स्मार्ट मनी

स्मार्ट मनी इंडेक्स
स्मार्ट मनी इंडेक्स (एसएमआई) या स्मार्ट मनी फ्लो इंडेक्स एक तकनीकी विश्लेषण संकेतक है जो निवेशकों की भावना को प्रदर्शित करता है। इंडेक्स का आविष्कार और लोकप्रिय मनी मैनेजर डॉन हेज़ ने किया था। [१] संकेतक इंट्रा-डे मूल्य पैटर्न पर आधारित है। [2]
मुख्य विचार यह है कि अधिकांश व्यापारी (भावनात्मक, समाचार-चालित) व्यापारिक दिन की शुरुआत में रातोंरात समाचार और आर्थिक डेटा के कारण अतिरंजना करते हैं। बाजार के ऑर्डर और ओपनिंग में शॉर्ट कवरिंग पर भी काफी खरीदारी हो रही है। इसलिए, मूल रणनीति सुबह की कीमत प्रवृत्ति के खिलाफ शर्त लगाने और शाम की कीमत प्रवृत्ति के साथ शर्त लगाने की है। एसएमआई की गणना कई बाजारों और बाजार सूचकांकों ( एस एंड पी 500 , डॉव जोन्स , आदि) के लिए की जा सकती है।
उदाहरण के लिए, एसएमआई कल 10000 पर बंद हुआ। आज के कारोबार के पहले 30 मिनट के दौरान, डॉव जोन्स ने कुल 100 अंक प्राप्त किए हैं। आखिरी घंटे के दौरान डाउ जोंस में 80 अंक की गिरावट आई है। तो, आज का एसएमआई 10000 - 100 + -80 = 9820 है।
एसएमआई कोई स्पष्ट संकेत नहीं भेजता है कि बाजार में तेजी है या मंदी। प्रवृत्ति के बारे में संकेत देने वाले कोई निश्चित निरपेक्ष या सापेक्ष रीडिंग भी नहीं हैं। व्यापारियों को बाजार के सापेक्ष एसएमआई की गतिशीलता को देखने की जरूरत है। यदि, उदाहरण के लिए, बाजार गिरने पर एसएमआई तेजी से बढ़ता है, तो इस तथ्य का मतलब होगा कि स्मार्ट पैसा खरीद रहा है, और बाजार जल्द ही एक अपट्रेंड में वापस आ जाएगा। विपरीत स्थिति भी सत्य है। एक तेजी से बाजार के दौरान तेजी से गिरने वाले एसएमआई का मतलब है कि स्मार्ट पैसा बिक रहा है और वह बाजार जल्द ही एक डाउनट्रेंड में वापस आ जाएगा। इसलिए, एसएमआई एक प्रवृत्ति-आधारित संकेतक है।
ये टॉप एप्स बचा सकते हैं कॉलेज स्टूडेंट्स की मनी
कॉलेज के दिनों में अक्सर स्टूडेंट्स ‘मनी क्रंच’ अर्थात धन के अभाव का सामना करते हैं. ऐसे में अगर उन्हें कुछ ऐसे एप्स की जानकारी मिल जाए जो उनकी मनी बचा सकते हैं तो मानो ‘सोने पे सुहागा’. इस आर्टिकल में पढ़ें यह खास जानकारी.
