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कॉमर्स का कार्य

कॉमर्स का कार्य
    खरीदारी के लिए कहीं जाना नहीं पढता :- ई-कॉमर्स प्लेटफार्म होने से ग्राहक को खरीदारी के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि वह घर बैठे अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर से हर प्रकार की खरीदारी कर सकता है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है और आपके बिजनेस को कैसे सहयोग कर सकता है? जानिए

बिजनेस शुरु करना एक बात है। लेकिन, बिजनेस की पहुंच सही ग्राहकों तक पहुंचाना एक अलग बात है। इससे बिजनेस में मुनाफा बढ़ता है। सवाल यह उठता है कि बिजनेस को सही ग्राहकों तक कैसे पहुंचाया जाय? तो इस बात का उत्तर है कि बिजनेस का पर्याप्त प्रचार किया जा सकता है। लेकिन, इस कोविड के समय में हर जगह पर पहुंच कर बिजनेस का प्रचार करना कठिन कार्य है। इसलिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपने बिजनेस को लिस्टेड कर के मुनाफा कमाया जा सकता है। आइये इस आर्टिकल में आपको जानकारी देते हैं कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है और यह बिजनेस के लिए कैसे सहयोग कर सकता है।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है?

ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म एक ऑनलाइन बिजनेस करने का एक तरीका है, जो आपको बिक्री करने और ऑर्डर पूरा करने की अनुमति देता है। ई-कॉमर्स पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके ग्राहक कहां हैं या वे कहां खरीदारी करना पसंद करते हैं। जबकि अधिकांश लोग सोचते हैं कि उनका ईकॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ एक उपकरण है जो उन्हें उत्पादों की सूची बनाने और ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करने देता है, ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म इससे कहीं अधिक है।

आपका ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म एक पूर्ण व्यावसायिक कमांड सेंटर होता है। जहां से आप इन्वेंट्री से लेकर मार्केटिंग तक सब कुछ नियंत्रित करते हैं। यह आपको भुगतानों को संसाधित करने की अनुमति देता है, लेकिन आपको अपने स्वयं के ऑनलाइन स्टोर को शामिल करने के लिए सभी उपकरणों की सहज पहुंच भी प्रदान करनी चाहिए, जिसमें आपको ऑनलाइन बेचने की आवश्यकता नहीं है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कई तरह के हैं।

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ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म किस प्रकार के हैं?

ऑनलाइन स्टोर को जनता के लिए सुलभ बनाने के लिए, आपके पास एक होस्टिंग होना चाहिए। होस्टिंग आपकी जानकारी को एक सर्वर पर संग्रहीत करता है, जो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को आपकी साइट पर जाने और सभी सामग्री को देखने की अनुमति देता है।

हर वेबसाइट को कहीं न कहीं होस्ट किया जाता है, जिसका अर्थ है कि इसमें एक प्रदाता से सर्वर स्पेस समर्पित है। कुछ ईकॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म में निर्मित होस्टिंग हैं, जबकि अन्य की आवश्यकता है कि आप स्वयं-होस्टिंग या ओपन-सोर्स होस्टिंग का उपयोग करें।

होस्ट करवाना

कुछ वेबसाइट निर्माता एक होस्ट किए गए प्लेटफ़ॉर्म की पेशकश करते हैं। इस मामले में, आपको स्वयं या तृतीय-पक्ष होस्टिंग की गड़बड़ी और अतिरिक्त शुल्क संलग्न करने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

उदाहरण के लिए, स्टोर की खरीदारी करें, हर योजना में वेबसाइट होस्टिंग शामिल करें। होस्ट किए गए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर निर्माण करने से आपको अपने व्यवसाय को चलाने पर ध्यान केंद्रित करने की अधिक स्वतंत्रता मिलती है – डाउनटाइम के कारण आग लगाने और बग को ठीक करने की आवश्यकता पर नहीं।

खुद से होस्ट करना

स्वयं-होस्ट या गैर-होस्ट किए गए, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को व्यापारियों को अपने स्वयं के सर्वर स्थान का उपयोग करने या होस्टिंग प्रदाता से किराए का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। यह चल रहे वेबसाइट प्रबंधन को जटिल बनाता है, क्योंकि आप अपडेट, रखरखाव और बग फिक्स के लिए जिम्मेदार हैं। इसके लिए बहुत सारे आंतरिक संसाधनों की आवश्यकता होती है जिन्हें आप अन्यथा कहीं और आवंटित कर सकते हैं।

