ट्रेडर कौन होते है

इंट्राडे के लिये बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम ट्रेडर कौन होते है फ्रेम | Best Trading Chart Time Frame In Hindi
बहुत से ट्रेडर्स को ये नही समझ मे आता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाईम फ्रेम कौन सा है ?
बहुत से नए ट्रेडर्स अक्सर इस उलझन में रहते हैं कि ट्रेडिंग के समय ऐसा कौन सा Best Trading Chart Time Frame प्रयोग किया जाए,
जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा शुद्धता आ सके तथा नुकसान की संभावना को भी कम किया जा ट्रेडर कौन होते है सके।
इस लेख में हमलोग इसी बात पर चर्चा करेंगे कि किस बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम का प्रयोग किया जाए जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
जैसा कि हम जानते हैं कि ट्रेडिंग तीन प्रकार से होती है –
पहली इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमें हमे उसी दिन शेयर की खरीद – बिक्री करनी होती है, तथा उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले अपनी पोजिशन बन्द करनी होती है।
दूसरी स्विंग ट्रेडिंग जिसमे एक दिन से लेकर दस दिन तक की पोजिशन हो सकती है।
तीसरी पोर्टफोलियो बनाना जिसमे लंबे समय तक कभी – कभी कई वर्षों तक पोजीशन बरकरार रह सकती है।
आइए, अब देखते हैं कि इन सब प्रकार की ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम कौन सा है, और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं ?
बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame In Hindi )
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शेयर बाजार में भिन्न – भिन्न प्रकार से ट्रेडिंग की जाती है। और हर प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट भी अलग – अलग समयानुसार ही देखा जाता है।
वैसे तो चार्ट को अपनी सुविधा और अनुभव के आधार पर अलग – अलग समय चक्र के अनुसार देखा और समझ जाता है।
किन्तु नए Traders को Stock Market का ज्यादा अनुभव नही होता है इसलिए वो चार्ट को लेकर हमेशा दुविधा में रहते हैं।
भिन्न – भिन्न समय ढांचे में चार्ट को देखते रहने पर भी नए ट्रेडर को किसी भी Sock का कोई स्पष्ट रुझान या Trend समझ मे नही आता है।
वो ये समझ ही नही पाते हैं कि आखिर Best Trading Chart Time Frame है क्या ?
इस लेख में नए ट्रेडरों की इसी उलझन को सुलझाने का प्रयत्न किया जा रहा है कि किस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए कौन सा बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम अच्छा होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )
किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।
परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है।
बहुत सारे ट्रेडर पांच मिनट का टाइम फ्रेम प्रयोग करते हैं तथा बाजार के क्षणिक उतार – चढ़ाव से ही अपना प्रॉफिट बनाने का प्रयास करते हैं।
जो अनुभवी ट्रेडर होते हैं वो अतिशीघ्र ही विश्लेषण करके अनुमान लगा लेते हैं कि अगले 5 या 10 मिनट मे इस स्टॉक की क्या चाल होगी।
परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी जल्दी सटीक अनुमान लगा पाना काफी कठिन होता है, क्योंकि पांच मिनट के टाइम फ्रेम में मार्केट में जितनी शीघ्रता से घुसना होता है उतनी ही शीघ्रता से बाहर भी निकलना होता है।
अनुभवी ट्रेडरों के लिए तो ये सब करना बहुत आसान होता है परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी शीघ्रता से निर्णय लेना आसान नही होता है।
अतः नए ट्रेडर को शुरुआत में पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने से बचना चाहिये ये उनके लिए घातक हो सकता है।
हाँ जब ट्रेडिंग का अनुभव आ जाये तब वो आराम से पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करके प्रॉफिट बना सकते हैं।
चूंकि यहाँ इंट्राडे ट्रेडिंग की बात हो रही है तो इंट्राडे के लिए दस या पन्द्रह मिनट का टाइम फ्रेम आदर्श टाइम फ्रेम होता है इन टाइम फ्रेम में जो संकेत मिलते हैं वह ज्यादा विश्वशनीय होते हैं ।
क्योंकि दस या पन्द्रह मिनट में स्टॉक के ट्रेंड में स्थिरता होती है जो अगले पन्द्रह या बीस मिनट तक बनी रह सकती है।
नए ट्रेडर के लिए यही बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है और इन्हीं टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करना ज्यादा उचित होता है।
दोस्तों, टाइम फ्रेम इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम ट्रेडिंग को कितना समय दे पाते हैं ?
