फॉरेक्स में बार क्या है

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार पहुंचा
मुंबई– देश का विदेशी मुद्रा भंडार यानी फॉरेक्स रिजर्व पहली बार 600 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है। रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक 4 जून के समाप्त हफ्ते में यह 605 अरब डॉलर रहा, जो 28 मई तक 598 अरब डॉलर था। इस लिहाज से हफ्तेभर में फॉरेक्स रिजर्व में 6.84 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज की गई।
भारत का फॉरेक्स रिजर्व बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। दुनियाभर में फॉरेक्स रिजर्व के लिहाज से भारत 5वें स्थान पर है, जबकि चीन पहले पायदान पर है। अगर रिजर्व में लगातार बढ़ोतरी जारी रही तो भारत दुनियाभर के टॉप-3 देशों में शुमार हो जाएगा।
भारत का विदेश मुद्रा भंडार इसलिए बढ़ा है क्योंकि एक्सपोर्ट बढ़ा है। वहीं, इंपोर्ट घटा है। इसके लिए अलावा डॉलर के मुकाबले रुपए की मजबूती भी सपोर्ट कर रही है। खाने के तेल और कच्चे तेल दोनों के इंपोर्ट में भी फॉरेक्स में बार क्या है कमी आई है। फॉरेक्स बढ़ने से आम लोगों को भी फायदा मिलता है। इससे सरकारी योजनाओं में खर्च करने के लिए पैसा मिलता है। बता दें कि हर सप्ताह RBI विदेशी मुद्रा रिजर्व के आंकड़े जारी करता है। इसमें डॉलर के साथ पाउंड और येन रिजर्व के आंकड़े को भी शामिल किया जाता है।
Forex Reserve: लगातार 10 हफ्ते की गिरावट के बाद भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.23 बिलियन डॉलर का हुआ इजाफा
Foreign Exchange Reserve पिछले 11 हफ्ते के दौरान भारत के फॉरेक्स रिजर्व में पहली बार यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 13 मई को समाप्त हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.676 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी।
मुंबई, एएनआइ। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले 10 हफ्ते से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी। हालांकि, 20 मई को समाप्त हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) में 4.23 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। आरबीआई के अनुसार, इस बढ़ोतरी के बाद भारत का Forex Reserve 597.509 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
पिछले 11 हफ्ते के दौरान भारत के फॉरेक्स रिजर्व में पहली बार यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 13 मई को समाप्त हुए सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.676 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। 3 सितंबर 2021 को भारत का Forex Reserve सर्वकालिक उच्च स्तर 642.453 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें काफी तेजी से गिरावट दर्ज की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 20 मई को समाप्त हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व के सभी कंपोनेंट्स में बढ़ोतरी हुई और सबसे ज्यादा इजाफा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का हुआ।
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का मूल्य डॉलर में प्रदर्शित किया जाता है, हालांकि, इनमें गैर-डॉलर मुद्राएं जैसे यूरो, ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग और जापानी येन के मूल्यों में उतार-चढ़ाव का असर भी शामिल होता है।
20 मई को समाप्त हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) का मूल्य253 मिलियन डॉलर बढ़कर 30.823 बिलियन डॉलर हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत के भंडार की स्थिति 51 मिलियन डॉलर बढ़कर 5.002 बिलियन डॉलर हो गई और IMF के साथ भारत के स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) का मूल्य 102 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 18.306 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आ सकती है गिरावट, 2008 के आर्थिक संकट की यादें हो जाएंगी ताजा
भारत का फॉरेक्स रिजर्व गिरकर 523 अरब डॉलर फॉरेक्स में बार क्या है तक पहुंचने का अनुमान.
1 साल पहले आरबीआई के पास 642 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था जो अब 100 अरब डॉलर घटकर 545 अरब डॉलर रह गया है. केंद्रीय बैंक द्वारा रुपये की साख बचाने के लिए डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी में कोई बहुत मजबूती नहीं दिख रही है.
- News18Hindi
- Last Updated : September 29, 2022, 07:20 IST
हाइलाइट्स
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल में 100 अरब डॉलर की गिरावट आई है.
आरबीआई रुपये की साख को बचाने के लिए लगातार हस्तक्षेप कर रहा है.
जानकारों का मानना है कि साल के अंत तक यह अपने 2 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाएगा.
नई दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) दिसंबर तक 2 साल फॉरेक्स में बार क्या है के न्यूनतम स्तर पर पहुंच सकता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. दरअसल, डॉलर के सामने रुपये की दिन-प्रतिदिन गिरती साख को बचाने के लिए आरबीआई लगातार हस्तक्षेप करते हुए डॉलर बेच रहा है.
1 साल फॉरेक्स में बार क्या है पहले आरबीआई के पास 642 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था जो अब 100 अरब डॉलर घटकर 545 अरब डॉलर रह गया है. रॉयटर्स के पोल के मुताबिक, ये दिसंबर में गिरकर 523 अरब डॉलर तक आ सकता है. पोल में हिस्सा लेने वालों का मानना है कि रिजर्व 500-540 अरब डॉलर के बीच रह सकता है. यह पोल 26-27 सितंबर को कराया गया था और इसमें 16 अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया था.
2008 की यादें हुई ताजा
इन अनुमानों ने 2008 की मंदी की यादों को ताजा कर दिया है. उस समय भी फॉरेक्स रिजर्व में करीब 20 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. हालिया अनुमानों से भी लग रहा है फॉरेक्स रिजर्व एक बार फिर 20 फीसदी के आसपास नीचे चला जाएगा. वैसे फॉरेक्स में बार क्या है भी भारत 2012 के टेपर-टेन्ट्रम पीरियड के मुकाबले अधिक तेजी से अपना विदेशी मुद्रा भंडार खर्च कर रहा है.
आरबीआई के हस्तक्षेप का असर नहीं
केंद्रीय बैंक द्वारा रुपये की साख बचाने के लिए डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी में कोई बहुत मजबूती नहीं दिख रही है. बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने रिकॉर्ड लो 81.95 तक पहुंच गया था. आज यह 40 पैसा गिरकर 81.93 के स्तर पर बंद हुआ है. पिछले 1 साल में डॉलर के सामने रुपया 10 फीसदी लुढ़का है.
क्या कहते हैं जानकार?
एचडीएफसी की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता कहती हैं कि रुपये की मौजूदा हालत को देखकर लगता है कि आरबीआई आगे भी हस्तक्षेप जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि रुपये को बचाने और चालू खाता घाटे को पाटने के लिए आरबीआई की ओर हस्तक्षेप किए जाने के कारण आगे और फॉरेक्स रिजर्व में और गिरावट आएगी. हालांकि, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने फॉरेक्स रिजर्न की कमी संबंधी खबरों को खारिज कर दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि चिंता की बात नहीं है भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है.
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Dollar-Rupee Rate Today: रुपये ने पहली बार छुआ 80 का आंकड़ा, 79.98 पर हुआ बंद
Rupee-Dollar Exchange Rate Outlook: मोतीलाल ओसवाल के गौरांग सोमैया के मुताबिक शॉर्ट टर्म में डॉलर के मुकाबले रुपये का स्पॉट रेट 79.79 से 80.20 के बीच रह सकता है
सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.76 पर खुला और दिन में 80 का स्तर छूने के बाद 79.98 पर बंद हुआ
Rupee Crashes Further Against Dollar : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला सोमवार 18 जुलाई को भी जारी रहा. इंट्रा डे कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी ने पहली बार 80 का आंकड़ा भी छू लिया. हालांकि कारोबार बंद होने तक इसमें कुछ सुधार हुआ और पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले यह 16 पैसे की गिरावट के साथ 79.98 पर बंद हुआ. दिन की शुरुआत में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.76 पर खुला था.
जानकारों की राय में सोमवार को रुपये में गिरावट के लिए क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के अलावा विदेशी फंड्स का देश से लगातार बाहर पैसे भेजना ही सबसे बड़ी वजह हैं. इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में भारतीय करेंसी सुबह डॉलर के मुकाबले 79.76 पर खुली, लेकिन जल्द ही इस पर बिकवाली का दवाब नजर आने लगा. दोपहर करीब 12 बजे इसने 80 का मनोवैज्ञानिक आंकड़ा छू लिया. इसके बाद दिन के कारोबार के दौरान बेहद थोड़े समय के लिए ही यह स्तर फिर से देखने को मिला. बाजार बंद होने तक रुपया मामूली रूप से संभला और 79.98 पर बंद हुआ. हालांकि यह आंकड़ा भी 80 के बेहद करीब है. इसके पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 17 पैसे की बढ़त के साथ 79.82 पर बंद हुआ था.
79.79 से 80.20 के बीच रह सकता है रुपया
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज़ के फॉरेक्स एनालिस्ट गौरांग सोमैया के मुताबिक शुक्रवार को आए सुधार के बावजूद रुपये पर दबाव बना हुआ था. फेडरल रिजर्व के नई पॉलिसी के एलान से पहले बाजार के खिलाड़ी सावधानी बरत रहे हैं. सोमैया का कहना है कि आने वाले दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपये का स्पॉट रेट शॉर्ट टर्म में 79.79 से 80.20 के बीच रह सकता है.
