुर अग्निवीर आर्मी रैली भर्ती 2022 लाइव अपडेट: जानें भर्ती से जुड़ी लेटेस्ट ख़बर

अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों के युवाओं की अग्निवीर आर्मी रैली भर्ती प्रक्रिया 10 सितंबर से 24 सितंबर तक बहरोड़ के अनंतपुरा CISF Training Center में आयोजित की जाएगी।

इस भर्ती में कब क्या हुआ और कैसे होगा सभी की जानकारी के लिए आप हमारी पोस्ट को पूरा पढ़ सकते है और लेटेस्ट न्यूज के लिए आप हमारा टेलीग्राम चैनल जरूर ज्वाइन करें ताकि एक अपडेट भी आप मिस ना करें और आर्मी वाले दोस्तों को जरूर शेयर करें।

Alwar, Bharatpur and Dholpur Army Agniveer Rally Bharti 2022 Latest News

अलवर के बहरोड़ में हो रही अग्निवीर आर्मी भर्ती के लिए पहले दिन 3122 अभ्यर्थियों को बुलाया गया जिनमे से 1368 अभ्यर्थी ही उपस्थित हो पाए। 479 अभ्यर्थी डॉक्युमेंट्स रैली क्या है की कमी के कारण बाहर कर दिए गए। 889 अभ्यर्थियों ने दौड़ लगाई जिनमे से 74 ने दौड़ पास की।

जरूरी दस्तावेज (Documents) जो आपको लेकर जानें है:- एडमिट कार्ड की दो कॉपी, 10वीं की मार्कशीट, चरित्र प्रमाण पत्र, मूल निवास, कॉविड 19 प्रमाण पत्र, एफिडेविट पत्र ले जाने होंगे।

Army Agniveer Bharti Rally 2022 : ARO जयुपर में 29 सितंबर से शुरू हो रही भर्ती रैलियों का स्थान बदला, देखिए अहम नोटिस

Army Agniveer Bharti Rally 2022 : इंडियन आर्मी ने एआरओ जयपुर (राजस्थान) में होने वाली आर्मी अग्निवीर भर्ती रैली को लेकर अहम नोटिस जारी किया है। वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर प्रदर्शित सूचना

Army Agniveer Bharti Rally 2022 : ARO जयुपर में 29 सितंबर से शुरू हो रही भर्ती रैलियों का स्थान बदला, देखिए अहम नोटिस

Army Agniveer Bharti Rally 2022 : इंडियन आर्मी ने एआरओ जयपुर (राजस्थान) में होने वाली आर्मी अग्निवीर भर्ती रैली को लेकर अहम नोटिस जारी किया है। सेना की आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर प्रदर्शित सूचना के अनुसार, जयपुर एआरओ के तहत अग्निवीर भर्ती रैली का स्थान परिवर्तित किया गया है। अब एआरओ जयपुर के तहत सेना भर्ती रैली का आयोजन बियानी कॉलेज ऑफ साइंस एंड मैनेजमेंट, कलवार, जॉबनर रोड, जयपुर (राजस्थान) में आयोजित की जाएगी। इससे पहले जयपुर अग्निवीर भर्ती रैली का स्थान 8वीं बटालियन, सीआईएसएफ ग्राउंड कुंडा, अमेर, जयपुर (राजस्थान) निर्धारित था।

उल्लेखनीय है कि राजस्थन में एआरओ जयुपर के तहत सेना में अग्निवीर भर्ती रैली का आयोजन 29 सितंबर से 14 अक्टूबर 2022 तक किया जाना है। आर्मी अग्निवीरों में जनरल ड्यूटी, टेक्निकल, क्लर्क, ट्रेड्समैन (10वीं), ‌‌ट्रेड्समैन (8वीं) के पदों पर भर्ती की जाएगी। भारतीय सेना में पहले चरण में 25000 अग्निवीरों की भर्ती होगी। इनकी भर्ती चार साल के लिए होगी। चार साल के बाद 25 फीसदी को ही परमानेंट किया जाएगा, बाकी जवानों को सेवामुक्त कर दिया जाएगा।

