इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें

इन फंड्स में लोग टैक्स से छूट पाने के लिए करते है जो आपको 1.5 लाख तक मिल जाती है।
म्यूच्यूअल फंड्स ( Mutual Funds)
जब भी हम नया नया इन्वेस्टिंग शुरू करते है तो हमारे पास उतने पैसे ही इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें नहीं होते जिससे हम अपने मन पसंद और अच्छे शेयर्स खरीद सके, तो इस जगह म्यूच्यूअल फंड्स काम आते है, जिसमे आप कम पैसो में भी अपने मन पसंद शेयर्स खरीद सकते है। म्यूच्यूअल फंड्स में आप बहुत ही कम राशि ( लगभग 500 रूपये ) से भी निवेश कर सकते है।
Asset Management Companies( AMC) के प्रोडक्ट होते है जिनको SEBI के द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स को लॉन्च करने की परमिशन मिल राखी होती है।
जैसे की प्राग पारीख फंड्स ( PPFAS ) एक AMC कंपनी है जिनके कई सारे फंड्स बाजार में उपलब्ध है।
म्यूच्यूअल फंड्स काम कैसे करते है?
जब आप किसी शेयर को खरीदते है तो वह आपके डीमैट अकाउंट में T+2 दिन आ जाता है लेकिन जब आप कोई म्यूच्यूअल फण्ड के प्लान में इन्वेस्टमेंट करते है तो आपको शेयर्स के बदले units दिए जाते है जिन्हे हम Net Asset Value भी कहते है।
किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड के प्लान में अनगिनत शेयर्स होते है और आपके पैसे हर एक शेयर्स में निवेश किया जाता है। जब भी लोग म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करते है तो उनके पैसो से AMC का मैनेजर शेयर्स खरीदता है यह वही आदमी होता है जो यह decide करता इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें है की किस शेयर को कब खरीदना है और किसको कब बेचना है।
हर म्यूच्यूअल फण्ड की strategy उसके NFO ( New Fund Offer) आने के बाद decide होती है और एक NFO आ जाने पर फण्ड मैनेजर उसी के हिसाब से अलग अलग शेयर्स में इन्वेस्ट करता है।
लोग म्यूच्यूअल फंड्स में पैसा इसलिए भी लगते है क्योकि इसमें शेयर बाजार से कम जोखिम होता है। म्यूच्यूअल फंड्स में कम जोखिम होने का कारण AMC के मैनेजर होते है जिन्हे शेयर मार्केट के बारे में अच्छी समझ होते है और जिन्हे शेयर्स को पिक करना किसी भी बिगिनर( Beginner ) से काफी अच्छा आता है।
म्यूच्यूअल फंड्स में पैसा कैसे लगाया जा सकता है?
- LUMPSUM: इस तरीके में आप सिर्फ एक बार ही इन्वेस्ट करते है और बहुत बड़ी मात्रा में इन्वेस्ट करते है।
म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार के बारे में बात करे तो इनके तीन मुख्या categories होते है। जिसमे सबसे पहले आता है :-
1. On the basis of Flexibility
- Open-Ended Funds: जिन्हे आप कभी भी खरीद या बेंच सकते है और जिसमे कोई restrictions नहीं होती।
- Close Ended Funds: वो फंड्स जिन्हे बेंचने का एक समय होता है और आप उससे पहले उसे बेच नहीं सकते।
2. On the basis of Dividend
- Growth Funds: इस फण्ड में जिन शेयर्स पर आपको डिविडेंड मिलता है उस डिविडेंड को आपको न देकर वापिस से reivest कर लय जाता है, जिससे आपका पोर्टफोलियो और बड़ा हो जाता है।