कॉलेज के दिनों में अक्सर अधिकतर स्टूडेंट्स ‘मनी क्रंच’ अर्थात धन के अभाव का सामना करते हैं. पढ़ाई-लिखाई, घूमने-फिरने और फैशनेबल ड्रेसेस आदि की वजह से उनके खर्च कई होते हैं लेकिन पॉकेट मनी या रुपये कम. ऐसे में, अधिकतर कॉलेज स्टूडेंट्स को प्रत्येक महीने अपने बजट या पॉकेट मनी के मुताबिक अपने खर्च को सीमित रखना अच्छी-खासी चुनौती बन जाता है. स्टूडेंट्स अपने कुछ रुपये बचाने के लिए सबसे सस्ते स्टोर्स से शॉपिंग करना चाहते हैं या फिर, अक्सर शॉपिंग करने के दौरान ‘स्टूडेंट डिस्काउंट’ पाने की तलाश में रहते हैं. लेकिन क्या कभी यह आपके मन में आया है कि आप धन बचाने का बढ़िया साधन हमेशा अपने साथ लेकर घूम सकते हैं. नहीं ना. आप ऐसा कुछ नहीं सोच पाये. अच्छा. तो इस बात को लेकर आपको अपने दिमाग में प्रेशर डालने की कोई जरूरत नहीं है. हम जिस साधन की बात कर रहे हैं, वह और कुछ नहीं बल्कि आपका अपना स्मार्ट फ़ोन ही है. हां! सच में वही स्मार्ट फ़ोन जिसके बिना आजकल के युवा अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. आप चाहे यकीन करें या नहीं, आपका स्मार्ट फ़ोन धन बचाने के उपायों या ट्रिक्स का भंडार है. आपके स्मार्ट फ़ोन से वास्तव में ढेरों रुपये की बचत करवाने वाले एप्स उपलब्ध हैं. यहां स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध कुछ उम्दा रुपये की बचत करने वाले एप्स पेश किये जा रहे हैं. आइये इनके बारे में जानते हैं.
कॉलेज स्टूडेंट्स इन बढ़िया एप्स की मदद से बचा सकते हैं अपनी मनी
एपिक्युरिअस (Epicurious)
आपकी बचत को निगल जाने वाले सबसे बड़े दोषियों में से एक रोजाना आपकी बाहर खाने-पीने की आदत है. लेकिन कितना अच्छा हो अगर आप रोज़-रोज़ अपने घर पर ही अपने खाने-पीने के लिए कुछ नया बना सकें. एपिक्युरिअस हर बार आपको भूख लगने पर किसी रेस्टोरेंट में खाना आर्डर करने की मुसीबत से बचाता है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि आपको अपनी रेसेपीज तैयार करने में भी यह मदद करता है. इस एप में 35,000 से ज्यादा रेसेपीज आपके लिए उपलब्ध हैं जिनमें से आप अपनी पसंद की कोई भी रेसेपी ढूंढ सकते हैं और इसकी सबसे अच्छी बात तो यह है कि आप अपनी रसोई में मौजूद सामान के आधार पर अपनी रेसेपी या भोजन/ व्यंजन को बना सकते हैं क्योंकि इन रेसेपीज में डिफिकल्टी लेवल और कई ऐसे ही जरुरी फैक्टर्स को आपकी सुविधा के लिए शामिल किया गया है.
हॉपर (Hopper)
कॉलेज लाइफ का मतलब अपने घर परिवार से दूर किसी दूसरे शहर में या फिर कभी-कभी तो किसी दूसरे देश में भी रहना हो सकता है. इसका सीधा-सा एक अर्थ अपने घर आते वक्त महंगी फ्लाइट टिकट्स बुक कराना है. अधिकांश स्टूडेंट्स महीनों पहले टिकट्स तलाशना शुरू कर देते हैं ताकि उन्हें कम कीमत पर टिकट मिल सके. लेकिन कितना अच्छा हो कि कोई एप आपको फ्लाइट टिकट्स पर बेस्ट डील्स तलाशने की इस सारी मुसीबत से बचा दे. यह आपके प्लान के अनुसार आपकी मदद करता है और आपके काफी रुपये भी बचाता है. इस एप को इस्तेमाल करने की सबसे अच्छी खूबी तो यह है कि यह केवल आपको फ्लाइट के सबसे सस्ते टिकट्स के बारे में ही नहीं बताता है बल्कि आपको टिकट की संभावित कीमत की भी अग्रिम सूचना दे देता है. आप हॉपर पर भरोसा कर सकते हैं और यह आपको टिकट खरीदने का सही टाइम भी बता सकता है.