स्व-होस्ट किए गए प्लेटफ़ॉर्म आमतौर पर खुले स्रोत होते हैं, और आप अपने वेबसाइट डेटा को होस्ट करने के लिए एक तीसरे कॉमर्स का कार्य पक्ष का उपयोग करते हैं। तृतीय-पक्ष सोर्सिंग विकल्प उनकी सेवाओं के लिए शुल्क लेते हैं, और ये लागत जल्दी से जोड़ते हैं। कई बार, ये होस्टिंग सेवाएँ टियर प्राइसिंग स्ट्रक्चर्स का उपयोग करती हैं, इसलिए सबसे कम योजनाओं पर ग्राहक सहायता के रूप में बहुत कुछ नहीं मिलता है। यह आपको वास्तव में महत्वपूर्ण समय पर लटका सकता है, जैसे अप्रत्याशित प्रेस कवरेज के बाद ट्रैफ़िक बूस्ट होता है।

ई-कॉमर्स कितने प्रकार के हैं?

ई-कॉमर्स के चार प्रकार हैं:

  1. बी 2 सी (बिजनेस-टू-कंज्यूमर)
  2. बी 2 बी (बिजनेस-टू-बिजनेस)
  3. सी 2 बी (कंज्यूमर-टू-बिजनेस)
  4. सी 2 सी (कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर)

बी 2 सी। यह एक व्यवसाय से एक व्यक्तिगत उपभोक्ता को ऑनलाइन बिक्री को संदर्भित करता है। आपने लोगों को B2C ई-कॉमर्स के लिए डीटीसी, या डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर के रूप में भी सुना होगा।

बी 2 बी। जब एक व्यवसाय किसी अन्य व्यवसाय को ऑनलाइन बेचता है, तो वह बी 2 बी ईकॉमर्स है। इन लेन-देन में थोक खरीद शामिल है, जब क्रय व्यवसाय एक लाभ पर पुनर्विक्रय करना चाहता है, साथ ही व्यावसायिक उपयोग के लिए – कार्यालय की आपूर्ति और उपकरण जैसी चीजें।

सी 2 बी। उपभोक्ताओं के पास बिक्री शक्ति भी होती है, जैसा कि जब वे व्यवसायों को बेचते हैं, तो देखा जाता है। आमतौर पर, ये लेनदेन कम पारंपरिक होते हैं। एक उपभोक्ता एक चित्रित सामाजिक पोस्ट के रूप में अपना प्रभाव बेच सकता है, या वे पैसे के बदले में पांच सितारा समीक्षा की पेशकश कर सकते हैं।

सी2सी। उपभोक्ता एक दूसरे को भी बेच सकते हैं, एक प्रवृत्ति जो शेयरिंग अर्थव्यवस्था की लोकप्रियता के साथ उभरा है। क्रेग्सलिस्ट, फेसबुक मार्केटप्लेस और ईबे जैसे प्लेटफॉर्म सी2सी ई-कॉमर्स की सुविधा के लिए एक जगह प्रदान करते हैं।

अंततः, आपके द्वारा चलाया जाने वाला ईकॉमर्स व्यवसाय का प्रकार आपको यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि उस व्यवसाय के लिए सर्वश्रेष्ठ ईकॉमर्स साइट कौन सी है।

आपके लिए कौन सा माध्यम ठीक रहेगा

ई-कॉमर्स यानी बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने के लिए सबसे पहले यह देखना होता है कि आपका बिजनेस किस चीज का है और आपके ग्राहक कौन लोग हैं। इसके बाद माध्यम का चुनाव करना ठीक रहता है।

जैसे बी2बी बिजनेस में कारोबारी सीधे ग्राहक से डील करते हैं। तो इसके लिए फ्लीपकार्ट, अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपयोग करना ठीक रहता है। क्योंकि, यहां पर आपकी मार्केटिंग कास्ट बच जाता है। जो लोग उस ई-कॉम प्लेटफॉर्म पर आयेंगे, उनको आपका भी प्रोडक्ट दिखेगा। पसंद आने पर ग्राहक ऑर्डर भी करेगा।

