ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए

अधिकार तथा कर्तव्य दोनों का ही सम्बन्ध समाज से है। जब व्यक्ति समाज से स्वयं उनके अधिकारों के उपयोग मे मदद पहुंचाता है, तो वे कर्तव्य होते है।
कर्त्तव्य का अर्थ, परिभाषा, प्रकार
kartavya meaning in hindi;कर्तव्य एक दायित्व है। कर्तव्य की अवधारणा अधिकार की अवधारणा की पूरक है। किसी विशेष कार्य को करने या न करने के संबंध मे व्यक्ति के उत्तरदायित्वों को कर्तव्य कहा जा सकता है। अर्थात् समाज और राज्य द्वारा व्यक्ति से जिन कार्यों को करने की अपेक्षा की जाती है वे ही उसके कर्तव्य कहलाते है।
दूसरे शब्दों में " एक राज्य या समाज जिन उत्तदायित्वपूर्ण कार्यों को अपने नागरिकों द्वारा अनिवार्य रूप से किये जाने की आशा करते है और उनकी यह अपेक्षा होती है कि अच्छे नागरिक उपरोक्त कार्य समाज या राज्य मे करेंगे ही या उन्हें करना ही चाहिये, कर्तव्य कहलाते है। ये कर्तव्य प्रायः ऐच्छिक होते है। इन्हे संविधान द्वारा बाध्यकारी बनाया जा सकता है। परन्तु प्रायः इनकी अवहेलना करने पर दण्ड के प्रावधान बहुत कम राज्यों मे है।
कर्तव्य की परिभाषा (kartavya ki paribhasha)
बैनी प्रसाद के अनुसार " अधिकार और कर्तव्य को हम सही रूप मे देख सकते है। ये एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि कोई उनको अपनी दृष्टि से देखता है तो उसका अधिकार है और यदि कोई उन्हें दूसरी दृष्टि से देखे तो उसके कर्तव्य है।
हाॅबहाउस के अनुसार " अधिकार व कर्तव्य सामाजिक कल्याण की दशाएँ है। समाज के प्रत्येक सदस्य का इस कल्याण के प्रति दोहरा दायित्व है। अधिकार एक माँग है तो कर्तव्य दूसरी। मेरे अधिकार समाज के अन्य सदस्यों का कर्तव्य निर्धारित करते है और अन्य सदस्यों के अधिकार मेरे कर्तव्य को निर्धारित करते है।
कर्तव्यों को दो भागों मे बाँटा जा सकता है--
कर्तव्यों के प्रकार (kartavya ke prakar)
1. नैतिक कर्तव्य
नैतिक कर्तव्यों का आधार व्यक्ति की नैतिक चेतना है। इन कर्तव्यों का पालन व्यक्ति स्वतः करता है। यदि व्यक्ति इन कर्तव्यों का पालन ना करें तो राज्य ऐसा करने के लिए उसे बाध्य नही कर सकता और ना दण्डित कर सकता है।
2. वैधानिक कर्तव्य
ये वे कर्तव्य है, जिन्हें राज्य कानून बनाकर व्यक्ति को (जो राज्य मे रहते है) इनका पालन करने के लिये बाध्य कर सकता है। इनका पालन करना या न करना व्यक्ति की स्वेच्छा पर निर्भर नही करता है। इनका पालन न करने पर राज्य व्यक्ति को दण्डित भी कर सकता है। इनके निम्न उदाहरण है--
1. सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा।
2. राज्य के संचालन के लिये टैक्स चुकाना।
3. पर्यावरण का संरक्षण।
4. राष्ट्र के प्रति द्रोह ना करना।
5. अनिवार्य सैन्य-सेवा।
बीएनबी- 12 घंटे का चार्ट
स्रोत: ट्रेडिंग व्यू पर बीएनबी/यूएसडीटी
नवंबर 2021 के बाद से Binance Coin लगातार नीचे की ओर रहा है। बीच में एक मजबूत रैली की अवधि थी, जैसे कि फरवरी की शुरुआत और मार्च के मध्य से $450 के स्तर तक। इन रैलियों के बावजूद, कीमत डाउनट्रेंड को तोड़ने में असमर्थ रही।
पिछले दो महीनों में, गिरावट जारी रही। लेखन के समय, मूल्य चार्ट पर दो महत्वपूर्ण क्षेत्र सामने आए हैं। $190-$200 क्षेत्र एक था, और $245-$250 दूसरा क्षेत्र था। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई) 57 पर था और यह दर्शाता है कि गति धीरे-धीरे तेज हो सकती है।
हालांकि, जब तक $ 250 का निशान नहीं टूटता, तब तक लंबी अवधि का पूर्वाग्रह मंदी का बना रहेगा। Stochastic RSI ओवरबॉट क्षेत्र में पहुंच गया और ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए एक मंदी का क्रॉसओवर बना सकता है।
बीएनबी- 4 घंटे का चार्ट
स्रोत: ट्रेडिंग व्यू पर बीएनबी/यूएसडीटी