इन बातों को फ़ॉलो करके कॉलेज के दिनों में कम बजट से होगा गुजारा
मनी लवर
धन की बचत करने का मतलब सिर्फ अपने खर्चों में कटौती करना ही नहीं होता है बल्कि अपने खर्च का प्रबंध करना भी होता है. मनी ट्रैकर एक ऐसा ही एप है जो आपके खर्च का हिसाब रखता है. आप आसानी से अपने खर्चों और बचत को इस एप की मदद से मैनेज कर सकते हैं. यह आपके खर्च को कई केटेगरीज में रखता है ताकि आप आसानी से यह देख सकें कि कहां आपका कितना रूपया खर्च हुआ है और जरूरत पड़ने पर आप उन खर्चों को कम कर सकते हैं.
कॉलेज आर्ट स्टूडेंट्स के लिए एक्स्ट्रा मनी कमाने के कुछ कारगर टिप्स
क्राउन इट
जिन लोगों को बाहर खाने पर जाना पसंद है, उनके लिए यह एप किसी वरदान की तरह है. अगर आपने अभी तक यह एप डाउनलोड नहीं किया है तो आप इसे तुरंत डाउनलोड कर लें. इस एप को इस्तेमाल करना बहुत आसान है, जब कभी आप बाहर खाने पर जायें तो इस एप पर खाने की जगह तलाश करें. जब आप अपना बिल चुका दें तो इसकी एक पिक्चर क्लिक करके इस एप पर अपलोड कर दें. जब आपका अपलोड किया हुआ बिल अप्रूव हो जायेगा तो आपको अपनी बिल राशि का 50% केश बेक मिलेगा. इन पॉइंट्स को इकट्ठा करें और बाद में शॉपिंग करते समय आप इनका लाभ उठा सकते हैं.
पटना : बिजली उपभोक्ताओं को राहत, स्मार्ट मीटर के लिए नहीं लगेगी सिक्योरिटी मनी
पटना- बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है. अब बिहार में लग रहे स्मार्ट बिजली मीटर में लोगों को अलग से सिक्यूरिटी मनी नहीं देनी होगी. मिली जानकारी के मुताबिक, जिन उपभोक्ताओं का पहले से मीटर लगा है, वही सिक्यूरिटी मनी स्मार्ट मीटर में भी एडजस्ट हो जाएगी. यह फैसला बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने किया है.
बताते चलें कि बीते दिनों बिजली कंपनी की ओर से सिक्यूरिटी मनी को लेकर विनियामक आयोग के समक्ष याचिका सौंपी गई थी. जिसमें कंपनी की दलील थी कि सिक्यूरिटी मनी आम मीटर के लिए ली गई थी. इसलिए स्मार्ट मीटर के लिए सिक्यूरिटी मनी का अलग प्रावधान होना चाहिए. साथ कंपनियों ने अप्रैल 21 से ही इस व्यवस्था को लागू करने का अनुरोध किया था, लेकिन आयोग ने कंपनी के इस याचिका को खारिज कर दिया.
बताते चलें कि आयोग के इस फैसले से बिहार के डेढ़ करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है. यानि, अब उपभोक्ता उपभोक्ता बेफिक्र होकर स्मार्ट मीटर लगा सकते हैं. साथ ही आपको बताते चलें कि नए नियम में एक अप्रैल से स्मार्ट मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं को तीन फीसदी की रियायत भी मिल रही है. कंपनी अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट मीटर को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की ओर से उपभोक्ताओं को कई रियायतें दी जा रही है.