वहीं, बी2बी यानी बिजनेस 2 बिजनेस सेगमेंट में आपका बिजनेस है तो, आपको ग्राहक से डील न करके बिजनेस से डील करना होता है। दूसरे बिजनेस को कुछ चाहिए, तो वह आपकी वेबसाइट पर आयेगा। इसलिए इस सेगमेंट में खुद की वेबसाइट बनवाकर, खुद की होस्टिं लेना ज्यादा सही होता है। इससे आपके बिजनेस की पहचान कायम होती है।

E Commerce Kya Hai? – E Commerce Full Form व इ कॉमर्स बिज़नेस कैसे स्टार्ट करे।

E Commerce Full Form ‘इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स’ होता है। यह वस्तुओं को सेवाओं को इलेक्ट्रिक माध्यम से खरीदने और बेचने की गतिविधि है। इसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स के रूप में भी जाना जाता है। इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया पर अपनी सर्विस या सेवा प्रदान करना ही ई-कामर्स कहलाता है। इन सेवाओं के अंतर्गत इंटरनेट पर सामान को ऑनलाइन खरीदना और बेचना, मार्केटिंग करना, सामान को पते पर डिलीवर करना, ऑनलाइन बिल का भुगतान व पैसों का लेनदेन करना आदि आते है।

Amazon, Flipkart, E-bay, Myntra, OLX, इ कॉमर्स क्विकर आदि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के उदाहरण है। यदि आप भी E Commerce Business Kya Hai व इसके प्रकार क्या होते है जानना चाहते है तो पोस्ट को अंत तक पढ़े। वर्तमान में इ कॉमर्स बिज़नेस की काफी मांग है। जिनमें ऑनलाइन भुगतान, बुकिंग और पढ़ाई आदि कार्य तो काफी आम बात हो गयी है। भारत में ई-कॉमर्स साइट Quickr, अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि काफी लोकप्रिय प्लेटफॉर्म E-commerce Mein Hi Hai जो विभिन्न तरह की ऑनलाइन सेवाएं अपने उपयोगकर्ताओं को प्रदान करती है।

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इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अब ऑनलाइन का व्यापार दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहा है। अगर आप जानना चाहते है कि ई-कॉमर्स क्या है? (E Commerce Business in Hindi) और ई-कॉमर्स के प्रकार क्या-क्या है, तो आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आपको जो भी जानकारी चाहिए जैसे- What Is Ecommerce Business in Hindi वो सभी हम आपको यहाँ उपलब्ध कराएँगे।

E Commerce Kya Hai

ई कॉमर्स का पूरा नाम या E Commerce Ka Full Form “Electronic Commerce (इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य)” है। E Commerce Ka Matlab इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स व्यापार की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे हम इंटरनेट के माध्यम से सामान खरीद और बेच सकते है और साथ ही पैसे व डाटा भी ट्रांसफर कर सकते है। इसमें ना दो लोगों के स्थान की बाध्यता होती है और ना समय की।

साधारण शब्दों में कहें तो जितनी भी ई कॉमर्स वेबसाइट क्विकर, अमेज़न या फ्लिपकार्ट होती है जिनसे हम ऑनलाइन शॉपिंग करते ई कॉमर्स का ही उदाहरण है। केवल शॉपिंग ही नहीं, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलइन टिकट बुकिंग, ऑनलाइन नीलामी, यह सभी कार्य इ-कॉमर्स के क्षेत्र में ही आते है।

यहाँ अभी आपने जाना कि E Commerce Business Kya Hota Hai (What Is E Commerce Business in Hindi) और Meaning Of E Commerce In Hindi के बारे में। अब हम आपको History Of E Commerce In Hindi यानि ई-कॉमर्स के इतिहास के बारे में बताने जा रहे है।

Commerce Ke Bare Mein Jankari

E-commerce Ki Shuruaat वर्ष 1991 से की गई थी, जब पहली बार इंटरनेट को व्यापार के लिए खोला गया था। 1979 में माइकल एल्ड्रिच (Michael Aldrich) ने “Teleshopping” नाम का एक सिस्टम तैयार किया, जिससे सामान की एडवरटाइजिंग टेलीविज़न पर हो और घर बैठे सामान ख़रीदा जा सकें। यहीं से Ecommerce का बीज माना जाता है।

