रणनीति चुनना

धन का प्रबंधन

धन का प्रबंधन

सेंट किट्स एंड नेविस - एक सारांश: निवेश द्वारा धन प्रबंधन और नागरिकता

सेंट किट्स एंड नेविस पूर्वी कैरिबियन के भीतर स्थित एक आधुनिक, आगे की सोच वाला वित्तीय केंद्र है। इसका विधायी और वित्तीय स्वतंत्रता का एक अनूठा इतिहास है और यह तेजी से बढ़ते मोबाइल और अंतरराष्ट्रीय ग्राहक आधार के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करने के मामले में सबसे आगे है।

नेविस ने कॉरपोरेट और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने और ग्राहकों को अपने मामलों को एक कुशल और गोपनीय तरीके से व्यवस्थित करने की अनुमति देने के लिए, वर्षों से कई आकर्षक विकल्प विकसित किए हैं।

क्षेत्राधिकार के कुछ प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

  • गोपनीयता - लाभकारी स्वामित्व की जानकारी गोपनीय है
  • चपलता - किसी अन्य क्षेत्राधिकार में गठित एक संरचना आसानी से नेविस के लिए फिर से निवास कर सकती है
  • लचीलापन - अत्याधुनिक नींव कानून के साथ, एक बहुरूप नींव ट्रस्ट, कंपनी, साझेदारी या पारंपरिक नींव से अपना रूप ले या बदल सकती है
  • सुरक्षा - ट्रस्ट एसेट प्रोटेक्शन लॉ का मतलब है कि किसी भी संभावित लेनदार को ट्रस्ट की संपत्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई या कार्यवाही करने से पहले ईसी $ 270,000 / यूएस $ 100,000 का बांड रखना होगा।
  • अनुकूल कर वातावरण - कोई आयकर नहीं, पूंजीगत लाभ कर, संपत्ति कर, विरासत कर या उपहार कर

डिक्सकार्ट मैनेजमेंट नेविस लिमिटेड द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं

डिक्सकार्ट नेविस उत्तराधिकार योजना और निवेश द्वारा नागरिकता के संबंध में समाधान और विशेषज्ञता का खजाना प्रदान करता है। हमारी पहले से तय की गई सेवाओं में शामिल हैं:

  • एसेट प्रोटेक्शन ट्रस्ट्स और कॉमन लॉ ट्रस्ट्स का गठन, और ट्रस्टी सेवाओं का प्रावधान
  • नेविस मल्टीफॉर्म फाउंडेशन का गठन और प्रबंधन
  • नेविस कंपनी निगमन और पंजीकृत कार्यालय / पंजीकृत एजेंट सेवाएं
  • निवेश द्वारा नागरिकता
  • एस्टेट योजना और परिवार कार्यालय सेवाएं

अतिरिक्त जानकारी

यदि आपको सेंट किट्स एंड नेविस के अधिकार क्षेत्र और दी जाने वाली सेवाओं के बारे में अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है, तो कृपया यहां से बात करें जॉन मेलर or बेथ ले चेमिनेंट नेविस में डिक्सकार्ट कार्यालय में: सलाह.नेविस@dixcart.com.

भारतीय माता-पिता मानते हैं उनके बच्चों को धन प्रबंधन उपकरणों के बारे में नहीं है पर्याप्त जानकारी

नई दिल्ली: भारत के टीनेजर आधुनिक डिजिटल वित्तीय समाधानों के बारे में सीखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। भारत के टीनेजर्स पर केंद्रित पॉकेट मनी ऐप muvin और Mompresso.com द्वारा संकलित उपभोक्ता सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय टीनेजर्स अपनी वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के इच्छुक हैं। अपनी तरह के इस पहले टीनेजर्स पर केंद्रित वित्तीय साक्षरता सर्वे से कुछ बहुत ही रोचक जानकारियों का खुलासा हुआ है, जो भारत में पॉकेट मनी ऐप्स के उदय से बुनियादी तौर पर जुड़ी हुई हैं। वित्तीय साक्षरता के लिए जेन-ज़ेड की जरूरतों और भुगतान के त्वरित डिजिटलीकरण के बीच पैसे के मामलों से संबंधित मुद्दों पर उनकी समझ को समझने के लिए उपभोक्ता सेंटिमेंट मार्केटिंग की मैपिंग शुरू की गई।

उपभोक्ता आधार को धन का प्रबंधन धन का प्रबंधन समझना
इस उपभोक्ता सर्वे में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, हैदराबाद और पुणे जैसे प्रमुख शहरों सहित पूरे देश में कक्षा 7वीं-12वीं में पढ़ने वाले 600 टीनेजर्स और उनके माता-पिता (600) द्वारा साझा की गई प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया।

