Dividend क्या होता है

वोटिंग के बाद जो डिविडेंड प्रतिशत तय होता है उसी को फाइनल डिविडेंड कहा जाता है | प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट देखते हैं तो उसमे आपको EPS और डिविडेंड परसेंटेज भी देखना चाहिए |
Dividend क्या है ?
Dividend कम्पनी का जो भी नेट प्रॉफिट हुआ है, उसमे से शेअर होल्डर्स को देना | यानी कम्पनी के ग्रॉस इनकम से सभी तरह के खर्चे और टेक्स इत्यादि काटने के बाद जो प्रॉफिट बचता है, जिसमे से किसी और तरह का खर्चा नही निकालना बाकी रह जाता है, उसे नेट प्रॉफिट कहते है | यानी की शुद्ध लाभ, प्रॉफिट ऑफ्टर टेक्स या नेट प्रॉफिट |
अब सवाल यह उठता है की अगर आपके पास सिर्फ 10 शेअर्स हैं और आप देखते हैं की कम्पनी ने 500 करोड़ रूपये का लाभ कमाई है, तो इसका क्या मतलब समझें ?
दरअसल आपको नेट प्रॉफिट की बजाय EPS देखना चाहिए | EPS का मतलब है अर्निंग पर शेअर यानी प्रति शेअर आय (यानी कम्पनी ने एक शेअर पर कितना कमाई की है वह रकम) Dividend क्या होता है |
EPS कैसे कॅलक्युलेट किया जाता है ?
कम्पनी के नेट इनकम को टोटल नंबर ऑफ शेअर्स से भाग (बांट) दिया जाता है | उदाहरण के लिए अगर कम्पनी ने नेट प्रॉफिट 100 रूपये कमाई है और कम्पनी के (कुल) टोटल शेअर्स 50 हैं | तो 100 बटा 50 (100/50) = 2 |
यानी कम्पनी ने प्रति शेअर 2 रूपये कमा लिए है | अब ऐसा मत सोचिए की कम्पनी Dividend क्या होता है ने प्रति शेअर 2 रूपये कमाई है तो 2 रूपये प्रति शेअर के हिसाब से आपको भी (शेअर होल्डर को) मिल जाएगा | ऐसा नहीं है |
अब कम्पनी की बोर्ड मीटिंग होगी और वहाँ पर यह तय किया जाएगा, की EPS का कितना प्रतिशत शेअर होल्डर को देना है | मान के चलते हैं की फैसला होता है की शेअर होल्डर्स को EPS का 50% ही देना है | तो EPS का 50% प्रतिशत यानी की 2 रूपये का 50% प्रतिशत होता है 1 रुपया जो आपको प्रति शेअर मिलेगा | और इसी “1″ रूपए को Dividend कहाँ जाता है |
Dividend कैसे तय होता है ?
सबसे पहले कम्पनी के प्रमोटर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग होती है | इस मीटिंग में यह तय किया जाता है की कितना Dividend शेअर होल्डर को देना है | प्रमोटर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा तय किए हुए डिविडेंड को इंटिरिम (अंतरिम) Dividend कहा जाता Dividend क्या होता है है | अब क्यूंकि यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है और कम्पनी के मालिक सिर्फ प्रमोटर्स Dividend क्या होता है और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ही नहीं है, बल्कि शेअर होल्डर्स भी कम्पनी के मालिक ही है | इसलिए शेअर होल्डर्स का भी एक अधिकार होता है की वो अंतरिम Dividend के साथ सहमत हो Dividend क्या होता है |
इसीलिए इंटिरिम डिविडेंड या अंतरिम डिविडेंड की घोषणा के साथ ही शेअर होल्डर्स को वोटिंग राइट भी दिया जाता है | वोटिंग राइट यानी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने जो भी Dividend तय किया है उसके साथ ही, दो और कीमतें दी जाती है, जिन पर शेअर होल्डर्स को वोटिंग करनी होती है |
EPS कैसे कॅलक्युलेट किया जाता है ?
