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क्रिप्टो करंसी

क्रिप्टो करंसी
क्रिप्टो करेंसी में निवेश ठीक है या डूबेगी लुटिया? (File Photo)

Crypto Price: टॉप-10 क्रिप्टो में सिर्फ एक करेंसी के भाव में शानदार तेजी, 19 हजार डॉलर के पार BitCoin, चेक करें लेटेस्ट भाव

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली का रूझान बना हुआ है और अधिकतर करेंसीज के भाव कमजोर हुए हैं

लगभग सभी दिग्गज क्रिप्टोकरेंसीज के भाव कमजोर हुए हैं लेकिन पिछले 24 घंटे में क्रिप्टो के लेन-देन में तेजी आई है। (Image- Pixabay)

Crypto Price: अधिकतर क्रिप्टोकरेंसीज के भाव में आज 3 अक्टूबर को कमजोरी का रूझान दिख रहा है। मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की बात करें तो इसके भाव में करीब आधे फीसदी की गिरावट है। टॉप-10 क्रिप्टो में सिर्फ एक ही करेंसी बीएनबी है जिसके भाव एक फीसदी से अधिक मजबूत हुए हैं।

बिटकॉइन के भाव पिछले 24 घंटे में 0.39 फीसदी गिरे हैं और अभी यह 19,201.17 डॉलर (15.72 लाख रुपये) के भाव (खबर लिखे जाने के समय) पर मिल रहा है। पिछले 24 घंटे में वैश्विक मार्केट कैप 0.84 फीसदी की गिरावट के साथ 92.70 हजार करोड़ डॉलर (75.88 लाख करोड़ रुपये) रह गया।

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एक हफ्ते में सिर्फ BNB में रही तेजी

वीकली बात करें तो मार्केट कैप के हिसाब से टॉप 10 क्रिप्टो में सिर्फ बीएनबी मजबूत हुआ है। इसके भाव सात दिनों में 3 फीसदी से अधिक मजबूत हुए हैं। मार्केट कैप के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम की बात करें तो यह सात दिनों में 2 फीसदी से अधिक कमजोर हुआ है और बिटकॉइन में भी गिरावट रही। XRP के भाव 7 फीसदी से अधिक टूटे हैं।

'Cryptocurrency'

इस वर्ष की दूसरी तिमाही से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट शुरू होने के बाद अल साल्वाडोर को बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट पर भारी नुकसान हुआ है। अल साल्वाडोर के पास 2,381 बिटकॉइन हैं जिनका औसत प्राइस 43,357 डॉलर का है

Analytics Insight की रिपोर्ट की मानें, तो क्रिप्टो व्हेल्स इन सभी क्रिप्टो को 2023 में 50 गुना बेनिफिट की उम्मीद कर खरीद रहे हैं। चलिए इनके बारे में जानते हैं।

कार्डानो भी एक स्टेबल क्रिप्टो ऑप्शन माना जाता है। यह इस वक्त सबसे तेजी से ग्रो करने वाली क्रिप्टोकरेंसीज में से एक है।

दूसरा सबसे बड़ा मीम कॉइन SHIB है, जो अस्थिर तो रहता है, लेकिन कीमत में देर-सवेर बढ़ोतरी देखता है। इसकी कीमतों में भी पिछले कुछ समय में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे ही FTX की बर्बादी सामने आई, कई निवेशकों और वैलिडेटर्स ने ब्लॉकचेन से अपने Solana एसेट्स को हटाना शुरू कर दिया और उन्हें नष्ट कर दिया, जिससे टोकन में कीमत में इस तरह की जबरदस्त गिरावट आई।

स्टडी में कहा गया है कि प्राइसेज के बढ़ने पर रिटेल इनवेस्टर्स की ओर से बिटकॉइन में खरीदारी की जा क्रिप्टो करंसी रही थी, जबकि इसके व्हेल्स जैसे बड़े होल्डर्स बिकवाली कर प्रॉफिट कमा रहे थे

इस सप्ताह की शुरुआत में बड़ी संख्या में कस्टमर्स के अपनी रकम निकालने के बाद बहामास के इस एक्सचेंज ने बैंकरप्सी के लिए फाइलिंग की थी। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल Binance ने इसे खरीदने की पहल की थी लेकिन बाद में वह पीछे हट गया था

FTX co-founder Sam Bankman-Fried: एफटीएक्‍स बिकने की खबर आने से पहले सैम बैंकमैन-फ्रायड की कुल संपत्ति 15.2 अरब डॉलर थी. रातोंरात उनकी संपत्ति 14.6 में अरब डॉलर की कमी आ गई.

डॉजकॉइन की आज की कीमत की बात करें तो टोकन में 6% की वृद्धि हुई है। भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार यह 7.13 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

Crypto एक्सचेंज BitMEX के पूर्व सीईओ ऑर्थर हेयस (Arthur Hayes) ने कहा है कि बिटकॉइन की कीमत 15 हजार डॉलर तक नीचे जा सकती है।

Crypto Currencies: आप भी क्रिप्टो में लगाते हैं पैसा तो ठहरिए, जान लीजिए इस बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currencies) के बारे में इन दिनों ढेर सारी बातें जानने को मिल रही हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि इसमें कमाई का शानदार अवसर है। शेयर बाजार में जितना रिटर्न (Share Market Return) नहीं मिल रहा है, उससे ज्यादा रिटर्न (Crypto Return) यहां मिलता हैं। वहीं दूसरी तरफ निवेश की दुनिया के विशेषज्ञ (Investment Specialist) इस मामले में लोगों को अक्सर सचेत करते रहते हैं।

Is investing in crypto currency good? (File Photo)

क्रिप्टो करेंसी में निवेश ठीक है या डूबेगी लुटिया? (File Photo)

हाइलाइट्स

  • क्या क्रिप्टो से हो सकती है शानदार कमाई?
  • या फिर यह है काल्प्निक दुनिया की फ्यूज लाइट?
  • सरकार भी क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं दिखती है

पता भी नहीं चलता, आपका पैसा कहां गया
उनका कहना है- "मेरा तर्क काफी सरल है: क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा सिस्टम है जिसमें बड़ी मात्रा में धन को देश की सीमाओं के पार, बिना किसी क्रिप्टो करंसी निशान (trace) के और किसी भी कारणों से स्थानांतरित करने की सहूलियत है। मैं ऐसे किसी वैध कमर्शियल इंटरप्राइज़ के बारे में नहीं जानता जिसे ऐसी सुविधा की आवश्यकता हो। और छोटे निवेशकों को, जो इन गैर-कानूनी उद्यमों के साथ सह-निवेश (co-invest) कर रहे हैं, उन्हें देर सबेर झटका लगने ही वाला था।"

सरकार ने भी लिया है संज्ञान
भारत सरकार ने भी इस पर संज्ञान लिया है। परंतु किसी एक देश की सरकार द्वारा इसे अवैध करार देने से सिर्फ़ उस देश के छोटे निवेशकों को हानि की संभावना ज्यादा है। शायद इसीलिये भारत सरकार ने नाजायज उद्यमों और धारकों (illegitimate holders) के लिये, दंड-स्वरूप, क्रिप्टो संपत्ति पर हुए प्रॉफ़िट पर टैक्स लगाने का फैसला किया। यह कदम सही भी साबित हुआ। क्रिप्टो सिस्टम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले हर जगह बढ़ते ही जा रहे हैं और प्रवर्तन एजेंसियों के यहाँ ऐसे मामलों का अंबार लगा है। यह छोटे निवेशकों को क्रिप्टो से सावधान भी कर रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले सैकड़ों करोड़ से लेकर हजारों करोड़ के सामने आ रहे हैं। असली संख्या का अंदाजा क्रिप्टो करंसी लगाना मुश्किल है। लेकिन हर कोई जानता है कि यह नंबर काफी बड़े हैं और छोटे निवेशकों की मुश्किल ऐसे 'नाजायज़ निवेशकों' के साथ रहने मात्र से ही बढ़ जाती है।