जैसे-जैसे इंटरनेट विकसित होता गया टेलीशॉपिंग भी विकसित होता गया और ई कॉमर्स में परिवर्तित हो गया। अमेज़न और eBay ने ई कॉमर्स को उसके उस मुकाम तक पहुंचाया, जहाँ वो अभी है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसक्शन्स को मंज़ूर करने वाली ये पहली इंटरनेट कंपनियों में से थी।

Types of E-Commerce in Hindi

ई-कॉमर्स मुख्यतः चार प्रकार के होते है आईये बताते है उनके बारे में:

  • Business-To-Business (B2B):- इसमें एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय यानि एक कंपनी से दूसरी कंपनी से लेन-देन किया जाता है। व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स में उपभोक्ता का कोई रोल नहीं है। इसमें आमतौर पर कच्चे माल, सॉफ़्टवेयर, या संयुक्त उत्पाद जैसे उत्पाद शामिल होते है। निर्माता बी2बी ईकॉमर्स के माध्यम से सीधे खुदरा विक्रेताओं (Retailers) को भी बेचते है।
  • Business-To-Consumer (B2C):- B2C ई-कॉमर्स सबसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स मॉडल है। जिसमें उद्योगपति अपने प्रोडक्ट या सर्विस इंटरनेट के माध्यम से सीधा ग्राहक को बेचता है। बिजनेस टू कंज्यूमर का मतलब है कि बिक्री एक व्यवसाय और एक उपभोक्ता के बीच होती है। ऑनलाइन स्टोर जैसे कि अमेज़न, फ्लिपकार्ट पर सेलर अपने सामान ग्राहकों तक पहुंचता है और उसका उचित मूल्य लेता है।
  • Consumer-to-Consumer (C2C):- इस तरह के बिज़नेस को एक कंस्यूमर अपना सामान दूसरे कंस्यूमर को ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से बेचते है। इसमें ज्यादातर बेचा गया सामान सेकेंड हैंड या पुराना होता है। इन सामानों की बिक्री अधिकतर ई-कॉमर्स साइट Quikr, OLX आदि जगहों पर होती है।
  • Consumer-to-Business (C2B):- कंस्यूमर टू बिज़नेस तब होता है जब कोई व्यक्ति अपनी सेवाओं या उत्पादों को किसी व्यावसायिक संगठन को बेचता है। उदाहरण के लिए एक फ्रीलांसर जो अपनी सेवाएं किसी भी कंपनी को बेचती है।

इ कॉमर्स बिज़नेस कैसे स्टार्ट करे

यदि आप E Commerce Business Kaise Start Kare के बारे में जानना चाहते है तो इसके लिए आपको निचे बताये गए बिंदुओं को पढ़े।

अपने व्यवसाय का नाम दें

व्यावसायिक नाम हमेशा महत्वपूर्ण होते है क्योंकि यह मार्केट में आपको पहचान दिलाता है कि आप क्या बेचना चाहते है। यह आपके व्यवसाय की कानूनी पहचान होगी। आपके द्वारा चुना गया नाम सरल और अद्वितीय होना चाहिए।

डोमेन नाम सेट करें

आप अपने व्यवसाय के नाम पर एक डोमेन नेम यानि वेबसाइट भी बना सकते है। यह आपके और आपके ग्राहकों के बीच संपर्क के रूप में कार्य करता है। यह सुविधाजनक है क्योंकि यहां पर ग्राहक आपके प्रोडक्ट को डायरेक्ट देख सकते है और अगर उन्हें आपका प्रोडक्ट पसंद आता है तो वे उसे यहां से खरीद भी सकते है।

व्यवसाय के प्रकार की पहचान करें और रजिस्टर करें

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले आपको यह निश्चय कर लेना चाहिए कि किस प्रकार का व्यवसाय आपको सबसे अच्छा लगता है। इससे आपको व्यवसाय करने में सहायता मिलेगी।

नियोक्ता पहचान संख्या (EIN)

आप कंपनी बैंक खाते के बिना ई-कॉमर्स व्यवसाय चला नहीं सकते। बैंक खाता प्राप्त करने के लिए आपको व्यवसाय का Employer Identification Number (EIN) की आवश्यकता होती है। यह नंबर पहचान का काम करता है। आप इसका उपयोग व्यवसाय के लिए टैक्स भरने के लिए करते है।

