सफलता की कहानी

मुख्य Indices

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वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति दर में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में कमी के कारण है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में काफी कम होकर 7.01 प्रतिशत पर आ गई, जो सितंबर में दर्ज 8.6 प्रतिशत से मुख्य Indices कम है। सब्जियों, फलों, दालों, तेल और वसा की कीमतों में गिरावट ने खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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उदाहरण : एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) स्टॉक का एक पोर्टफोलियो है जो बाजार सूचक के पोर्टफोलियो को दोहराता है।

उदाहरण : अर्थव्यवस्था में विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों का शामिल करते हुए चार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक हैं।

उदाहरण : I need a lexicon of scientific terms.
"liability","N","1.मुख्य Indices देयता"
Now it is his liability to pay back debt.

OTHER RELATED WORDS

Usage : Failed to contact Strigi indexer (% 1)
उदाहरण : उन्होंने बताया कि सूचीकार व चौकीदार के पद कई वर्षो से रिक्त हैं।

Usage : Indexation is necessary to show the percentage of increase in price level of different things every year.

Definition of Index

  • a numerical scale used to compare variables with one another or with some reference number
  • a number or ratio (a value on a scale of measurement) derived from a series of observed facts; can reveal relative changes as a function of time
  • a mathematical notation indicating the number of times a quantity is multiplied by itself

Index meaning in Hindi : Get meaning and translation of Index in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Index in Hindi? Index ka matalab hindi me kya hai (Index का हिंदी में मतलब ). Index meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is तालिका.English definition of Index : a numerical scale used to compare variables with one another or with some reference number

ग्रामीण, शहरी आंकड़े होते हैं तैयार

सांख्यिकीय मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा महंगाई 6.98 प्रतिशत रही है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह 6.50 प्रतिशत रही है। इसके अलावा खाद्य वस्तुओं की महंगाई भी अक्टूबर में व घटकर 7.01 प्रतिशत रही है, जो इससे पहले सितंबर में 8.77 प्रतिशत थी।

RBI देश की अर्थव्यवस्था में कीमतों में स्थिरता रखने के लिए इस आंकड़े को देखता है। CPI में एक विशेष कमोडिटी के लिए रिटेल कीमतों को देखा जा सकता है। इन्हें ग्रामीण, शहरी और पूरे भारत के स्तर पर देखा जाता है। एक समयावधि के अंदर प्राइस इंडेक्स में बदलाव को सीपीआई आधारित महंगाई या फिर खुदरा महंगाई भी कहा जाता है।

क्या है CPI आधारित महंगाई

कंज्यूमर प्राइस इंडैक्स (CPI) पर आधारित महंगाई सामान और सेवाओं की खुदरा कीमतों में बदलाव को ट्रैक करती है, जिन्हें परिवार अपने रोजाना इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं। महंगाई को मापने के लिए, अनुमान लगाया जाता है कि पिछले साल की समान अवधि के दौरान सीपीआई में कितने फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

अक्टूबर महीने में थोक महंगाई दर 10.7 % से घटकर 8.39 % आ गई है। 19 महीने में यह पहला मौका है जबकि थोक महंगाई दर Single Digit में रह गई है। इससे पहले मार्च 2021 मुख्य Indices में इससे कम थोक महंगाई दर 7.89 फीसदी देखी गई थी। अप्रैल, 2021 से थोक महंगाई दर लगातार 18 महीने तक double digit में यानी 10 फीसदी से अधिक रही थी।

थोक मुद्रास्फीति Wholesale Price Index (WPI) में गिरावट का कारण बताते हुए सरकार ने कहा कि गिरावट का मुख्य कारण मशीनरी और उपकरणों को छोड़कर खनिज तेल, मूल धातु, गढ़े धातु उत्पादों की कीमतों में गिरावट है; जैसे कपड़ा; अन्य गैर-धातु खनिज उत्पाद, खनिज, आदि।

WPI आधारित महंगाई का आम आदमी पर असर

थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहना चिंता का विषय होता है। ये ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर को प्रभावित करती है। यदि थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक उच्च रहता है, तो प्रड्यूसर इसे कंज्यूमर्स को पास कर देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।

जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कर सकती है, क्योंकि उसे भी सैलरी देना होता है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।

महंगाई कैसे मापी जाती है?

भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल, यानी खुदरा और दूसरी थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं। वहीं, होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) का अर्थ उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है। ये कीमतें थोक में किए गए सौदों से जुड़ी होती हैं।

दोनों तरह की महंगाई को मापने के लिए अलग-अलग कमोडिटी को शामिल किया जाता है। जैसे थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 63.75%, प्राइमरी आर्टिकल जैसे फूड 20.02% और फ्यूल एंड पावर 14.23% होती है। वहीं, खुदरा महंगाई में फूड प्रोडक्ट(खाने -पीने के समान) की भागीदारी 45.86%, हाउसिंग की 10.07%, कपड़े की 6.53% और फ्यूल सहित अन्य छोटे आइटम की भी भागीदारी होती है।

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एक स्क्रू गेज की पिच 0.5 मिमी .

Updated On: 27-06-2022

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Solution : (i) The mass of the empty specific gravity bottle `=m_(1)`
(ii) The mass of empty specific gravity (SG) bottle + oil `m_(2)`
(iii) The mass of empty specific gravity bottle + water =`m_(3)`
(iv) The mass of of oil `=m_(2) -m_(1)`
(v) The mass of water =`m_(3) -m_(1)`
(vii) the relative density of oil
`((m_(2) -m_(1))//v)/((m_(3)-m_(1))//v)= (m_(2)-m_(1))/(m_(3)-m_(1))`
(viii) Relative density of the oil =0.9

रिटेल पोर्टफोलियो retail portfolio

विशाल वाघ ने कहा, “यह बाजार की एक सामान्य प्रवृत्ति है. जब भी मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट अंडरपरफॉर्म करते हैं तब बेहतर प्रदर्शन करने के लिए रिटेल पोर्टफोलियो विफल हो जाते हैं. मुट्ठी भर मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक हैं, जो शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनके खराब प्रदर्शन के कारण ये पोर्टफोलियो में नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि आईटी स्टॉक ने पिछली रैली में अच्छा प्रदर्शन किया था, हर कोई इस सेक्टर में बॉटम फिशिंग की तलाश कर रहा है, लेकिन पीएसयू गति पकड़ रहा है क्योंकि वे पोर्टफोलियो से बाहर हो रहे हैं, उनका पिछला प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं है. इसके अलावा कई पीएसयू शेयरों ने पिछले कुछ महीनों में 50 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.

भारत के मुख्य न्यायधीश ने कानूनी शिक्षा पर महिलाओं के आरक्षण पर दिआ जोर

भारत के मुख्य न्यायधीश ने कानूनी शिक्षा पर महिलाओं के आरक्षण पर दिआ जोर

पहले 'महिला न्यायाधीशों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के उपलक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने प्रतिभा पूल को समृद्ध करने के लिए कानूनी शिक्षा में महिलाओं के लिए आरक्षण का जोरदार प्रस्ताव रखा।

उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रावधान से जिला स्तर पर महिला न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति के 'उत्साहजनक परिणाम' सामने आए हैंभारत के मुख्य न्यायधीस ने आगे कहा :तेलंगाना में 52 प्रतिशत महिला न्यायिक अधिकारी, असम में 46 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 45 प्रतिशत, ओडिशा में 42 प्रतिशत और राजस्थान में 40 प्रतिशत महिला न्यायिक अधिकारी हैं।

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