राजस्थान की अग्निवीर भर्ती रैलियों का शेड्यूल:
रैली भर्ती आयोजित करने वाले ARO का नाम- जयपुर
रैली भर्ती का स्थान- जयपुर
रैली भर्ती का शेड्यूल- 29 सितम्बर से 14 अक्टूबर
रैली भर्ती में शामिल होने वाले जिले- जयपुर,सीकर

रैली रैली क्या है भर्ती आयोजित करने वाले ARO का नाम- जोधपुर
रैली भर्ती का स्थान- जोधपुर
रैली भर्ती का शेड्यूल- 28 नवंबर से 12 दिसम्बर 2022
रैली भर्ती में शामिल होने वाले जिले- सिरोही, बाड़मेर,जैसलमेर, जोधपुर,नागौर, जालौर

रैली भर्ती आयोजित करने वाले ARO का नाम- कोटा
रैली भर्ती का स्थान- कोटा
रैली भर्ती का शेड्यूल- 1 नवंबर से 14 नवंबर 2022
रैली भर्ती में शामिल होने वाले जिले- कोटा, अजमेर,बूंदी भीलवाड़ा, टोंक, दौसा,करौली,सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़,बारां, बांसवाड़ा, राजसमंद, पाली, डूंगरगढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर, झालावाड़

यूपी आर्मी अग्निवीर भर्ती रैली 2022: लखनऊ, वाराणसी व अमेठी समेत 36 जिलों के युवा 3 सितंबर तक करें आवेदन

Agniveer Bharti Rally 2022:अग्निवीरों की भर्ती के लिए एक के बाद एक विभिन्न जिलों के नोटिफिकेशन जारी हो रहे हैं। लखनऊ, वाराणसी, अमेठी एआरओ ने अग्निवीर भर्ती का नोटिफिकेशन निकाला है।

यूपी आर्मी अग्निवीर भर्ती रैली 2022: लखनऊ, वाराणसी व अमेठी समेत 36 जिलों के युवा 3 सितंबर तक करें आवेदन

UP Army Agniveer Bharti Rally 2022: इंडियन आर्मी में अग्निपथ योजना के तहत हो रही अग्निवीरों की भर्ती के लिए एक के बाद एक विभिन्न जिलों के नोटिफिकेशन जारी हो रहे हैं। बहुत से जिलों व एआरओ की भर्ती रैलियों के लिए आवेदन की अवधि खत्म हो चुकी है। जबकि कुछ की अभी शुरू हुई है। उत्तर प्रदेश के 36 जिलों के युवाओं के लिए तीन नए अग्निवीर भर्ती रैली के नोटिफिकेशन जारी हुए हैं। हाल ही में लखनऊ आरओ हेडक्वार्टर ने अग्निवीर भर्ती का नोटिफिकेशन निकाला है। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया 5 अगस्त 2022 से शुरू हुई है। ऑनलाइन आवेदन 03 सितंबर तक joinindianarmy.nic.in पर जाकर किया जा सकता है। लखनऊ अग्निवीर आर्मी रिक्रूमटमेंट रैली कानपुर के आर्मरेना स्टेडियम में 20 अक्टूबर से 10 नवंबर 2022 के बीच होगी। इस रैली में अग्निवीर जनरल ड्यूडी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर क्लर्क, स्टोर कीपर टेक्निकल, अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं 10वीं पास) की भर्ती होगी। लखनऊ अग्निवीर आर्मी रिक्रूमटमेंट रैली में ओरैया, बांदा, बाराबंकी, चित्रकूट, हमीरपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, लखनऊ, महोबा व उन्नाव जिले के युवा हिस्सा ले सकेंगे।

अमेठी अग्निवीर भर्ती रैली
एआरओ अमेठी ने भी अग्निवीर आर्मी रिक्रूमटमेंट रैली के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर रैली क्या है दी है। ये आवेदन joinindianarmy.nic.in पर जाकर 5 अगस्त 2022 से 03 सितंबर तक किए जा सकेंगे। रैली अयोध्या के डोगरा रेजिमेंट सेंटर में 16 नवंबर से 6 दिसंबर 2022 तक होगी। इस भर्ती रैली में अम्बेडकर नगर, अमेठी, बस्ती, अयोध्या, कौशाम्बी, कुशीनगर, महाराजगंज, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर और सुल्तानपुर के युवा हिस्सा लेंगे। इसमें भी अग्निवीर जनरल ड्यूडी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर क्लर्क, स्टोर कीपर टेक्निकल, अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं 10वीं पास) पद के लिए चयन होगा।

