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Stock Market में विभिन्न पदों के नौकरियां

Stock Market में विभिन्न पदों के नौकरियां
प्रतीकात्मक तस्वीर।

Indian Railway Recruitment 2022 : दसवीं पास युवाओं के लिए रेलवे में हो रही बंपर भर्तियां ऐसे करें आवेदन

Indian Railway Recruitment 2022 : देश के लाखों युवाओं का सपना होता है रेलवे में नौकरी करने का रेलवे की नौकरी का क्रेज आज के युवाओं में बरकरार देखने को मिल रहा है अगर आप भी भारतीय रेल से जुड़कर अपना भविष्य संभालना चाहते हैं तो आपके लिए सुनहरा मौका है बता दे कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अप्रेंटिस पद के लिए 5636 पदों पर भर्तियां निकाली है.

अतः इच्छुक और योग्य उम्मीदवार पर अवांतर सीमांत रेलवे एनएफआर की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं बता दें कि आवेदन प्रक्रिया 1 जून 2022 से आमंत्रित की गई है जो 30 जून 2022 तक चलेगी

Table of Contents

क्या है शैक्षणिक योग्यता

प्रमाण तर सीमांत रेलवे अप्रेंटिस पद के आवेदन करने के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त से दसवीं की परीक्षा या इनके समक्ष 10+2 परीक्षा प्रणाली के तहत न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है इसके अतिरिक्त आईटीआई की डिग्री होना अनिवार्य है

क्या हो उम्र सीमा

पूर्वांचल सीमांत रेलवे अप्रेंटिस पद के लिए जिन पदों पर भर्तियां निकाली है उनमें कैंडिडेट का न्यूनतम उम्र 15 वर्ष से अधिक होना चाहिए उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 24 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए, अगर आप इस पद के लिए इच्छुक हैं तो आप आवेदन कर सकते हैं

चयन प्रक्रिया

अभ्यर्थी की चयन प्रक्रिया मेरिट सूची के आधार पर किया जाएगा बता दें कि प्रत्येक इकाई में मेरिट लिस्ट मैट्रिक में प्राप्त अंकों के प्रतिशत और संबंधित ट्रेड से आईटीआई के आधार पर तैयार की जाएगी

कैसे करें आवेदन

  • इच्छुक उम्मीदवार सबसे पहले पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के आधिकारिक website nfr.indianrailway.gov.in visit करें
  • इसके बाद एनएफआर भर्ती 2022 वाले लिंक पर क्लिक करें अब उम्मीदवार मांगी जा रही आवश्यक विवरण भरे साथ ही मांगी गई साइज के अनुसार दस्तावेज अपलोड करें अब एक बार पंजीकरण फॉर्म की जांच कर कर ले उसके बाद सबमिट कर ले भविष्य में उपयोगी के लिए एक प्रिंट आउट अवश्य निकालें

7th Pay Commission के हिसाब से सैलरी संग पाएं कई भत्ते, यहां निकली है नौकरी; जानें हर माह कितना होगा वेतन

7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2019, 7th Pay Commission Latest Hindi News: इन नौकरियों के लिए आवेदनकर्ताओं की उम्र 1 जनवरी, 2019 के अनुसार 18 से 25 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि Ex-Army Personnel (पूर्व सैन्यकर्मियों) को इस तय मानक से थोड़ी राहत मिलेगी।

7th Pay Commission के हिसाब से सैलरी संग पाएं कई भत्ते, यहां निकली है नौकरी; जानें हर माह कितना होगा वेतन

7th Pay Commission: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटोः Freepik)

7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2019, 7th Pay Commission Latest Hindi News: ओडिशा पुलिस ने विभिन्न पदों पर भर्तियां निकाली हैं। इन सभी पदों पर सातवें वेतन आयोग के हिसाब से न सिर्फ सैलरी मिलेगी, बल्कि अभ्यर्थियों को उसी के अनुसार भत्ते भी दिए Stock Market में विभिन्न पदों के नौकरियां जाएंगे। ओडिशा पुलिस ने Gurkha sepoys रैंक की भर्ती प्रक्रिया के तहत Odisha Special Armed Police 2nd Battalion Jharsuguda में 73 और 5th OSAP Battalion Baripada में 23 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। ओडिशा पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट- http://www.odishapolice.gov.in से इन भर्तियों के लिए फॉर्म डाउनलोड किया जा सकता है।

