बाजार का समय

युक्ता ने बाजार जाते समय अपनी गति को वास्तविक गति के 5/6 वें भाग तक कम कर दिया और 20 मिनट देरी से पहुंची। बाजार तक पहुंचने के लिए उसका वास्तविक समय ज्ञात कीजिये।
IIAF Group Y Provisional Select List released for 01/2022 intake. The Indian Airforce Group Y notification has also been released for Aginveevayu 01/2023. Interested candidates can apply online between 7th November to 22nd November 2022. The Air Force Group Y recruitment is open to both male and female candidates. Candidates will be selected on the basis of a three stage process including Online Written Test, Physical Fitness Test & Adaptability Test, and Medical Examination.
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शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय बढ़ने से किसे फायदा होगा?
पहले बाजार 9.45 बजे सुबह खुलता था, अभी वो 9 बजे खुलता है और 3.30 बजे बंद होता है
एक बार फिर देश के शेयर बाजारों में ट्रेडिंग का समय बढ़ने को लेकर चर्चा होने लगी है. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी और स्टॉक एक्सचेंज इस बारे में विचार कर रहे हैं. ऐसी खबरें हैं कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग का वक्त कम से कम डेढ़ घंटे और ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है.
इस बारे में कोई भी फैसला सेबी को करना है, लेकिन स्टॉक एक्सचेंज चाहते हैं कि बाजार में ट्रेडिंग का समय बढ़ाकर शाम 5 बजे या 7.30 बजे तक कर दिया जाए. वैसे तो अक्टूबर 2009 में सेबी ने एक्सचेंजों को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक शेयर मार्केट खोले जाने की मंजूरी दी थी. इसके बाद ट्रेडिंग का ओपनिंग टाइम तो सुबह 9 बजे कर दिया गया लेकिन ब्रोकरों के विरोध के कारण क्लोजिंग टाइम शाम 3.30 से आगे नहीं बढ़ाया गया.
पहले बाजार 9.45 बजे सुबह खुलता था, अभी वो 9 बजे खुलता है और 3.30 बजे बंद होता है. ट्रेडिंग के लिए समय 9.15 से 3.30 तक का रखा गया है. सुबह 9 से 9.15 तक का समय प्री-ओपनिंग सौदों के लिए होता है.
एक्सचेंज क्यों बढ़ाना चाहते हैं ट्रेडिंग का समय
एक्सचेंजों का कहना है कि ट्रेडिंग का समय बढ़ाने से ग्लोबल शेयर बाजारों के साथ भारतीय बाजारों का तालमेल बेहतर होगा. एक्सचेंजों की दलील है कि इससे ना सिर्फ विदेशी निवेशकों को भारत में ट्रेडिंग के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा, बल्कि कमोडिटी एक्सचेंजों के साथ भी बेहतर तालमेल हो सकेगा.
इसका फायदा ज्यादा सौदों और वॉल्यूम के रूप में दिखेगा. हालांकि एक्सचेंजों की इन दलीलों से सभी भारतीय ब्रोकर सहमत नहीं हैं. माना जा रहा है कि ट्रेडिंग का समय बढ़ाना बड़े ट्रेडर्स और ब्रोकरेज हाउस के लिए तो फायदेमंद रहेगा, लेकिन छोटे ब्रोकरेज हाउस को इससे नुकसान होगा. इसलिए छोटे ब्रोकरेज हाउस लगातार ट्रेडिंग का समय बढ़ाए जाने का विरोध करते रहे हैं.
छोटे ब्रोकर क्यों कर रहे हैं विरोध
छोटे ब्रोकरेज हाउसेज का कहना है कि कड़े मुकाबले और लगातार बढ़ रहे ऑटोमेशन की वजह से ब्रोकिंग का धंधा पहले से ही काफी दबाव में है. ऐसे में अगर ट्रेडिंग का समय बढ़ाया जाता है, तो इससे छोटे और मध्यम आकार के ब्रोकरों के लिए लागत बढ़ेगी और उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा. उन्हें न सिर्फ दो शिफ्टों में काम करना होगा, बल्कि स्टाफ की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी.
