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विदेशी मुद्रा जापानी येन

विदेशी मुद्रा जापानी येन
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रुपये में दुनिया की दूसरी करंसी के मुकाबले गिरावट कम, येन, यूरो के मुकाबले बेहतर रहा प्रदर्शन: CEA

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग उपकरण और मुद्रा जोड़े

वर्तमान में एफएक्ससीसी अपने ग्राहकों (एक्सएल और स्टैंडर्ड खाताधारकों) को भविष्य में और अधिक वित्तीय उपकरण जोड़ने की योजना के साथ स्पॉट गोल्ड एंड सिल्वर सहित एक्सएनयूएमएक्स मुद्रा जोड़े प्रदान करता है।

नीचे आप संपूर्ण ट्रेडेबल उपकरणों की सूची पा सकते हैं जो एफएक्ससीसी द्वारा अपने एक्स्ट्रा लार्ज और स्टैंडर्ड खाताधारकों को दिए जाते हैं:

साधन प्रतीक साधन का नाम
AUD CAD ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बनाम कनाडाई डॉलर
AUD CHF ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बनाम स्विस फ्रैंक
एयूडी जेपीवाई ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बनाम जापानी येन
AUD NZD ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बनाम न्यूजीलैंड डॉलर
AUD USD ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बनाम अमेरिकी डॉलर
सीएडी CHF कैनेडियन डॉलर बनाम स्विस फ्रैंक
सीएडी जेपीवाई कैनेडियन डॉलर बनाम जापानी येन
CHF जेपीवाई स्विस फ्रैंक बनाम जापानी येन
यूरो AUD यूरो बनाम ऑस्ट्रेलियाई डॉलर
EUR सीएडी यूरो बनाम कैनेडियन डॉलर
EUR CHF यूरो बनाम स्विस फ्रैंक
EUR GBP यूरो बनाम ब्रिटिश पाउंड
EUR जेपीवाई यूरो बनाम जापानी येन
EUR एनजेडडी यूरो बनाम न्यूजीलैंड डॉलर
EUR अमरीकी डालर यूरो बनाम अमेरिकी डॉलर
GBP AUD ब्रिटिश पाउंड बनाम ऑस्ट्रेलियाई डॉलर
GBP सीएडी ब्रिटिश पाउंड बनाम कैनेडियन डॉलर
GBP CHF ब्रिटिश पाउंड बनाम स्विस फ्रैंक
जीबीपी जेपीवाई ब्रिटिश पाउंड बनाम जापानी येन
GBP NZD ब्रिटिश पाउंड बनाम न्यूजीलैंड डॉलर
जीबीपी डालर ब्रिटिश पाउंड बनाम अमेरिकी डॉलर
एनजेडडी सीएडी न्यूजीलैंड डॉलर बनाम कैनेडियन डॉलर
NZD CHF न्यूजीलैंड डॉलर बनाम स्विस फ्रैंक
एनजेडडी जेपीवाई न्यूजीलैंड डॉलर बनाम जापानी येन
एनजेडडी यूएसडी न्यूजीलैंड डॉलर बनाम अमेरिकी डॉलर
अमरीकी डालर सीएडी अमेरिकी डॉलर बनाम कनाडाई डॉलर
USD CHF अमेरिकी डॉलर बनाम स्विस फ्रैंक
USD JPY अमेरिकी डॉलर बनाम जापानी येन
सोना स्पॉट गोल्ड
रजत स्पॉट रजत

विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर

एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है।

रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 5.77 अरब डॉलर बढ़कर 470.84 अरब डॉलर हो गयीं।

डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है।

आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 55.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.76 अरब डॉलर हो गया।

थम जाएगी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट! मोदी सरकार ने जापान के साथ किया ये बड़ा करार

Updated: October 30, 2018 9:32 AM IST

थम जाएगी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट! मोदी सरकार ने जापान के साथ किया ये बड़ा करार

नई दिल्लीः डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार जारी गिरावट को थामने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा में एक बड़ा करार किया है. इसके तहत दोनों देश आपस में 75 अरब डालर के बराबर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की व्यवस्था करेंगे. इस समझौते विदेशी मुद्रा जापानी येन के बाद भारत जरूरत पड़ने पर जापान को रुपया देकर डॉलर हासिल कर सकता है. उसी तरह जापान जरूरत पड़ने पर भारत को येन देकर उससे डॉलर ले सकता है. इस तरह दोनों देश भुगतान संकट जैसी स्थिति पैदा होने पर विदेशी मुद्रा जापानी येन डॉलर की समस्या से नहीं जूझेंगे.

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यह सबसे बड़े द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था समझौतों में से एक है. जापान के साथ इस तरह की सुविधा से रुपये की विनिमय दर तथा पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी. इस समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और प्रगाढ़ होगा तथा इसमें विविधता बढ़ेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेजबान प्रधानमंत्री शिंजो आवे दोनों नेताओं के बीच शिखर स्तर की बातचीत के बाद भारत-जापान की साझा सोच पर जारी वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘वित्तीय तथा आर्थिक सहयोग बढ़ाने के दृष्टिकोण से जापान और भारत की सरकारें 75 अरब डालर के द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली समझौते (बीएसए) पर सहमति का स्वागत करती हैं.’’ विदेशी मुद्रा अदला-बदली समझौते के बारे में आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जापान के 75 अरब डालर की विदेशी मुद्रा की द्विपक्षीय अदला-बदली की यह व्यवस्था दुनिया में इस तरह के सबसे बड़े समझौतों में एक है.’’

सरकारी प्रतिभूतियों की चिंता किसे?

जो निवेशक अपने पैसे से ज्यादा कमाई करना चाहते हैं उनका ध्यान लुभावने अमेरिकी बॉन्ड की तरफ गया है. दुनिया भर के निवेशक उनकी ओर जा रहे हैं. फेडरल बैंक की तुलना में दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक इस समय निवेश आकर्षित करने में ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्थाओं का हाल अच्छा नहीं है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने अपने प्रमुख दर में अब तक की सबसे ज्यादा 0.75 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. दूसरी तरफ फेडरल रिजर्व अपनी दर इस साल इसी मात्रा में दो बार बढ़ा चुका है और अगले हफ्ते इसे एक बार और बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है. कुछ लोगों को तो उम्मीद है कि मंगलवार को महंगाई के बारे में जो रिपोर्ट आई है उसे देखने के बाद पूरे एक प्रतिशत की भी बढ़ोत्तरी हो सकती है.

यूरोप और दुनिया के दूसरे हिस्सों में 10 सालों के सरकारी प्रतिभूतियों पर अमेरिका की तुलना में कम राजस्व हासिल हुआ है. मसल जर्मनी में 1.75 फीसदी तो जापान में केवल 0.25 फीसदी.

मजबूत मुद्रा से अमेरिकी सैलानियों को फायदा

टोक्यो में रात के खाने पर आज अगर कोई अमेरिकी सैलानी 10,000 येन खर्च करता है तो वह उसी खाने के लिये एक साल पहले की तुलना में 23 फीसदी कम डॉलर दे रहा है. मिस्र के पाउंड से लेकर अर्जेंटीना के पेसो और दक्षिण कोरिया के वॉन तक के मुकाबले इस साल डॉलर की कीमत जिस तेजी से बढ़ रही है वह कई और देशों में अमेरिकी सैलानियों का फायदा करायेगी.

तो क्या मजबूत डॉलर से सिर्फ उन अमीर अमेरिकी लोगों का ही फायदा होगा जो दूसरे देशों की सैर करने जाते हैं? नहीं ऐसा नहीं है मजबूत डॉलर अमेरिका के आम लोगों को भी फायदा पहुंचायेगा क्योंकि इससे आयात की जाने वाली चीजों की कीमतें घटेंगी और महंगाई की दर नीचे जायेगी. उदाहरण के लिये जब यूरो के मुकाबले डॉलर की कीमत बढ़ती है तो यूरोपीय कंपनियों को हर डॉलर की बिक्री से ज्यादा यूरो मिलते हैं. ऐसे में वो अपने सामान की डॉलर में कीमत घटा कर भी उसी मात्रा में यूरो हासिल कर सकते हैं. वो चाहें तो डॉलर में कीमत वही रख कर ज्यादा यूरो अपनी जेब में डाल सकते हैं या फिर वो इन दोनों के बीच में एक संतुलन बनाने की भी कोशिश कर सकते हैं.

तो क्या मजबूत डॉलर से सिर्फ फायदा ही फायदा है?

बिल्कुल नहीं. अमेरिकी कंपनियां जो दूसरे देशों को बेचती हैं उनका मुनाफा घटता है. मैकडॉनल्ड की कमाई एक साल विदेशी मुद्रा जापानी येन पहले की गर्मियों की तुलना में इस बार 3 फीसदी घट गई. अगर डॉलर की कीमत दूसरी मुद्राओं की तुलना में वही रहती तो उसकी कमाई 3 फीसदी बढ़ी होती. इसी तरह विदेशी मुद्रा की कीमतों में बदलाव के कारण माइक्रोसॉफ्ट के पिछली तिमाही के राजस्व में में 59.5 करोड़ डॉलर की कमी आई.

कई कंपनियों के राजस्व को लेकर इस तरह की चेतावनियां दी जा रही हैं. डॉलर की कीमत बढ़ने का असर उनके मुनाफे पर और ज्यादा दबाव बनायेगा. एसएंडपी 500 इंडेक्स में शामिल कंपनियां मोटे तौर पर 40 फीसदी से ज्यादा कमाई अमेरिका के बाहर के देशों में करती हैं.

बहुत सी कंपनियां और उभरती अर्थव्यवस्था वाली सरकारें अपनी मुद्रा की बजाय अमेरिकी डॉलर के रूप में कर्ज लेती हैं. जब उनकी अपनी मुद्रा से कम डॉलर मिल रहे हों तो फिर उन पर दबाव बढ़ जाता है.

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