भारतीय टीनेजर्स की भावनाओं की एक झलक। क्या उन्हें पर्याप्त जानकारी है? क्या वे सीखना चाहते हैं?
माता-पिता अपने बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं और अपने बच्चों को जीवन सफल बनने के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण सबक सिखाने में काफी समय बिताते हैं। बातचीत का एक ऐसा हिस्सा जो आज के समय और उम्र में महत्वपूर्ण हो गया है, वह है पैसों का मामला।

सर्वे में शामिल अधिकांश माता-पिता (96%) ने महसूस किया कि धन का प्रबंधन उनके बच्चों को धन प्रबंधन उपकरणों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है और उन्हें वित्तीय शिक्षा पाने के लिए किसी विश्वसनीय स्रोत की आवश्यकता है। 93% टीनेजर उत्तरदाताओं ने डिजिटल भुगतान के बारे में जानने की रुचि व्यक्त करने के साथ इसकी पुष्टि की; उनमें से केवल 22% टीनेजर डिजिटल भुगतान का उपयोग करने के प्रति आश्वस्त हैं। आधुनिक डिजिटल भुगतान के विकल्पों के बारे में जानने की इस जबरदस्त इच्छा के बावजूद, 80% से अधिक भारतीय विद्यार्थी भुगतान करने के लिए मुख्य रूप से नकद का उपयोग करते हैं।

सर्वे में शामिल 94% माता-पिता का मानना ​​है कि उनके बच्चे डिजिटल वॉलेट के बारे में सीखने में रुचि रखते हैं, जो इस बात पर ज़ोर देता है कि एक अधिक संगठित और भरोसेमंद वित्तीय परामर्श तंत्र की आवश्यकता है। दूसरी ओर, टीनेजर एक कदम आगे थे, क्योंकि उनमें से 70% ब्लॉकचेन और एनएफटी जैसी क्रिप्टो संपत्ति के बारे में भी सीखना चाहते थे।

इससे पता चलता है कि टीनेजर्स में सीखने की अपार संभावनाएं हैं, जिन्होंने आधुनिक वित्तीय समाधानों के बारे में सीखने में भी रुचि दिखाई है। इस सीख पर अमल करते हुए, muvin विद्यार्थियों के लिए भारत का सबसे बड़ा मनी ओलंपियाड फिनमेनिया आयोजित कर रहा है। फिनमेनिया का आयोजन मुंबई, दिल्ली एनसीआर, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई और पुणे के 200 से अधिक स्कूलों में किया जाएगा और देश भर के विद्यार्थी इसमें ऑनलाइन हिस्सा ले सकेंगे। पात्रता दौर इस साल सितंबर महीने से भाग लेने वाले स्कूलों में ऑफ़लाइन आयोजित किया जाएगा, जबकि ऑनलाइन पात्रता का दौर 29 सितंबर और 1 अक्टूबर के बीच आयोजित होगा। शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को ज़ोनल राउंड के लिए चुना जाएगा, जो अक्टूबर 2022 में होने वाले अखिल भारतीय फाइनल में जाएंगे। 100,000 से अधिक छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है। 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के साथ, फिनमेनिया विद्यार्थियों के लिए भारत का सबसे बड़ा मनी ओलंपियाड बन जाएगा।

muvin के सह-संस्थापक, मुकुंद राव कहते हैं, “भारतीय टीनेजर्स आर्थिक रूप से पहले से कहीं अधिक स्वतंत्र हो रहे हैं। युवा उपभोक्ताओं के रूप में, जब उनके निजी जीवन और उनके चुनावों की बात आती है, चाहे वह गैजेट्स, फैशन, भोजन या यात्रा से संबंधित हो, तो उनकी कोई न कोई राय अवश्य होती है। हमारा ध्येय डिजिटल वित्तीय समावेश और वित्तीय साक्षरता के साथ, भारत के 25 करोड़ युवाओं और टीनेजर्स को सशक्त बनाना है। हमारे पॉकेट मनी ऐप, प्रीपेड कार्ड और रुपे कीचेन सहित, हमारे सभी मौजूदा समाधान पूरी तरह से स्व-सहायता प्राप्त और स्व-प्रबंधित हैं, जिससे भारत के युवा टीनेजर्स उपभोक्ता आधार सरल और सुरक्षित तरीके से वित्तीय स्वतंत्रता का अनुभव करने के लिए सशक्त बनते हैं।”

वह आगे कहते हैं, “Momspresso.com के साथ मिलकर किया गया वित्तीय साक्षरता सर्वे हमारी आगामी चुनौती, भारत के सबसे बड़े मनी ओलंपियाड के साथ पूरी तरह से समयानुकूल है, जिसमें देश भर के टीनेजर्स के वित्तीय ज्ञान को जांचा जाएगा। धन का प्रबंधन हमें विश्वास है कि इससे हमें माता-पिता और उनके टीनेजर्स बच्चों की जरूरतों और भावनाओं को गहराई से समझने में मदद मिलेगी और अधिक फोकस्ड और नए समाधानों से उनकी पूर्ति होगी। हमें विश्वास है कि इस साझेदारी और आगामी पहल से टीनेजर्स में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाने की आवश्यकता बढ़ेगी और वे वयस्कता में पहुंचने से पहले धन प्रबंधन के आदी होने के लिए प्रोत्साहित होंगे।”

Momspresso.com के सह-संस्थापक और सीओओ, प्रशांत सिन्हा ने सर्वे पर बात करते हुए कहा, “भारत धन का प्रबंधन के युवाओं में वित्तीय साक्षरता पाने की आवश्यकता बढ़ रही है, जैसा कि वित्तीय साक्षरता सर्वे से स्पष्ट है। अनुसंधान और भारत में अपनी तरह के पहले, आगामी मनी ओलंपियाड से जागरूकता बढ़ाकर, टीनेजर्स को बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में मदद करने के लिए, muvin के साथ साझेदारी करके हम बेहद खुश हैं।” muvin द्वारा भारत के पहले मनी ओलंपियाड के लिए पंजीकरण 28 अगस्त से 28 सितंबर 2022 तक खुले हैं।

muvin के बारे में
muvin का नेतृत्व सह-संस्थापक विनीत गुप्ता और मुकुंद राव कर रहे हैं, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है। muvin के पास भारत के जेनज़ेड को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और विद्यार्थी आबादी में वित्तीय जागरूकता पैदा करने का एक आशाजनक दृष्टिकोण है।

muvin से माता-पिता अपने बच्चों के लिए खाता बना सकते हैं क्योंकि आश्रित या युवा और टीनेजर्स एक साधारण केवाईसी को पूरा करके अपना स्वतंत्र वॉलेट बना सकते हैं। माता-पिता सीधे बच्चे के वॉलेट में उनका जेबखर्च स्थानांतरित कर सकते हैं जो फिर इसका उपयोग विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध अपने संपर्क रहित muvin कार्ड से ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। muvin छात्रों और अभिभावकों को एंगेज होने और ट्रांजैक्शन करने के लिए एक धन का प्रबंधन सुरक्षित और सिक्योर परिवेश देता है। muvin विद्यार्थियों के लिए प्रासंगिक और आवश्यक बेहतरीन छोटे आकार के वीडियो और लिखित कंटेंट के ज़रिये सबसे मज़ेदार और रोमांचक तरीके से, उन्हें धन संबंधित बारीकियों को सीखने में मदद करता है। ऐप्स एंड्रॉयड और आईफ़ोन पर उपलब्ध हैं और इन्हें ऐप स्टोर और गेगल प्ले से डाउनलोड किया जा सकता है

धन का प्रबंधन: धन से जुड़े तनाव से निपटने के लिए बेहतर योजना बनाएं, जानें इसके सरल सूत्र

पिछले कुछ महीनों में खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर डीज़ल-पेट्रोल सहित ज़रूरत से जुड़े तक़रीबन हर सामान के दाम बढ़ चुके हैं। बच्चों की फीस भी डेढ़ गुना हो गई है। दूसरी तरफ़, नौकरियों पर संकट है और आय सीमित हो चली है। इससे सिर्फ़ जेब पर असर नहीं पड़ रहा, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। कोविड और युद्ध जैसी वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में यही स्थिति है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में 87 फ़ीसदी लोगों ने अपने जीवन में मुद्रास्फीति यानी पैसे की क़ीमत घटने को तनाव की मुख्य वजहों में से एक बताया है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, न्यूयॉर्क के डायर वर्गीस कहते हैं कि आमतौर पर पैसा सुरक्षा के समान होता है। धन एक निश्चित स्तर की राहत और आर्थिक सुरक्षा देता है। किसी आपातकालीन स्थिति में पैसा आपको हिम्मत भी देता है और जीवनस्तर भी इस पर ही निर्भर रहता है। इसलिए धन से जुड़े तनाव से निपटने के लिए एक बेहतर योजना के साथ धन प्रबंधन करने की आवश्यकता है। जानें इसके सरल सूत्र-