छोटे ब्रोकरों के मुताबिक बड़े ब्रोकरेज हाउस तो दूसरे काम-धंधों से कमाई कर लेते हैं, और उनके पूरे बिजनेस का सिर्फ 5-10% हिस्सा ही ब्रोकिंग से आता है. इसलिए उन्हें ट्रेडिंग का समय बढ़ाए जाने से दिक्कत नहीं है.
छोटे ब्रोकरों का ये भी कहना है कि स्टॉक एक्सचेंज सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं. ट्रेडिंग का समय बढ़ाने से विदेशी बाजारों से तालमेल बढ़ने की दलील में कोई दम नहीं है, क्योंकि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शेयर बाजार के खुलने का समय अलग-अलग है.
आने वाले समय में व्यापक बनी रहेगी बाजार की तेजी
अगले कुछ हफ्तों में होने वालीअमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक से पहले बाजार एकतरफा बढ़ रहा है। बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी संपत रेड्डी ने पुनीत वाधवा को दिए साक्षात्कार में कहा, हमें लगता है कि बढ़ते बाजार में मुनाफावसूली की स्वाभाविक प्रक्रिया देखने को मिलेगी, लेकिन बहुत बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है जब तक कि फेडरल रिजर्व और आक्रामक कदम न उठा ले। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश.
साल 2021 की बाकी अवधि के लिए बाजार को लेकर आपका क्या नजरिया है?
वैश्विक स्तर पर अतिरिक्त नकदी और उदार ब्याज दरों को देखते हुए बाजार को लेकर हम आशावादी हैं। महामारी से पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बकाया बैलेंस शीट का आकार दिसंबर 2019 में 4.2 लाख करोड़ डॉलर का था, जो दोगुना होकर 8.3 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। इसी तरह महामारी से पहले यूरोपियन सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट का आकार 4.7 लाख करोड़ यूरो का था, जो अब 8.2 लाख करोड़ यूरो हो गया है। यह नकदी उच्च जोखिम वाले परिसंपत्ति वर्गों (भारत जैसी उभरती इक्विटी समेत) को सहारा दे रही है। हमें लगता है कि चढ़ते बाजार में मुनाफावसूली की स्वाभाविक प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन बहुत ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं है जब तक कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और आक्रामक न हो जाए।
क्या बाजार अगले कुछ महीनों में और ध्रुवीकृत हो जाएगा?
हम बाजार की तेजी का स्तर और व्यापक होते हुए देख रहे हैं और लार्जकैप की ओर भी रुझान दिख रहा है, जो पहले नहीं था। एक साल में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स के मुकाबले निफ्टी का कमजोर प्रदर्शन करीब 25 फीसदी रहा है, वहीं पिछले तीन महीने में यह करीब 2 फीसदी रहा, जो संकेत देताहैकि हालिया तेजी में लार्जकैप की भागीदारी हुई है। हमें उम्मीद है कि यह जारी रहेगा और जो सेक्टर छूट गए थे वे भी भागीदारी करेंगे। इसकी वजह यह है कि कोविड से जुड़ी अनिश्चितता का बड़ा हिस्सा अब पीछे छूट गया है और निवेशकों का आत्मïिवश्वास बढ़ रहा है।
आपकी राय में यहां से कौन से क्षेत्र तेजी की अगुआई करेंगे?
हाल में बैंंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन कमजोर रहा है और 6 महीने का रिटर्न करीब 2 फीसदी रहा जबकि निफ्टी-500 इंडेक्स का करीब 17 फीसदी। इसकी मुख्य वजह पहली तिमाही में अनुमान से ज्यादा गैर-निष्पादित आस्तियां हैं। हमें उम्मीद है कि यह क्षेत्र अपना योगदान देना शुरू करेगा क्योंकि हमें लगता है कि एनपीए का दबाव घटेगा।
क्या आप अपने पोर्टफोलियो के किसी एक क्षेत्र की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं?