कोरोना में बच्चों को पॉकेट मनी कैश की बजाए ऑनलाइन देने के लिए बना दिया एप, अब करोड़ों यूजर
पेटीएम में काम करने वाले अंकित गैरा ने नौकरी छोड़ बनाया जूनियो एप, पैरेंट और बच्चे दोनों कर पसंद
- News18Hindi
- Last Updated : April 20, 2021, 06:03 IST
नई दिल्ली. पेटीएम, गूगल पे, अमेजन पे से लेकर तमाम यूपीआई का हम इस्तेमाल कर रहे हैं. कोरोना के दौर में इनकी लोकप्रियता और बढ़ी है. लेकिन जब सवाल बच्चों के जब खर्च देने का हो तो वो कैश दिया जाता है. इसी दिक्कत को समझा अंकित गैरा (Ankit Gera) ने.
कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन के बीच अंकित ने जूनियो एप (Junio) के जरिए बच्चों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन शुरू करने की आदत डलवाई. यह ऐसा एप थे जिसमें बच्चे ऑनलाइन खर्च कर सकते है, लेकिन भुगतान की ताकत माता-पिता के पास होती थी. हर लेनदेन के लिए, ओटीपी माता-पिता को ही डालना होता था. न्यूज18 ने जूनियो एप के को-फाउंडर अंकित गैरा से बात की. पेश है उनसे बातचीत के चुनिंदा अंश.
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सवाल : बच्चों की पॉकेट मनी के लिए स्मार्ट कार्ड जैसा अनूठे कॉन्सेप्ट संस्थापकों के मन में कैसे आया?
जवाब : बच्चों द्वारा बहुत सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन शुरू किए जा रहे थे, लेकिन भुगतान करने की ताकत माता-पिता के पास ही थी. बच्चों के पास भुगतान करने का समर्पित साधन नहीं था और माता-पिता के पास अपने बच्चों को डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए निगरानी रखते हुए टेंशन फ्री होकर पैसे देने का आवश्यक उपकरण नहीं था. इन सब बातों ने हमें इस तरह का कॉन्सेप्ट लाने में मदद की.
सवाल : यह कैसे काम करता है?
जवाब : सरल शब्दों में, जूनियो माता-पिता के लिए अपने बच्चों को डिजिटल रूप से पॉकेट मनी देने का एक तरीका है. बच्चों के लिए, कार्ड, यूपीआई, क्यूआर कोड स्कैनर, आदि जैसे कई पेमेंट उपकरण हैं, जिनका उपयोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है. माता-पिता 99 रुपए की सब्सक्रिप्शन फी देकर जूनियो ऐप पर कार्ड ऑर्डर कर सकते हैं. जूनियो कार्ड, डेबिट कार्ड से मिलता जुलता है और उसी की तरह काम भी करता है, लेकिन बैंक खाता खोलने के झंझट के बिना. इसे माता-पिता द्वारा रिचार्ज किया जा सकता है.
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सवाल : इस विचार को गढ़ने से लेकर अब इसे लॉन्च करने तक की यात्रा कैसी रही है?
जवाब : एक विचार के रूप में जूनियो की कल्पना अक्टूबर 2020 में की गई थी. इसके स्मार्ट मनी कुछ महीनों बाद मार्च (2021) में हमने इसे लॉन्च किया. हमें समझ में आया कि जूनियो के रूप में इस तरह के कॉन्सेप्ट की जरूरत हमेशा से ही थी. वहीं इस बीच कोविड के व्यवहार में आए बदलाव ने इस मांग को और बढ़ा दिया. हमारा मानना है कि ई-लर्निंग और गेमिंग के अलावा, भविष्य में बच्चे के मन में अपने स्वयं के पेमेंट और ट्रांजेक्शन के मालिक बनने का विचार आएगा.
सवाल : जूनियो जैसे फिनटेक के माध्यम से बच्चों में वित्तीय साक्षरता (फाइनेंशियल लिटरेसी) कैसे लाई जा सकती है?
जवाब : हमारा मंच वित्तीय साक्षरता, पैसा कमाने और उसे मैनेज करने के बेसिक कॉन्सेप्ट पर केंद्रित है. माता-पिता ऐप पर बच्चों को घरेलू काम दे सकते हैं और उसे पूरा करने पर बच्चों को कुछ पैसे दे सकते हैं. जूनियो ऐप इंटर एक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए बच्चों को पैसे के मूल भी सिखाता है ताकि उन्हें समझ आए कि कमाई करना कितना मुश्किल है. यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों को अच्छा वित्तीय व्यवहार थोड़ा जल्दी सिखाया जाए.