यदि हम सारा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन को नही देख पाते हैं बल्कि बीच – बीच मे ही कुछ देर के लिए देखते हैं, तो हमारे लिए बड़े टाइम फ्रेम यानी दस से पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना ही ज्यादा बेहतर होता है।
लेकिन अगर आप एक फुल टाइम ट्रेडर हैं और पूरा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही रहते हैं तो आप छोटे टाइम फ्रेम पर भी अच्छी ट्रेडिंग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम
यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।
बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।
किसी स्टॉक का सही ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।
उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी वो तेजी ही दिखाएगा।
पोर्टफोलियो (Portfolio) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम
जब लॉंग टर्म के लिए ट्रेडिंग की जाती है तो डेली ( Daily) या साप्ताहिक ( Weekly) चार्ट टाइम फ्रेम में विश्लेषण किया जाता है।
यदि लंबे समय तक निवेश के लिए कोई स्टॉक लेना हो तो मासिक और वार्षिक चार्ट टाइम फ्रेम भी देखा जाता है।
परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,
इसके अतिरिक्त कम्पनी की बैलेंसशीट ( Balance sheet), Turnover तथा अन्य कई चीजों का भी गहनता से परीक्षण किया जाता है।
निष्कर्ष ( The Conclusion )
उम्मीद है कि अब आपको कुछ Idea हो गया होगा कि किस तरह की Trading के लिए कौन सा चार्ट टाइम फ्रेम Best Trading Chart Time Frame है।
जहाँ तक इंट्राडे ट्रेडिंग की बात है तो सबसे सुरक्षित ये है कि आप आधे घंटे या एक घंटे के टाइम फ्रेम में स्टॉक की चाल को समझें,
और दस या पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करें साथ ही साथ अपने ट्रेडिंग नियम और अनुशासन का पालन अवश्य करें।
शुरुआत में आपको सभी बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने थोड़ी – बहुत समस्या आ सकती है,
लेकिन जब आपको चार्ट देखने और प्राइस एक्शन ( Price Action) को समझने का अनुभव हो जाएगा तो फिर आप किसी भी टाइम फ्रेम पर आसानी से ट्रेडिंग कर सकते हैं और आसानी से पैसा भी बना सकते हैं।
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Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है
जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। ट्रेडर कौन होते है उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।
Table of Contents
Trading क्या होता है:-
जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।
Trading के प्रकार (Types of Trading):-
बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।
- Day Trading:- इसमें ट्रेडर को जिस दिन खरीदा उस दिन ही शेयर को बेचना पड़ता हैं। उस स्टॉक को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकता है। मार्केट बंद होने से पहले ही ट्रेडर को शेयर बेचना ही पड़ता हैं। इसमें छोटे छोटे पल स्टॉक में होने वाले ऊपर नीचे से Traders अपना प्रॉफिट कर सकते हैं।
- Scalping Trading:- Day Trading और Scalping दोनों एक ही तरह का होता हैं। इस ट्रेडिंग में खरीद बेच होते है लेकिन दिन में कही बार ये ट्रेंड किया जा सकता हैं। आपको प्रॉफिट भी हो सकता है और नुकसान भी, इस पर निर्भर करता है कि आपने किस प्रकार का ट्रेंड किया हैं।
- Swing Trading:- इस ट्रेडिंग में आप खरीद और बेच तो सकते हो। अगर आपको खरीदा हुआ दिन नुकसान हो रहा है तो आप उस दिन शेयर को ना बेचकर कुछ दिनों तक होल्ड भी कर सकते हो। फिर जब प्रॉफिट आ जाता है तब बेचकर मुनाफा कमाई कर सकते हैं।
- Momentum Trading:- इस Trading को ट्रेंडर तब प्रयोग करता है जब कोई शेयर ऊपर जाता दिखता हैं। तब खरीदारी कर लेता है जैसे ही कोई उस शेयर का खराब न्यूज़ आता है तब तुरंत बेच देते हैं। जिससे Trader कुछ समय में ही अच्छी मुनाफा कमाई कर लेते हैं। लेकिन इसके लिए न्यूज़ के साथ अपडेट रहना बहुत जरुरी हैं। अगर सही समय पर शेयर को नहीं बेचा तो बहुत ज्यादा नुकसान भी हो सकता हैं।
- Position Trading:- इस तरह का ट्रेडिंग में आप कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं। ये Trading उन लोगों के लिए है जो लोग नियमित रूप से मार्केट में नहीं आते। खरीद कर कुछ दिनों के बाद मुनाफा आते ही बेच कर निकल जाते। इसी तरह का ट्रेडर को कहते हैं Position Trading।