क्रिप्टो जैसी वैकल्पिक मुद्राओं (Alternate currencies) की वास्तविक आवश्यकता क्या है?
यह संभव है कि दुनिया के तमाम बड़े निवेशकों ने यह देखते हुए कि पिछले 14-15 वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था में बहुत ही बड़ी मात्रा में प्रमुख संप्रभु मुद्राओं (sovereign currencies) की सपलाई बढ़ी है, अपने पोर्टफोलियो में तेजी से गिरावट का अनुमान लगाया होगा, क्योंकि अब हर जगह केंद्रीय बैंक (Central Banks) महंगाई पर लगाम लगाने के लिए इंफ्यूजन की वापसी को लागू कर रहे हैं। और जैसे जैसे मुद्राओं की वापसी तेजी पकड़ती है निवेशकों के पोर्टफोलियो मार खाते हैं। ऐसे समय में निवेशक वैकल्पिक ऐसी मुद्राओं की तलाश करते हैं जो वैश्विक मुद्राओं से जुड़ी न हों और उनके निवेश को सुरक्षित छुपा कर रखें। अतीत में, स्वर्ण हमेशा ही सार्वभौमिक वैश्विक विकल्प मुद्रा रहा है। किन्सोतु आजकल सोना महंगा है। और जहां तक क्रिप्टो का सवाल है वह उनके लिये एकदम सही है क्योंकि एक और नया क्रिप्टो ब्रांड बनाने के लिए उन्हें वास्तविक लागत की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जाहिर है कि सभी निवेशकों ने क्रिप्टो को नहीं चुना है, बहुतों ने सोने को भी चुना है। यहां तक कि विश्व के सभी सेंट्रल बैंकों ने बड़ी मात्रा में सोने की खरीद भी की है, इससे सोने में भी तेजी आई है। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि सोने में आने वाली बहुत सी लिक्विडिटी इसके बजाय क्रिप्टो मुद्राओं में चली गई है। क्रिप्टो ने मनी लॉन्ड्रर्स को कई सुविधाएं प्रदान की है जो सोना नहीं कर सका। लेकिन क्रिप्टो ने कई नये सिरदर्द भी पैदा किए हैं। पहला तो इसमें अस्थिरता क्रिप्टो करंसी और दूसरा नियामक एजेंसियों के रडार पर आना। संभावना है कि क्रिप्टो कम हो रहा है और जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा यह और क्रिप्टो करंसी लड़खड़ाएगा। संप्रभु लोग या देश (sovereigns), पैसा प्रिन्ट करने के अपने पूर्ण अधिकार को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं और सोना 10,000 से अधिक वर्षों से मनुष्य जाति का एकमात्र सार्वभौमिक मुद्रा (universal currency) रहा है और यह भी अपना दावा छोड़ने वाला नहीं है।

करेंसी की लड़ाई होगी तेज
लगता यही है कि अब करेंसी की लड़ाई होने जा रही है। स्पष्ट रूप से अमेरिकी डॉलर विश्व व्यापार पर अपना दबदबा जारी रखने वाला है तथा दूसरी तरफ क्रिप्टो वाले उसकी अस्पष्टता को बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे, और सोना भी आगे यूं ही चमकता रहेगा। यहां तक कि जब आप इन तीन चलती नावों के बीच एक मुश्किल संतुलन साधने की कोशिश करते हैं, तो बहुत कुछ चबाना पड़ता है। आधुनिक विश्व इतिहास में लगभग हर बार जब सोने के अलावा अन्य संप्रभु मुद्राएं (sovereign currencies) लड़खड़ाईं, तो सोने पर फिर से भरोसा लगाना अनिवार्य हो गया। लेकिन दुर्भाग्य से एक बड़े युद्ध से पहले मुद्राओं की पारस्परिक मान्यता रद्द (mutual de-recognition) करना नामुमकिन है, और इसलिए सोने जैसे सार्वभौमिक एसेट की आवश्यकता पड़ी। हालांकि यह एक पूर्वानुमान लग सकता है: युद्ध पहले से ही हमारे सर पर है। हमें बस इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या स्वतंत्र दुनिया के सभी संप्रभु नेता (sovereign leaders) उतने ही स्मार्ट हैं जितने कि वे निर्णायक हैं। किसी भी हालत में - चाहे युद्ध की परिस्थिति बढ़े या घटे, क्रिप्टो की नैया तो डूबती ही नज़र आती है।