कानूनी दस्तावेज प्राप्त करें

प्रत्येक देश के अपने नियम और कानून होते है जिनका प्रत्येक नागरिक को पालन करना चाहिए। यह भी उन चीजों में से एक है जो आपको ई कामर्स बिजनेस शुरू करने के लिए आवश्यक है। ऐसा नहीं करने पर सरकार के पास आपके ऊपर जुर्माना या जेल भेजने जैसे अधिकार होते है।

Conclusion

यदि आप भारत में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ना या अपना स्वयं को कोई प्लेटफॉर्म शुरू करना चाहते है तो भारत में सभी वेबसाइटों से जुड़ने की प्रक्रिया समान व आसान है। अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील आदि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म छोटे उद्योगों के लिए बहुत ही उपयोगी है। आप बिज़नेस पार्टनर के रूप में उनसे जुड़ सकते है और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते है।

तो ये थी E Business Kya Hai और E Business in Hindi से जुड़ी जानकारी उम्मीद करते है आपको ई-Commerce Ke Bare Mein Bataiye यह जानकारी अच्छी लगी होगी और आपको सब कुछ अच्छे से समझ में आ गया होगा। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर करें, और अगर आपके पास हमारे लिए कोई सवाल हो, तो आप उसे Comment में लिख कर हमसे पूछ सकते है।

Essay on E-Commerce in India in Hindi

आजकल हर व्यक्ति डिजिटल तरीके से शॉपिंग करना पसंद करता है, क्योंकि इंटरनेट के द्वारा कुछ भी चीज पसंद करके हम घर पर आर्डर कर सकते हैं। आज के भाग दौड़ के समय में किसी भी व्यक्ति के पास इतना समय नहीं है कि वह मार्केट जा कर सामान पसंद करें और उसे खरीदें, इसलिए डिजिटल तरीके से मार्केटिंग करना लोगों को ज्यादा आसान लग रहा है। व्यक्ति अपने घर में मोबाइल और इंटरनेट की मदद से घर पर अपनी पसंद के सामान का चयन कर के उसे खरीदता है और वह सामान आपको घर पर सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जाता है। ऑनलाईन मार्केटिंग से बड़ी बड़ी कंपनियों का भी अधिक मुनाफा हुआ है,ऑनलाइन अपने समन बेचकर वे अधिक बिकरी कर रहे है। इसी प्रकार इंटरनेट के द्वारा किया जाने वाला व्यापार को ही ई-कॉमर्स कहते हैं।अगर आपको ई कॉमर्स के बारे में नहीं पता तो ये कोई चिंता जनक बात नहीं है, हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में बताएंगे।

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E-commerce क्या है?

इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किसी भी चीजों का व्यापार करना ई-कॉमर्स कहलाता है। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के द्वारा खरीदी और बिक्री का प्रचलन बहुत प्रसिद्ध होता जा रह है। इसमें बहुत तरीके से बिजनेस की जाती है जैसे –

  • बिजनेस टू बिजनेस जिसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी के डायरेक्ट कांटेक्ट में आकर सामान की बिक्री और खरीद ही करती है।
  • बिजनेस टू कंज्यूमर जिसमें कंज्यूमर कंपनी से डायरेक्ट समन खरीदता है।
  • कंज्यूमर टू कंज्यूमर जिसमें एक कंज्यूमर दूसरे कंस्यूमर से सामान खरीदा और बेचता है।
  • कंज्यूमर टू बिजनेस जिसमें एक कंज्यूमर बड़ी बड़ी कंपनियों से व्यापार करता है।

ऐसे बहुत सारे आते हैं जो कि ई-कॉमर्स से जुड़ी हुई है जैसे अमेजॉन ,फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, मिंत्रा और नायका जैसे सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन जिसमें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से खरीदी की जाती है। E-Commerce में खरीदी के साथ साथ पेमेंट भी इलेक्ट्रॉनिक और इंटरनेट माध्यम में की जाती है।ज्यादातर ई कामर्स बड़ी बड़ी एंटरप्राइजेस और कंपनियों द्वारा कि जाती है। इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ट्रेडिंग करना ई कॉमर्स का महत्व पूर्ण रूप है। इंटरनेट में आपके बजट के हिसाब से सभी तरीके के सामान उपलब्ध हो जाते हैं ,जिससे व्यक्ति अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता है।