हम पूरी तरह से निवेशित बने हुए हैं और बेहतर मौके पर निवेश के लिए हमारे पास नकदी का स्तर करीब 5 फीसदी पर सीमित है। हम व्यापक बाजार के संकेतों मसलन आय की रफ्तार, मूल्यांकन व नकदी के मानकों पर नजर रखे हुए हैं और हमारा इरादा पोर्टफोलियो के प्रबंधन को लेकर फुर्तीला बने रहने का है। अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ बाजार में तेजी का आधार व्यापक बना रहेगा। हालांकि हम आईटी व मेटल जैसे क्षेत्रों पर ओवरवेट बने हुए हैं।
वाहन क्षेत्र के शेयरों पर आपका क्या रुख है?
विभिन्न विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर हमारा मानना है कि यह स्थिति छह महीने बनी रहेगी, जिसके बाद बेहतर स्पष्टता सामने आएगी। खास तौर से दोपहिया वाहन निर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों से प्रतिस्पर्धात्मक चुनौतियों का सामना करना होगा। इसकेचलते हम इस क्षेत्र को लेकर सतर्क हैं और मूल उपकरण विनिर्माताओं के मुकाबले वाहन कलपुर्जा कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं।
भारतीय शेयर बाजार का समय क्या होता है?
दोस्तों जब भी कोई नया इन्वेस्टर या ट्रेडर्स शेयर बाजार में पहली बार बाजार का समय निवेश करने आता है तो सबसे बड़ा कंफ्यूजन यही होता है की शेयर मार्केट कब खुलता है और कब बंद होता बाजार का समय है। क्या हम अपने सुविधानुसार कभी भी कोई भी शेयर खरीद या बेच सकते हैं। तो इसका जवाब है नहीं आपको एक निश्चित समय में ही शेयर बाजार में निवेश करना होगा।
तो आज के इस पोस्ट में हम इसी निश्चित समय के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं। तो दोस्तों भारतीय शेयर बाजार के खुलने और बंद होने का समय निर्धारित होता है। और आज हम इस पोस्ट में यही जानने वाले हैं कि शेयर बाजार के खुलने का और बंद होने का समय क्या है? तो चलिए आज का यह पोस्ट प्रारंभ करते हैं।
Post Market 3:40PM बजे से 4:00PM बजे के बीच निर्धारित किया गया है।
Currency Market के ओपन होने का समय 9:00AM बजे से Currency Market क्लोज़ होने का समय 5.00PM बजे है।
Exchange Trading सप्ताह में 5 दिन होती है (शनिवार और रविवार को छोड़कर और Exchange की छुट्टियों को छोड़कर)।
Order Entry और Modification के लिए 09:00AM से 09:08AM के बीच Pre Open का समय निर्धारित होता है।
Pre Open ऑर्डर का मिलान Pre Open ऑर्डर एंट्री के बंद होने के तुरंत बाद शुरू हो जाता है।
नियमित ट्रेडिंग Equity, Future & Option का समय मार्केट ओपन 09:15 AM से मार्केट क्लोज़ 3:30 PM तक होता है।
AMO (After Market Order) मार्केट ऑर्डर के बाद का समय क्या है?
NSE और BSE EQ का समय 4:05pm से 12:00am और 5:00am से 8:58am तक होता है।
Future & Option का समय 3:31pm से 12:00am और 5:00am से 9:13am तक होता है।
CDS currency का समय 5:01pm से 12:00am और 5:00am से 8:58am तक होता है।
MCX Commodities का समय 5:00am से 8:58am तक होता है।
कृपया ध्यान दें AMO Order Pre-Open Session मैं दिए जाते हैं।
इन्हें भी पढ़ें :
सावधानियां :
दोस्तों शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिमों के अधीन हैं। निवेश करने से पहले सभी संबंधित दस्तावेज को ध्यान से पढ़ लें।
दोस्तों अब अंत में मैं आपसे जानना चाहता हूं की मेरे द्वारा लिखा गया यह पोस्ट शेयर बाजार का समय क्या होता है? share market timings in hindi आपके लिए कितना Helpfull रहा। और यदि आपका इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो Comment Section में जरूर लिखियेगा धन्यवाद!