सवाल : बीते एक साल में क्या चुनौतियां और अवसर आए हैं?
जवाब : महामारी के दौरान डिजिटल में काफी विस्तार हुआ है और ट्रांजेक्शन के लिए यह सबसे कॉमन तरीका बन गया है. जैसे डिमोनेटाइजेशन ने लोगों को बड़े पैमाने पर डिजिटल भुगतान करने के लिए जोर दिया, वैसे ही महामारी ने एडटेक, ऑनलाइन शॉपिंग और यहां तक कि बड़े पैमाने पर ट्रांजेक्शन को भी बढ़ावा दिया है. जेनरेशन जेड, जो हमेशा ही अधिक रूप स्मार्ट मनी से डिजिटल की तरफ झुका हुआ था पिछले 12 महीनों के दौरान वह अधिक डिजिटल बन गया है.
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सवाल : बच्चों के लिए फिनटेक का भविष्य क्या हो सकता है?
जवाब : बच्चों के लिए फिनटेक का भविष्य आशाजनक है. प्रारंभिक स्तर पर जब बच्चे अपने फाइनेंस की योजना बनाने के साथ-साथ अन्य सरल और आवश्यक बैंकिंग कार्यों को सीखते हैं तो यह उन्हें एक अच्छी शुरुआत देता है और उन्हें भविष्य के लिए तैयार भी करता है. व्यावसायिक पक्ष में, अधिक से अधिक डिजिटल रूप से जागरूक बच्चे लाकर फिनटेक बच्चों को एक महत्वपूर्ण वादा करता है. यह फिलहाल ग्रीनफील्ड की तरह है. इसके अलावा इसमें निवेशक की अधिक रुचि है और अतिरिक्त फंडिंग प्रोडक्ट के विकास, वितरण और मार्केटिंग आदि के लिए अधिक मदद प्रदान करता है.
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सवाल : पेटीएम से आप लोगों को क्या सीख मिली?
जवाब : पेटीएम में हमें पता चला कि सहयोग में बड़ी शक्ति है. हमने पेटीएम कैश रिडम्पशन के रूप में 100 से अधिक ब्रांडों के साथ स्मार्ट मनी मिलकर उपभोक्ता प्रचार पर काम किया. यह सभी के लिए एक जीत है, न कि शून्य राशि का खेल. पेटीएम की जर्नी का हिस्सा होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमने किसी ने नजदीकी तिमाहियों में बड़े पैमाने पर देखा है. जब तक कोई इस यात्रा का हिस्सा न हो, वह उस पैमाने की कल्पना भी नहीं कर सकता. हमने विकास देखा है और देखा है कि कैसे एक ब्रांड का नाम उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है, जैसे कि पेटीएम या गूगल. इसके लिए, कई तत्वों को एक साथ आने की आवश्यकता है जैसे की ब्रांडिंग, विकास, तकनीक और रिश्ते. लेकिन वह अभी भी सफलता की गारंटी नहीं देते. एक ही इनपुट के लिए, कभी-कभी आउटपुट बेहद अलग हो सकते हैं. लेकिन यह क्या करता है बाधाओं को हमारे लिए बेहतर बनने के लिए. एक पिछला अनुभव हमें उन अवसरों को देखने में मदद करता है जो भविष्य में संभवत: बड़े बन सकते है. पेटीएम से एक और महत्वपूर्ण सीख यह है कि मजबूत तकनीक और उत्पाद का कोई विकल्प नहीं है. अपटाइम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लेनदेन की सफलता दर 100 प्रतिशत के करीब होनी चाहिए. वर्ना, उपयोगकर्ताओं इसे छोड़ देंगे.
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