एसेट क्लास के रूप में मुद्रा

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इक्विटी बाजारों में बीते कुछ वक्त से जोरदार उछाल दर्ज किया जा रहा था, लेकिन आखिरकार उसका साबका गिरावट और कंसॉलिडेशन, दोनों से हुआ। इन दिनों इक्विटी बाजारों में उठापटक का दौर देखने को मिल रहा है और मध्यम अवधि में निवेश के लिए डेट उत्पाद अनिश्चित दिख रहे हैं, ऐसे में निवेशक एक अन्य एसेट क्लास कमोडिटी की ओर देख रहे हैं। कमोडिटी में कीमती धातु, गैर-कीमती धातु, तेल एवं कृषि उत्पाद आते हैं। सोने जैसी कीमती धातु वायदा बाजार, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और भौतिक जैसे कई माध्यमों से खरीदी जा सकती है। बीते कुछ साल में कमोडिटी में निवेश को काफी रफ्तार मिली है, जिसके बाद कमोडिटी पर आधारित थिमेटिक म्यूचुअल फंड भी देखने को मिले।
पोर्टफोलियो में एसेट क्लास के रूप में कमोडिटी को शामिल करने से डायवर्सिफिकेशन के फायदे मिलते हैं और साथ ही निवेश को स्थिरता भी मिलती है। इनमें से एक विकल्प मेटल में निवेश करने से जुड़ा है, चाहे वह कीमती हो या साधारण। सोना कई निवेशकों के पोर्टफोलियो में जगह बनाता है, लेकिन अन्य धातुओं को कई बार कमोडिटी और वायदा बाजार के काम करने के तरीके बारे में कम जानकारी के चलते नजरअंदाज कर दिया जाता है। कीमती धातु कीमती धातुओं में सोना, चांदी और प्लेटिनम गिने जाते हैं। सोना लंबे वक्त से शीर्ष कीमती धातु मानी जाती है और यह कमोडिटी के बजाय मौद्रिक एसेट के तौर पर काम करती है। मुद्रास्फीति दर के खिलाफ प्रभावी ढाल माने जाने वाला सोना दुनिया भर में अहम बनता जा रहा है और तमाम मुल्कों के केंद्रीय बैंक डॉलर के बजाय सोने के भंडार को तरजीह देने लगे हैं, क्योंकि अमेरिकी मुद्रा का मूल्य लगातार घटता जा रहा है। चांदी को न केवल कीमती, बल्कि औद्योगिक धातु के तौर पर भी देखा जाता है। बड़ी मात्रा में चांदी औद्योगिक सेक्टरों में इस्तेमाल की जाती है, इसलिए चांदी और आर्थिक गतिविधियों का रिश्ता काफी गहरा है। मांग में ज्यादा बढ़त से आपूर्ति के मोर्चे पर कमी आती है, जिससे कीमतों में इजाफा होता है। गैर कीमती धातु फेरस और गैर-फेरस धातुओं के लिए मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर कीमत तय करने का काम करता है। इन्हें वैल्यू बढ़ाने के लिए स्टोर नहीं किया जाता, बल्कि उद्योग के उपभोग के लिए खरीदा-बेचा जाता है। इनमें स्टील, तांबा, एल्यूमीनियम, जस्ता, लेड, टिन और निकल शामिल है। इन धातुओं की मांग बुनियादी रूप से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार तय करती है। मसलन, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन के सामान में स्टील सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण के मोर्चे पर हरकत तेज होने पर स्टील की मांग में काफी इजाफा आता है। घरेलू स्तर पर मांग-आपूर्ति के अलावा इन धातुओं की कीमत काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति पर भी निर्भर करती है। निवेश के मोर्चे पर समझदार और चतुर तथा बाजार की पूरी जानकारी रखने वाले निवेशक के लिए कमोडिटी पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बन सकती हैं। दूसरों के लिए वायदा बाजार के जरिए कमोडिटी में ट्रेडिंग करना सही नहीं होगा। हालांकि, अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा वह सोना या चांदी जैसे मेटल खरीदने में लगा सकते हैं, जिससे पोर्टफोलियो को डायवसिर्फिकेशन और स्थिरता दोनों दी जा सके। (ई टी हिन्दी)
देश-दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, Inflation से कैसे बचाएं अपने खून-पसीने का पैसा
Best Investment During Inflation: मंदी-महंगाई के दौर के बीच ऐसे कई तरीके हैं जहां आपका पैसा अच्छे रिटर्न दे सकता है. अगर आप ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपका पैसा इन्फ्लेशन को मात देने के साथ-साथ अच्छी कमाई करा कर दे, तो आगे पढ़ते रहें.
