करेंसी ट्रेड

क्या है क्रिप्टो करैंसी

क्या है क्रिप्टो करैंसी
cryptocurrency

Cryptocurrency Bill: भारत में क्रिप्टो पर लगेगा बैन, जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल, कैसे इस पर काबू पाएगी सरकार?

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन को लेकर आजकल आए दिन कईं खबरें सुनने को मिल रही हैं। आपकी तिजौरी में पड़े लाखों करोड़ों की सेविंग्स से ज्यादा इस करेंसी की चर्चा हो रही है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। लगातार क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव को […]

November 24, 2021

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन को लेकर आजकल आए दिन कईं खबरें सुनने को मिल रही हैं। आपकी तिजौरी में पड़े लाखों करोड़ों की सेविंग्स से ज्यादा इस करेंसी की चर्चा हो रही है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने के लिए अब मोदी सरकार ने कमर कस ली है। लगातार क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव को लेकर अब सरकार की ओर से क्रिप्टो शिकंजा कसने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करेगी। बिल आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगी और भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाएगी। आपको बता दें कि यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है।

सरकार क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 के नाम बिल लेकर आ रही है। इस बिल के जरिए ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी। साथ ही इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना भी बनाएगी। आपको बता दें कि इसे लेकर 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी जिसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया था।

आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और इसका सारा लेनदेन कैसे होता है? क्या यह पूरी तरह से सेफ है? इन सब सवालों के जवाब अब हर कोई जानना चाहता है। तो चलिए आज हम आपको इस वीडियो में बताएंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है।

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जो डिजीटल होती है। यानि कि आप इसे न तो देख सकते हैं और ना ही आप इसे छू सकते हैं। यह सिर्फ डिजिटल रूप में होती है लेकिन देश की सरकारें इस करंसी के लिए कोई नोट या सिक्के जारी नहीं करती। यानि कि आप के पास कोई नोट या कोई सिक्का नहीं है और इसका सारा लेनदेन ऑनलाइन ही किया जाता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आपके पास कोई नोट या कोई सिक्का नहीं है तो ऐसे में ऑनलाइन लेन देन भी कैसे होगा तो आपको बता दें कि इस करेंसी का सारा लेन देन एक ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर के जरिए किया जाता है। यानि कि यह डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती है। और इसके लेनदेन को मैनेज करने के लिए डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।

जब भी आप क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कोई लेन देन करते हैं तो वह डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होता है। इतना ही नहीं इसके सारे लेन देन का क्रिप्टोग्राफी की मदद से रिकॉर्ड रखा जाता है और हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार किया जाता है।

आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है। यानि कि आप यूं कह लीजिए कि यह सारा काम ऐसे कंप्यूटर्स के जरिए होता है जो बेहद पावरफुल होते हैं। जिन पॉवरफुल कंप्यूटर्स द्वारा इसकी निगरानी रखी जाती है उसे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहते हैं और जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है उन्हें माइनर्स कहा जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके कोड तक को कॉपी करना भी नामुमकिन है।

बता दें कि वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे।

अब आपको बताते हैं क्या है क्रिप्टो करैंसी कि आखिर इसका लेन देन कैसे किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है। यानी कि आपने किसी के साथ कोई लेन देन किया तो उसकी जानकारी ब्लॉक में रख ली जाती है। ये सुनने के बाद आपके दिमाग में पहला सवाल ये आया होगा कि अगर इसकी जानकारी ब्लॉक में रखी क्या है क्रिप्टो करैंसी जाती है तो ये कितना सेफ है? तो इस पर भी आपको बता दें कि ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है। इसके लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए उचित हैश यानि कि कोड खोजा जाता है।