E-commerce का महत्व :-

ई-कॉमर्स का महत्व बिजनेस में ज्यादा है। इसकी मदद से व्यवसाय बढ़ता दिख रहा है। वर्तमान समय में मार्केटिंग के लिए यह बहुत ही जाना माना सिस्टम है। आज के समय को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में इसका महत्व कई गुना बढ़ सकता है। ई कॉमर्स का महत्व इसे बढ़ाया गया है क्योंकि या दुनिया के किसी भी कोने में सामान खरीदी या बिक्री कर सकता है जिससे ग्राहकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका ओपन होने का या बंद होने का कोई निर्धारित समय नहीं होता यह 24 घंटे और सातों दिन खुले रहता है जिसमें ग्राहक किसी भी समय मार्केटिंग कर सकता है।यह कस्टमर तक समान सुरक्षित पहुंचता है जो कि लोगों को बहुत सुविधाजनक लगता है। ईकॉमर्स के जरिए ऑनलाइन मार्केटिंग के साथ ऑनलाइन पेमेंट भी बहुत जल्दी होती है।

E-Commerce का लाभ :-

  • ई-कॉमर्स के जरिए ग्राहक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग से जुड़ जाता है।
  • इसकी मदद से सामान खरीदने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती हमें हमारी जरूरत के सामान घर पर ही डिलीवर कर दिया जाता है।
  • ई कॉमर्स से बिज़नेस में आने वाली बाधा काम हुई है।
  • इससे छोटे मोटे व्यापार को अच्छा प्लेटफार्म प्राप्त होता है जिससे वह अपने सामान अनेक ग्राहकों के साथ जुड़कर बेच सकते है।
  • कम लागत के साथ भी बिजनेस पारंपरिक स्टोर से अधिक विकसित होती है।
  • खरीदने वाले व्यक्ति के लिए और बेचने वाले कंपनियों के लिए यह सुविधा बढ़ा देता है।
  • ई कामर्स की मदद से हम अपने बजट के हिसाब से प्रोडक्ट का चयन कर सकते हैं।
  • ऐसे कई सारे ई कॉमर्स से जुड़ी सॉफ्टवेयर ऐप है जो प्रोडक्ट के मटेरियल सही ना आने पर प्रोडक्ट रिटर्न भी करती है।

E-commerce से होने वाली परेशानियां:-

ई- कॉमर्स से लोगों को राहत मिल रही है ,परंतु उसके साथ साथ कई सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। जो लोग इसका उपयोग बहुत समय से करते आ रहे हैं ,उनके लिए यह कॉमर्स का कार्य आदत सा हो जाता है।लेकिन जो व्यक्ति पहली बार इलेक्ट्रॉनिक के जरिए मार्केटिंग करना चाहता है उनके मन में कई सारे सवाल उत्पन्न होने लगते हैं, जैसे जो सामान उन्होंने ऑर्डर किया है उसकी क्वालिटी सही होगी या नहीं ?,या फिर सही समय पर उन्हें उनका ऑर्डर मिलेगा या नहीं? ऐसे कई सारे सवाल हैं जो ग्राहकों द्वारा पूछे जाते हैं। कई सारी कंपनियां है जो इन सभी सवालों के जवाब पहले ही ग्राहकों तक पहुंचा देती है, जिससे ग्राहकों को कोई शंका ना रहे।कंपनियों के गरेंटी देने के बाद भी बहुत बार ग्राहकों को सामान में उलट फर देखने को मिलता है। और भी बहुत सी परेशानियां ग्राहकों को होती है ,जैसे –

  • आज भी हर व्यक्ति ईकॉमर्स को लेकर जागरूक नहीं है ।इसके कारण भी लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • बहुत बार लोगो के मन में ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो जाता है क्युकी कंपनिया ग्राहकों का डाटा और एड्रेस कलेक्ट करती है। ये बात लोगो को चिंतित कर देता है।
  • ई- कामर्स का उपयोग हर व्यक्ति नहीं कर पाता क्युकी उन्हें इंटरनेट का इस्तेमाल करना ही नहीं आता। आजकल इंटरनेट का जमाना होने के बावजूद भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोगों को इंटरनेट का इस्तेमाल करना बिल्कुल नहीं आता और इसी कारण वश वह इस सुविधा को प्राप्त नहीं कर पाते।
  • बड़ी और छोटी सभी कंपनियां अगर ई-कॉमर्स से जुड़ जाएगी तो सभी कार्य ऑनलाइन तरीके से होने लगेगी और काम करने वाले व्यक्तियों की मांग कम हो जाएगी, जिससे बेरोजगारी बढ़ने की आशंका है।
  • बहुत बार फ्रॉड कंपनियां ग्राहकों से पेमेंट करवा कर सामान की डिलीवरी नहीं करती और उनके बैंक बैलेंस पर छेड़ छाड़ करती है। लोगों को इससे भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