Share Market Update Today: हल्की बढ़त पर खुला बाजार, सेंसेक्स 40 अंक उछला, निफ्टी 18334 पर
Share Market Update Today: सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त पर खुला है। हालांकि कुछ समय में बाजार में गिरावट आ गई और दोनों इंडेक्स लाल निशान पर आ गए।
Share Market Update Today (सोशल मीडिया)
Share Market Update Today: ग्लोबल मार्केट से मिले जुले संकेतों का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखाई पड़ा रहा है। बाजार आज दबाव में है। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार फ्लैट पर खुला (हल्की बढ़त) है। यह दूसरा कारोबारी दिन है, जब बाजार का समय बाजार मामूली बढ़त पर खुला है। बाजार के दोनों इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर खुले। सुबह 9.30 बजे BSE का सेंसेक्स 40. 94 अंक या 0.07 फीसदी की बढ़त के साथ 61,665.09 के स्तर पर खुला, जबकि NSE का निफ्टी 5.45 अंक या 0.03 फीसद की उछाल के साथ 18,334.60 पर जाकर खुला।
हालांकि खबर लिखे जाने तक बाजार में गिरावट आ गई है। सेंसेक्स 147 अंक और निफ्टी 39 अंक लुढ़क गया है और दोनों इंडेक्स लाल निशान पर आ गए हैं।
ऑटो इंडेक्स में तेजी
सुबह के कारोबार में शेयरों की खरीदारी में मिला जुला असर दिखाई दे रहा है। निफ्टी के प्रमुख इंडेक्सों में सबसे अधिक तेजी ऑटो इंडेक्स में रही है और यह 0.67 फीसदी मजबूत हुए हैं। बैंक, फार्मा, फाइनेंशियल इंडेक्सों में भी बढ़त है। यह सभी आधे फीसदी से अधिक मजबूत हुई हैं,जबकि आईटी और एफएमसीजी इंडेक्स में गिरावट आई है। इसमें सबसे अधिक गिरावट 0.77 फीसदी आईटी इंडेक्स में आई है। उसके बाद एफएमसीजी इंडेक्स 0.34 फीसदी टूटे हैं। रियल्टी इंडेक्स भी टूटे हैं, जबकि मीडिया इंडेक्स हरे निशान पर हैं।
टॉप गेनर्स व लूजर्स
टॉप गेनर्स की लिस्ट में ONGC, Hero MotoCorp, UltraTech Cem., ICICI Bank, Dr. Reddys, SBI और Divis Labs हैं। वहीं, टॉप लूजर्स की लिस्ट में Coal India Ltd, ITC, Tech Mahindra, TCS, Grasim Inds., HDFC Life और Sun Pharma कंपनियां बाजार का समय है।
प्रमुख एशियाई बाजारों में रौनक
घरेलू बाजार में जहां दबाव बना हुआ है तो वहीं आज प्रमुख एशियाई बाजारों में खरीदारी बाजार का समय है। SGX Nifty 0.32 फीसदी, निक्केई 0.12 फीसदी, स्ट्रेट टाइम्स 0.70 फीसदी और हैंगसेंग 1.97 फीसदी की बढ़त पर हैं। इसके अलावा ताइवान वेटेड 1.57 फीसदी की तेजी आई है,जबकि कोस्पी 0.08 फीसदी कमजोर साबित हुए हैं। वहीं, शंघाई कंपोजिट में 0.44 फीसदी तेजी आई है।
अमेरिकी बाजार गिरकर बंद
वहीं, अमेरिकी बाजारों में गिरावट आई है। सोमवार को Dow Jones 211 अंक गिरकर बंद हुआ है। S&P 500 इंडेक्स में 35.68 फीसदी कमजोरी के साथ 3,957.25 पर बंद हुआ है। जबकि Nasdaq 1 फीसदी की गिरावट पर बंद हुआ है।
सोमवार को ऐसा था बाजार का हाल
बीते सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट पर बंद हुआ था। सोमवार को सेंसेक्स 171 अंकों की गिरावट रही है और यह 61,624 के लेवल पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 21 अंक लुढ़कर 18329 के स्तर पर बंद हुआ था।