मुद्रा के मूल्य से क्या अभिप्राय है

Explanation : टाटा समूह का सबसे पुराना बिजनेस कपड़ा मिल का है। भारत के महान उद्योगपति तथा विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने वर्ष 1868 में 21000 रुपयों के साथ अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। सबसे पहले जमशेदजी ने . Read More
Meaning of Foreign Exchange Rate | विदेशी विनिमय दर का अर्थ क्या है ?
प्रत्येक देश में अपनी अलग-अलग मुद्राएँ प्रचलित होती हैं और एक देश की मुद्रा दूसरे देश में विधिग्राह्य न होने से विदेशी भुगतानों के लिए एक देश की मुद्रा को दूसरे देश की मुद्रा में प्रत्यक्ष बदलने की समस्या सामने आती है । अतः जिस दर पर देश की मुद्रा दूसरे देश की मुद्रा में बदली जाती है उस दर को ही विदेशी विनिमय दर कहा जाता है । चूँकि भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न-भिन्न मुद्राएँ प्रचलित हैं, इसलिए स्पष्टतः एक देश की मुद्रा की विनिमय दर अलग-अलग मुद्राओं के सन्दर्भ में भिन्न-भिन्न होगी ।
थॉमस ( Thomas ) के अनुसार "किसी समय विशेष पर एक मुद्रा इकाई की दूसरी मुद्रा इकाई में कीमत ही दो मुद्राओं की विनिमय दर कहलाती है ।"
प्रो. हैन्स के शब्दों में , "विनिमय दर एक मुद्रा इकाई की दूसरी मुद्रा में व्यक्त की गई कीमत है । जबकि सेयर्स के अनुसार , "चलन मुद्राओं के एक-दूसरे के प्रकट मूल्यों को ही विदेशी विनिमय दरें कहा जाता है ।" क्राउथर के मतानुसार , "विदेशी विनिमय दर विदेशी विनिमय बाजार में एक देश की मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा इकाइयों की संख्या को मापती है । इस प्रकार विनिमय दर दो देशों की मुद्राओं के विनिमय अनुपात को व्यक्त करती है । कुछ विद्धानों ने इसे स्वदेशी मुद्रा का बाह्य मूल्य ( External Value ) कहा है । संक्षेप में, यह कहना पर्याप्त है कि विदेशी विनिमय दर वह दर है, जिस पर एक देश की प्रचलित मुद्रा का दूसरे देश की प्रचलित मुद्रा में विनिमय किया जाता है । उदाहरणार्थ, भारत के एक रुपये में अमेरिका के 2.5 सेन्ट या अमेरिका के एक डॉलर में भारत के 40 रुपये के बराबर हो । इसी प्रकार भारत का एक रुपया इंग्लैंड के 4 पैन्स अथवा इंग्लैंड के एक पौण्ड भारत के 60 रुपये के बराबर हो तो इन्हें विनिमय दर कहा जायेगा ।
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"सांकेतिक मुद्रा मूल्य" के बारे में
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मुद्रा का अवमूल्यन क्या होता है?
(A) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रयुक्त प्रमुख मुद्राओं की तुलना में मूल्य में गिरावट
(B) अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मुद्रा को अपना स्तर ढूंढ़ने की अनुमति
(C) IMF तथा WB की सहायता से मुद्रा का मूल्य निर्धारित
(D) उपरोक्त में कोई नहीं
मुद्रा अवमूल्यन का अर्थ है अपनी मुद्रा के मूल्य को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रयुक्त मुद्राओं (डॉलर) की तुलना में कम करना। इसका परिणाम यह होता है, कि विदेशों से आयात महंगा तथा निर्यात सस्ता हो जाता है। जिससे आयात में कमी तथा निर्यात में वृद्धि हो जाती है। बतादें कि 1947 में भारत की आजादी के बाद से भारतीय रूपये का 3 बार अवमूल्यन हुआ है। 1947 में विनिमय दर 1USD = 1INR था, लेकिन आज आपको एक अमेरिकी डॉलर खरीदने के लिए 70 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। मुद्रा के अवमूल्यन का अर्थ “घरेलू मुद्रा के बाह्य मूल्य में कमी होना, जबकि आंतरिक मूल्य का स्थिर रहना” है। कोई भी देश अपने प्रतिकूल भुगतान संतुलन (BOP) को सही करने के लिए अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है। यदि कोई देश प्रतिकूल भुगतान संतुलन (BOP) का सामना कर रहा है, तो इस स्थिति में वह अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है जिससे उसका निर्यात सस्ता हो जाता है और आयात महंगा हो जाता है।. अगला सवाल पढ़े
बाजार मूल्य क्या हैं | What Is Market Price In Hindi
बाजार मूल्य मुद्रा के मूल्य से क्या अभिप्राय है से आप क्या समझते हैं। इसको जानने से पहले आपको बाजार और मूल्य दोनों के बारे में काफी अच्छे से जाना होगा तब जाकर आप अपने प्रोडक्ट को बाजार में उतार कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। तो आइए समझते हैं बाजार का अर्थ क्या होता हैं?
