जाने क्या होता है Options Trading

NSE के ऑप्शंस के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर बंद करने पर Zerodha के को-फाउंडर की क्या है राय
स्टॉक मार्केट में किसी ट्रेड में नुकसान को सीमित करने के लिए ट्रेडर्स स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाते हैं
स्टॉक मार्केट में ट्रेडर्स अपने ट्रेड के खिलाफ प्राइसेज जाने की आशंका होने पर स्टॉक्स को खरीदने या बेचने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाते हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर यह सुविधा 27 सितंबर से ऑप्शंस में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं होगी। ऑनलाइन ब्रोकिंग फर्म Zerodha के को-फाउंडर नितिन कामत का कहना है कि इससे हड़बड़ी में किए जाने वाले ट्रेड्स से बचने में मदद मिलेगी।
कामत ने एक ट्वीट में कहा, "ऑप्शंस के लिए 27 सितंबर से स्टॉप लॉस मार्केट ऑर्डर उपलब्ध नहीं होंगे। इससे हड़बड़ी में किए जाने वाले ट्रेड्स से बचने और उनका असर कम करने में मदद मिलनी चाहिए।"
क्या होता है स्टॉप लॉस ऑर्डर
स्टॉप लॉस को एक एडवांस ऑर्डर के तौर पर समझा जा सकता है। यह किसी विशेष प्राइस पर एक एसेट बेचने के लिए लगाया जाता है। इससे ट्रेड में लॉस या प्रॉफिट की लिमिट तय होती है। यह एक ऑटोमैटिक ऑर्डर होता है जो इनवेस्टर्स की ओर से ब्रोकरेज फर्म के पास लगाया जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी ने एक स्टॉक 200 रुपये पर खरीदा है और वह इसका लॉस 190 रुपये तक ही रखना चाहता है को वह इसके लिए स्टॉक के 190 रुपये पर पहुंचने पर बेचने का ऑर्डर लगा सकता है।
Share Market ने पूरे किए सपने, नौकरी छोड़ आधी दुनिया की सैर कर चुकी है ये लड़की
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के बारे में राजर्षिता का कहना है कि यह जुए से कम नहीं है. ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लोभ में लोग सारी कमाई गंवा देते हैं. उन्होंने खुद भी ज्यादा कमाई करने के चक्कर में एफएंडओ ट्रेड (Future & Options) में पैसे गंवाए हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 06 जून 2022,
- (अपडेटेड 06 जून 2022, 12:58 PM IST)
- दुनिया घूमने के लिए छोड़ी बैंकर की नौकरी
- शेयर मार्केट में ट्रेड कर कमाती हैं पैसे
अच्छी-खासी सैलरी वाली बैंकर (Banker) की नौकरी को भला कौन छोड़ना चाहता है. हालांकि दुनिया में ऐसे भी लोग होते हैं, जिनका सपना अलग होता है. कोलकाता (Kolkata) की रहने वाली राजर्षिता सुर (Rajarshita Sur) की कहानी भी ऐसी ही है. राजर्षिता का सपना दुनिया घूमने का था और इस कारण उन्होंने बैंकर की नौकरी की परवाह नहीं की. सुर के सपने को पूरा करने में मददगार बना शेयर मार्केट (Share Market).
ऐसा था राजर्षिता सुर का सपना
राजर्षिता सुर को मुंबई में एक प्राइवेट बैंक के ट्रेजरी डिपार्टमेंट में नौकरी मिली थी. उन्हें नौकरी से कोई खास परेशानी नहीं थी, बस उन्हें जब मन करे तब घूमने निकल जाने की आजादी नहीं थी. वह चाहती थीं कि कोई ऐसा काम हो, जिसमें ऑफिस के घंटों से बंधने की मजबूरी नहीं हो और इतनी कमाई भी होती रहे कि खर्चे का टेंशन नहीं हो. चूंकि वह बैंक में फॉरेक्स ट्रेडिंग (Forex Trading) का काम देख रही थीं, उन्होंने स्टॉक मार्केट में किस्मत आजमाने का फैसला किया.