चार घंटे के चार्ट ने महत्वपूर्ण होने के लिए $ 210, $ 195 और $ 245 के स्तर पर प्रकाश डाला। पिछले एक महीने में, इन स्तरों को समर्थन और प्रतिरोध दोनों के रूप में परीक्षण किया गया है, और यथोचित रूप से अच्छी तरह से आयोजित किया गया है। चार घंटे के चार्ट पर रेंज फॉर्मेशन अधिक स्पष्ट था। $ 210 और $ 245 के स्तर ने उच्च और सीमा के निचले स्तर का गठन किया है, इस सीमा के मध्य बिंदु के साथ $ 224 है। $ 224 का स्तर भी एक समर्थन स्तर था।
आरएसआई ओवरसोल्ड ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए से ओवरबॉट हो गया, लेकिन बाजार की संरचना में तेजी नहीं आई है। इसने एक रेंज गठन पर भी संकेत दिया। इसलिए, $ 245- $ 250 क्षेत्र का उपयोग BNB को बेचने के लिए और $ 210 को BNB को खरीदने के लिए किया जा सकता है। $ 190- $ 200 में एक पुन: परीक्षण पर उछाल भी देखा जा सकता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, संकेतकों ने सांडों की ओर गति में थोड़ा बदलाव दिखाया। यह देख सकता है कि बीएनबी $ 250 के निशान तक चढ़ सकता है, और संभवतः अधिक हो सकता है अगर बिटकॉइन को कुछ ताकत मिलती है। आने वाले हफ्तों में उच्च समय सीमा चार्ट पर प्रतिरोध स्तर महत्वपूर्ण हो सकता है।
मूल्य कार्रवाई और संकेतक वास्तविक अपट्रेंड की तुलना में एक सीमा के पक्ष में अधिक थे। इसलिए, $250 क्षेत्र बीएनबी को बेचने के लिए एक ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए होगा।
Investment Tips: रिटेल निवेशकों को बाजार से पैसा कमाना है तो इन 5 बातों का रखें ध्यान, देखते-देखते लखपति बन जाएंगे!
Investment Tips: अगर शेयर बाजार से लखपित बनना है तो यह संभव है, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट राहुल जैन रिटेल निवेशकों को 5 खास टिप्स दे रह हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान में रखना जरूरी है.
Investment Tips: शेयर बाजार एक ऐसा असेट क्लास है, जिसमें आपके निवेश को कई गुणा करने की क्षमता होती है. अगर आप बच्चों के हायर एजुकेशन के समय मोटे फंड की उम्मीद कर रहे हैं या फिर भविष्य में घर या कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो शेयर मार्केट निवेश का शानदार विकल्प है. ज्यादातर निवेशक उत्साह के साथ शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत तो करते हैं, लेकिन वे कम्पाउंडिंग का उचित लाभ नहीं उठा पाते हैं. इसके दो प्रमुख कारण हैं. पहला सही ज्ञान का ना होना और दूसरा अनुभव का अभाव. विडंबना ये है कि इन गलतियों को बार-बार दोहराया भी जाता है.
देखते-देखते लखपति बन सकते हैं
एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट (Edelweiss Wealth Management) के पर्सनल वेल्थ प्रमुख और वाइस प्रेसिडेंट राहुल जैन बता रहे हैं कि अगर शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करते हैं तो किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. अगर इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपको कम्पाउंडिंग का उचित लाभ मिलेगा और आप देखते-देखते लखपति बन जाएंगे.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सही ज्ञान का होना जरूरी है. अगर आपको कंपनी के ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए बिजनेस मॉडल, कॉम्पिटिशन और फाइनेंशियल्स के बारे में समझ नहीं है तो निवेश से बचना चाहिए. शुरू में इन मूल बातों को समझना जरूरी है. बाद में यह भी जानना होगा कि स्टॉक की वैल्युएशन ठीक है या नहीं. कंपनी के फाइनेंशियल को लेकर तमाम जानकारी इकट्ठा करना और फिर इसका स्टडी करना आसान नहीं होता है. ब्रोकरेज हाउस की तरफ से जो डिटेल रिपोर्ट तैयार की जाती है उसे डिकोड करना बहुत कठिन होता है. इसके लिए खास स्किल और पढ़ाई की जरूरत होती है. यही वजह है कि सीधा शेयर बाजार में निवेश करने की जगह पर म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में निवेश करना बेहतर माना जाता है. असेट मैनेजमेंट कंपनियों में प्रफेशनल्स आपके पैसे को शेयर बाजार में निवेश करते हैं. ये उनका स्किल है और पेशा भी होता है. निवेशकों को डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए.
भीड़ चाल से बचेंगे तो फायदे में रहेंगे
लेजेंड इन्वेस्टर वॉरेन बफेट ने कहा था कि जब दूसरे निवेशक अग्रेसिव हों तो डरना चाहिए और जब दूसरे निवेशक डरे हुए हों तो अग्रेशन यानी भूख बढ़ानी चाहिए. शेयर बाजार के रिटेल निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वे इस कहावत के विपरीत काम करते हैं. ज्यादातर निवेशक फॉलोअर होते हैं. अगर बाजार में बिकवाली है तो बिकवाली करने लग जाते हैं, अगर खरीदारी की जा रही है तो बस खरीदना शुरू कर देते हैं. यह स्ट्रैटिजी बहुत कम सफल होती है क्योंकि खरीदारी रोककर कब प्रॉफिट कमाना है और बिकवाली छोड़कर कब खरीदारी शुरू करनी है, ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए इसकी समझ के लिए अनुभव और ज्ञान बहुत जरूरी है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि जब कोरोना का आगमन हुआ तो रिटेल निवेशकों की बाढ़ आ गई. वित्त वर्ष 2021 में कुल 14.2 मिलियन यानी 1.42 करोड़ डीमैट अकाउंट खोले गए.
सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण आजकल हर कोई बाजार का एक्सपर्ट बन बैठा है. बाजार का आकलन और मूल्यांकन करना आसान हो गया है. हर कोई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर मार्केट गुरु बन गया है. यही वजह है कि रिटेल निवेशक हर छोटी-बड़ी खबरों पर रिएक्ट करते हैं और एक्शन में आ जाते हैं. किन खबरों पर एक्शन लेना है, ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए वे समझ नहीं पाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करें, साथ ही धैर्य और अनुशासन का होना सबसे ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए जरूरी है. निवेशकों को खरीदने से पहले 100 बार विचार करना चाहिए, लेकिन जब खरीद लिया तो फिर होल्ड करना चाहिए. खरीदने के तुरंत बाद एक्शन में आना चुतराई नहीं हो सकती हैं. अगर बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटिजी अपनाएंगे तो हर हाल में मुनाफा बनेगा.
सेक्टर और स्टॉक्स डायवर्सिफिकेशन का रखें विशेष ध्यान
रिटेल निवेशकों में ऐसा देखा गया है कि जब वे किसी खास सेक्टर या स्टॉक में मुनाफा कमा लेते हैं तो उनका फोकस लिमिटेड हो जाता है. वे अपने कंफर्ट जोन में आ जाते हैं और दूसरे सेक्टर्स और स्टॉक्स में क्या हो रहा है, उस एक्शन को मिस कर जाते हैं. जब तक पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई नहीं रखेंग, नुकसान की संभावना बनी रहेगी. इस बात की पूरी संभावना है कि आपकी सारी कमाई एकबार में छीन लिया जाए. निवेशकों को हर सेक्टर के लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप, तीनों पर फोकस करना चाहिए. स्मॉलकैप और मिडकैप से रिटर्न मिलेगा तो लार्जकैप से पोर्टफोलियो को स्टैबिलिटी मिलेगी.
शेयर बाजार में गलती की गुंजाइश नहीं है. एक छोटी से गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसे में गलतियों से बचें. अगर कोई गलती हो जाए तो उसका गंभीरता से मूल्यांकन करें और उसे कभी नहीं दोहराएं. निवेशकों को ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीखना चाहिए. अगर इस बात की गंभीरता को नहीं समझेंगे तो याद रखें कि शेयर बाजार अपने आप में एक शिक्षक है जिसकी फीस बहुत ज्यादा है. संभव है कि इस फीस को चुकाने के बाद आप बाजार की तरफ देखने में भी झिझक महसूस करें.
Investment Tips: रिटेल निवेशकों को बाजार से पैसा कमाना है तो इन 5 बातों का रखें ध्यान, देखते-देखते लखपति बन जाएंगे!
Investment Tips: अगर शेयर बाजार से लखपित बनना है तो यह संभव है, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट राहुल जैन रिटेल निवेशकों को 5 खास टिप्स दे रह हैं, जिन्हें हमेशा ध्यान में रखना जरूरी है.
Investment Tips: शेयर बाजार एक ऐसा असेट क्लास है, जिसमें आपके निवेश को कई गुणा करने की क्षमता होती है. अगर आप बच्चों के हायर एजुकेशन के समय मोटे फंड की उम्मीद कर रहे हैं या फिर भविष्य में घर या कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो शेयर मार्केट निवेश का शानदार विकल्प है. ज्यादातर निवेशक उत्साह के साथ शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत तो करते हैं, लेकिन वे कम्पाउंडिंग का उचित लाभ नहीं उठा पाते हैं. इसके दो प्रमुख कारण हैं. पहला सही ज्ञान का ना होना और दूसरा अनुभव का अभाव. विडंबना ये ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए है कि इन गलतियों को बार-बार दोहराया भी जाता है.
देखते-देखते लखपति बन सकते हैं
एडलवाइज वेल्थ मैनेजमेंट (Edelweiss Wealth Management) के पर्सनल वेल्थ प्रमुख और वाइस प्रेसिडेंट राहुल जैन बता रहे हैं कि अगर शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत करते हैं तो किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. अगर इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपको कम्पाउंडिंग का उचित लाभ मिलेगा और आप देखते-देखते लखपति बन जाएंगे.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सही ज्ञान का होना जरूरी है. अगर ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए आपको कंपनी के बिजनेस मॉडल, कॉम्पिटिशन और फाइनेंशियल्स के बारे में समझ नहीं है तो निवेश से बचना चाहिए. शुरू में इन मूल बातों को समझना जरूरी है. बाद में यह भी जानना होगा कि स्टॉक की वैल्युएशन ठीक है या नहीं. कंपनी के फाइनेंशियल को लेकर तमाम जानकारी इकट्ठा करना और फिर इसका स्टडी करना आसान नहीं होता है. ब्रोकरेज हाउस की तरफ से जो डिटेल रिपोर्ट तैयार की जाती है उसे डिकोड करना बहुत कठिन होता है. इसके लिए खास स्किल और पढ़ाई की जरूरत होती है. यही वजह है कि सीधा शेयर बाजार में निवेश करने की जगह पर म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में निवेश करना बेहतर माना जाता है. असेट मैनेजमेंट कंपनियों में प्रफेशनल्स आपके पैसे को शेयर बाजार में निवेश करते हैं. ये उनका स्किल है और पेशा भी होता है. निवेशकों को डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए.
भीड़ चाल से बचेंगे तो फायदे में रहेंगे
लेजेंड इन्वेस्टर वॉरेन बफेट ने कहा था कि जब दूसरे निवेशक अग्रेसिव हों तो डरना चाहिए और जब दूसरे निवेशक डरे हुए हों तो अग्रेशन यानी भूख बढ़ानी चाहिए. शेयर बाजार के रिटेल निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वे इस कहावत के विपरीत काम करते हैं. ज्यादातर निवेशक फॉलोअर होते हैं. अगर बाजार में बिकवाली है तो बिकवाली करने लग जाते हैं, अगर खरीदारी की जा रही है तो बस खरीदना शुरू कर देते हैं. यह स्ट्रैटिजी बहुत कम सफल होती है क्योंकि खरीदारी रोककर कब प्रॉफिट कमाना है और बिकवाली छोड़कर कब खरीदारी शुरू करनी है, इसकी समझ के लिए अनुभव और ज्ञान बहुत जरूरी है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि जब कोरोना का आगमन हुआ तो रिटेल निवेशकों की बाढ़ आ गई. वित्त वर्ष 2021 में कुल 14.2 मिलियन यानी 1.42 करोड़ डीमैट अकाउंट खोले गए.
सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण आजकल हर कोई बाजार का एक्सपर्ट बन बैठा है. बाजार का आकलन और मूल्यांकन करना आसान हो गया है. हर कोई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर मार्केट गुरु बन गया है. यही वजह है कि रिटेल निवेशक हर छोटी-बड़ी खबरों पर रिएक्ट करते हैं और एक्शन में आ जाते हैं. किन खबरों पर एक्शन लेना है, वे समझ नहीं पाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करें, साथ ही धैर्य और अनुशासन का होना सबसे जरूरी है. निवेशकों को खरीदने से पहले 100 बार विचार करना चाहिए, लेकिन जब खरीद लिया तो फिर होल्ड करना चाहिए. खरीदने के तुरंत बाद एक्शन में आना चुतराई नहीं हो सकती हैं. अगर बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटिजी अपनाएंगे तो हर हाल में मुनाफा बनेगा.
सेक्टर और स्टॉक्स डायवर्सिफिकेशन का रखें विशेष ध्यान
रिटेल निवेशकों में ऐसा देखा गया है कि जब वे किसी खास सेक्टर या स्टॉक में मुनाफा कमा लेते हैं तो उनका फोकस लिमिटेड हो जाता है. वे अपने कंफर्ट जोन में आ जाते हैं और दूसरे सेक्टर्स और स्टॉक्स में क्या हो रहा है, उस एक्शन को मिस कर जाते हैं. जब तक पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई नहीं रखेंग, नुकसान की संभावना बनी रहेगी. इस बात की पूरी संभावना है कि आपकी सारी कमाई एकबार में छीन लिया जाए. निवेशकों को हर सेक्टर के लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप, तीनों पर फोकस करना चाहिए. स्मॉलकैप और मिडकैप से रिटर्न मिलेगा तो लार्जकैप से पोर्टफोलियो को स्टैबिलिटी मिलेगी.
शेयर बाजार में गलती की गुंजाइश नहीं है. एक छोटी से गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसे में गलतियों से बचें. अगर कोई गलती हो जाए तो उसका गंभीरता से मूल्यांकन करें और उसे कभी नहीं दोहराएं. निवेशकों को ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीखना चाहिए. अगर इस बात की गंभीरता को नहीं समझेंगे तो याद रखें कि शेयर बाजार अपने आप में एक शिक्षक है जिसकी फीस बहुत ज्यादा है. संभव है कि इस फीस को चुकाने के बाद आप बाजार की तरफ देखने में भी झिझक महसूस करें.
समाजीकरण के सिद्धांत
samajikaran ka siddhant; समाजीकरण कैसे होता है? कौन-सी अभिप्रेणाएँ है जो बालक को किसी क्रिया को करने के लिए प्रेरित करती है? इन प्रश्नों के उत्तर के संदर्भ मे कई विचारकों ने सिध्दांतों का प्रतिपादन किया हैं। इनमे कूले, जाॅर्ज मीड, चालर्स हाॅर्टन, दुर्खीम, सिग्मंड फ्रायड का सिद्धांत प्रमुख हैं। समाजीकरण के द्वारा व्यक्ति के आत्म या स्व का विकास होता है। इसके विकास की प्रक्रिया को विद्वानों ने अपने-अपने सिद्धांतों द्वारा स्पष्ट किया हैं।
समाजीकरण के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं--
1. दुर्खीम का सिद्धांत
दुर्खीम ने समाजीकरण के सिद्धांत मे सामूहिक प्रतिनिधित्व की अवधारणाओं के आधार पर अपने समाजीकरण सम्बंधित विचार दिए है।
दुर्खीम ने व्यक्तिगत चेतना तथा सामूहिक चेतना, इन दो प्रकार की चेतनाओं का अस्तित्व माना है। व्यक्तिगत चेतना से ही सामूहिक चेतना का निर्माण होता है। यह सामूहिक चेतना ही सामूहिक प्रतिनिधियों को जन्म देती है। दुर्खीम के अनुसार प्रत्येक समाज मे कुछ विचार, धारणाएं एवं मान्यताएं ऐसी होती है जिन्हे समाज के सभी सदस्य मानते है। ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए अतः ये समूह का प्रतिनिधित्व करती है। परम्पराएं, रीति-रिवाज, धर्म, मूल्य, आर्दश, प्रथाएं, आदि सामूहिक प्रतिनिधान के ही उदाहरण है। इनकी उत्पत्ति व्यक्ति विशेष से न होकार समाज के अधिकांश व्यक्तियों द्वारा होती है। अतः समूह के सभी लोग इनका पालन करते है। इनके पीछे नैतिक दबाव होता है। इनकी अवहेलना करने पर दण्ड दिया जाता हैं।