बाजार शब्द से आश्य एक ऐसे स्थान या फिर जगह से होता है जहां पर क्रेता और विक्रेता उपस्थित होकर आपस में लेन-देन करते हैं। लेन-देन में वस्तु, सामग्री या सेवाएं शामिल हो सकती हैं।
मूल्य से क्या आश्य हैं?
सामान्य अर्थ में किसी वस्तु को खरीदने के लिए जो पैसे दिए जाते हैं वह उस वस्तु का मूल्य (दाम) कहलाता हैं। इस मूल्य में वस्तु की लागत, मुनाफा आदि सभी कुछ सम्मिलित होती हैं।
बाजार मूल्य क्या हैं?
जो मूल्य अति अल्पकालीन बाजार में प्रचलित रहता है उसे बाजार मूल्य कहते हैं। इस प्रकार से ,
बाजार मूल्य ऐसे बाजार में होता है जिसकी अवधि कुछ घंटों, कुछ दिनों अथवा मुद्रा के मूल्य से क्या अभिप्राय है कुछ सप्ताहों की होती हैं। यह मूल्य, मांग और पूर्ति के अस्थायी संतुलन के द्वारा निर्धारित होता है जिसमें मांग पक्ष का प्रभाव पूर्ति पक्ष की अपेक्षा अधिक रहता है।
स्वर्ण विनिमय मान क्या हैं | Gold Exchange Standard In Hindi
स्वर्ण मुद्रा मान क्या हैं | Gold Currency Standard
बाजार मूल्य का निर्धारण कैसे होता हैं?
बाजार मूल्य मांग और पूर्ति के अस्थायी संतुलन के द्वारा निर्धारित होता है जो अल्पकालीन मूल्य होता हैं। अल्पकालीन बाजार में पूर्ति स्थिर रहती है और मूल्य निर्धारण में मांग की प्रधानता रहती हैं। बाजार मूल्य के निर्धारण में मांग और पूर्ति दोनों ही शक्तियां कार्यरत रहती है लेकिन पूर्ति की अपेक्षा मांग की प्रधानता अधिक रहती हैं। यह इसलिए मुद्रा के मूल्य से क्या अभिप्राय है होता है कि अति अल्पकालीन बाजार में मांग में होने वाले परिवर्तन के अनुसार पूर्ति में परिवर्तन नहीं होता।
यदि मांग बढ़ जाती है तो मूल्य भी बढ़ जाता है और विक्रेता को बहुत अधिक लाभ होता हैं। यदि मांग घट जाती है तो मूल्य घट जाता हैं और विक्रेता को हानि होता है लेकिन यह नहीं समझना चाहिए कि पूर्ति का मूल्य पर कुछ भी प्रभाव नहीं होता हैं। पूर्ति का भी प्रभाव पड़ता हैं।
डॉलर नहीं ये है विश्व की सबसे ताकतवर करेंसी, जानिए इसके बारे में
Kuwait Dinar: कुवैती दिनार विश्व की सबसे शक्तिशाली करेंसी है।
- विनिमय के माध्यम के रूप में करेंसी का उपयोग किया जाता है।
- कुवैती दिनार है सबसे शक्तिशाली करेंसी।
- कुवैती दीनार 246 मुद्रा के मूल्य से क्या अभिप्राय है रुपए के बराबर है।
कौन सी करेंसी है विश्व की सबसे शक्तिशाली करेंसी?
अक्सर हम यो सोचते हैं कि विश्व के सबसे मजबूत देश की करेंसी ही विश्व की सबसे शक्तिशाली करेंसी होगी लेकिन ऐसा नहीं है। विश्व का छोटा मुद्रा के मूल्य से क्या अभिप्राय है सा देश कुवैत जिसकी करेंसी यानी मुद्रा कुवैती दिनार विश्व की सबसे शक्तिशाली मुद्रा है।