निष्कर्ष:-

ई- कामर्स बहुत विकसित होता जा रहा है, क्योंकि इसमें ग्राहकों को बहुत सुविधा दी जाती है।इसकी जागरूकता हर क्षेत्र में ना होने के कारण ही लोगो को परेशानियां होती है। परंतु इसकी परेशानियों से अधिक इसके फायदे है जो कॉमर्स का कार्य वर्तमान समय में देखे जा सकते है।ईकॉमर्स का प्रचलन भविष्य में और भी ज्यादा तेजी से बढ़ने की संभावना है।

FAQ( विषय से संबंधित प्रश्न):-

1.प्रश्न:- E-commerce की शुरुवात कब हुई?

उत्तर:- ई कॉमर्स की शुरुवात 1960 की दसक कॉमर्स का कार्य में हुई।

2.प्रश्न:-E-commerce का पूरा नाम क्या है?

उत्तर:- E-commerce का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स है।

3.प्रश्न:- E-commerce से जुड़ी पॉपुलर कंपनिया क्या है?

उत्तर:- E-commerce से जुड़ी पॉपुलर कंपनिया – अमेजॉन,फ्लिपकार्ट, और स्नैपडील आदि है।

4.प्रश्न:- E-commerce का उद्देश्य क्या है?

उत्तर:- लोगो को सुविधा प्रदान करना ही ईकॉमर्स का उद्देश्य है।जिससे लोगो को घर बैठे उनकी जरूरतों का सामान उन्हें मिल सके।

कॉमर्स का कार्य

E-commerce kise kahate hain | ई-कॉमर्स किसे कहते हैं, थता इसके लाभ।

E-commerce kise kahate hain | ई-कॉमर्स किसे कहते हैं, थता इसके लाभ।

यदि आप ई-कॉमर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़े जिसमे हमने बिलकुल सरल शब्दों में विस्तार से बताया है, की E-commerce kise kahate hain थता ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं।

E से अर्थ है (इलेक्ट्रॉनिक) और commerce यानि व्यापार। आज के ऑनलाइन युग में इंटरनेट द्वारा लगभग सभी कार्य किए जा रहे हैं, और जिन कार्यों को ऑनलाइन करना संभव नहीं हो पा रहा है, उनके भी ऑनलाइन विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

इसी प्रकार आज व्यापार भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से यानि इंटरनेट के द्वारा किया जा रहा है, और इंटरनेट द्वारा किया जा रहा कोई भी व्यापार जिसमे उत्पाद या सेवाओं का खरीदना या बेचना शामिल हो वह E-commerce केहलाता है।

ईकॉमर्स या ई-सर्विसेज का फैलाव ना सिर्फ बड़े शहरों तक ही सिमित है, बल्कि अब छोटे शहरों और कस्बों में भी ई-कॉमर्स का लाभ लिया जा रहा है, चाहे फिर अपने किसी प्रोडक्ट को बेचने की बात हो, या फिर नया सामान खरीदने की हर तरह से ई-कॉमर्स लोगों के लिए व्यापार थता शॉपिंग करने का एक आसान और बेहतर प्लेटफार्म साबित हुवा है।

चलिए उदाहरण सहित आसान शब्दों में ई-कॉमर्स को समझते है, और इसके लाभ और हानियों के बारे में भी जानते हैं।

E-commerce kise kahate hain

ई-कॉमर्स को electronic commerce या Internet commerce भी कहा जाता है। यह एक बिज़नेस मॉडल है, जिसमे उत्पाद या सेवाओं को खरीदने या बेचने के लिए इंटरनेट को एक माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है।

यानि जब इंटरनेट का उपयोग कर उत्पाद या सेवाओं को बेचा या खरीदा जाता है, उसे E-commerce कहते हैं।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, आप जो भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जैसे कपड़े, जूते, घर का सामान, फर्नीचर या इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद इत्यादि यानि वह हर एक प्रोडक्ट जिसे आप कॉमर्स का कार्य इंटरनेट के द्वारा खरीदते हैं, या फिर बेचते हैं, वह सब ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता है।