कम्पनी के नेट इनकम को टोटल नंबर ऑफ शेअर्स से भाग (बांट) दिया जाता है | उदाहरण के लिए अगर कम्पनी ने नेट प्रॉफिट 100 Dividend क्या होता है रूपये कमाई है और कम्पनी के (कुल) टोटल शेअर्स 50 हैं | तो 100 बटा 50 (100/50) = 2 |
यानी कम्पनी ने प्रति शेअर 2 रूपये कमा लिए है | अब ऐसा मत सोचिए की कम्पनी ने प्रति शेअर 2 रूपये कमाई है तो 2 रूपये प्रति शेअर के हिसाब से आपको भी (शेअर होल्डर को) मिल जाएगा | ऐसा नहीं है |
अब कम्पनी की बोर्ड मीटिंग होगी और वहाँ पर यह तय किया जाएगा, की EPS का कितना प्रतिशत शेअर होल्डर को देना है | मान के चलते हैं की फैसला होता है की शेअर होल्डर्स को EPS का 50% ही देना है | तो EPS का 50% प्रतिशत यानी की 2 रूपये का 50% प्रतिशत होता है 1 रुपया जो आपको प्रति शेअर मिलेगा | और इसी “1″ रूपए को Dividend कहाँ जाता है |
Dividend कैसे तय होता है ?
सबसे पहले कम्पनी के प्रमोटर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग होती है | इस मीटिंग में यह तय किया जाता है की कितना Dividend शेअर होल्डर को देना है | प्रमोटर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा तय किए हुए डिविडेंड को इंटिरिम (अंतरिम) Dividend क्या होता है Dividend कहा जाता है | अब क्यूंकि यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है और कम्पनी के मालिक सिर्फ प्रमोटर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ही नहीं है, बल्कि शेअर होल्डर्स भी कम्पनी के मालिक ही है | इसलिए शेअर होल्डर्स का भी एक अधिकार होता है की वो अंतरिम Dividend के साथ सहमत हो |
इसीलिए इंटिरिम डिविडेंड या अंतरिम डिविडेंड की घोषणा के साथ ही शेअर होल्डर्स को वोटिंग राइट भी दिया जाता है | वोटिंग राइट यानी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने जो भी Dividend तय किया है उसके साथ ही, दो और कीमतें दी जाती है, जिन पर शेअर होल्डर्स को वोटिंग करनी होती है |
Voing of Shareholders
उदाहरण के लिए अंतरिम डिविडेंड EPS का 50% प्रतिशत है Dividend क्या होता है यानी की “1” एक रुपया | तो फिर शेअर होल्डर्स को ऑप्शन दिया जाता है, शेअर होल्डर्स निम्न तीन ऑप्शन में से किसी एक ऑप्शन पर वोटिंग (मतदान) करते हैं |
ऑप्शन नंबर (1) | 51% प्रतिशत डिविडेंड दिया जाए | |
ऑप्शन नंबर (2) | 52% प्रतिशत डिविडेंड दिया जाए | |
ऑप्शन नंबर (3) | 53% प्रतिशत डिविडेंड दिया जाए | |
जब वोटिंग पूरी हो जाती है तो ये पता चलता हैं की सबसे ज्यादा वोटिंग “51% प्रतिशत” इस पर हुई है | तो डिविडेंड की रकम रूपये के मामले में बहुत ज्यादा नहीं बदल जाएगी |
यह कंपनी निवेशकों को देगी 193 रुपये हर शेयर पर लाभांश
मुंबई- सनोफी इंडिया ने मंगलवार को हर शेयर पर 193 रुपये का वन-टाइम स्पेशल इंटरिम डिविडेंड (अंतरिम डिविडेंड) देने की घोषणा की है। सनोफी इंडिया के शेयर मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 2.15 फीसदी की गिरावट के साथ 6604 रुपये पर बंद हुए हैं। सनोफी इंडिया के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 9285 रुपये है। वहीं, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का लो-लेवल 6333 रुपये है।
कंपनी ने अंतरिम डिविडेंड की रिकॉर्ड डेट 8 अगस्त 2022 फिक्स की है। फार्मा कंपनी 22 अगस्त 2022 को या इसके बाद में स्पेशल डिविडेंड का भुगतान करना चाहती है। स्पेशल डिविडेंड की एक्स-डेट 5 अगस्त 2022 है। अप्रैल-जून 2022 तिमाही में फार्मा कंपनी सनोफी इंडिया को 120.4 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। पिछले साल की समान अवधि के दौरान सनोफी इंडिया का मुनाफा 178.3 करोड़ रुपये था।