Crypto as Currency : अब इस देश ने Bitcoin को अपनाया, करेंसी की तरह लोग कर पाएंगे लेन-देन

भारत में Cryptocurrency का क्या होगा, इस पर अभी बहस जारी है. लेकिन इस बीच अफ्रीका से एक बढ़िया खबर आई है. यहां के एक देश ने Bitcoin को अपनी ऑफिशियल करेंसी बना लिया है. ऐसा करने वाला वह दुनिया का दूसरा और अफ्रीका का पहला देश है.

इस देश में Bitcoin से खरीद सकेंगे कुछ भी

aajtak.in

  • बांगुई,
  • 28 अप्रैल 2022,
  • (अपडेटेड 28 अप्रैल 2022, 7:44 PM IST)
  • संसद में पास हुआ विधेयक
  • अभी चलता है CFA Franc

दुनिया में सबसे पहले El Salvador ने Bitcoin को अपनी ऑफिशियल करेंसी बनाया. अब इस कतार में अफ्रीका का भी एक देश शामिल हो क्रिप्टो करंसी गया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक नाम के देश की, जो अफ्रीका में Bitcoin को करेंसी के तौर पर अपनाने वाला पहला देश बन गया है.

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक यहां की सरकार ने बुधवार को ही Bitcoin को ऑफिशियल करेंसी के तौर पर अपनाने को मंजूरी दे दी. वैसे तो Central African Republic में सोने और हीरे के क्रिप्टो करंसी भंडार भरे पड़े हैं. लेकिन इसकी गिनती दुनिया के सबसे गरीब देशों में ही होती है. अल्प-विकसित देशों की लिस्ट में शामिल इस देश ने कई सालों तक हिंसा और विद्रोह के दौर को देखा है.

संसद में पास हुआ बिल
क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में अपनाने के लिए यहां की संसद में पिछले हफ्ते ही एक विधेयक लाया गया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. Central African Republic के प्रेसिडेंट Faustin-Archange Touadera के चीफ ऑफ स्टाफ ओबेद नामसियो ने इस बारे में बयान जारी कर कहा, ' राष्ट्रपति इस बिल का समर्थन करते हैं और ये कदम देश के नागरिकों का जीवन स्तर सुधारने में मदद करेगा. ये एक निर्णायक कदम है जो Central African Republic के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा.'

क्रिप्टो करेंसी में आई भारी गिरावट, बिटकॉइन, इथीरियम धड़ाम, अमेरिका में बढ़ती महंगाई बनी वजह

Cryptocurrency: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट देखने को मिली. गुरुवार को सुबह शुरुआती कारोबार में क्रिप्टो 4-6 फीसदी नीचे रहा.

Cryptocurrency: महंगाई पर उम्मीद से बदतर आई रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार पर इसका असर देखने को मिल रहा है और शेयर लगभग 2 साल के अपने सबसे कमजोर स्तर तक जा रहे हैं. अमेरिका में रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार की सुबह S&P 500 कारोबार में 1.4 फीसदी नीचे था. रिपोर्ट में महंगाई दर अधिक व्यापक रूप से फैल रही है और यह अपने 40 साल में सबसे ऊपरी स्तर पर जा रही है. इसे देखते हुए फेड को ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है और मंदी की भी आशंका की जा सकती है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी 4-6 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली.

क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट

गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट क्रिप्टो करंसी पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.

एक चौथाई टूटे शेयर

सुबह क्रिप्टो करंसी 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.

फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.

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