जिस प्रकार हमारे आस पड़ोस में दुकाने होतीं हैं, जहाँ हम जाते हैं, और अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार सामान खरीदते हैं, ठीक उसी प्रकार ऑनलाइन या इंटरनेट जगत में भी Ecommerce platforms होते हैं, जैसे Flipkart, Amazon, Shopify, Mintra इत्यादि, यह भारत में कुछ प्रचलित Ecommerce platforms हैं।

इ न सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को लोग वेबसाइट या मोबाइल एप्प के रूप में अपने लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्टफोन पर एक्सेस करते हैं, और अपनी पसंद अनुसार यहाँ से प्रोडक्ट्स को ना सिर्फ खरीदते हैं, बल्कि बेचते भी हैं।

आज ई-कॉमर्स पर लोगों का इतना अधिक भरोसा है, की लगभग हर वह उत्पाद और सेवाएं ई-कॉमर्स पर खरीदी व बेचीं जा सकती हैं, जिनके बारे कोई कल्पना कर सकता है। तो चलिए अब ई-कॉमर्स के प्रकार भी जान लेते हैं।

ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं | Types of E-commerce in Hindi

ई-कॉमर्स ने क्रेता और विक्रेता दोनों के लिए आज खरीदारी करने और उत्पाद बेचने के नए रास्ते खोल दिए हैं। जहाँ पेहले हर छोटी-बड़ी चीज को खरीदने के लिए बाजार का रुख करना पड़ता था, वही अब घर बैठे मोबाइल पर सिर्फ एक क्लिक द्वारा सब किया जा सकता है।

E-commerce के निम्नलिखित चार प्रकार हैं।

    B2C (Business to consumer) B2C e-commerce एक सामान्य बिज़नेस मॉडल है, जहाँ पर बिज़नेस द्वारा सीधे तोर पर डिजिटल माध्यम से अपने ग्राहक को उत्पाद या सेवाएं बेचीं जाती हैं। उदाहरण के तोर पर जैसे आप किसी ऑनलाइन स्टोर से अपने लिए कोई कपड़ा, घड़ी या जुते इत्यादि खरीदते हैं, यानि यहाँ पर व्यापारी सीधे तोर पर ग्राहक को उत्पाद या सेवाएं बेचता है।

ई-कॉमर्स के लाभ क्या हैं | Advantage of E-commerce in Hindi

ईकॉमर्स के प्रचलित होने का मुख्य कारण इस से होने वाले लाभ हैं। ई-कॉमर्स के इन लाभों को हम दो श्रेणियों में बाटेंगे पहले में हम इस से उपभोक्ता को होने वाले लाभ जानेंगे और दूसरे में व्यापार को।

ई-कॉमर्स से उपभोक्ता को होने वाले लाभ।

    खरीदारी के लिए कहीं जाना नहीं पढता :- ई-कॉमर्स प्लेटफार्म होने से ग्राहक को खरीदारी के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि वह घर बैठे अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर से हर प्रकार की खरीदारी कर सकता है।

ई-कॉमर्स से व्यापार को होने वाले लाभ।

  • कम लागत में व्यापार शुरू किया जा सकता है :- ई-कॉमर्स व्यापार को शुरू करने के लिए काफी कम पूँजी की आवश्यकता होती है। इसमें आपको कोई दुकान या शोरूम खोलने की जरुरत नहीं पड़ती है, और शुरुवात में ना किसी स्टाफ को रखने की आवश्यकता होती है, बल्कि घर बैठे बहुत कम पूँजी के साथ कोई भी अपना ऑनलाइन स्टोर बना सकता है, और व्यापार शुरू कर सकता है।

अंतिम शब्द E-commerce kise kahate hain

दोस्तों आपने जाना E-commerce kise kahate hain, ई-कॉमर्स के प्रकार क्या हैं, थता इसके लाभों को भी आपने जाना।

जिस प्रकार पिछले कुछ वर्षों की तुलना में आज ऑनलाइन खरीदारी बड़ी है, उम्मीद यही है, की जैसे-जैसे भारत में इंटरनेट का और अधिक विस्तार होगा, गावों और छोटे कस्बों में भी ऑनलाइन खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा। वहाँ भी ई-कॉमर्स का उपयोग बढ़ेगा और घर-घर तक उत्पाद डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

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