Investing क्या होता है:-
जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।
Investing के प्रकार (Types of Investing):-
मुख्य रूप से इन्वेस्टिंग दो तरह का होता हैं। जिससे आपको लंबे समय में जबरदस्त मुनाफा कमाई करके देगा।
- Value Investing:- इस तरह का इन्वेस्टिंग में आप अच्छी कंपनी का शेयर प्राइस जब नीचे आता है। तब आपको उसमे इन्वेस्ट करना चाहिए। Value Investing में इन्वेस्टर शेयर का विश्लेषण करके देखता है कि कौन सा शेयर कम दाम में मिल रहा हैं। फिर उसमे लंबे समय तक निवेश करता हैं।
- Growth Investment:- जो कंपनी भविष्य में ग्रोथ की संभावना देखता है उसी शेयर में इन्वेस्टर लंबे समय के लिए निवेश करता है। इसी को Growth Investment कहते हैं। इससे Investor उस कंपनी में ज्यादा इन्वेस्ट करता है जो कंपनी Fundamentally बहुत मजबूत हैं।
Trading और Investing में अंतर क्या है (Difference between Trading and Investing):-
- Trading कम समय के लिए होता हैं।
- Investing लंबे समय के लिए होता हैं।
- इसमें Technical Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Investing में Fundamental Analysis का इस्तेमाल करते हैं।
- Trading में कम समय में बहुत ज्यादा पैसा कमाई कर सकते हैं।
- इसमें आपका कमाई करने के लिए बहुत ज्यादा समय लगता हैं।
- ट्रेडिंग करने से ब्रोकर का शुल्क बहुत ज्यादा होता हैं।
- इन्वेस्टिंग में ब्रोकर का शुल्क ना के बराबर होता हैं।
- Trading जुआ की तरह होता हैं सोचने समझने के लिए समय नहीं मिलता।
- Investing में आप सोच समझकर निवेश कर सकते हैं।
क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-
जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते ट्रेडर कौन होते है है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।
अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।
आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से ट्रेडर कौन होते है समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Trading Simulator: Crypto Game
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- ट्रेडिंग गेम रूम में सीमित समय होता है।
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🤔 यह कैसे काम करता है?
क्रिप्टो गेम ऑनलाइन एक नियमित सॉकर फैंटेसी मैनेजर की तरह है, लेकिन ट्रेडर कौन होते है सॉकर खिलाड़ियों को प्रबंधित करने के बजाय, आप बिटकॉइन, एथेरियम, कार्डानो, डॉगकोइन, शीबा इनु, बिनेंस कॉइन, सोलाना, मोनेरो और कई अन्य जैसी अपनी क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन करेंगे।
आपकी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने के लिए आपके पास अपना खुद का वर्चुअल क्रिप्टो वॉलेट होगा।
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यदि आपको गेम में कोई समस्या है, तो आप अपनी प्रतिक्रिया या समस्या सीधे यहां भेज सकते हैं:
क्रिप्टो ट्रेडर से स्कैमर्स ने 2 सेकेंड में चुराए 6.5 लाख डॉलर
इस स्कैम की शुरुआत एक फोन कॉल से हुई थी जो iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple की ओर से लग रही थी
क्रिप्टो वॉलेट के एक्सेस के लिए सीड फ्रेज महत्वपूर्ण होता है
खास बातें
- MetaMask ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है
- इस स्कैम के बारे में Lacovone ने ट्विटर पर बताया है
- क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं
एक क्रिप्टो ट्रेडर को कुछ सेकेंड्स में करोड़ों डॉलर की चपत लग गई. क्रिप्टो ट्रेडर Domenic Lacovone ने खुलासा किया है कि स्कैमर्स के उनके iCloud एकाउंट को हैक करने के बाद उन्होंने 6.5 लाख डॉलर गंवा दिए हैं. हैरानी की बात यह है कि इसमें केवल दो सेकेंड ही लगे. Lacovone ने इस स्कैम के बारे में ट्विटर पर बताया है. इस स्कैम की शुरुआत एक फोन कॉल से हुई थी जो iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple की ओर से लग रही थी. Lacovone को यह एक फ्रॉड होने का शक हुआ और उन्होंने इसे अनदेखा किया. हालांकि, Apple का नंबर होने के कारण उन्होंने उस पर कॉल करने का फैसला किया.