जब कोई माइनर या कोई शख्स जो माइनिंग कर रहा है वह सही हैश खोज लेता है तो ब्लॉक को सिक्योर क्या है क्रिप्टो करैंसी कर दिया जाता है और उसे ब्लॉकचेन से जोड़ दिया जाता है। इस सारे प्रोसेस को consensus कहा जाता है। यानि कि अगर consensus हो गया तो इसका अर्थ है कि ब्लॉक में सिक्योर होने की पुष्टि हो गई। और फिर इसके बाद सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन cryptocoin दे दिए जाते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी से आप सामान खरीद सकते हैं। आप इससे टरेड कर सकते हैं चाहे तो इन्वेस्ट भी कर सकते हैं लेकिन अपनी तिजोरी में नहीं रख सकते और न ही बैंक के लॉकर में रख सकते हैं क्योंकि यह डिजीट्स के रूप में ऑनलाइन रहती है।

बेशक आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी काफी नाम कमा रही है लेकिन इसके कईं नुकसान भी हैं जैसे कि पहला नुकसान

2. क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद रह क्या है क्रिप्टो करैंसी सकता है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है

3. इस करेंसी की कोई अथॉरिटी या कोई बॉडी ना होने के कारण आपको नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा कोई डर भी नहीं होता है

अब आपको बताते हैं उस बिटकॉइन के बारे में जो पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है। बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। कहा जाता है कि साल 2009 में Satoshi Nakamoto छद्म नाम के शख्स ने इसे बनाया था बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी पहले इतनी चर्चित नहीं थी। सालों पहले इसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजीटल करेंसी है। हालांकि शुरुआत में कईं देशों की तरफ से इसे अवैध करार दिया गया था लेकिन बाद में इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई।

इसका बड़ा कारण यह है कि इसमें रिटर्न अनुमान से कहीं ज्यादा मिलने लगा है। रिपोर्टस की मानें तो एक समय में जिस 10 हजार बिटकॉइन से महज 2 पिज्जा खरीदे जाते थे, अब उस एक बिटकॉइन की कीमत ही 17 लाख रुपये के आस-पास है। इसलिए अच्छे रिटर्न की आस में कई लोग बिटकॉइन को खरीदने में वास्तविक मुद्रा लगा रहे हैं।

जब भी क्रिप्टोकरेंसी का नाम लिया जाता है तो लोगों को सबसे पहला ख्याल बिटकॉइन का आता है लेकिन बिटकॉइन के अलावा भी बहुत सारी करेंसी हैं जिनता इस्तेमाल आप कर सकते हैं। जैसे कि एथेरियम (ETH), लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP)।

What is Cryptocurrency: जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी, भारत में होगी बैन, सरकार ला रही विधेयक

What is Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

Neel Mani Lal

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टो करेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

What is क्या है क्रिप्टो करैंसी Cryptocurrency: भारत में हर तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Kya Hai) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पेश करेगी। क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) का नाम 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021'(The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) है।

क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

सरकार को यह फ़ैसला महज़ इसलिए करना पड़ा रहा है क्योंकि इस तरह की करेंसी से न केवल ब्लैक मनी में इज़ाफ़ा होगा बल्कि यदि इन करेंसियों में लेन देन शुरू हुआ तो सरकार के कर राजस्व में बेहद कमी हो जायेगी।

हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में यह कहा गया है कि नई आए डेवलपिंग टेक्नोलॉजी और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए। यानी क्या है क्रिप्टो करैंसी कुछ प्राइवेट क्रिप्टो करेंसियों को इजाजत दी जा सकती है।

इसका आधार क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) के बारे में किसी भी तरह का पूर्व सत्यापन वाला रुख हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े खड़ा करेगा। क्योंकि ये करेंसियां नियामक निगरानी के दायरे से बाहर संचालित होने के कारण ही खूब फलती फूलती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

जानकारी के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी (digital currency) बनाने और जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाने की भी बात है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को मिल कर ये सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) गलत हाथों में न पड़े क्योंकि ऐसा होने पर वह हमारे युवाओं को बर्बाद करसकती है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrency kya hai in hindi

क्रिप्टो (Crypto) का मतलब है सीक्रेट, गोपनीय, छिपा हुआ। एक मतलब होता है किसी ग्रुप या अवधारणा से गुप्त रूप से जुड़ा होना। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ये दोनों मायने लागू होते हैं। ये सीक्रेट और गुप्त है ।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को एक डिजिटल मुद्रा भी कह सकते हैं जो कंप्यूटर की क्या है क्रिप्टो करैंसी गणना पर आधारित है। इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी होती बल्कि स्वतंत्र होती है।इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है, यानी क्रिप्टो को लेने या देने वाला गुप्त रहते हैं।

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को यूजर खुद ही बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको 'माइन' करना पड़ता है। माइन या मिन्टिंग दरअसल, कंप्यूटर में जटिल कैलकुलेशन होती है जिसके लिए बहुत ज्यादा बिजली और कंप्यूटर की जबरदस्त कंप्यूटिंग ताकत लगती है।

बहरहाल, यूजर को 'माइन' के लिए उन्हें कंप्यूटर गणना करने की क्षमता देनी होती है। इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन (Bitcoin) या क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मिलते हैं। इन क्रिप्टोकरेंसी को कॉइन एक्सचेंज (cryptocurrency coin market cap) में डॉलर या दूसरीमुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में भी इस्तेमालहोती है।

दरअसल, दुनिया भर में सरकारें लोगों के धन पर एक बड़ा प्रभाव डालती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा के अवमूल्यन, अर्थव्यवस्था के संकट और गोपनीयता जैसे मुद्दे उत्पन्न होते हैं। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के समर्थक क्रिप्टो स्पेस को एक ऐसी कुंजी मानते हैं जिसमें सरकार से औसत व्यक्ति तक पावर ट्रान्सफर होती है। सबको सामान प्लेटफार्म पर सामान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

क्रिप्टोकरेंसी इतिहास (Cryptocurrency History)

क्रिप्टोकरेंसी (news on cryptocurrency) के सैद्धांतिक पहलू 1980 के दशक की शुरुआत में ही मौजूद थे । तब भी जिसे पूर्व-बिटकॉइन युग कहा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के सैद्धांतिक पहलू को पहली बार पारंपरिक करेंसीयानी फिएट मनी की कमियों के समाधान के रूप में पेश किया गया था।

यह कहा गया कि पारंपरिक मुद्रा किसी बैंक, सरकार या अर्थव्यवस्था से नियंत्रित होती है, जिसे मैनीपुलेट किया जा सकता है। इसके विपरीत क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) का सिद्धांत सिर्फ गणितीय और कंप्यूटर-आधारित है जिसे कोई तोड़-मरोड़ नहीं सकता।

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news) का पहला प्रैक्टिकल स्वरूप अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने एक एल्गोरिथ्म विकसित किया जो वर्तमान में वेब-आधारित एन्क्रिप्शन की नींव के रूप में कार्य करता है।

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग के क्या हैं फायदे और नुकसान, सब कुछ जानें

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग ज्यादातर लोगों को अपने फंड को डिजिटल वॉलेट में रखने या इसे पारंपरिक पैसे खर्च करने की तरह खर्च करने की अनुमति देती है. लोग एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस का प्रबंधन कर सकते हैं.

cryptocurrency

cryptocurrency

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2021,
  • (Updated 14 नवंबर 2021, 11:59 AM IST)

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग

क्रिप्टो डेबिट कार्ड के जरिये कर सकते हैं खरीदारी

यूजर का वेरिफिकेशन जरूरी

देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का क्रेज बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. आकर्षक मुनाफा पाने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इसे देखते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो ट्रेड’ विषय पर एक व्यापक बैठक की. आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी और लोग इसकी तरफ क्यों आकर्षित हो रहे हैं, आइये जानते हैं.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट में रखा जाता है,जिनकी यूनीक कीज होती है. बिटकॉइन और अन्य डिजिटल सिक्के नकदी के बराबर हैं, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं. ये एक तरीके की वर्चुअल मुद्रा होती है, जिसका फिजिकल एक्सिस्टेंस नहीं होता है. डिजिटल मुद्रा को ब्लॉकचेन नामक एक बही प्रणाली द्वारा विकेंद्रीकृत किया जाता है और यह किसी बैंक या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होता.

मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध

क्रिप्टोकरेंसी के उदय और इसके नए युग के ब्लॉकचेन-आधारित तंत्र ने व्यापारियों, निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को शुरुआत में ही अपनी ओर आकर्षित कर लिया था. हालांकि, वर्चुअल मीडियम से पैसे खर्च करने में उन लोगों को थोड़ी परेशानी आती है जो खर्चे के लिए नकद या नोट का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. हाल के दिनों में, लोगों को बिटकॉइन और ऐसे अन्य डिजिटल सिक्कों को दिन-प्रतिदिन इस्तेमाल में मदद करने के लिए नई सेवाओं और प्लेटफार्मों की शुरुआत की गई है.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग को लेकर लोगों के मन में कई संशय होते हैं, क्योंकि डिजिटल सिक्के केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं होते हैं. एक्सचेंज कंपनियां और फर्म जो डिजिटल मुद्रा के प्रबंधन की सेवाएं प्रदान करती हैं, तकनीकी रूप से बैंक की तरह काम नहीं करती. क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग ज्यादातर लोगों को अपने फंड को डिजिटल वॉलेट में रखने या इसे पारंपरिक पैसे खर्च करने की तरह खर्च करने की अनुमति देती है. लोग एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस का प्रबंधन कर सकते हैं.

क्रिप्टो डेबिट कार्ड के जरिये कर सकते हैं खरीदारी

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग का मुख्य लाभ यह है कि एक्सचेंज प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को किसी भी अन्य मुद्रा की तरह डिजिटल कॉइन बैलेंस का उपयोग करने की अनुमति देता है. आप चाहें तो इसे निवेश के रूप में रखने के बजाय, दिन-प्रतिदिन निकासी और खरीदारी करने के लिए नकद की तरह इस्तेमाल में लाया जा सकता है. क्रिप्टो डेबिट कार्ड जिसे आमतौर पर बिटकॉइन डेबिट कार्ड के रूप में जाना जाता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म द्वारा जारी किए जाते हैं. ये प्रीपेड डेबिट कार्ड की तरह काम करते हैं.

यूजर का वेरिफिकेशन जरूरी

इन कार्ड्स में क्रिप्टोकरेंसी डाल कर ऑनलाइन और इन-स्टोर खरीदारी में इस्तेमाल में लाया जा सकता है. आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर क्रिप्टो कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए व्यक्तियों को एक खाता या डिजिटल वॉलेट बनाने की आवश्यकता होती है. कुछ प्लेटफॉर्म के लिए उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी(Know Your Customer) वेरिफिकेशन प्रक्रिया का उपयोग करके अपनी पहचान को वैलिडेट करने की आवश्यकता होती है.

What is Cryptocurrency: जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी, भारत में होगी बैन, सरकार ला रही विधेयक

What is Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

Neel Mani Lal

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टो करेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

What is Cryptocurrency: भारत में हर तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Kya Hai) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पेश करेगी। क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) का नाम 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021'(The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) है।

क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) पास हो जाने पर बिटकॉइन और एथेरेम (Bitcoin and Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

सरकार को यह फ़ैसला महज़ इसलिए करना पड़ा रहा है क्योंकि इस तरह की करेंसी से न केवल ब्लैक मनी में इज़ाफ़ा होगा बल्कि यदि इन करेंसियों में लेन देन शुरू हुआ तो सरकार के कर राजस्व में बेहद कमी हो जायेगी।

हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में यह कहा गया है कि नई आए डेवलपिंग टेक्नोलॉजी और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए। यानी कुछ प्राइवेट क्रिप्टो करेंसियों को इजाजत दी जा सकती है।

