विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

रुपए के साथ-साथ देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हो रही गिरावट, साल भर में 116 अरब डॉलर घटा
नई दिल्ली। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है। इससे पहले, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था। बता दें, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी सप्ताह में वृद्धि दर्ज की गई थी।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई समय से लगातार कम हो रहा है। दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है।
देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में आ रही गिरावट को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कल ही कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार हो रही गिरावट को लेकर जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 85 अरब डॉलर की गिरावट आई है। खड़गे ने ट्वीट करके यह आरोप भी लगाया कि विदेशी मुद्रा में गिरावट डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में हो रही गिरावट से तेज है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या वित्त मंत्री या प्रधानमंत्री को इस स्थिति को लेकर कुछ कहना है?”
Budget 2022 से पहले भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 67.8 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 634.287 अरब डॉलर पर पहुंचा
आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट देखी गई है. आंकड़ों के मुताबिक, 21 जनवरी को वीकेंड के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 678 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 634.287 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 14 जनवरी को विदेशी मुद्रा भंडार 2.229 बिलियन डॉलर बढ़कर 634.965 बिलियन डॉलर हो गया था. 3 सितंबर, 2021 को वीकेंड में विदेशी मुद्रा किटी $ 642.453 बिलियन के साथ अबतक के अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक के 21 जनवरी को समाप्त हुए वीकेंड आंकड़ो के मुतबिक भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियो (एफसीए) में गिरावट के कारण थी, जो पूरे भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है. बता दें कि रिपोर्टिंग वीक में एफसीए 1.155 अरब डॉलर से घटकर सीधा 569.582 अरब डॉलर रह गया.
आंकड़ों के मुताबिक 21 जनवरी को विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट खत्म हुए वीकेंड के समय सोने का भंडार 567 मिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 40.337 बिलियन डॉलर हो गया.
अंतर्रारष्ट्रिय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) $68 मिलियन से गिरकर $19.152 बिलियन तक पंहुच गया. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वीकेंड रिपोर्टिंग में भारत की आरक्षित स्थिति भी 2.2 करोड़ डॉलर से घटकर 5.216 अरब डॉलर रह गई है.
गौरतलब है कि गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण देश के अंदरूनी और बाहरी वित्तीय मुद्दों के प्रबंधन में सरकार और आरबीआई के लिए समस्या पैदा कर सकती है. क्योंकि आरबीआई के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बहुत महत्व रखता है.
बता दें कि अर्थव्यवस्था के संदर्भ में किसी भी प्रकार के मुसीबत के समय में उच्च भंडार उसी प्रकार होता है जिस प्रकार एक बड़ा तकिया जो एक साल के लिए देश के आयात बिल को कवर करने के लिए काफी है.
किसी भी देश के भंडार में होने वाली तेजी बाजारों को अपने विश्वास में ले सकती है कि देश उनके बाहरी दायित्वों को पूरा करने में सक्षम है. बाहरी परिसंपत्तियों के माध्यम से अंदरूनी मुद्रा का समर्थन कर सकता है. साथ ही भंडार में तेजी से कोई भी देश विदेशी मुद्रा की आवश्यकता और बाहरी ऋणों के दायित्व को पूरा कर सरकार की सहायता कर सकता है, जिससे रिजर्व बनाया जा सकता है जो किसी भी आपदा और मुसीबत के समय में काम आकर रीढ़ की हड्डी का काम कर सकता है.