Lacovone ने बताया, "उन्होंने एक कोड मांगा जो मेरे फोन पर भेजा गया था और दो सेकेंड के बाद मेरा पूरा MetaMask चला गया." Lacovone के पास डिजिटल वॉलेट ऐप MetaMask में काफी क्रिप्टोकरेंसीज और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) थे. उन्हें यह नहीं पता था कि MetaMask उनके iPhone से ऑटोमैटिक तरीके से iCloud पर 12-डिजिट की एक 'सीड फ्रेज' फाइल स्टोर करता है. स्कैमर्स को उनके iCloud का एक्सेस मिलने के बाद उन्हें इसे स्वाइप कर Lacovone ट्रेडर कौन होते है के एकाउंट को खाली कर दिया. क्रिप्टो वॉलेट में जाने के लिए सीड फ्रेज महत्वपूर्ण होता है और यह किसी के साथ शेयर नहीं किया जाना चाहिए.
इस बारे में Lacovone ने ऑनलाइन कम्युनिटी से मदद मांगी है और अपने डिजिटल एसेट्स की रिकवरी में मदद करने वाले को एक लाख डॉलर का रिवॉर्ड देने की भी पेशकश की है. न्यूयॉर्क पोस्ट ने Lacovone के हवाले से कहा, "हमें यह न बताएं की हमारे सीड फ्रेज को डिजिटल तरीके से स्टोर नहीं करना है और फिर हमारी जानकारी के बिना ऐसा ही करेंगे. अगर 90 प्रतिशत लोगों को यह पता होता तो मैं दावे से कह सकता हूं कि उनमें से कोई भी ऐप या iCloud को ऑन नहीं रखता." वह MetaMask को भी निशाना बना रहे हैं. उन्होंने यूजर्स से इस फर्म को बेनकाब करने के लिए कहा है.
MetaMask ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, फर्म ने ट्वीट कर यूजर्स को सलाह दी है. ट्वीट में कहा गया है कि iCloud बैकअप में यूजर्स का पासवर्ड एनक्रिप्टेड MetaMask वॉल्ट शामिल होता है और इसे iCloud बैकअप को डिसएबल कर बंद किया जा सकता है. हाल के महीनों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं. इनमें लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
Share Market में Bulls और Bears का क्या मतलब होता है ?
Mumbai : आपने Share Market की दुनिया में Bulls और Bears का नाम कई बार सुना होगा लेकिन हैरत ज़रूर हुए होगी की इन दोनों का मतलब क्या होता है। आइए ट्रेडर कौन होते है जानते है Bulls और Bears का मतलब। निवेश की दुनिया में Bulls और Bears बहुत ही आम शब्द है जिनका इस्तेमाल Share बाजार के हालत को बयां करने के लिए किया जाता है। इन शब्दो का इस्तेमाल सामान्यत: Share बाजार की स्थिति, कि क्या बाजार चढ़ रहा है या घट रहा है को दर्शाता है। साथ ही Trader और Investor होने के नाते, बाजार का बढ़ना – घटना आपके Portfolio पर असर डालता है। इसलिए इन दोनों ही शब्दों का जानना आपके लिए ज़रूरी है।
जानिये Bulls कौन होते है?
सीधे शब्दों में कहा जाए की Bulls( तेजड़िया ) कौन होते है तो इसका जवाब है की वो सभी इन्वेस्टर या ट्रेडर जो Share बाजार के लिए पॉजिटिव है की बाजार अभी ऊपर जाएगा, उन्हें Bulls कहा जाता है। लेकिन Trader और Investor के अलावा कभी कभी चढ़ते Share बाजार को भी Bull Market कह दिया जाता ट्रेडर कौन होते है है। वैसे तो बाजार मे Bulls और Bears दोनों ही मैजूद रहते है पर एक तथ्य ये भी है की Market में Bulls, Bears की तुलना में ज़्यादा होते है यानी की Share बाजार में ज़्यादातर लोग सोचते है की Market ऊपर जाए और उन्हें मुनाफा हो।
क्या है Bears की पहचान?
Bulls के विपरीत Bears (मंदड़िया) चाहते है की Market में गिरावट आये ताकि वो गिरावट से मुनाफा कमा सके, जी हाँ Market में कुछ ऐसे भी तरीके है जिनकी मदद से बड़े Bear Trader और Investor Market को गिराने की कोशिश करते रहते है ताकि वो मुनाफा कमा सके, जबकि Bulls की कोशिश रहती है की Market ऊपर चढ़ता रहे। Bears और Bulls की इसी लड़ाई और कश्मकश की वजह से Market ऊपर-नीचे होता है। यह कटु सत्य है की Market में ज़्यादातर लोग अपना पैसा गवा के ही जाते है। बड़े प्लेयर्स चाहे वो Bulls हो या Bears दोनों को Share Market से पैसा बनाना आता है क्यूंकि उनके पास उनकी Market Strategy होती है, अगर आपको भी Market से Safely पैसा बनाना है तो आपको पहले अपनी स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी।