शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है

इंट्राडे के लिये बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम | Best Trading Chart Time Frame In Hindi
बहुत से ट्रेडर्स को ये नही समझ मे आता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाईम फ्रेम कौन सा है ?
बहुत से नए ट्रेडर्स अक्सर इस उलझन में रहते हैं कि ट्रेडिंग के समय ऐसा कौन सा Best Trading Chart Time Frame प्रयोग किया जाए,
जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा शुद्धता आ सके तथा नुकसान की संभावना को भी कम किया जा सके।
इस लेख में हमलोग इसी बात पर चर्चा करेंगे कि किस बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम का प्रयोग किया जाए जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
जैसा कि हम जानते हैं कि ट्रेडिंग तीन प्रकार से होती है –
पहली इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमें हमे उसी दिन शेयर की खरीद – बिक्री करनी होती है, तथा उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले अपनी पोजिशन बन्द करनी होती है।
दूसरी स्विंग ट्रेडिंग जिसमे एक दिन से लेकर दस दिन तक की पोजिशन हो सकती है।
तीसरी पोर्टफोलियो बनाना जिसमे लंबे समय तक कभी – कभी कई वर्षों तक पोजीशन बरकरार रह सकती है।
आइए, अब देखते हैं कि इन सब प्रकार की ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम कौन सा है, और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं ?
बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame In Hindi )
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शेयर बाजार में भिन्न – भिन्न प्रकार से ट्रेडिंग की जाती है। और हर प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट भी अलग – अलग समयानुसार ही देखा जाता है।
वैसे तो चार्ट को अपनी सुविधा और अनुभव के आधार पर अलग – अलग समय चक्र के अनुसार देखा और समझ जाता है।
किन्तु नए Traders को Stock Market का ज्यादा अनुभव नही होता है इसलिए वो चार्ट को लेकर हमेशा दुविधा में रहते हैं।
भिन्न – भिन्न समय ढांचे में चार्ट को देखते रहने पर भी नए ट्रेडर को किसी भी Sock का कोई स्पष्ट रुझान या Trend समझ मे नही आता है।
वो ये समझ ही नही पाते हैं कि आखिर Best Trading Chart Time Frame है क्या ?
इस लेख में नए ट्रेडरों की इसी उलझन को सुलझाने का प्रयत्न किया जा रहा है कि किस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए कौन सा बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम अच्छा होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )
किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।
परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है।
बहुत सारे ट्रेडर पांच मिनट का टाइम फ्रेम प्रयोग करते हैं तथा बाजार के क्षणिक उतार – चढ़ाव से ही अपना प्रॉफिट बनाने का प्रयास करते हैं।
जो अनुभवी ट्रेडर होते हैं वो अतिशीघ्र ही विश्लेषण करके अनुमान लगा लेते हैं कि अगले 5 या 10 मिनट मे इस स्टॉक की क्या चाल होगी।
परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी जल्दी सटीक अनुमान लगा पाना काफी कठिन होता है, क्योंकि पांच मिनट के टाइम फ्रेम में मार्केट में जितनी शीघ्रता से घुसना होता है उतनी ही शीघ्रता से बाहर भी निकलना होता है।
अनुभवी ट्रेडरों के लिए तो ये सब करना बहुत आसान होता है परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी शीघ्रता से निर्णय लेना आसान नही होता है।
अतः नए ट्रेडर को शुरुआत में पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने से बचना चाहिये ये उनके लिए घातक हो सकता है।
हाँ जब ट्रेडिंग का अनुभव आ जाये तब वो आराम से पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करके प्रॉफिट बना सकते हैं।
चूंकि यहाँ इंट्राडे ट्रेडिंग की बात हो रही है तो इंट्राडे के लिए दस या पन्द्रह मिनट का टाइम फ्रेम आदर्श टाइम फ्रेम होता है इन टाइम फ्रेम में जो संकेत मिलते हैं वह ज्यादा विश्वशनीय होते हैं ।
क्योंकि दस या पन्द्रह मिनट में स्टॉक के ट्रेंड में स्थिरता होती है जो अगले पन्द्रह या बीस मिनट तक बनी रह सकती है।
नए ट्रेडर के लिए यही बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है और इन्हीं टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करना ज्यादा उचित होता है।
दोस्तों, टाइम फ्रेम इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम ट्रेडिंग को कितना समय दे पाते हैं ?
यदि हम सारा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन को नही देख पाते हैं बल्कि बीच – बीच मे ही कुछ देर के लिए देखते हैं, तो हमारे लिए बड़े टाइम फ्रेम यानी दस से पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना ही ज्यादा बेहतर होता है।
लेकिन अगर आप एक फुल टाइम ट्रेडर हैं और पूरा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही रहते हैं तो आप छोटे टाइम फ्रेम पर भी अच्छी ट्रेडिंग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम
यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।
बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।
किसी स्टॉक का सही ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।
उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी वो तेजी ही दिखाएगा।
पोर्टफोलियो (Portfolio) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम
जब लॉंग टर्म के लिए ट्रेडिंग की जाती है तो डेली ( Daily) या साप्ताहिक ( Weekly) चार्ट टाइम फ्रेम में विश्लेषण किया जाता है।
यदि लंबे समय तक निवेश के लिए कोई स्टॉक लेना हो तो मासिक और वार्षिक चार्ट टाइम फ्रेम भी देखा जाता है।
परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,
इसके अतिरिक्त कम्पनी की बैलेंसशीट ( Balance sheet), Turnover तथा अन्य कई चीजों का भी गहनता से परीक्षण किया जाता है।
निष्कर्ष ( The Conclusion )
उम्मीद है कि अब आपको कुछ Idea हो गया होगा कि किस तरह की Trading के लिए कौन सा चार्ट टाइम फ्रेम Best Trading Chart Time Frame है।
जहाँ तक इंट्राडे ट्रेडिंग की बात है तो सबसे सुरक्षित ये है कि आप आधे घंटे या एक घंटे के टाइम फ्रेम में स्टॉक की चाल को समझें,
और दस या पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करें साथ ही साथ अपने ट्रेडिंग नियम और अनुशासन का पालन अवश्य करें।
शुरुआत में आपको सभी बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने थोड़ी – बहुत समस्या आ सकती है,
लेकिन जब आपको चार्ट देखने और प्राइस एक्शन ( Price Action) को समझने का अनुभव हो जाएगा तो फिर आप किसी भी टाइम फ्रेम पर आसानी से ट्रेडिंग कर सकते हैं और आसानी से पैसा भी बना सकते हैं।
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Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।
अगर आप बिना सीखे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।
इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।
Share market chart kaise samjhe
ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।
Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।
- Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।
- Down Trend:- इस ट्रेन्ड का मतलब है Lower top Lower bottom। जब भी आपको चार्ट में Down Trend देखने को मिलेगा स्टॉक हमेशा सीढ़ी की तरह नीचे आता नजर आनेवाला हैं। इस समय हमेशा उस स्टॉक को बेचके चलना चाहिए।
- Sideways Trend:- इस ट्रेन्ड में आपको स्टॉक ना ऊपर जाता नजर आएगा और ना ही नीचे जाता नजर आएगा। एक ही रेंज में ट्रेड होता नजर आनेवाला हैं। अगर आप नए हो तो एसी चार्ट वाले ट्रेन्ड शेयर में कभी भी आपको काम नहीं करना हैं। क्यूंकि इसमें दिशा पता नहीं चलते जिसकी वजह से आपका पैसा डूबने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं।
शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Chart का मजबूत:- किसी भी स्टॉक के Chart का मजबूत जानने के लिए आपको पहले उस स्टॉक का गतिविधि कैसा हैं उसको जानना बहुत जरुरी हैं। शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है जब भी उस शेयर में Correction देखने को मिलते वो कितना बड़ा गिरावट होता है आपको देखना चाहिए।
यदि बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होता दिखाई दिए आपको एसी शेयर से दूर रहना ही बेहतर हैं। अगर आपको लगता है धीरे धीरे ऊपर या नीचे जाने की Trend दिख रहा हैं उस स्टॉक में ट्रेन्ड की हिसाव से काम करोगे तो हमेसा फ़ायदा होते देखने को मिलेगा।
चार्ट का Momentum:- जिस भी स्टॉक के चार्ट में काम करना है उसका Momentum को ध्यान में रखके काम करना चाहिए। बहुत सारे ऐसे चार्ट आपको देखने को मिलेगा जिसका ऊपर जाने की स्पीड बहुत ही कम है।
अगर आप इस स्टॉक में काम करोगे तो आपको अच्छी मुनाफा कमाने के लिए बहुत समय लगनेवाला हैं। इसलिए आपको अच्छी Momentum वाले चार्ट को ही चुनना चाहिए।
शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई
रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया हो तो आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।
जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।
पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।
और साथ ही मार्केट यदि 1 पतिशत का मूवमेंट दिखाई उस स्टॉक की चार्ट में उससे ज्यादा की मूवमेंट दिखाने की क्षमता होना चाहिए। अगर आपको ऐसा होता दिखाई नहीं देते तो आपको दुसरे स्टॉक को खोजना चाहिए।
Maturity ट्रेन्ड चार्ट:- जब आप सभी स्टेप फॉलो कर रहे हो तब आपको अंतिम में देखना चाहिए कही वो स्टॉक कम समय में बहुत ज्यादा ऊपर तो चला नहीं गया। अगर आपको लगता है प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चकता है। उस स्टॉक के चार्ट से आपको दूर रहना चाहिए।
चाहे न्यूज़ में कितना भी अच्छा उस स्टॉक के शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है बारे में बताए। ज्यादा लालश के चक्कर में बिल्कुल नहीं पड़ना हैं। क्यूंकि वो स्टॉक पहले ही बहुत ज्यादा भाग चूका है आगे चार्ट में जितना बढ़ने की संभवाना होता है उतना ही ज्यादा गिरावट का मोहौल देखने को मिल चकता हैं। इसलिए Maturity ट्रेन्ड चार्ट से दूर रहना ही बेहतर हैं।
निष्कर्ष:-
शेयर बाज़ार में अगर आप ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करके कम समय में अच्छी मुनाफा कमाना चाहते हो तो ये 6 स्टेप आपको बहुत मदद करनेवाला हैं। उसी के साथ आपको बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत होगी। जितना ज्यादा आप इन स्टेप को फॉलो करके अभ्यास करोगे उतना ही आपका ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट निपुण होते जाएंगे। तभी आप किसी भी चार्ट को देखके अच्छा कमाई कर पाओगे।
आशा करता हु आपको Share market chart kaise samjhe शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस पोस्ट को पढ़के चार्ट के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर बताए। साथ ही शेयर मार्केट के महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे अन्य पोस्ट को पढ़ चकते हैं।
स्टॉक चार्ट पढ़ने के लिए एक व्यापक गाइड
यदि आप नौसिखिए हैं, तो आप निश्चित रूप से इसे किसी प्रकार का मोर्स कोड मानेंगे जो चतुराई से विशेषज्ञों को डैश और लाइनों के साथ जानकारी देने के लिए रखा गया है। और, निश्चित रूप से, आप अपनी धारणा में गलत नहीं हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्टॉक चार्ट पढ़ने का एक सरल तरीका है।
यह पोस्ट आपके लिए समान है। पढ़ें और सबसे आसान लेकिन दिलचस्प तरीका खोजें जो आपको इन चार्टों के डेटा को समझने में मदद करेगा।
स्टॉक चार्ट से आप क्या समझ सकते हैं?
स्टॉक चार्ट का प्राथमिक उद्देश्य आपको यह समझने में मदद करना है कि स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए वर्तमान समय पर्याप्त है या नहीं। एक बात जो आपको ध्यान रखनी चाहिए वह यह है कि कहीं यह आपको यह नहीं बताता कि किन शेयरों में निवेश करना है।
एक बार जब आप इन चार्टों को पढ़ने की विधि समझ गए, तो आप ऐसे पहलुओं पर ध्यान देना शुरू कर देंगे जिन्हें आप अन्यथा टालते। इसके अलावा, के साथमंडी सूचकांक, आप पूरे बाजार की स्थिति का भी आकलन कर सकते हैं।
स्टॉक चार्ट पैटर्न कैसे पढ़ें?
स्टॉक चार्ट पैटर्न को पढ़ने का तरीका जानने के लिए, निष्कर्ष निकालने और चार्ट का विश्लेषण करने के लिए उपयोग की जाने वाली मूल बातें समझना आवश्यक है। ध्यान रखें कि नीचे दिए गए इन सभी पैटर्न का उपयोग फिगर और पॉइंट चार्ट के अलावा सभी चार्ट प्रकारों के लिए किया जा सकता है।
उलटा पैटर्न
ये पैटर्न दर्शाते हैं कि मौजूदा मूल्य आंदोलनों की प्रवृत्ति विपरीत दिशा में बढ़ रही है। इस प्रकार, यदि स्टॉक की कीमत बढ़ रही है, तो यह गिर जाएगी; और अगर कीमत बढ़ रही है, तो यह बढ़ेगी। दो आवश्यक उलट पैटर्न हैं:
सिर और कंधे का पैटर्न:
यह एक तब बनाया जाता है जब स्टॉक चार्ट पर लगातार तीन तरंगें दिखाई देती हैं जैसा कि ऊपर की छवि में परिचालित किया गया है। वहां, आप देख सकते हैं कि मध्य तरंग दूसरों की तुलना में अधिक है, है ना? वही सिर के रूप में जाना जाता है। और, अन्य दो कंधे हैं।
डबल टॉप और डबल बॉटम्स
एक पर्याप्त अपट्रेंड के बाद एक डबल टॉप होता है। हालाँकि, तीन के बजाय, इसमें दो तरंगें शामिल हैं। पिछले पैटर्न के विपरीत, दोनों चोटियों पर कीमत समान है। एक डबल टॉप पैटर्न के संस्करण का उपयोग डाउनट्रेंड रिवर्सल को चिह्नित करने के लिए भी किया जा सकता है, जिसे डबल बॉटम पैटर्न के रूप में जाना जाता है। यह पैटर्न लगातार गिरती कीमतों का वर्णन करता है।
निरंतरता पैटर्न
ये पैटर्न इस बात की पुष्टि करते हैं कि पैटर्न के उभरने से पहले एक विशिष्ट स्टॉक चार्ट द्वारा दर्शाया गया रुझान भविष्य में भी जारी रहेगा। इसलिए, यदि कीमत अधिक हो रही थी, तो यह जारी रहेगी और इसके विपरीत। तीन सामान्य निरंतरता पैटर्न हैं:
त्रिभुज पैटर्न:
एक त्रिभुज पैटर्न तब विकसित होता है जब चार्ट पर बॉटम्स और टॉप्स के बीच का अंतर घट रहा होता है। इसका परिणाम ट्रेंडिंग लाइन्स में होगा, यदि बॉटम्स और टॉप्स के लिए डाला जाता है, तो कनवर्जिंग, त्रिकोण को प्रकट करता है
आयत पैटर्न:
यह पैटर्न तब बनता है जब किसी शेयर की कीमत एक विशिष्ट के भीतर बढ़ रही होती हैश्रेणी. इस पैटर्न में, ऊपर जाने वाली प्रत्येक चाल एक समान शीर्ष पर समाप्त होती है और नीचे जाने वाली प्रत्येक चाल एक समान तल पर समाप्त होती है। इस प्रकार, लंबी अवधि के लिए बॉटम्स और टॉप्स में कोई विशेष परिवर्तन नहीं दिखता है।
झंडे और पेनेटेंट:
जबकि एक ध्वज की उपस्थिति प्रवृत्तियों की दो समानांतर रेखाओं के कारण होती है, जो नीचे और शीर्ष के समान दर से बढ़ने या घटने के कारण होती है; पताका बहुत कुछ त्रिभुजों की तरह है जो केवल अल्पकालिक प्रवृत्तियों की सलाह देते हैं। ये उपरोक्त दो निरंतरता पैटर्न के समान हैं। हालाँकि, आप उन्हें थोड़े समय के लिए ही नोटिस कर सकते हैं। आयतों और त्रिभुजों के विपरीत, आप इन्हें इंट्राडे चार्ट में देख सकते हैं, आमतौर पर अधिकतम एक सप्ताह या दस दिनों के लिए।
स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें?
आइए अब आसान तरीके से शुरू करते हैं कि स्टॉक मार्केट चार्ट को कैसे पढ़ा जाए।
बार चार्ट पढ़ना
आरंभ करने के लिए, ग्राफ़ में मौजूद लाल और हरे रंग की लंबवत पट्टियों पर एक नज़र डालें। इस ऊर्ध्वाधर पट्टी के ऊपर और नीचे उस समय अवधि में, दाईं ओर प्रदर्शित उच्च और निम्न स्टॉक कीमतों को प्रदर्शित करता है।
मामले में, वास्तविक मूल्य के बजाय, आप मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन देखना चाहेंगे, वह भी उपलब्ध होगा। इस स्थिति में, समय अंतराल 15 मिनट है। बार की लंबाई के साथ, आप समझ सकते हैं कि उस समय अंतराल में स्टॉक कितना आगे बढ़ गया है। यदि बार छोटा है, तो इसका मतलब है कि कीमत नहीं बढ़ी और इसके विपरीत।
यदि शुरुआत की तुलना में समय अंतराल के अंत में कीमत कम है, तो बार लाल हो जाएगा। या, अगर कीमत बढ़ती है, तो यह हरी पट्टी दिखाएगा। हालाँकि, यह रंग संयोजन तदनुसार बदल सकता है।
कैंडलस्टिक चार्ट पढ़ना
अब, इस चार्ट को देखकर, आयताकार सलाखों (भरे और खोखले) को आम तौर पर बॉडी कहा जाता है। बॉडी का टॉप क्लोजिंग प्राइस है, और बॉटम ओपनिंग प्राइस है। और, शरीर के नीचे और ऊपर चिपकी हुई रेखाओं को छाया, पूंछ या बत्ती के रूप में जाना जाता है।
वे एक अंतराल के दौरान कीमतों की उच्चतम और निम्नतम श्रेणी को दर्शाते हैं। यदि अंतराल पर अंत इसकी शुरुआती कीमत से अधिक है, तोमोमबत्ती खोखला होगा। अगर यह कम है, तो कैंडलस्टिक भर जाएगा।
ऊपर दिए गए इस चार्ट में, लाल और हरे रंग से संकेत मिलता है कि क्या स्टॉक ने पिछले अंतराल के पिछले व्यापार की तुलना में अंतराल व्यापार कम या अधिक शुरू किया है।
निष्कर्ष
अंततः, स्टॉक चार्ट को पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका अभ्यास करना है। अब जब आप मूल बातें समझ गए हैं, तो कोई भी निवेश करने से पहले अभ्यास करते रहें। एक बार जब आप इस कला में महारत हासिल कर लेते हैं, तो आपको किसी भी नुकसान से डरने की जरूरत नहीं है।
Stock Analysis kya hai tatha Stock Analysis kaise kren in Hindi
यदि हम stock market में investment करने के लिए बढ़िया शेयर चुनने में सफल हो जाते हैं तो हम अपने investment पर कई गुना रिटर्न पा सकते है। इसके लिए हमें stock analysis करना आना चाहिए। तो आज की पोस्ट Stock Analysis tatha stock analysis kaise के बारे में विस्तार से जानेंगे।
स्टॉक एनालिसिस करने के तीन तरीके-
- फंडामेंटल एनालिसिस शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है
- टेक्निकल एनालिसिस
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
Stock Trading या Investment के लिए आप को उपर्युक्त तीनो तरीकों से स्टॉक एनालिसिस करना आना चाहिए। आप चाहें तो तीनों तरीके से Stock A nalysis कर सकते है।
ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर चुनने तथा स्टॉक एनालिसिस का कोई स्टैंडर्ड फार्मूला नहीं है क्योंकि जब स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है, तब कोई आदमी शेयर बेच रहा होता है तथा कोई उसी कीमत पर खरीद रहा होता है, तभी ट्रेड होता है। इसका मतलब दोनों की इन्वेस्टमेंट पर राय तथा इन्वेस्टमेंट एनालिसिस करने का तरीका अलग-अलग है। इसलिए Stock Analysis करने का कोई फिक्स-फॉर्मूला नहीं है। आगे स्टॉक एनालिसिस के तरीको के बारे में विस्तार से समझिये।
फंडामेंटल एनालिसिस:
Stock Analysis करते समय फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा शेयर की सही कीमत पता करने की कोशिश की जाती है शेयर की कीमत पता करने के लिए, कम्पनी वर्तमान में जो कारोबार रही है। वह अगले दो, पांच या दस सालों में कितना बढ़ सकता है।
मान लीजिये, आज कम्पनी को 500 करोड़ का प्रॉफिट हो रहा है, तो अगले साल कितना प्रॉफिट हो सकता है। इस तरह हम जितने साल के लिए कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते है, उतने साल तक का अनुमान Fundamental Analysis में लगाया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में ये भी देखा है कि अगले दो , पांच या दस साल में कंपनी के कैशफ्लो कैसे रह सकते है। कैशफ्लो की आज की तरीख में नेट प्रजेंट वैल्यू निकलने की कोशिश की जाती है। ऐसी आधार पर कम्पनी के प्रत्येक शेयर की प्रजेंट वैल्यु निकली जाती है।
दूसरा तरीका है कि कम्पनी की इंट्रिनसिक वैल्यू क्या है ? यानि की कम्पनी की सभी सम्पत्तियो तथा देनदारियों को निकालकर कम्पनी की नेट वैल्यू निकली जाती है।
कई बार लोग stock Analysis करते समय ये भी देखते है कि कम्पनी की डिविडेंट पॉलिसी क्या है ? यदि कम्पनी साल दर साल अच्छा डिविडेंड दे रही है। इसका मतलब कम्पनी कैश जेनरेशन भी कर रही है तथा Investor friendly भी है। ये सब मुददे स्टॉक एनालिसिस में देखे जाते है। उपर्यक्त सभी तरीको के द्वारा आप यह पता लगा सकते है कि कोई शेयर फंडामेंटली अच्छा है या बेकार।
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टेक्नीकल एनालिसिस:
इसमें शेयर का चार्ट देखकर भविष्य बताने की कोशिश की जाती है। पुराने डेटा के आधार पर अब तक शेयर ने कितना वॉल्यूम किया तथा किस तरह का प्राइस एक्शन शेयर ने किया। शेयर कब कितना ऊपर - नीचे हुआ तथा कितन कितने वॉल्यूम पर हुआ , कितने समय में हुआ।
इस तरह Technical Analysis चार्ट पर पुराने डेटा को देखकर Stock Analysis करके किसी शेयर के भविष्य में होने वाले उतर -चढ़ाव को जानने की कोशिश को कहते है।
बहुत से लोग टेक्निकल एनालिसिस को शेयर का पोस्टमार्टम कहते है, डायग्नोसिस नहीं क्योंकि इसमें पुराने डेटा से भविष्य का अनुमान लगते है। ये भी एक stock analysis का तरीका है इसलिए लोग ऐसा करते है अतः ये गलत नहीं है।
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है ,वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है इन्वेस्टर के लिए टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा किसी शेयर में एंट्री तथा एग्जिट के थोड़े संकेत मिलते है।ट्रेडर के लिए technical analysis सीखना आवश्यक है क्योंकि ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले ही तय करना होता है, कि शेयर किस कीमत पर खरीदना तथा बेचना है। इसके लिए ट्रेडर को चार्ट पढ़ना आना चाहिए ,ये बात भी सही है कि जिन लोगों को चार्ट पढ़ना आता है वो शेयर बाजार में काफी पैसे कमाते है।
टेक्निकल एनालिसिस में stop loss लगाना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह ट्रिगर भी हो जाता है ,स्टॉप लॉस ट्रेडर को बड़े नुकसान से बचता है।इसमें एक बात साफ होती है कि आपको शेयर एक निश्चित कीमत पर खरीदना होता है तथा निश्चित टार्गेट के लिए खरीदना होता है, आप टार्गेट को revise कर सकते है टार्गेट के साथ-साथ स्टॉप लॉस को भी रीवाइज करना चाहिए।
क़्वालीटेटिव एनालिसिस:
Stock analysis करने का तीसरा तरीका qualitative analysis है इसमें ये देखा जाता है कि जो लोग चला रहे हैं ( कम्पनी के प्रमोटर) उनका बैकग्राउंड कैसा है ? मान लेते हैं कि टाटा, अंबानी, वाडिया ये लोग बिज़नेस चला रहे है इन लोगों ने बड़ा एम्पायर खड़ा किया है।
आपको ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इनका कम्पनी खड़ी करने का पुराना रिकॉर्ड कैसा है ? गवर्नेंस तथा लेन -देन को लेकर कम्पनी के मेनेजमेंट का रिकॉर्ड कैसा है ? कोई गलत काम तो नहीं किये। मेनेजमैंट के खिलाफ रेगुलेटर के कोई एक्शन तो नहीं हुए।
यह भी जरूर जानना चाहिए कि कम्पनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है ? क्या उसमें कुछ बेरियर ? कॉम्पिटिशन कितना आ सकता है ? उस बिज़नेस में रेवेन्यू विसिबिल्टी कैसी रह सकती है ? ये भी देखना चाहिए कि इसकी इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर रही है क्योंकि यदि इसकी इंडस्ट्री में ही ग्रोथ नहीं होगी, तो ये कम्पनी भी कहाँ ग्रोथ कर पायेगी ? ये कुछ फैक्टर है जिनसे qualitative analysis किया जाता है।
शेयर खरीदने से पहले आपको उपर्युक्त तीनों तरीकों से stock analysis अवश्य करना करना चाहिए जिसमें यह पोस्ट काफी हेल्पफुल होगी। कृपया इस पोस्ट को सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें जिसे आपके दोस्त भी इससे जानकारी प्राप्त कर सकें।
शेयर बाजार में इस प्रकार चार्ट को देखें।
एक ट्रेडर या निवेशक जब चार्ट को देखता हैं, तब उन्हें नहीं समज आता की चार्ट में देखे क्या या फिर सुरुवात कहा से करे ?
चार्ट में कुछ ऐसी चीजे होती है जो की हर ट्रेडर के लिए देखनी जरुरी हैं, जिससे वह गलत शेयर न खरीद ले।
शेयर में निवेश करने से पहले चार्ट देखना बहुत आवश्यक हैं, ताकि हम सही शेयर को खरीद सके और अच्छा मुनाफा पा सके।
शेयर बाजार मे टेक्निकल चार्ट देखने का तरीका।
इस आर्टिक्ल में हम पढ़ेंगे की चार्ट को देखने के तरीके हिंदी में और स्टॉक मार्किट में टेक्निकल चार्ट को किस प्रकार देखे या पढ़े ताकि हम शेयर बाजार में निवेश कर सके।
Table of Contents
Trend
जब आप कोई शेयर का चार्ट देखते हैं, सबसे पहले आप को उस शेयर का ट्रेंड देखना हैं।
Trend याने के शेयर किस दिशा में जा रहा हैं।
३ तरह के ट्रेंड होते हैं।
१. Up Trend – याने शेयर ऊपर की और जा रहा हैं।
२. Downtrend – शेयर निचे की और जा रहा हैं।
३. Sideways – शेयर न ऊपर न निचे जा रहा हैं, सिर्फ एक सीमा में हैं।
आप जिस स्टॉक में निवेश या ट्रेडिंग करना चाहते हैं, उस स्टॉक का ऊपर दिए गए ट्रेंड में से कोनसा ट्रेंड हैं यह आपको देखना हैं।
अगर स्टॉक में आप को अपट्रेंड दिखाई दे रहा हैं तो आप को स्टॉक खरीदना हैं।
अगर स्टॉक डाउन ट्रेंड में हैं तो आप को शेयर सेल्ल करना हैं।
और अगर स्टॉक sideways हैं तो आप को इंतज़ार करना हैं की स्टॉक अपट्रेंड में जायेगा की डाउन ट्रेंड में।
Strength
जब हम ट्रेंड जान लेते हैं तब हमें उस ट्रेंड की ताकत कितनी हैं वह जानना जरुरी हैं।
जैसे की अगर स्टॉक निचे जा रहा हैं तो बोहोत ज्यादा निचे जा रहा हैं या सिर्फ थोड़ा, ताकि हम उस शेयर में ज्यादा मुनाफा कम समय में पा सके।
स्टॉक की स्ट्रेंथ हमें पता चलती हैं चार्ट पर होने वाली मूवमेंट से।
Momentum
जैसे की आप ने पढ़ा होगा की हमें उन स्टॉक में काम करना हैं जो uptrend में हैं या downtrend में।
लेकिन ट्रेंड में भी फरक होते हैं जैसे की कुछ स्टॉक अपट्रेंड में तेजी से जा रहें हैं कुछ स्टॉक धीमी गति से जा रहे हैं।
आप को उन स्टॉक्स में काम करना हैं जो की अपट्रेंड में तेजी से जा रहें हो।
Support और Resistance
जब आप चुन लेते हो की आप को कोनसे स्टॉक में निवेश करना हैं तो आप को उस स्टॉक का सपोर्ट और रेसिस्टेंस जानना बहुत जरुरी हैं।
अगर आप को स्टॉक में निवेश करना हैं तो आप को उस स्टॉक के सपोर्ट पर खरीदना हैं।
और अगर आप को स्टॉक बेचना हैं तो आप को उस स्टॉक के रेसिस्टेन्स पर बेचना हैं।
Relative Strength
Relative Strength याने स्टॉक अपने सेक्टर, इंडेक्स या उस सेक्टर के बाकि के स्टॉक की तुलना में कैसे चल रहा हैं।
अगर इंडेक्स ऊपर जा रहा हैं, क्या वह स्टॉक जिसमे आप निवेश करना चाहते हैं वह स्टॉक भी ऊपर जा रहा हैं या फिर निचे।
क्या उस इंडेक्स के स्टॉक आप के स्टॉक की तुलना में तेजी से चल रहा या फिर नहीं चल रहा ।
आप को उन स्टॉक्स में निवेश करना हैं जो की इंडेक्स या फिर सेक्टर की तुलना में अच्छे से चल रहे हो।
निष्कर्ष
जब आप किसी स्टॉक को खरीदते हो तो ऊपर दिए गए तरीके पहले अछेसे देख ले फिर उस स्टॉक में निवेश करे।