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 30% इजाफे का अनुमान, ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े टीडीएस नियमों में हो सकता है बदलाव
India CSR Outlook Report: देश की 301 बड़ी कंपनियों के CSR स्पेंड की रिपोर्ट जारी, RIL, HDFC बैंक, TCS, ONGC और टाटा स्टील सामाजिक कामों पर खर्च करने में सबसे आगे
Central Govt Jobs : केंद्र सरकार ने 8 साल में 7.22 लाख लोगों को दी नौकरी, 22 करोड़ से ज्यादा मिले आवेदन
रिलायंस सिक्योरिटी के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट श्रीराम अय्यर का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और भारत से विदेशी फंड्स द्वारा लगातार देश से बाहर पूंजी भेजने की वजह से रुपये पर दबाव बढ़ गया है. इसी का परिणाम भारतीय मुद्रा में गिरावट फॉरेक्स में बार क्या है के रूप में देखने को मिल रहा है. हालांकि सोमवार को रुपये के अलावा कई और एशियाई मुद्राओं में कुछ सुधार देखने को मिला.
सोमवार को दोपहर में एशियाई बाजारों में डॉलर इंडेक्स में कुछ कमजोरी दिखाई दे रही थी. 6 मुद्राओं फॉरेक्स में बार क्या है के मुकाबले अमेरिकी करेंसी के प्रदर्शन का संकेत देने वाला डॉलर इंडेक्स 0.58 फीसदी की कमजोरी के साथ 107.47 पर ट्रेड कर रहा था. अय्यर के मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कई अधिकारियों ने ऐसे संकेत दिए थे कि वे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की तेज रफ्तार से खुश नहीं हैं. भारतीय कैपिटल मार्केट में विदेशी संस्थागत निवेशक यानी FII सोमवार को भी नेट सेलर ही बने रहे और 1649.36 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री की.
अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग के लिए नकली सर्वर बनाया. इस तरह कर दी करोड़ों की ठगी
Indore. अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर फर्जी सर्वर बनाकर लोगों को करोड़ों की चपत लगाने वाली कंपनी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने दुबई में बैठे सरगना की इंदौर स्थित फर्म पर छापामार कार्रवाई की। यहां से दो आरोपी पकड़ाए। दोनों ने बताया कि वे लोगों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते थे। लोग उनके संपर्क में आते तो वे फॉरेक्स फॉरेन ट्रेडिंग में निवेश कराने और विदेशी मुद्रा में भारी लाभ दिलाने का झांसा देते थे। शुरुआती जांच में फर्म के फॉरेक्स में बार क्या है खाते में पुलिस को 20 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन मिला है।
डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय के मुताबिक निवेश के नाम पर ठगी की जानकारी मिलते ही टीम ने अपोलो प्रीमियर बिल्डिंग पहुंची। यहां ऑफिस में एक कंपनी संचालित होने का पता चला। जो विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर लोगों को ठग रही है। टीम ने वहां घेराबंदी कर आरोपी अनिल पिता सुदर्शन निवासी उत्तरांचल और हरदीप पिता जीएस सलूने निवासी सुखलिया को पकड़ा। अनिल वर्तमान में महालक्ष्मी नगर में रहता है। ऑफिस से कम्प्यूटर और मोबाइल जब्त किए हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनकी कंपनी द्वारा सोशल मीडिया पर एड, कॉलिंग, फॉरेक्स में बार क्या है चेन सिस्टम के माध्यम से फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने पर विदेशी मुद्रा में भारी लाभ दिलाने की जानकारी देते हैं। कंपनी द्वारा फॉरेन ट्रेड के नकली सर्वर से जुड़े फर्जी खातों में लोगों से भारतीय मुद्रा जमा कराई जाती है। ऐप के माध्यम से फर्जी इंडेक्स दिखाकर ट्रेडिंग करवाकर ठग लेते है।
खाते में मिला 20 करोड़ का ट्रांजेक्शन
फर्म का सर्वर ऑपरेट करने वाला मुख्य आरोपी दुबई में है। फर्जी सर्वर के बारे में पता चला है, उसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर प्लेटिन ग्लोबल एफेक्स बी.एन.बी. केपिटल लिमिटेड नाम से डाला है। कंपनी के प्रमोशन के लिए इंस्टाग्राम, फेसबुक पर अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो करेंसी, डॉलर करेंसी पर व्यापार में निवेश के नाम पर एड देते है। कंपनी के खाते में एक वर्ष में 20 करोड़ का फॉरेक्स में बार क्या है ट्रांजेक्शन हुआ है। अन्य खातों की जानकारी जुटा रहे है।
पुलिस के मुताबिक दुबई से कंपनी का फर्जी सर्वर चलाने वाला मुख्य आरोपी लोगों के निवेश की राशि को अपने हिसाब से कम या जीरो कर देता है। इस संबंध में जांच जारी है।