वाराणसी अग्निवीर भर्ती रैली
आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस (एआरओ) वाराणसी ने भी अपने क्षेत्र में अग्निवीर आर्मी रिक्रूमटमेंट रैली के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। आवेदन joinindianarmy.nic.in पर जाकर 5 अगस्त 2022 से 03 सितंबर तक किए जा सकेंगे। रैली 16 नवंबर से 6 दिसंबर 2022 के बीच वाराणसी के रणबांकुरे स्टेडियम में होगी। इस भर्ती रैली में आजमगढ़, बलिया, चंदौली, देवरिया, जौनपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, मऊ, मिर्जापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर और वाराणसी के नौजवान हिस्सा ले सकेंगे। इसमें भी अग्निवीर जनरल ड्यूडी, अग्निवीर टेक्निकल, अग्निवीर क्लर्क, स्टोर कीपर टेक्निकल, अग्निवीर ट्रेड्समैन (8वीं 10वीं पास) पद के लिए चयन होगा।

किस भर्ती रैली के एडमिट कार्ड कब रजिस्टर्ड ईमेल पर भेजे जाएंगे और कब वेबसाइट पर जारी होंगे, इसकी जानकारी उसी एआरओ की भर्ती रैली के नोटिफिकेशन में से देखी जा सकती है।

क्या है योग्यता
- अग्निवीर जनरल ड्यूटी (जीडी) के लिए 45 फीसदी अंकों के साथ में 10वीं पास होना चाहिए। हर विषय में कम से कम 33 फीसदी अंक होना जरूरी।
- अग्निवीर तकनीकी के लिए भौतिकी, रसायन, गणित और अंग्रेजी विषयों में 50 फीसदी अंकों के साथ में 12वीं पास जरूरी है।
- अग्निवीर क्लर्क/ स्टोरकीपर पदों के लिए 60% अंकों के साथ 12वीं पास हो। अंग्रेजी, गणित में 50 फीसदी अंक जरूरी।
- अग्निवीर ट्रेड्समैन 10वीं पास - कम से कम 10वीं पास। आवेदक के सभी विषयों में 33 फीसदी अंक होने चाहिए।
- अग्निवीर ट्रेड्समैन 8वीं पास - कम से कम 8वीं पास। आवेदक के सभी विषयों में 33 फीसदी अंक होने चाहिए।

- उपरोक्त सभी पदों के लिए आयु सीमा साढ़े 17 साल से 23 साल है। यानी आवेदक का जन्म 1 अक्टूबर 1999 से 1 अप्रैल 2005 के बीच हुआ हो।

ध्यान रहे आयु सीमा 23 वर्ष सिर्फ इस वर्ष 2022-23 के लिए हैं। यह छूट सिर्फ एक बार के लिए दी गई है। अगले साल से अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष ही हुआ करेगी।

अग्निवीरों की भर्ती के लिए होने वाले फिजिकल टेस्ट की बात करें कि ग्रुप-1 के तहत साढ़े 5 मिनट में 1.6 किमी की दौड़ लगानी होगी। 10 पुल अप्स लगाने होंगे। ग्रुप-2 के तहत 5 मिनट 45 सेकेंड में 1.6 किमी की दौड़ लगानी होगी। 6 से 9 बार पुल अप्स लगाने होंगे।

क्या होती है वर्चुअल रैली? नई तकनीक से इसमें कैसे होता है कमाल

अब जनता से संवाद करने के लिए बिहार में नेता सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं (नेटवर्क 18 क्रिएटिव)

अमेरिका (USA) चुनाव के मद्देनज़र राष्ट्रपति पद के दावेदारों Joe Biden और Bernie Sanders ने कुछ महीने पहले वर्चुअल रैलिय . अधिक पढ़ें