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार आई सबसे तेज गिरावट, आरबीआई ने जारी किया आंकड़ा
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार आई सबसे तेज गिरावट, आरबीआई ने जारी किया आंकड़ा
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है की भारत की विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे तेजी से गिरावट आई है. 1 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) भंडार 11.17 बिलियन डॉलर कम हो गया, जो विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में तेज गिरावट के कारण अब तक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय पूरक के अनुसार कि 1 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11.173 अरब डॉलर घटकर 606.475 अरब डॉलर हो गया। यह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का यह लगातार चौथा सप्ताह है क्योंकि आरबीआई ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए डॉलर की बिक्री के माध्यम से मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करना जारी रखा है। 25 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर रह गया था।
पिछले चार हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में 26 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है, जिसके लिए आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध हैं। सबसे बड़ी गिरावट देश की विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में रही है। 1 अप्रैल, 2022 को समाप्त सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति 10.727 अरब डॉलर घटकर 539.727 अरब डॉलर रह गई।
विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट परिसंपत्ति विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है। अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में व्यक्त की गई, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, यूके के पाउंड स्टर्लिंग और जापानी येन जैसी गैर-डॉलर मुद्राओं की सराहना या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोने के भंडार का मूल्य 507 मिलियन डॉलर घटकर 42.734 बिलियन डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार के अन्य दो घटकों में मामूली वृद्धि हुई। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ भारत के विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 58 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.879 बिलियन डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान आईएमएफ में भारत की आरक्षित स्थिति 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.136 अरब डॉलर हो गई।
विदेशी मुद्रा भंडार $5.14 अरब घटा, सात साल की सबसे बड़ी गिरावट
12 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.143 अरब डॉलर घट कर 394.465 अरब डॉलर रह गया.
पिछले कुछ दशक में किसी एक सप्ताह में यह विदेशी मुद्रा भंडार में यह सबसे बड़ी गिरावट है. पिछले सप्ताह मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट 91.58 करोड़ डॉलर घटकर 399.609 अरब डॉलर पर आ गया था.
रुपये में गिरावट को थामने के लिये केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष में अब तक 40 अरब डॉलर बाजार में डाल चुका है. डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट मुकाबले रुपया जनवरी से 16 फीसदी लुढ़क गया है. पिछले सप्ताह रुपया 74.43 के स्तर पर आ गया.
शुक्रवार को रुपया डॉलर की तुलना में 73.32 पर बंद हुआ. आरबीआई के आंकड़े के अनुसार 12 विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 5.232 अरब डॉलर घटकर 369.99 अरब डॉलर रही.
विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को समाप्त सप्ताह में 426.028 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. उसके बाद से अब तक इसमें 31 अरब डॉलर की कमी आई है. इसी बीच स्वर्ण भंडार (गोल्ड रिजर्व) 7.14 करोड़ डॉलर बढ़कर 20.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
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भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज, 116 अरब डॉलर घटा
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है। गौरतलब है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रहा है। दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार का लगातार घटना भारतीय रिजर्व बैंक के लिए बड़ी चिंता का विषय भी है। आज आरबीआइने डेटा जारी करके बताया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल से ज्यादा के निचले स्तर तक चला गया है। देश की करेंसी रुपये की गिरावट इसकी बड़ी वजह भी है और फॉरेन करेंसी ऐसेट्स भी विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट घटे हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है। ये इसका 2 साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है। आरबीआइने डेटा जारी करके बताया है कि रुपये की लगातार गिरावट को थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्पॉट फॉरेक्स रिजर्व जो पिछले साल सितंबर में 642.45 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, अब ये गिरकर 117.93 अरब डॉलर पर आ गया है। इसकी भारी गिरावट इस बात का इशारा कर रही है कि आर्थिक मोर्चे पर सब कुछ स्वर्णिम काल जैसा अच्छा नहीं है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट का कारण है कि देश की करेंसी रुपया लगातार निचले स्तरों पर जा रहा है जिसको थामने के लिए आरबीआइको अपने खजाने से और डॉलर की बिकवाली करनी पड़ सकती है। इसके चलते फॉरेक्स रिजर्व और घटेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के पीछे वजह ये भी है कि यहां फॉरेन करेंसी ऐसेट्स तेजी से घट रहे हैं और इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर देखा जा रहा है। चिंता करने वाली बात ये भी है कि पिछले 12 में से 11 हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट ही दर्ज की गई है और ये आंकड़ा देश के खजाने की विकट स्थिति को बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट सकता है। फॉरेन करेंसी ऐसेट्स को देखें तो 21 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में ये 3.59 अरब डॉलर घटकर 465.08 अरब डॉलर पर आ गए हैं। इसके अलावा गोल्ड रिजर्व 247 लाख डॉलर से घटकर 37.21 लाख डॉलर पर आ गया है।
Author
Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।