सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश

Gold Investment Plan: सोने में निवेश के 3 बढ़िया ऑप्शन- आने वाले दिनों में मिलेगा तगड़ा रिटर्न, जानें आपको किसमें लगाना चाहिए पैसा?
Gold Investment Plan: सोने को इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे बढ़िया इन्वेस्टमेंट टूल माना जाता है. एक्सपर्ट लॉन्ग टर्म निवेश की सलाह दे रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में सोना अच्छा रिटर्न दे सकता है.
Gold Investment Plan: गोल्ड हमेशा से ही भारतीय निवेशकों की पहली पसंद रहा है. दूसरे इन्वेस्टमेंट टूल के मुकाबले सोने को हमेशा से बेहतर एसेट माना जाता रहा है. पिछले कुछ साल में सोना (Gold) दुनिया भर में निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश के तौर पर सामने आया है. लेकिन, मामला ये भी है कि गोल्ड में किस तरह निवेश करें. सोने में निवेश के भी कई ऑप्शन मौजूद हैं. ऐसे में कौन सा ऑप्शन अपनाना चाहिए यह जानना जरूरी है.
क्यों करना चाहिए सोने में निवेश?
गोल्ड (Gold) पर मिलने वाला रिटर्न हमेशा से महंगाई को हराने में कामयाब रहा है. वहीं, दूसरी तरफ अगर फ्यूचर में कभी इमरजेंसी आती है और पैसों की जरूरत सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश पड़ती है तो इस मामले में आप सोने के निवेश पर भरोसा कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आप जल्दी से बाजार में बेच सकते हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले कुछ साल में सोना 55 हजार से 60 हजार की रेंज में पहुंच सकता है. अगर निवेश की सोच रहे हैं तो खरीदारी के लिए 47,000-48,000 का स्तर अच्छा है. ऐसे में सोने में निवेश आपको फायदा पहुंचा सकता है. सोना खरीदने या निवेश करने के लिए 3 बेस्ट ऑप्शन कौन-से हैं-
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1. फिजिकल गोल्ड खरीदना (Physical Gold)
ग्राहक किसी भी ज्वेलरी शॉप में जाकर फिजिकल गोल्ड खरीद सकते हैं. सोने की शुद्धता के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग के नियमों को तय कर दिया है. देश के ज्यादातर लोग फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते हैं. अगर फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं तो आने वाले वक्त में इसमें बढ़िया रिटर्न की संभावना रहती है. हालांकि, फिजिकल गोल्ड को रखने सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश की भी एक लिमिट होती है.
2. Gold ETF में निवेश
सोने में निवेश का दूसरा बढ़िया ऑप्शन गोल्ड ETF है. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक ऐसा निवेश है, जिसका इस्तेमाल छोटी और लंबी अवधि के लिए किया जा सकता है. ईटीएफ जो सोने में निवेश करते हैं उनमें जोखिम नहीं होता और न ही स्टोरेज की आवश्यकता होती है. फिजिकल गोल्ड की तुलना में भी यह काफी सुरक्षित निवेश की कैटेगरी में आता है.
3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सरकार जारी करती है. इसलिए इसमें सुरक्षा की गारंटी होती है. Sovereign Gold Bond का सबसे बड़ा फायदा ये है कि शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसदी की एक निश्चित ब्याज दर के साथ आता है. ये ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों को मैच्योरिटी के वक्त सोने की उस दिन की कीमत और पीरियोडिक ब्याज मिलता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है और ये एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल होते हैं.
सोने में निवेश के दूसरे विकल्प
डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)- यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सोने में निवेश का एक तरीका है. इसे फिजिकल गोल्ड के तौर पर भुनाया जा सकता है या वेंडर को दोबारा बेचा भी जा सकता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund)- यह सोने में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. यहां ग्राहक को ज्यादा रिटर्न मिलता है. गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश प्रोडक्ट है जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में निवेश करते हैं और उनका नेट एसेट वैल्यू (NAV) ETFs के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है.
Investment Tips : सोना है खरा निवेश, आपको भी करना है गोल्ड में इनवेस्टमेंट तो इन विकल्पों पर डालें नजर
सोने में निवेश (Gold Investment) करने के बहुत से विकल्प हैं. सोने में निवेश के ये सभी साधन सोने की कीमत से ही जुड़े हुए . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 08, 2022, 12:38 IST
नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई और शेयर बाजार (Stock Market) में आ रहे उतार-चढ़ाव से के कारण अब सोने में निवेश बढ़ रहा है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में आई भारी गिरावट से भी निवेशकों का रुख सोने (Gold) सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश की ओर हुआ है. बढ़ती महंगाई में सोना एक बढि़या निवेश विकल्प है. भारत में सोने में निवेश (Gold Investment) के कई विकल्प उपलब्ध हैं. अगर आपका इरादा भी सोने में निवेश का है तो इस बात को जरूर ध्यान में रखें की सोने से शॉर्ट टर्म में रिटर्न की उम्मीद नहीं है. यह लॉन्ग टर्म में अच्छा लाभ देने वाला विकल्प है.
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यत: महंगाई ज्यादा करेंसी के बाजार में आने का परिणाम है. अमेरिका और भारत सहित बहुत से देशों के केंद्रीय बैंकों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी ब्याज दरों को काफी कम कर दिया था. अब केंद्रिय बैंकों को बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए अपनी मौद्रिक नीति को फिर से कड़ा करना पड़ रहा है ताकि कैश फ्लो कम हो और इससे मांग में कमी आए तो महंगाई पर कुछ लगाम लगे. वहीं, दूसरी ओर सोने की आपूर्ति सीमित है. इसलिए जब लोग ज्यादा सोना खरीदते हैं तो इसके दाम चढ़ जाते हैं.
डेड एसेट है सोना
सोने को डेड एसेट कहा जाता है. इसमें किया गया निवेश बिजनेस से जुड़ा हुआ नहीं होता है. शेयरों में किया गया निवेश कंपनी के प्रॉफिट कमाने पर बढ़ता है. लेकिन सोने के साथ ऐसा नहीं है. सोने पर निवेशक को कोई डिविडेंड भी नहीं मिलता है. सोने पर कोई ब्याज भी नहीं मिलता है. कई बार ऐसा भी हुआ है कि सोने से लॉन्ग टर्म तक कोई रिटर्न हासिल नहीं हुआ है. वहीं इस दौरान स्टॉक मार्केट ने अच्छा रिटर्न दिया. उदाहरण के लिए वर्ष 2021 के बाद निफ्टी का 10.5 फीसदी सीएजीआर दिया है तो सोने का सीएजीआर सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश 8.2 फीसदी रहा है.
सोने में निवेश के कई विकल्प
सोने में निवेश करने के बहुत से विकल्प हैं. आप सर्राफा बाजार से सोने के गहने, सोने के सिक्के या फिर बिस्किट खरीद सकते हैं. आप गोल्ड सेविंग फंड्स और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) से सोने की यूनिट खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्डस (SGBs) में भी निवेश कर सकते हैं. सोने में निवेश के ये सभी साधन सोने की कीमत से ही जुड़े हुए हैं. लेकिन, हर एक का उद्देश्य अलग है. अगर आप सर्राफा मार्केट से सोने लेते हैं तो इसके आप गहने बनाकर पहन सकते हैं. जो लोग सोने में ट्रेड करना चाहते हैं उनके लिए ईटीएफ सही है. जो लोग सोने में दीर्घकालीन निवेश करना चाहते हैं उनके लिए सॉवरेन सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश गोल्ड बॉन्ड्स अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसका लॉक इन पीरियड 8 साल का होता है.
क्या डिजिटल गोल्ड लेना सही है
पिछले कुछ सालों से कुछ फिनटेक कंपनियां डिजिटल गोल्ड खरीदने का ऑफर भी निवेशकों को दे रही हैं. डिजिटल गोल्ड किसी ऐप से खरीदा जाता है और पार्टनर कंपनी की तिजोरी में रहता है. लेकिन, यह अनरेगुलेटिड है. पिछले साल ही सेबी ने डिजिटल गोल्ड को लेकर कंपनियों पर सख्ती की थी, जिसके बाद इसको काफी धक्का लगा है. किसी भी तरह का रेगुलेशन न होने के कारण डिजिटल गोल्ड में निवेश बहुत रिस्की है.
कितना लगता है टैक्स?
अगर आप सर्राफा बाजार से सोना लेते हैं तो आपको इस पर 3 फीसदी की दर से वस्तु एवं सेवा कर चुकाना होता है. जीएसटी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और ईटीएफ पर लागू नहीं होता. अगर आप 3 साल बाद सोने को बेचते हैं और आपको लाभ होता है तो आपको उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है. आपकी आय जिस टैक्स स्लैब में आती है, उसी अनुसार यह टैक्स लगता है. अगर आप सोना खरीदने के तीन साल से ज्यादा समय के बाद उसे बेचकर मुनाफा कमाते हैं तो आपको उस पर 20 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है. कैपिटल गेन्स टैक्स सर्राफा बाजार से खरीदे सोने और ईटीएफ पर चुकाना होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स से हुए मुनाफे पर यह टैक्स नहीं लगता है.
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गोल्ड में कैसे करें इन्वेस्ट, 5 तरीके हैं मौजूद
अगर कोई सोने में इन्वेस्ट करना चाहता है तो इसके 5 तरीके हैं- फिजिकल गोल्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बांड.
भारतीयों को सोना (Gold) हमेशा से लुभाता रहा है. फिर चाहे सोने की ज्वेलरी पहनकर इतराना हो या फिर इसे निवेश के माध्यम के रूप में देखना हो. अगर कोई सोने में इन्वेस्ट करना चाहता है तो इसके 5 तरीके हैं- फिजिकल गोल्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बांड. आइए जानते हैं इन 5 तरीकों से कैसे आप गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.
फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड यानी गोल्ड ज्वेलरी, गोल्ड बार या सिक्के. भारत में फिजिकल गोल्ड की खरीद काफी ज्यादा पॉपुलर है. कई लोग इसे सोने में इन्वेस्टमेंट का सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका मानते हैं. लेकिन याद रहे कि फिजिकल गोल्ड की खरीद पर 3 फीसदी जीएसटी लगता है. अगर आप गोल्ड ज्वैलरी के माध्यम से सोने में निवेश करना चाहते हैं तो बीआईएस हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी ही खरीदें. यह सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है.
गोल्ड ETF
आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं, हालांकि भारत में ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF ) आपकी कैपिटल को फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है और यह सोने की कीमत के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. गोल्ड ETF के तौर पर मिनिमम 1 ग्राम सोने में भी निवेश किया जा सकता है, निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है. गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी सोने में निवेश का एक तरीका है. यह गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है. म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी SIP शुरू कर सकते हैं. इससे 500 रुपये की छोटी रकम से भी सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है. SIP सोने में निवेश कैसे करें सोने में निवेश की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है. गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक आरबीआई, सरकार की ओर से जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज हासिल होता है. आमतौर पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का लॉक इन पीरियड 5 साल है और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है. निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा. कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.
डिजिटल गोल्ड
सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड का विकल्प भी है. कई बैंक, मोबाइल वॉलेट और ब्रोकरेज कंपनियों ने MMTC-PAMP या सेफगोल्ड के साथ साझेदारी की हुई है. इसी की मदद से वे डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा देते हैं. डिजिटल गोल्ड में छोटे-छोटे अमाउंट में सोने में पैसा लगा सकते हैं. डिजिटल तरीके से 24 कैरेट यानी 99.99 फीसदी शुद्ध सोना डिजिटली सुरक्षित रखा जा सकता है, जब चाहे इसे बेचा जा सकता है और चाहें तो फिजिकल फॉर्म में यानी बिस्किट, कॉइन या ज्वेलरी के रूप में डिलीवरी भी पाई जा सकती है. डिजिटल फॉर्म में 1 रुपये में भी सोना खरीदा जा सकता है. Paytm, Google Pay और PhonePe यूजर्स को डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री की सुविधा दे रहे हैं.
सोने में निवेश के इन 3 तरीकों के बारे में जान लें, होगा फायदा
ज्वैलर्स, बैंक, ऑनलाइन स्टोर, एनबीएफसी इत्यादि से सोने के सिक्के या बिस्कुट खरीदकर आप फिजिकल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जारी करती है. जब कभी इसके इश्यू को जारी किया जाता है, निवेशक एसजीबी को सब्सक्राइब कर सकते हैं. निवेशक 1 ग्राम के डीनॉमिनेशन में इसमें निवेश कर सकते हैं. अलॉटमेंट पर उन्हें गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट दिया जाता है. भुनाते समय निवेशक को सोने का मूल्य प्राप्त होता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्याज का भुगतान किया जाता है. जब एसजीबी का इश्यू खुलता है, तो निवेशक बैंक की ब्रांच, पोस्ट ऑफिस, अधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों में इसमें सीधे या अपने एजेंटों के जरिये अप्लाई कर सकते हैं.
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में निवेश किया जा सकता है. गोल्ड ईटीएफ की यूनिटें स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती हैं. आप वहां से इन यूनिटों को खरीद सकते हैं. इनका मूल्य सोने की कीमतों की तर्ज पर होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.
किन बातों का रखें ध्यान?
-फिजिकल गोल्ड कॉइन खरीदने के साथ मेकिंग चार्ज लगता है.
-अनुभवी निवेशक गोल्ड फ्यूचर और ऑप्शंस का इस्तेमाल करके कमोडिटी एक्सचेंज के जरिये सोने में निवेश कर सकते हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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