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ऐसे की शेयर मार्केट में शुरुआत
राजर्षिता सुर ने बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद इंडीपेंडेंट तरीके से स्टॉक मार्केट में ट्रेड (Stock Market Trading) करने लगीं. शुरुआत में उन्होंने एक कॉरपोरेट फर्म के साथ तीन साल तक प्रॉपरायटरी इक्विटी ट्रेडर के रूप में काम किया. इस नौकरी के साथ-साथ वह अपना ट्रेड भी करती रहीं. धीरे-धीरे राजर्षिता को शेयर मार्केट की चाल समझ आने लगी और उन्होंने ठीक-ठाक फंड भी बना लिया. बस फिर क्या था, उन्होंने ये नौकरी भी छोड़ दी और दुनिया घूमने निकल पड़ीं.
कर चुकीं दुनिया के इन हिस्सों की सैर
आज राजर्षिता सुर की पहचान एक इन्वेस्टमेंट गुरू (Investment Guru) के रूप में बन चुकी है. उन्हें शेयर मार्केट में ट्रेड करते हुए आठ साल हो चुके हैं. राजर्षिता सुर अभी तक ब्रिटेन (Britain), तुर्की (Turkey), दक्षिण पूर्वी एशिया (South East Asia) और लगभग 70 फीसदी यूरोप (Europe) की सैर कर चुकी हैं. अभी-अभी उन्होंने नेपाल (Nepal) का ट्रिप पूरा किया है और अब केन्या (Kenya) व आइसलैंड (Iceland) जाने की तैयारी में हैं. राजर्षिता हर साल विदेश की सैर करने के लिए कम-से-कम 10 लाख रुपये अलग रख दिया करती हैं. उनका कहना है कि वह हर महीने 3-4 फीसदी फायदा कमाने का टारगेट रखती हैं. जैसे ही ये टारगेट अचीव होता है, वह ट्रेडिंग बंद कर सैर करने निकल पड़ती हैं.
जुए से कम नहीं है शेयर मार्केट
राजर्षिता के इंस्टाग्राम (Rajarshita Instagram) अकाउंट से भी पता चलता है कि उन्हें घूमने का कितना शौक है. उन्होंने इंस्टाग्राम के बायो में ही लिखा हुआ है. फॉरएवर ऑन वैकेशन. इंस्टाग्राम पर उन्होंने देश-विदेश की सैर की दर्जनों तस्वीरें अपलोड की हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के बारे में राजर्षिता का कहना है कि यह जुए से कम नहीं है. ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लोभ में लोग सारी कमाई गंवा देते हैं. उन्होंने खुद भी ज्यादा कमाई करने के चक्कर में एफएंडओ ट्रेड (Future & Options) में पैसे गंवाए हैं. हालांकि अब उन्होंने इस गलती से सीख ले ली है और ट्रेडिंग से ज्यादा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Long Term Investment) पर फोकस करती हैं.
Option Trade क्या होता है ?
Option trade को हम एक बीमा भी बोल सकते है | ऑप्शन ट्रेड में जो आपकी जो पूंजी है उसको सुरक्षा करने का काम होता है | सन 2000 में इसकी शुरुवात हुई थी, और धीरे – धीरे लोग इसमें अपनी रूचि दिखाते चले आये , और आज की तारिख में लोग इसे बहुत अच्छे से उपयोग में ले रहे है |
और अच्छी तरह से समझने के लिए बताते है मान लीजिये आप के पास एक बिटकॉइन है और आप यह संभावना लग रही है की इसकी कीमत में बदलाव आने वाला है यानि इसकी कीमत बढ़ सकती या फिर घट सकती है | आपके दिमाग में यह लग रहा है की अब मार्किट बहुत ऊपर जाने वाला है या बहुत निचे जाने वाला है | तो option ट्रेड दोनों ही कंडीशन में काम करता है |
तो इसमें आपको समय दिया जाता है की इस समय के अन्दर – अन्दर जो भी आपने कॉल दिया है यानि जिस कॉइन पर आपने (CALL) दिया या भविष्यवाणी की है की इसकी कीमत ऊपर जाएगी तो आपको इनाम मिल जायेगा परन्तु आपकी (CALL) भविष्यवाणी गलत हुई और कीमत निचे गई तो आपके उस कॉइन पर OPTION के ट्रेड में निवेश किये गए पैसे जीरो हो जायेंगे |
इसे आप लॉटरी के उदहारण की तरह समझ सकते है की लॉटरी की कीमत बहुत कम होती है परन्तु उसका रिवॉर्ड काफी ज्यादा होता है | जिस प्रकार शेयर मार्किट में हर महीने के लास्ट गुरुवार को इसकी क्लोजिंग होती है | परन्तु क्रिप्टो करेंसी में इसकी तारिख में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव है आप इसमें क्लोजिंग डेट 10 दिन , 15 दिन एक्सचेंज के दिए गए तारीख के हिसाब से ले सकते है | एक्सचेंज इसमें date अपने हिसाब से दिया होता है |
Option trade में होता यह है की मान लीजिये आपके पास एक बिटकॉइन पूरा – पूरा है तो अब आपको लग रहा है की बिटकॉइन की कीमत अब निचे जाएगी | तो Option ट्रेड में दो Call होती है एक होती है CALL Option और एक होती है PUT Option | Call Option मतलब यहाँ से कीमत ऊपर जाएगी और Put Option यानि अब यहाँ से इसकी कीमत निचे जाएगी जाने क्या होता है Options Trading | तो आपको लग रहा है की इसकी कीमत डाउन जाएगी तो आपको PUT Option का यूज करना है | और थोड़ा अमाउंट जैसे 50 हजार डॉलर का है तो आपको 50 या 100 डॉलर में आप पूरा बिटकॉइन बुक कर सकते है की अगर बिटकॉइन इस प्राइस पर आया तो आपको पूरा – पूरा रिवॉर्ड मिलेगा |
Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option |
दोस्तों अभी भी बहुत सारे लोगों को ये नहीं पता की Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option क्या है ? , दोस्तों शेयर मार्किट में वैसे तो बहुत सारे माध्यम हे शेयर मार्किट में निवेश करके पैसे कमाने के , उसमे से एक हे ऑप्शन ट्रडिंग। जिसकी आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे , सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा क्युकी ये बहुत ही informative होगा आपके लिए।
Option Trading Kya Hai?
Option का मतलब विकल्प। example के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 500 शेयर 1500 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 80 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे जाने क्या होता है Options Trading में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 50 हो गया , तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।
ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। ऐसे में आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।
अभी आपको ये लग रहा होगा की ये बहुत फायदे मंद हे , पर ऐसा भी नहीं है आगे जानिए –
Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option |
Option Trading Kaise karte Hai?
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं , Option Trading Kaise karte Hai?
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का, 1 शेयर नहीं खरीद सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Bank NIfty का एक lot 25 का और Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। जाने क्या होता है Options Trading किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है वो आपको सर्च बार में देखना होगा फिर आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।
Call and Put Option In Hindi
Call and Put Option In Hindi , कॉल और पुट Trading क्या है?
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा –
ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो।मतलब अगर शेयर का प्राइस निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा। Price Action Trading Strategy In Hindi का Use आपको फ़ायदा होगा |
आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi –
कॉल ऑप्शन क्या है in Hindi,
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो मतलब अगर शेयर का प्राइस ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा –
for Example –
मान लीजिये Spot Price Hai 30000
Banknifty 21jan 31000 CE
अपने Banknifty का कॉल ऑप्शन लिया है 31000 का तो जैसी ही price 100 point ऊपर जायेगा तो आपको फ़ायदा मिलगा , लेकिन अगर ऐसा न हो कर प्राइस निचे चला जाता है तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ उतना ही जितना अपने प्रीमियम दिए होगा।
Put ऑप्शन क्या है in Hindi –
Put ऑप्शन क्या है in Hindi –
ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो।मतलब अगर शेयर का प्राइस निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा होगा।
आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
For Example –
मान लीजिये Spot Price Hai 30000
Banknifty 21jan 29000 PE
अपने Banknifty का पुट ऑप्शन लिया है 29000 का तो जैसी ही price 100 point निचे जायेगा तो आपको फ़ायदा मिलगा , लेकिन अगर ऐसा न हो कर प्राइस ऊपर चला जाता है तो आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। लेकिन सिर्फ उतना ही जितना अपने प्रीमियम दिए होगा।
Option Trading का Expiry day कब होता है?
Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह( Weekly ) और दूसरा होता है महीना ( monthly ) में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry Day होता हैं। और ( monthly ) महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार को expiry day होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।
ठीक सी तरीके से weekly days सिर्फ 5 दिन की होती हे Saturday , Sunday बंद होता है मार्किट।
दोस्तों अगर आप अभी नए हो मार्किट में , आपको ज्यादा knowledge नहीं हे शेयर मार्किट की तो ये ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए जोखिम हो सकता है। इसलिए सबसे पहले knowledge ले और समझे मार्किट के बारे जाने क्या होता है Options Trading में तभी निवेश करे।
अगर आप beginner हे तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग न करे।
Options Trading से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें –
एक बात का ध्यान रखें options trading Greeks .
किसी ऑप्शन ट्रेड के सफल होने के लिए कई चीजों को एक साथ मिलकर काम करना होता है।
अगर यह सारी ताकतें एक साथ ट्रेडर के पक्ष में काम करेगी तो उसका ट्रेड सफल होगा। ऑप्शन ट्रेड में इन ताकतों को ऑप्शन ग्रीक्स कहते हैं।
यह ताकतें हर option contract पर हर मिनट असर डाल रही होती हैं और इसकी वजह से प्रीमियम बढ़ता या घटता है।
अगर आपने ग्रीक्स के बारे में सही से जानकारी ले ली और ग्रीक्स को सही से समझ लिया तो आपको ट्रेडिंग में सफलता आसानी से मिल सकती हे।
दोस्तों अगर आपको इस पोस्ट से ( Option Trading Kaise karte Hai?| Call and Put Option | ) हेल्प मिली हो तो कमेंट करके ज़रूर बताये और अगर आपके मन में कोई भी doubt हो तो हमसे कमेंट बॉक्स में साँझा करे और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे।
Stock Market: स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर कैसे लगता है इनकम टैक्स, जानिए क्या हैं इससे जुड़े नियम
अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इससे होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है.
यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है.
Stock Market: हम सभी जानते हैं कि सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस से होने वाली कमाई पर हमें टैक्स देना होता है. इसके अलावा, आप शेयरों की बिक्री या खरीद से भी मोटी कमाई कर सकते हैं. ऐसे में यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी कैसे बनती है. कई गृहिणी और रिटायर्ड लोग स्टॉक मार्केट में निवेश के ज़रिए मुनाफा कमाते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि इस मुनाफे पर टैक्स कैसे लगाया जाता है. इक्विटी शेयरों की बिक्री से होने वाली इनकम या लॉस ‘कैपिटल गेन्स’ के तहत कवर होता है.
कैपिटल गेन टैक्स दो तरह के होते हैं- शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म. यह वर्गीकरण शेयरों की होल्डिंग पीरियड के अनुसार किया जाता है. होल्डिंग पीरियड का मतलब है- निवेश की तारीख से बिक्री या ट्रांसफर की तारीख. आइए जानते हैं कि यह क्या है.
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG)
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर मुनाफा होता है तो इस पर LTCG के तहत टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था. इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी.
2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन्स टैक्स (STCG)
अगर आप शेयर मार्केट में लिस्टेड किसी शेयर को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेचते हैं, तो इस पर आपको 15 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. भले ही आप इनकम टैक्स देनदारी के 10 फीसदी के स्लैब में आते हों या 20 या 30 फीसदी के स्लैब के तहत, आपने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन किया है तो इस पर 15 फीसदी का ही टैक्स लगेगा.
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम ढाई लाख रुपये से कम है तो शेयर बेचने से हासिल लाभ को इससे एडजस्ट किया जाएगा और फिर टैक्स कैलकुलेट होगा. इस पर 15 फीसदी टैक्स के साथ 4 फीसदी सेस लगेगा.
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)
स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है, इस पर यह टैक्स देना पड़ता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यह टैक्स शेयरों के बिक्री मूल्य पर देना पड़ता है. डिलीवरी बेस्ड शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
इंट्रा-डे, फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग पर टैक्स
अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग या फ्यूचर-ऑप्शन के ज़रिए ट्रेडिंग करते हैं तो इस पर होने वाली कमाई पर भी टैक्स देनदारी बनती है. इंट्रा-डे ट्रेडिंग से होने वाली कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहते हैं. इसके अलावा, फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है. इनसे होने वाली कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है. इसका मतलब है कि स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके ऊपर की कमाई पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.