इसका आधार क्या होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) के बारे में किसी भी तरह का पूर्व सत्यापन वाला रुख हजारों क्रिप्टोकरेंसियों की राह में रोड़े खड़ा करेगा। क्योंकि ये करेंसियां नियामक निगरानी के दायरे से बाहर संचालित होने के कारण ही खूब फलती फूलती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

जानकारी के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी विधेयक (cryptocurrency bill) में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी (digital currency) बनाने और जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाने की भी बात है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को मिल कर ये सुनिश्चित करना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) गलत हाथों में न पड़े क्योंकि ऐसा होने पर वह हमारे युवाओं को बर्बाद करसकती है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrency kya hai in hindi

क्रिप्टो (Crypto) का मतलब है सीक्रेट, गोपनीय, छिपा हुआ। एक मतलब होता है किसी ग्रुप या अवधारणा से गुप्त रूप से जुड़ा होना। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ये दोनों मायने लागू होते हैं। ये सीक्रेट और गुप्त है ।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को एक डिजिटल मुद्रा भी कह सकते हैं जो कंप्यूटर की गणना पर आधारित है। इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता। यह किसी बैंक या सरकार से नहीं जुड़ी होती बल्कि स्वतंत्र होती है।इसे बिना पहचान जाहिर किए खर्च किया जा सकता है, यानी क्रिप्टो को लेने या देने वाला गुप्त रहते क्या है क्रिप्टो करैंसी हैं।

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को यूजर खुद ही बनाते हैं। इसके लिए उन्हें इनको 'माइन' करना पड़ता है। माइन या मिन्टिंग दरअसल, कंप्यूटर में जटिल कैलकुलेशन होती है जिसके लिए बहुत ज्यादा बिजली और कंप्यूटर की जबरदस्त कंप्यूटिंग ताकत लगती है।

बहरहाल, यूजर को 'माइन' के लिए उन्हें कंप्यूटर गणना करने की क्षमता देनी होती है। इसके बदले में उन्हें बिटकॉइन (Bitcoin) या क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मिलते हैं। इन क्रिप्टोकरेंसी को कॉइन एक्सचेंज (cryptocurrency coin market cap) में डॉलर या दूसरीमुद्राओं के बदले खरीदा भी जा सकता है। कुछ कारोबार में बिटकॉइन मुद्रा के रूप में भी इस्तेमालहोती है।

दरअसल, दुनिया भर में सरकारें लोगों के धन पर एक बड़ा प्रभाव डालती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा के अवमूल्यन, अर्थव्यवस्था के संकट और गोपनीयता जैसे मुद्दे उत्पन्न होते हैं। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के समर्थक क्रिप्टो स्पेस को एक ऐसी कुंजी मानते हैं जिसमें सरकार से औसत व्यक्ति तक पावर ट्रान्सफर होती है। सबको सामान प्लेटफार्म पर सामान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया)

क्रिप्टोकरेंसी इतिहास (Cryptocurrency History)

क्रिप्टोकरेंसी (news on cryptocurrency) के सैद्धांतिक पहलू 1980 के दशक की शुरुआत में ही मौजूद थे । तब भी जिसे पूर्व-बिटकॉइन युग कहा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के सैद्धांतिक पहलू को पहली बार पारंपरिक करेंसीयानी फिएट मनी की कमियों के समाधान के रूप में पेश किया गया था।

यह कहा गया कि पारंपरिक मुद्रा किसी बैंक, क्या है क्रिप्टो करैंसी सरकार या अर्थव्यवस्था से नियंत्रित होती है, जिसे मैनीपुलेट किया जा सकता है। इसके विपरीत क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news today in hindi) का सिद्धांत सिर्फ गणितीय और कंप्यूटर-आधारित है जिसे कोई तोड़-मरोड़ नहीं सकता।

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency news) का पहला प्रैक्टिकल स्वरूप अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने एक एल्गोरिथ्म विकसित किया जो वर्तमान में वेब-आधारित एन्क्रिप्शन की नींव के रूप में कार्य करता है।

रेटिंग: 4.50
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 131
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *