स्वैप क्या हैं?

क्या संभल जाएगी परिस्थिति?
वाइफ स्वैपिंग (पत्नी की अदला बदली) क्या है? क्या ये भारत में भी प्रचलन में है?
एक गलत तरिके के सहमति के साथ होने पर स्वीकार किए जाने का नया आयाम दिया गया है। आनंद के लिए पत्नियों की अदला-बदली की संस्कृति ने देश को बर्बाद कर रहा है विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को अपवित्र कर रहे है , अपने शारीरिक सुख के लिए पति पत्नी जैसे पवित्र रिश्ते को बदनाम कर रहे है इन लोगो को कोई फर्क नहीं पड़ता कि इस विषय पर लोगो की क्या मान्यताएं हैं, पत्नी की अदला-बदली भारत जैसे पारंपरिक देश में प्रचलित हो रही है, और यह बहुत सारे लोगो के लिए बहुत ही आश्चर्य की बात है,लेकिन ये सच है की यह लोकप्रियता भी हासिल कर रहा है। यह केवल अमीर और कुलीन लोगों का खेल नहीं है - जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग पत्नी की अदला-बदली में शिरकत करते हैं - जान पहचान वाले जोड़ों और अज्ञात इच्छुक अजनबियों के बीच।
क्या पत्नी की अदला बदली जोड़ों के बीच प्यार और जुनून है, ? खैर, जवाब एक बड़ा नहीं है। स्विंगिंग वह छोटा गंदा रहस्य है, जो भारत में अपनी सेक्स लाइफ को जगाने के लिए विकल्प तलाशने वाले जोड़ों के साथ निकल रहा है। और स्विंगिंग का असली कारण यहाँ खूबसूरती से अभिव्यक्त किया गया है।
स्वैप क्या हैं?
Chocolate Swap Token in Hindi : यह एक डिलीशियस क्रिप्टोकरेंसी टोकन है। जो की Pinksale वेबसाइट पे 13 August, 2022 से प्री सेल के लिए निर्धारित की गई है। इसकी मिनिमम प्राइस 300 बीएनबी (BNB) पर सेट की गई है जिसमें कुल जुटाए गए फंड का 51% लिक्विडिटी में जाता है। इसके अलावा, तरलता का लॉकअप समय 365 दिन है। यह Chocolate Swap Ecosystem के ऊपर काम करेगा।
कॉन्ट्रैक्ट चेकर द्वारा किए गए ऑडिट के अनुसार चॉकलेट स्वैप SAFU कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए पिंकसेल डॉक्यूमेंटेशन पर सूचीबद्ध सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है। चॉकलेट स्वैप टोकन भी केवाईसी द्वारा सत्यापित है, जो कि पिंकसेल लॉन्चपैड के एक विश्वसनीय डेवलपर कॉन्ट्रैक्ट चेकर द्वारा सत्यापित है। यह टोकन पूर्ण रूप से डिसेंट्रिलाइज मतलब इस दुकान के ऊपर किसी का स्वैप क्या हैं? कंट्रोल नहीं है।
How to Buy Chocolate Swap Token in Hindi
Chocolate Swap Token खरीदने के लिए आपको कोई रजिस्ट्रेशन या अकाउंट नहीं खोलना पड़ेगा। आप चॉकलेट स्वैप टोकन को तुरंत स्वैप कर पाएंगे। आप अपने वॉयलेट थे इसे डायरेक्टली स्वैप कर सकते हैं। बीएनबी चेन पर बने होने के कारण चॉकलेट स्वैप टोकन खरीदने पर बिटकॉइन और एथेरियम के मुकाबले बहुत ही कम फीस लगती है।
यहां पर आपका जीरो परसेंट ट्रेडिंग फीस देना होगा। मतलब अगर आप यहां पर ट्रेडिंग करते हैं या खरीदते और भेजते हैं तो आपको कोई फीस नहीं देना होगा। चॉकलेट स्वैप आप को टोकन। खरीदने पर रिवार्ड के रूप में Baby Doge Coin देगी। आपने जितने Chocolate Swap Token रखा होगा उसका 2% आप को Baby Doge स्वैप क्या हैं? Coin आप को रिवार्ड के रूप में मिले गा
चॉकलेट स्वैप कंपनी का क्या है कहना
चॉकलेट स्वैप इकोसिस्टम को सहज और सुविधाजनक बनाने के बारे में बोलते हुए, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने खाते बनाने या उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ता पंजीकरण पर कोई समय बर्बाद किए बिना तुरंत टोकन की अदला-बदली शुरू कर सकते हैं।
विगत वर्षों के प्रश्न
प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय तरलता की समस्या निम्नलिखित में से किसकी अनुपलब्धता से संबंधित है? (2015)स्वैप क्या हैं?
(a) वस्तुओं और सेवाओं
(b) सोना और चांदी
(c) डॉलर और अन्य कठोर मुद्राएँ
(d) निर्यात योग्य अधिशेष
आरबीआई अब इसका सहारा क्यों ले रहा है?
- सिस्टम में अधिशेष तरलता 7.5 लाख करोड़ रुपए आँकी गई है, जिसे मुद्रास्फीति को संतुलित रखने के लिये रोकने की ज़रूरत है।
- आमतौर पर केंद्रीय बैंक रेपो रेट बढ़ाने या नकद आरक्षित अनुपात (CRR) बढ़ाने जैसे पारंपरिक साधनों का सहारा लेता है लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- यह नकारात्मक प्रभाव मौद्रिक नीति के अधूरे रूप में देखा जा सकता है।
- इसलिये आरबीआई द्वारा पिछले वर्ष एक अलग टूलकिट- वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो ऑक्शन ( Variable Rate Reverse Repo Auction - VRRR ) का इस्तेमाल किया गया।
- तरलता को कम करना: प्रमुख रूप से तरलता प्रभावित होगी जो वर्तमान में औसतन लगभग 7.6 लाख करोड़ रुपए घटेगी।
- भारतीय रुपए के मूल्यह्रास की जाँच: बाज़ार में डॉलर के स्वैप क्या हैं? प्रवाह से रुपए को मज़बूती मिलेगी जो पहले ही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77 के स्तर पर पहुँच चुका है।
- मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: जब मुद्रास्फीति में वृद्धि का खतरा होता है तो आरबीआई आमतौर पर सिस्टम में तरलता को कम कर देता है। निम्नलिखित कारकों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ना तय है:
- तेल की कीमतों में वृद्धि:रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनज़र कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति बढ़ना तय है।
- संस्थागत निवेश का बहिर्वाह: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत से धन निकाल रहे हैं। उन्होंने मार्च 2022 में अब तक भारतीय शेयरों से 34,000 करोड़ रुपए निकाल लिये हैं, जिसका रुपए पर गंभीर दबाव पड़ा है।
चलनिधि प्रबंधन पहल क्या है?
- केंद्रीय बैंक की ‘तरलता प्रबंधन’ पहल को कुछ विशिष्ट फ्रेमवर्क, उपकरणों के समूह और विशेष रूप से उन नियमों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसे केंद्रीय बैंक द्वारा बैंक रिज़र्व की मात्रा को नियंत्रित कर कीमतों (यानी अल्पकालिक ब्याज दरों) को नियंत्रित करने हेतु किया जाता है, जिसका अल्पकालिक उद्देश्य मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना होता है।
- बैंक रिज़र्व का आशय उस न्यूनतम राशि से हैं, जो वित्तीय संस्थानों के पास होनी अनिवार्य है।
- इस फ्रेमवर्क के तहत विभिन्न उपकरण हैं:
प्रश्न: यदि भारतीय रिज़र्व बैंक एक विस्तारवादी मौद्रिक नीति अपनाने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020)
1. वैधानिक तरलता स्वैप क्या हैं? अनुपात में कटौती और अनुकूलन
2. सीमांत स्थायी सुविधा दर में बढ़ोतरी
3. बैंक रेट और रेपो रेट में कटौतीभारत ने श्रीलंका को $400 मिलियन की मुद्रा विनिमय सुविधा की अवधि बढ़ाई
भारत ने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के लिए 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा विनिमय की सुविधा का विस्तार किया है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार ने 12 अप्रैल को अस्थायी रूप से विभिन्न कर्जों की अदायगी को निलंबित कर दिया था।
उसके बाद यह पहला मौका है जब श्रीलंका के लिये कर्ज सुविधा को आगे बढ़ाया गया है।
इससे पहले श्रीलंका ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौता होने तक स्वैप क्या हैं? स्वैप क्या हैं? वह किसी अंतरराष्ट्रीय कर्ज को चुका नहीं पाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क 2019-22 के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के साथ मुद्रा स्वैप समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इस बार भी बैंक ही बनेगा मंदी की वजह? 2008 जैसे हालात का बना डर
क्या दुनिया एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आने वाली है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी आजकल खूब चर्चा हो रही है। पहले कोरोना, फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसे स्विस बैंक क्रेडिट सुइस की खराब वित्तीय हालात ने मंदी की आशंकाओं को बल दे दिया है। आइए समझते हैं कि कैसे एक बैंक के दिवालिया होने पर दुनिया भर मंदी आ जाती है। इसके लिए हमें 2008 के दौर में जाना होगा। साल 2008 में क्या कुछ हुआ था वो जानने से पहले बिजनेस के शब्द ‘क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप’ को समझ लेते हैं, क्योंकि इसी एक शब्द के इर्द-गिर्द पूरी चर्चा घूमेगी।