  • News18India
  • Last Updated : June 08, 2020, 14:28 IST

आबादी के लिहाज़ से सबसे बड़े लोकतंत्र (Democracy) भारत में चुनावी अभियान की बात हो तो रैली अहम होती है. रैली के ज़रिये बड़े जनसमूह के दिलो-दिमाग को प्रभावित किया जा सकता है. लेकिन, Coronavirus के दौर में चूंकि भीड़ जुटने से संक्रमण का खतरा है इसलिए अब राजनीतिक पार्टियां डिजिटल या वर्चुअल रैली (Virtual Rally) का रुख कर रही हैं. फेसबुक लाइव (FB Live), Youtube और Zoom मीटिंग्स जैसे सोशल मीडिया इस्तेमाल के आगे की बात है वर्चुअल रैली.

इस तरह की रैली में रियल टाइम इवेंट के तहत न केवल आयोजन किया जा रहा है बल्कि कुछ ब्रांड और कंपनियां प्लानिंग और टाइमलाइन ट्रैकिंग जैसी सेवाएं भी दे रही हैं. इसमें वीडियो के साथ ही आप ग्राफिक, पोल अन्य जानकारियों का शुमार कर सकते हैं. कुछ कंपनियां रैली के बाद वर्चुअल रैली में हाज़िरी, गतिविधियों और मेल आदि से जुड़े आंकड़े और डेटा भी मुहैया करवा रही हैं. अब जानना ज़रूरी है कि ये रैलियां कैसे होती हैं और इसमें तकनीक के क्या पहलू हैं.

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बिहार जन संवाद शीर्षक से अमित शाह ने वर्चुअल रैली के ज़रिये भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

अमित शाह की रैली से सुर्खियों में है वर्चुअल रैली
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के आगामी चुनावों के सिलसिले में बड़े पैमाने पर वर्चुअल रैली की, जिससे वह करीब 5 लाख कार्यकर्ताओं तक पहुंचे. इसके बाद से ही चुनावी रैलियों के डिजिटल होने को लेकर चर्चा छिड़ी हुई है. सवाल यह है कि भारत में मीडिया और इंटरनेट का जाल कितना बड़ा है और राजनीति के डिजिटलीकरण से कौन सी आबादी चुनावी अभियानों से जुड़ पाएगी और कौन सी नहीं? अस्ल में, भारत में एक तरफ ​डिजिटल क्रांति भी है तो दूसरी तरफ, गरीबी, अशिक्षा के साथ ही दूरस्थ इलाकों तक कई सुविधाओं की पहुंच नहीं है.

अब आएगी वर्चुअल रैलियों की बाढ़
बिहार में हालिया वर्चुअल रैली के बाद अमित शाह ओडिशा में ऐसी ही रैली करने वाले हैं. इसके बाद भाजपा पश्चिम बंगाल के आगामी चुनावों के मद्देनज़र राज्य में करीब 1000 ऐसी ही रैलियां करेगी. दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस और बिहार की क्षेत्रीय पार्टियों ने भी ​वर्चुअल रैलियों के बारे में रणनीति बनाना शुरू कर दी है. भाजपा सहित अन्य कुछ राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि अगर कोविड महामारी संबंधी संक्रमण के हालात ऐसे ही रहे तो वास्तविक रैलियां हो पाना मुश्किल ही होगा.

अब तक बेहद प्रचलित रही हैं रैलियां
खबरों में बताए गए आंकड़ों के मुताबिक 2014 रैली क्या है के चुनावों के सिलसिले में नरेंद्र मोदी ने भाजपा अभियान के तहत 437 बड़ी रैलियां की थीं और कुल 5827 जन समारोहों में शिरकत की थी. वहीं, 2019 चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी से ज़्यादा रैलियां की थीं. इन रैलियों में हज़ारों लोग वास्तविक रूप से जुटते रहे और टीवी पर लाखों करोड़ों लोगों तक नेताओं की पहुंच रही. अब वर्चुअल रैलियों की सीमाओं और तकनीकों के बारे में जानते हैं.