डिविडेंड पाने के लिए शेयर कब खरीदे ? When Buy Stock to get dividend in Hindi
यदि कोई कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है और आप भी डिविडेंड पाना चाहते हैं चाहते हैं लेकिन यह पता नहीं है कि शेयर कब खरीदे ताकि आप इस कंपनी से डिविडेंड प्राप्त कर सकें तो यह पोस्ट आप ही के लिए है क्योंकि
इस पोस्ट में किसी कंपनी से डिविडेंड पाने के लिए शेयर कब खरीदे ? When to buy stock to qualify for dividend in hindi ? When Buy stock to get dividend in Hindi ? When to buy stocks for dividend ? जब कोई कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है तो उसके शेयर कम से कम कितने दिन पहले खरीदे ताकि आप डिविडेंड प्राप्त कर सकें ? यह सब उदाहरण सहित विस्तार से बताने वाले हैं
डिविडेंड पाने के लिए शेयर कब खरीदे ? When Buy Stock to get dividend in Hindi
जब एक कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है तो आपको तुरंत ही डिविडेंड नहीं मिल जाता है बल्कि डिविडेंड देने की घोषणा से लेकर अंतिम रूप से आपके बैंक अकाउंट में डिविडेंड जमा होने के बीच मे चार प्रमुख तारीखें होती हैं जिन्हें समझना बहुत जरूरी है फिर आप खुद ही जान जायेंगे कि किसी कंपनी से डिविडेंड प्राप्त करने के लिए शेयर कब खरीदने चाहिए
ये चार तारीखें निम्न प्रकार हैं
1. Dividend Declaration Date
यह वो Date होती है जब कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है और शेयरधारकों को आधिकारिक रूप से यह बताती है कि वह कितना डिविडेंड देने वाली है
Conclusion
अगर आप किसी कंपनी की डिविडेंड रिकॉर्ड डेट से 02 बिजनेस दिन पहले शेयर खरीद लेते हैं तो जब कंपनी डिविडेंड रिकॉर्ड डेट वाले दिन यह देखती है कि किन व्यक्तियो के पास उसके शेयर हैं तो इस रिकॉर्ड में आपका नाम आ जाता है तो कंपनी इसे नोट कर लेती है और फिर डिविडेंड पेमेंट वाले दिन आपके बैंक अकाउंट में डिविडेंड की राशि क्रेडिट कर देती है
इस पोस्ट में किसी कंपनी से डिविडेंड पाने के लिए शेयर कब खरीदे ? When to buy stock to qualify for dividend in hindi ? When Buy stock to get dividend in Hindi ? When to buy stocks for dividend ? यह सब उदाहरण सहित विस्तार से बताया है
यदि आपको हमती यह पोस्ट डिविडेंड पाने के Dividend क्या होता है लिए शेयर कब खरीदे ? When Buy Stock to get dividend in Hindi अच्छी लगी तो इसे दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें
मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े
विस्तार
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ ने भले ही निवेशकों को निराश किया हो, लेकिन उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की तैयारी अब कंपनी ने कर ली है। एलआईसी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि उसका बोर्ड डिविडेंड देने पर विचार करेगा। हालांकि, इसके बारे में पूरा खुलासा 30 मई जारी होने वाले पहले तिमाही परिणामों में होगा।
बता दें एलआईसी आईपीओ के बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी पहले तिमाही परिणामों का खुलासा करेगी। इसी बैठक में डिविडेंड देने पर भी विचार किया जाएगा। जाहिर है कि कंपनी ने जो योजना तैयार की है उसके जरिए उन लोगों को कमाई का मौका मिलेगा, जिन्हें आईपीओ ने घाटा पहुंचाया है। इस संबंध में आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि स्टॉक मार्केट को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा है कि वह 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही और वर्ष (2021-22) के लिए वित्तीय परिणामों पर चर्चा के साथ ही डिविडेंड के भुगतान को लेकर एलान करेगी।