Best Investment During Inflation
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 12 अक्टूबर 2022,
- (Updated 12 अक्टूबर 2022, 3:33 PM IST)
मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा कवच रियल एस्टेट
देश-दुनिया में इन दिनों मंदी और महंगाई की खूब चर्चा हो रही है. वैश्विक स्तर पर मंदी की आहट सुनाई देने लगी है. मंदी के कई कारण हो सकते हैं जिसमें एक महंगाई भी है. बढ़ती कीमतों के चलते लोग अपने खर्च में कमी करते हैं जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखता है. अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने लगती है और फिर मंदी का दौर दस्तक देने लगता है. इस दौर में आपकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) कम हो जाती है. इस दौर में निवेशकों के लिए बड़ा चैलेंज ये होता है कि उनकी इन्वेस्टमेंट उन्हें महंगाई दर से ज्यादा या कम से कम उसके बराबर का रिटर्न दे.
यहां हम आपको कुछ ऐसे एसेट क्लास बता रहें जिसमें आपकी इन्वेस्टमेंट इन्फ्लेशन-प्रूफ रह सकती है.
1. रियल एस्टेट (Real Estate)
रियल एस्टेट को मुद्रास्फीति (Inflation) के खिलाफ एक ढाल माना जाता है. यहां तक कि इस दौर में इस क्षेत्र से अच्छी कमाई का मौका हो सकता है. जैसे-जैसे बाजार में महंगाई बढ़ेगी वैसे-वैसे आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ेगी. और तो और, जिसने निश्चित ब्याज दर (Fixed Interest Rate) पर लोन लेकर कोई संपत्ति खरीदी है तो उसको भी इस दौर में फायदा होगा. क्योंकि आप लोन का भुगतान उस पैसे से कर रहे हैं जिसकी कीमत या मूल्य बाजार में कम होता जा रहा है जबकि मुद्रास्फीति से आपकी उसी संपत्ति की कीमत बढ़ रही है.
2. कीमती धातुओं में निवेश (Metals Investment)
कागजी रुपयों की तरह आप सोना या चांदी अपने हिसाब से नहीं छाप सकते. इसकी सप्लाई हमेशा सीमित रहने वाली है. यहां तक की जब करेंसी (जैसे रुपया) की कीमत कम हो रही हो तब भी ये धातु अपना मूल्य बरकरार रखती हैं. कमी और अनेकों आधुनिक उपयोगों के कारण सोने का अपना मूल्य है. इसी तरह चांदी भी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में उपयोग में आती है. दोनों ही मेटल आभूषण के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के चलते अत्यधिक मूल्यवान हो जाते हैं. इनकी भारी डिमांड के चलते इन दोनों मेटल्स की वैल्यू बढ़ जाती है.
खासकर मंदी और महंगाई के दौर में निवेशक ठोस और स्थिर इन्वेस्टमेंट की ओर रुख करते हैं और अपनी धन-संपत्ति को सोने और चांदी के रूप में सुरक्षित रखते हैं. ऐसे दौर में इस बढ़ती डिमांड के चलते कीमती धातु की कीमतों में तेजी आती है और जो बढ़ती महंगाई के दौर में निवेशकों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है.
3. इक्विटी में निवेश (Equity-Stock Market)
आमतौर पर मुद्रास्फीति के खिलाफ इक्विटी को अच्छा माना जाता है. क्योंकि जब महंगाई बढ़ती है यानि जब चीजों की कीमतें बढ़ती हैं तब कंपनी के उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि होती है, जिससे उस कंपनी का राजस्व और मुनाफा बढ़ता है और जिसका असर उसके शेयर प्राइस में देखने एसेट क्लास के रूप में मुद्रा को मिलता है. शेयर प्राइस बढ़ने से निवेशक मालामाल होता है. लेकिन मंदी और महंगाई के दौर में ऐसा हर सेक्टर में देखने को नहीं मिलता.
उच्च मुद्रास्फीति के समय में निवेश करने के लिए सही कंपनियों का चुनाव करना महत्वपूर्ण होता है. ऐसे समय में उन कंपनियों एसेट क्लास के रूप में मुद्रा में निवेश करना उचित होगा जो मुद्रास्फीति की दर (जैसे एफएमसीजी-FMCG और एनर्जी स्टॉक) के साथ-साथ अपनी कीमतें बढ़ाने में सक्षम हों. जिससे उनका मुनाफा बरकरार रहे और उसका फायदा निवेशकों को हो.
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना मात्र के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझा जाए.
वित्तीय साधन
वित्तीय साधन पार्टियों के बीच मौद्रिक अनुबंध हैं। उन्हें बनाया, व्यापार, संशोधित और व्यवस्थित किया जा सकता है। वे नकद (मुद्रा) हो सकते हैं, किसी इकाई में स्वामित्व हित का प्रमाण या मुद्रा (विदेशी मुद्रा) के रूप में प्राप्त करने या वितरित करने का संविदात्मक अधिकार ; ऋण ( बांड , ऋण ); इक्विटी ( शेयर ); या डेरिवेटिव ( विकल्प , वायदा , आगे )।
अंतर्राष्ट्रीय लेखा मानक आईएएस 32 और 39 एक वित्तीय साधन को "किसी भी अनुबंध के रूप में परिभाषित करता है जो एक इकाई की वित्तीय संपत्ति और किसी अन्य इकाई की वित्तीय देयता या इक्विटी साधन को जन्म देता है"। [1]
वित्तीय साधनों को "एसेट क्लास" द्वारा वर्गीकृत किया जा सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वे इक्विटी-आधारित हैं ( जारीकर्ता इकाई के स्वामित्व को दर्शाते हैं ) या ऋण-आधारित (निवेशक द्वारा जारीकर्ता इकाई को दिए गए ऋण को दर्शाते हैं)। यदि साधन ऋण है तो इसे आगे अल्पावधि (एक वर्ष से कम) या लंबी अवधि में वर्गीकृत किया जा सकता है। विदेशी मुद्रा लिखत और लेनदेन न तो ऋण हैं और न ही इक्विटी आधारित हैं और अपनी श्रेणी में हैं।
वित्तीय साधन या तो नकद लिखत या व्युत्पन्न लिखत हो सकते हैं:
- नकद लिखत - ऐसे उपकरण जिनका मूल्य सीधे बाजारों द्वारा निर्धारित किया जाता है । वे प्रतिभूतियां हो सकती हैं , जो आसानी से हस्तांतरणीय होती हैं, और ऋण और जमा जैसे उपकरण , जहां उधारकर्ता और ऋणदाता दोनों को हस्तांतरण पर सहमत होना पड़ता है। - ऐसे उपकरण जो एक या एक से अधिक रेखांकित करने वाली संस्थाओं जैसे कि संपत्ति , सूचकांक या ब्याज दर के मूल्य और विशेषताओं से अपना मूल्य प्राप्त करते हैं । वे एक्सचेंज-ट्रेडेड डेरिवेटिव और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) डेरिवेटिव हो सकते हैं । [२] कुछ अधिक सामान्य डेरिवेटिव्स में फॉरवर्ड , फ्यूचर्स , ऑप्शंस , स्वैप्स और इनमें से विविधताएं शामिल हैं जैसे सिंथेटिक संपार्श्विक ऋण दायित्व और क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप ।
कुछ उपकरण उपरोक्त मैट्रिक्स में वर्गीकरण की अवहेलना करते हैं, उदाहरण के लिए पुनर्खरीद समझौते ।
अस्थिर लेकिन आकर्षक, बिटकॉइन बना भारतीयों के सपने का निवेश
अगर क्रिप्टोकरेंसी ने आपको परेशान कर दिया है और खासकर आप बिटकॉइन या एथेरियम जैसे डिजिटल सिक्कों में निवेशक हैं, तो सांसे थाम कर बैठिए क्योंकि पिछले सप्ताह क्रिप्टो एसेट क्लास की तबाही में एक चांदी की परत जुड़ गई है. इसे छोटी अस्थिर अवधि को व्यापक तौर से एक पाठ्यक्रम सुधार के रूप में बताया गया है. एक बिटकॉइन वर्तमान में 37,000 डॉलर के आसपास है, कुछ हफ्ते पहले लगभग 60,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने के बाद उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशित रहना और लंबे समय तक सोचना, क्रिप्टो निवेशकों के लिए पालन करने वाला एक अहम नियम है.
तेजी से अपना रहा है भारत क्रिप्टोकरेंसी को
भारत तेजी से बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को अपना रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में वर्तमान में एक करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेशक हैं और देश में कई घरेलू क्रिप्टो एक्सचेंजों के संचालन के साथ यह संख्या हर दिन काफी बढ़ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के क्रिप्टोकरेंसी से सावधान होने के बावजूद, भारतीय डिजिटल सिक्कों में निवेश करने के लिए एक रास्ता बना रहे हैं, जिसे 21वीं सदी का सबसे जरूरी संपत्ति वर्ग कहा गया है. जेब-पे के सीईओ राहुल पगीदीपति के अनुसार, 'भारतीय निवेशक बिटकॉइन को एक ऐसे परिसंपत्ति वर्ग के रूप में देखना सीख रहे हैं जो हर लंबी अवधि के पोर्टफोलियो में शामिल है.'
फिलहाल दुनिया के मुकाबले एक फीसदी से कम बिटकॉइन
पगीदीपति ने कहा 'भारतीयों के पास दुनिया के 1 प्रतिशत से भी कम बिटकॉइन हैं. इसके पीछे छूटने से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक रणनीतिक नुकसान होगा. 2021 में, हम अधिक संस्थानों और सरकारी अधिकारियों से उम्मीद करते हैं कि हमें बिटकॉइन अंतर को बंद करने की आवश्यकता है.' अप्रैल 2018 में, आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्रा में काम करने वाले व्यक्तियों या व्यवसायों के साथ संबंध खत्म करने का आदेश दिया. हालांकि मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रिप्टो निवेशकों को राहत देते हुए व्यापारियों और एक्सचेंजों से क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को जारी रखने की अनुमति दी.
वित्त मंत्री दे चुकी हैं राहत के संकेत
इस साल मार्च में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर सभी विंडो बंद नहीं की जाएंगी, जिससे हितधारकों को और राहत मिलेगी. इस महीने की शुरूआत में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर मुख्य चिंताओं को साझा किया है. इस करेंसी के दिग्गज खिलाड़ियों का कहना है कि अनिश्चितताओं के बीच यह तथ्य निहित है कि बिटकॉइन की कीमत में अपने सर्वकालिक उच्च से 40 प्रतिशत की गिरावट नाटकीय है, लेकिन क्रिप्टो सहित कई अस्थिर बाजारों में सामान्य है, खासकर इतनी बड़ी रैली के बाद.
लोग अधिक से अधिक खरीद रहे बिटकॉइन
जेब-पे के सह-सीईओ अविनाश शेखर ने कहा, 'इस तरह के सुधार मुख्य रूप से अल्पकालिक व्यापारियों के फायदा लेने के कारण होते हैं. निवेशकों को पहले शिक्षा में निवेश करना चाहिए. बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टो परिसंपत्तियों के अंतर्निहित मूल्य पर शोध करें क्योंकि आप स्टॉक खरीदने से पहले कंपनी की जानकारी देख सकते हैं.' खरीदार आक्रामक रूप से ज्यादा से ज्यादा बिटकॉइन जमा कर रहे हैं. यह वह प्रेरक कारक है जिसने डिजिटल सिक्के के मूल्य बढ़ोतरी को प्रेरित किया है. प्रभु राम, हेड-इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप, सीएमआर के अनुसार, 'यदि कोई पिछले दशक में पीछे मुड़कर देखता है, तो ऐसी अस्थिरता क्रिप्टो के लिए सुसंगत और बराबर है.' राम ने कहा, 'छोटे वक्त के लिए कोई चिंतित महसूस कर सकता है, लेकिन लंबे समय के लिए पॉजिटिव होगा. आगे जाकर, बिटकॉइन निवेशक पोर्टफोलियो में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण निवेश बना रहेगा.'
भारत बनेगा प्रमुख खिलाड़ी
प्रमुख उद्योग के खिलाड़ियों को लगता है कि भारत एक तकनीकी और आर्थिक शक्ति है, जो क्रिप्टो और ब्लॉकचैन अपनाने में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्वाइनडीसीएक्स के सीईओ और सह-संस्थापक सुमित गुप्ता के अनुसार, 'क्रिप्टोकरेंसी ने अब खुद को निवेश के लिए एक मैक्रो एसेट क्लास के रूप में वगीर्कृत किया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.' गुप्ता ने कहा, 'यह पहले से कहीं ज्यादा मेंनस्ट्रीम की स्वीकृति को आगे बढ़ाएगा.'
बिटकॉइन है एक नया एसेट क्लास
डिजिटल करेंसी ने आजकल लोगों के फाइनेंस को देखने के तरीके को बदल दिया है। यह नोड्स की एक जटिल संरचना और ब्लॉकचेन नेटवर्क है। यह फिएट की तुलना में अधिक सुरक्षित है और सेंट्रलाइज्ड है। हालांकि, बिटकॉइन अस्थिर है और गलत गतिविधियों के कारण इसे विनियमित करने की इच्छा बढ़ा दी है।
डिजिटल मुद्रा के लाभ बहुत हैं और लगातार बढ़ रहे हैं
बिटकॉइन, एथेरियम और डॉगकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी ने दुनिया भर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय भुगतान की दर में वृद्धि की है। लेन-देन शुल्क कम है और कुछ हद तक धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकता है। मौलिक रिकॉर्ड-कीपिंग पूरे नेटवर्क में डिजिटल मनी को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है। बिटकॉइन दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी में से एक है जिसका सर्कुलेशन 21 मिलियन तक सीमित है। लोगों ने इसे बड़े पैमाने एसेट क्लास के रूप में मुद्रा पर स्वीकार किया है, खासकर नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे पिछड़े अफ्रीकी देशों में।
दुनिया भर में काफी कमियां और नियम
हालांकि, डिजिटल करेंसी को एक अलग कैटेगरी के रूप में माना जाता हैं। यह अवैध गतिविधियों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए भी है। इसके अतिरिक्त, जोखिम/इनाम प्रणाली काफी अस्थिर है। कीमतों का अनुमान लगाना मुश्किल है जो निवेशकों के पक्ष में होने जा रहे हैं।
क्रिप्टो स्पेस में विनियमों की सख्त जरूरत है क्योंकि अवैध गतिविधियां बढ़ रही हैं। चीन, युगांडा, न्यूयॉर्क और युगांडा जैसे देश उन नीतियों को लागू करने की योजना बना रहे हैं जो निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करेंगी। पहचान अज्ञात है लेकिन धारक की ओर से एक पता दिखाई दे रहा है जो लेनदेन की ट्रैकिंग में मदद करता है।