अब डिजिटल ही होगा मंत्र
कोविड 19 के इलाज को लेकर क्या भविष्य होगा, इस पर निर्भर होगा कि रैलियों का भविष्य क्या होगा. फिर भी डिजिटलीकरण की तरफ आक्रामक रुख तो शुरू हो ही चुका है और यह और बढ़ने वाला है. राजनीतिक पार्टियों की डिजिटल विंग्स लगातार नई ​तकनीकों और विचारों के हिसाब से रणनीतियां बना रही हैं. सोशल मीडिया पर न केवल बेतहाशा खर्च किया जा रहा है बल्कि डेटा विश्लेषण पर विमर्श हो रहा है. वहीं, पार्टियां अपने ग्रामीण कार्यकर्ताओं तक को ​टेक सैवी बनाने की कोशिश कर रही हैं.

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शाह की वर्चुअल रैली को भाजपा ने चुनावी रैली मानने से इनकार किया.

वर्चुअल रैलियों की सीमाएं
राजनीतिक पार्टियां निकट भविष्य में अलग थीम और विचार पर आधारित वर्चुअल रैलियों पर फोकस कर सकती हैं. यह भी कहा जा रहा है कि इन रैलियों को टीवी पर भी प्रसारित किए जाने की योजनाएं हो सकती हैं. दूसरी तरफ, इनकी सीमाओं के बारे में स्पष्ट है कि पहले तो ये रैलियां अभी तक एकतरफा संवाद हैं और दूसरी तरफ, बहुत खर्चीली साबित हो रही हैं. कैसे? उदाहरण से जानें.

अमित शाह की ​बिहार में हालिया वर्चुअल रैली की कीमत कितनी रही? राज्य के 72 हज़ार बूथों के कार्यकर्ताओं तक शाह का संवाद पहुंचाने के लिए हज़ारों की संख्या में एलईडी स्क्रीनों और स्मार्ट टीवी इंस्टॉल कराए गए. आरजेडी ने आरोप लगाया कि इस रैली पर सरकार ने 144 करोड़ रुपए खर्च किए.रैली क्या है

माध्यमों का इस्तेमाल चतुराई से
टीवी के साथ ही रेडियो के राष्ट्रीय चैनलों का इस्तेमाल सत्ताधारी पार्टी के हाथ में रहेगा और निजी चैनलों या रेडियो एफएम के ज़रिये अन्य पार्टियां वर्चुअल कैंपेनिंग कर सकती हैं. चूंकि अभी ​वर्चुअल रैली का खर्च बहुत ज़्यादा होगा इसलिए संचार माध्यमों के चतुराई भरे इस्तेमाल से बाज़ी जीती जाएगी. स्मार्टफोन के ज़रिये पार्टियां करोड़ों लोगों तक पहुंचने की रणनीति बना सकती हैं. वॉट्सएप सहित मैसेंजर, वीडियो कॉल और मीटिंग एप्स का प्रयोग किया जा सकता है.

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शाह की वर्चुअल रैली के बाद ट्विटर व सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है.

नई तकनीकें तय करेंगी भविष्य
स्मार्ट फोन, सोशल मीडिया और प्रचलित माध्यमों से वर्चुअल रैलियों और चुनावी अभियानों की शुरूआत होने के बाद यह बाज़ार बढ़ेगा और नई तकनीकें या आइडिया आएंगे. कई तकनीकी कंपनियां राजनीतिक पार्टियों के लिए विशेष रूप से इनोवेटिव तकनीकें या मंच तैयार करेंगी. अभी ज़ूम क्लाउड जैसी तकनीकों से वीडियो मीटिंग या संवाद प्रचलित हो रहे हैं लेकिन रैलियों के लिए और बेहतर मंच जुटाने की ज़रूरत बनी हुई है ताकि रैलियों का खर्च कम हो सके और इनमें जीवंतता महसूस हो सके.

हालांकि यह है कि भारत में डिजिटल पहुंच को समय के साथ बढ़ाना ही वर्चुअल चुनावी अभियानों का भविष्य तय करेगा. क्योंकि अभी तो यह प्रयोग बड़े तौर पर सिर्फ शहरी वोटरों तक की पहुंच में ही होगा. बहरहाल, राजनीतिक पार्टियों का डिजिटलीकरण आने वाले दिनों में एक बेहतरीन कहानी तो बनने जा रहा है, यह तय है.

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