इच्छुक अभ्यर्थियों को फॉर्म भर कर आवेदन 31 अक्टूबर, 2019 के पहले Office of the Commandant, OSAP 2nd Battalion, Jharsuguda पर भेजना होगा। अभ्यर्थी का किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से सातवीं पास होना या उसके बराबर की शैक्षणिक डिग्री होना जरूरी है। वैसे, जो हायर सेकेंड्री या फिर उसके बराबर वाली डिग्री रखे होंगे, उन्हें विभाग से प्राथमिकता मिलेगी।

इन नौकरियों के लिए आवेदनकर्ताओं की उम्र 1 जनवरी, 2019 के अनुसार 18 से 25 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि Ex-Army Personnel (पूर्व सैन्यकर्मियों) को इस तय मानक से थोड़ी राहत मिलेगी। शुरुआत में कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर मासिक वेतन नौ हजार होगा, जबकि बाद में हर साल इसमें 10 फीसदी बढ़ोतरी होगी। रेग्युलर अपॉइंटमेंट पर अभ्यर्थी सातवें वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी, डीए और भत्ते (Corresponding Pay Matrix, 2017) पाएंगे।

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कहां भेजना होगा आवेदन?: अभ्यर्थियों को बताए गए फॉर्मेट में फॉर्म भर कर मांगे गए दस्तावेजों के साथ इस पते पर भेजना होगा- Commandant, OSAP 2nd Bn., Jharsuguda, PO-OMP Line, Jharsuguda, Odisha, India. PIN- 768204।

सरकारी नौकरियों में SC/ST को पदोन्नति में आरक्षण मिलेगा या नहीं, शुक्रवार को होगा फैसला

सरकारी नौकरियों में SC/ST को पदोन्नति में आरक्षण मिलेगा या नहीं, शुक्रवार को होगा फैसला

सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण मिलेगा या नहीं इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा. इस मामले में 26 अक्तूबर 2021 को जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र ने पहले पीठ से कहा था कि यह जीवन का एक तथ्य है कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है.

वेणुगोपाल ने प्रस्तुत किया था कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है. समय आ गया है जब शीर्ष अदालत को रिक्तियों को भरने के लिए एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC) के लिए कुछ ठोस आधार देना चाहिए.

पीठ ने पहले कहा था कि वह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगी और कहा कि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करने जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से डेटा मांगा था, जिसमें दिखाया गया हो कि पदोन्नति में आरक्षण जारी रखने का निर्णय प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता को लेकर मात्रात्मक डेटा पर आधारित था.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए 2006 में नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले के अनुसार प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता का पता लगाने के लिए उसने क्या अभ्यास किया? सार्वजनिक रोजगार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि वह एक विवादास्पद मुद्दे पर फैसला करेगा कि आरक्षण अनुपात पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर होना चाहिए या नहीं.

अदालत ने कहा था कि हम जो सवाल पूछ रहे हैं वह यह है कि प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का पता लगाने के लिए नागराज के बाद क्या अभ्यास किया गया है. यदि हम आरक्षण की पर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए जनसंख्या से जाते हैं, तो इसकी बड़ी खामियां हो सकती हैं. केंद्र को इस पर विवेक लगाना चाहिए था, पर्याप्तता का क्या मतलब है.

अदालत ने पूछा कि आखिर इतने दिनों तक सरकारी नौकरियों में ये व्यवस्था क्यों लंबित रखी गई? कोर्ट ने पूछा था कि आपके पास इस बाबत क्या आंकड़े हैं? याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने इंदिरा साहनी मामले का हवाला दिया. उनकी दलील थी कि उस फैसले के बाद भी अब तक अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था सुचारू तौर पर नहीं हो पाई है.

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जस्टिस एलएन राव ने कहा था कि आरक्षण व्यवस्था को लेकर नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2006 में आया था. अब तक उस पर अमल के लिए सरकार ने क्या किया? अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उस फैसले के मुताबिक बदलाव की बात कही तो कोर्ट ने फिर टोका कि ये बदलाव तो 2017 में किए गए! 2006 से 2017 तक क्यों कुछ नहीं किया गया?

अटार्नी जनरल ने कहा था कि दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट के एक जजमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ही स्टेटस को यानी यथास्थिति बहाल कर रखी थी. कोर्ट ने फिर पूछा हमने आरक्षण पर रोक लगाई तो आपने प्रमोशन पर कब रोक लगाई! AG ने कहा कि प्रमोशन तो रोस्टर आधारित था जिसमें DoPT के नियमों के तहत 15 फीसद से ज्यादा को तरक्की नहीं दी जा सकती. इस वजह से हजार से ज्यादा पदों पर नियमित और तरक्की से भर्ती नहीं हो पाई.

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि डाटा के आधार पर हम टेस्ट केस के तौर पर परीक्षण करेंगे कि कैडर वार समुचित तौर पर इसे अमली जामा कैसे पहनाया जा सकता है.
ASG बलबीर सिंह ने कहा कि 1997 में DoPT ने एक ऑफिशियल मेमोरेंडम जारी कर वेकेंसी आधारित आरक्षण को पोस्ट आधारित आरक्षण में तब्दील कर दिया था. उस तरीके से पता चलता था कि खाली पदों पर भर्ती कैसे होगी. इस तरह गणितीय आधार पर 15 और साढ़े सात फीसदी के तर्ज पर पद भरे जा रहे थे.

पीठ ने कहा कि रोस्टर पदों की संख्या के आधार पर हों ये एक मानदंड हो सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से इसके भी आंकड़े नहीं हैं. हम तो ये जानना चाहते हैं कि आपने किस आधार पर रिजर्वेशन की व्यवस्था रखी है. उसे तथ्यपरक और तार्किक तौर पर हमें समझाएं.

AG ने कहा कि कई तरह के अदालती फैसलों में भी अंतर्विरोध है. सबसे पहले 1995 में आया फैसला जिसके बाद से हर साल ऊंचे पदों पर अनुसूचित जाति और जनजातियों के उम्मीदवार और दावेदारों की संख्या लगातार कम होती गई, जबकि निचले पदों पर श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए संख्या बहुत रहती थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि यही तो तय करना है कि Stock Market में विभिन्न पदों के नौकरियां प्रमोशन में आरक्षण अनुपातिक आधार पर हो या एक बार समुचित आधार पर और फिर सबके लिए बराबर.

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कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि इस बाबत उपलब्ध आंकड़ों के चार्ट तैयार करा कर कोर्ट को दें ताकि स्थिति साफ हो सके. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो देश भर में नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मामलों की 5 अक्तूबर से अंतिम सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य के अपने अनूठे मुद्दे हैं, इसलिए राज्यवार मामलों की सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे राज्यों के लिए अनूठे मुद्दों की पहचान करें और दो हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें.

दरअसल केंद्र और राज्यों ने पदोन्नति नीति में आरक्षण से संबंधित मामलों पर तत्काल सुनवाई की मांग की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की वजह से ये लाखों पदों पर नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं. हाईकोर्ट के परस्पर विरोधी आदेशों के कारण कई पद रिक्त पड़े हैं, इसलिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व और पिछड़ेपन को मापने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की आवश्यकता है.

राज्यों ने कहा है कि केंद्र सरकार के स्तर पर नियमित पदों के लिए पदोन्नति हुई थी, लेकिन देश भर में आरक्षित पदों पर पदोन्नति 2017 से अटकी हुई है. दरअसल जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच पदोन्नति में आरक्षण नीति को लेकर लगभग 133 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

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पीठ ने साफ कर दिया है कि वो पिछले फैसले में पहले से तय किए गए मुद्दों को फिर से नहीं खोलेगी. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण नीति कैसे लागू हो ये बताने की जरूरत नहीं है. नागराज फैसले में निर्देश पारित किया गया है कि प्रत्येक राज्य को अंतिम रूप देना है कि वे इसे कैसे लागू करेंगे. वरिष्ठ Stock Market में विभिन्न पदों के नौकरियां वकील राजीव धवन ने SC को बताया था कि महाराष्ट्र सरकार ने अब “प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता” पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया है. सवाल यह है कि यह पहले क्यों नहीं किया गया.वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा था इस मामले में होईकोर्ट भी हस्तक्षेप कर रहे हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को जल्द इस मामले का निपटारा करना चाहिए. प्रोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसमें बहुत सी याचिकाएं एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न हैं. एम नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि सरकार को प्रोन्नति में आरक्षण देने से पहले अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़ें जुटाने होंगे.

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एफसीआई भर्ती 2022: महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन जमा करने और शुल्क के भुगतान की अंतिम तिथि: 31 मार्च

ऑनलाइन परीक्षा की तिथि: कुछ समय के लिए मई या जून 2022 के महीने में (वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा)

एफसीआई भर्ती 2022- आयु सीमा

सहायक महाप्रबंधक (सामान्य प्रशासन) – 30 वर्ष
सहायक महाप्रबंधक (तकनीकी) – 28 वर्ष
सहायक महाप्रबंधक (लेखा) – 28 वर्ष
असिस्टेंट जनरल मैनेजर (लॉ) – 33 वर्ष
चिकित्सा अधिकारी – 35 वर्ष

एफसीआई भर्ती 2022: आवेदन शुल्क

यूआर, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए आवेदन शुल्क रुपये है। 1000 जबकि एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी और महिला उम्मीदवारों से प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा। उम्मीदवार केवल ऑनलाइन मोड के माध्यम से शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।

एफसीआई भर्ती 2022 चयन प्रक्रिया

चयन प्रक्रिया में ऑनलाइन टेस्ट और साक्षात्कार शामिल होंगे।

उम्मीदवारों को योग्यता के बिना श्रेणी के लिए ऑनलाइन परीक्षा में 50% स्कोर करना होगा और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों को 45% स्कोर करना होगा।

साक्षात्कार के लिए बुलाए गए उम्मीदवारों की संख्या आम तौर पर विज्ञापित रिक्तियों की संख्या का तीन गुना है। ऑनलाइन टेस्ट और इंटरव्यू के लिए निर्धारित वजन क्रमशः 90% और 10% है।

वेतन एफसीआई भर्ती 2022:

सहायक महाप्रबंधक: 60,000-1.80,000 रुपये

चिकित्सा अधिकारी: 50,000-1.60,000 रुपये

उम्मीदवार के माध्यम से जा सकते हैं विस्तृत अधिसूचना अधिक जानकारी के लिए

एफसीआई भर्ती 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

उम्मीदवारों को भारतीय खाद्य निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करना है, fci.gov.in।

होम पेज पर, उस लिंक पर क्लिक करें जिसमें इन पदों की भर्ती का उल्लेख है।

सभी मांगी गई जानकारी प्रदान करके और फिर अपनी साख के साथ लॉग इन करके पंजीकरण करें।

आवेदन पत्र को पूरा करके, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करके प्रारंभ करें।

एफसीआई भर्ती 2022 के लिए आपका पंजीकरण पूरा हो गया है।

भविष्य के संदर्भ के लिए फॉर्म की एक प्रति डाउनलोड करें और प्रिंट करें।

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नौकरी: बाजार और विपणन अनुसंधान में हजार मौके

बाजार अनुसंधान का भविष्य बहुत अच्छा है। क्लाउड कंप्यूटिंग और बिग डाटा की वजह से इस क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो रहा है। अगले कुछ सालों में बाजार अनुसंधान की पढ़ाई करने वालों के लिए नौकरियों की कमी नहीं रहेगी। -संजय सिंह बघेल, करिअर काउंसलर

नौकरी: बाजार और विपणन अनुसंधान में हजार मौके

प्रतीकात्मक तस्वीर।

हर कंपनी को व्यापार करने के लिए बाजार की स्थिति को जानना जरूरी होता है। लोगों की आवश्यकता, पसंद, नापसंद आदि के बारे में पता लगाने के लिए कंपनियां बाजार अनुसंधान कराती हैं। नए उत्पाद को बाजार में उतारने से पहले उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में कंपनियां शोध कराती हैं। इसके लिए कंपनियां खास पेशेवरों का चयन करती हैं, जिन्हें बाजार अनुसंधान विश्लेषक कहते हैं। बाजार की विभिन्न जानकारियां कंपनी तक इन्हीं के किए गए सर्वे से हासिल होती हैं। बाजार के तेजी से बढ़ने के कारण युवाओं को भी यह क्षेत्र बहुत आकर्षित कर रहा है। इसमें उनके लिए अच्छी संभावनाएं हैं। बाजार अनुसंधान अब एक महत्त्वपूर्ण और बेहतर करिअर विकल्प है। विभिन्न व्यवसायों की श्रेणी में यह एक तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय बनकर उभर रहा है। आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में कंपनी की तरक्की के लिए बाजारअनुसंधान बहुत जरूरी हो गया है। बाजार और उपभोक्ताओं के बारे में जानकारी जमा करने के लिए बाजार अनुसंधान विश्लेषक सुनियोजित ढंग से काम करते हैं। इससे वे उपभोक्ताओं की प्राथमिकता, पसंद, नापसंद आदि की जांच करते हैं। उत्पाद सर्वेक्षण, जोखिम विश्लेषण, उपभोगता विश्लेषण, विज्ञापन सर्वे आदि की सहायता से बाजार अनुसंधान किया जाता है।

प्रमुख संस्थान

’ एपीजे स्कूल ऑफ मार्केटिंग, दिल्ली
’ भारतीय जन संचार संस्थान, जेएनयू कैंपस, नई दिल्ली
’ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेल्स, नई दिल्ली
’नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवरटाइजिंग, नई दिल्ली
’ भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, नई दिल्ली
’आरए पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, जयपुर
’ मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
’ भारतीय प्रबंधन संस्थान, अमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ,
’ जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
’ एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई
’ डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
’ जी इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव आटर्स, मुंबई
’ एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, लखनऊ
– सिंबाएसेस इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, पुणे

इन पदों पर कर सकते हैं काम

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’डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग , ’डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग रिसर्च , ’ब्रांड मैनेजर मार्केटिंग रिसर्च एनालिस्ट,’रिसर्च मैनेजर
’अकाउंट एग्जीक्यूटिव/ डायरेक्टर, ’ प्रोजेक्ट डायरेक्टर/ मैनेजर, ’रिसर्च एनालिस्ट, ’फील्ड डायरेक्टर, ’सेंपल स्पेशलिस्ट , ’मॉडरेटर, ’फोकस ग्रुप मॉडरेटर, ’ऑडिटर फॉर रिसर्च स्टडीज, ’ फील्ड मैनेजर

वेतनमान

देश में बाजार अनुसंधान के क्षेत्र में अच्छा वेतन मिलता है। इसमें मास्टर्स और पीएचडी करने वालों के लिए आमदनी अच्छी-खासी होती है। शुरुआती स्तर पर ज्यादा कमाई नहीं होती लेकिन अनुभव और कार्यक्षमता के आधार पर बाद में वेतन बढ़ता जाता है।

बाजार अनुसंधानकर्ता के कार्य

’कंपनी की संभावित बिक्री या सेवा के कार्य को बाजार शोधकर्ता या बाजार अनुसंधान विश्लेषक देखते हैं। इसमें वे कंपनी में पिछले महीने या पिछले साल होने वाले व्यापार से आगे होने वाले व्यापार का अनुमान लगाते हैं।
’अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों की जानकारी, उनके उत्पादों की विभिन्न जानकारी और उससे संबंधित विपणन रणनीति आदि से संबंधित कार्य भी एक विपणन विश्लेषक द्वारा देखा जाता है।
’बाजार से संबंधित डाटा को विश्लेषण, प्रश्नोत्तरी तैयार करना, ऑनलाइन सर्वे या व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से जमा करता है। इन सर्वेक्षणों को एक कुशल और प्रशिक्षित साक्षात्कारकर्ता ही लेता है।
’कंपनी के लिए नया ब्रोशर निकालना, बिक्री को बढ़ाने के लिए विज्ञापन आदि की तैयारी में भी बाजार शोधकर्ता मदद करते हैं। इसके अलावा सर्वेक्षण का प्रारूप तैयार करना और उसका क्रियान्वयन करना भी उन्हीं के कार्य में शामिल है।
’ये सर्वे विभिन्न संस्थानों, सरकारी एजंसियों, राजनीतिक दलों और सेवा प्रदाता के लिए किए जाते हैं। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त जानकारियों की मदद से कंपनियां अपनी नीति, निर्णय और बजट की तैयारी करती हैं।
’विश्लेषक ही जनता की राय पर भी शोध करता है। राय जानना विभिन्न राजनीतिक दलों, कारोबारी नेताओं आदि के लिए जरूरी होता है। इसमें एक बाजार अनुसंधान प्रबंधक का काम सर्वे करने वाली टीम को देखने के लिए होता है।

शैक्षणिक योग्यता

विपणन अनुसंधान के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक होना अनिवार्य है। आवेदक को यदि अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान है और उसने विपणन, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, मनोविज्ञान, समाज शास्त्र, राजनीतिक शास्त्र आदि विषयों के साथ स्नातक किया है तो उसे इसका लाभ मिलेगा। इसके आगे छात्रों को बाजार अनुसंधान में एमबीए करना होगा। संबंधित डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। शुरुआती स्तर पर इस क्षेत्र में सहायक परियोजना प्रबंधक पद पर नियुक्ति होती है। इसके लिए स्नातक के साथ बाजार अनुसंधान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा जरूरी होता है। जिन छात्रों के पास बाजार अनुसंधान में एमबीए या पीएचडी की डिग्री होती है, वे सीधे परियोजना प्रंबधक के रूप में करिअर की शुरुआत कर सकते हैं। एक सफल अनुसंधानकर्ता बनने के लिए पहली जरूरत बेहतर संचार कौशल का होना है। इसके अलावा सेल्समैनशिप, विश्लेषण कौशल, रचनात्मकता, दीर्घावधि तक काम करने की क्षमता, डाटा को सुचारू रूप से रखने की काबिलियत आदि गुण भी एक अच्छे शोधकर्ता में होने चाहिए।

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