पर्स में न रखें ज़्यादा पैसे

यूपीआई और ऑनलाइन बैंकिंग की बदौलत आज बैंक में जमा पैसे को ज़रूरत के हिसाब से निकालने की सुविधा हमारे पास हर वक़्त है, इसलिए अपने पर्स में बहुत ज़्यादा पैसे नहीं रखने चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि हमारे पास जितना ज़्यादा कैश होता है, उतनी ही रफ़्तार से वह ख़र्च हो जाता है। इसलिए पर्स में सिर्फ़ अपनी ज़रूरत के हिसाब से ही पैसे रखें।

. लेकिन पेमेंट ऐप्स से हर बैंक अकाउंट को धन का प्रबंधन न जोड़ें। पहले जिस तरह बटुए में पैसे रखकर ख़र्च किए जाते थे, आजकल वह काम सिर्फ़ मोबाइल में मौजूद पेमेंट ऐप्स के माध्यम से हो जाता है। धन का प्रबंधन इस तरह भुगतान की सुविधा हर छोटी-बड़ी दुकान पर मौजूद होती है। इसका लाभ लेना चाहिए लेकिन इससे जुड़ी ग़लतियों से बचते हुए। अपने फोन में हर अकाउंट को पेमेंट या मनी ऐप्स से न जोड़ें। आपका हर बैंक अकाउंट यदि इन पेमेंट एप्स से जुड़ा होगा तो आप किसी भी अकाउंट से ख़र्च कर सकेंगे। इससे ख़र्च का हिसाब नहीं रह जाएगा और बचत के पैसे उड़ने की संभावना बढ़ेगी। यूपीआई के माध्यम से होने वाले ख़र्च को सीमित करने के लिए अपने किसी एक बैंक अकाउंट का उपयोग ही इन पेमेंट ऐप्स के ज़रिए करना चाहिए।

लिखें हर दिन का हिसाब

मोबाइल में ऐप इस्तेमाल करने के दौर में भले ही यह बात पुरातनपंथी लगे, लेकिन अपनी फाइनेंशियल डायरी मेंटेन करना हर दिन काम आता है। दिनभर में ख़र्च ह़ुए पैसों का हिसाब-किताब प्रतिदिन डायरी में नोट करें। ऐसा करने से आपके पास हर दिन के ख़र्च का ब्योरा होगा। इसके चलते आप सटीक रूप से जान पाएंगे कि आपका पैसा कहां जा रहा है और किन जगहों पर ज़्यादा ख़र्च हो रहा है। इससे समय रहते अतिरिक्त हुए ख़र्च को लेकर सतर्क होंगे और महीने के बचे दिनों के लिए अपनी योजना में बदलाव कर सकेंगे।

समझदारी से करें ख़रीदारी

अलग लिफ़ाफ़े बनाएं.

हर घर में दूध, फल-सब्ज़ी, लॉन्ड्री समेत हर महीने के कुछ छोटे-छोटे अनिवार्य ख़र्च होते हैं। आप अपनी ज़रूरत के अनुमान से इन ख़र्चों के लिए हर महीने अलग-अलग लिफ़ाफ़े बनाकर उनमें पैसे रख सकते हैं। महीने के अंत में इन लिफ़ाफ़ों में बचे पैसों को बचत के लिए बनाए गए फंड में जमा कर सकते हैं। इस तरह ख़र्च के पैसे अलग-अलग फंड में बांटकर रखने से बेहिसाब ख़र्च नहीं होगा और मुमकिन है कुछ पैसे बच भी जाएं।

प्राथमिकता तय करके ही ख़रीदें.

एक निजी कंपनी में कार्यरत नेहा के साथ अक्सर ऐसा होता है कि किसी सेल या स्टोर में चल रहे ख़ास ऑफ़र को देखकर वह ख़ुद को ख़रीदारी से रोक नहीं पाती है। हालांकि बाद में बिल देखकर उसे तनाव होता है। ऐसी स्थिति धन का प्रबंधन से बचने के लिए ध्यान रखिए कि जो भी ख़रीदारी करनी है उसके बारे में सोच लें कि क्या वाक़ई ख़रीदने की ‘ज़रूरत’ है या आपको वह सिर्फ़ ‘चाहिए’? इनके बीच के अंतर काे पहचानकर निर्णय करें। अगर कुछ ख़रीदने की ज़रूरत है, तो उसे सीधे लेने के बजाय पैसे जोड़कर लेने का प्रयास करें। इससे न केवल आप बचत करना सीखेंगे, बल्कि इस तरह की ख़रीदारी आपको ख़ुशी भी देगी।

व्यस्त समय में ख़रीदारी करें.

ऐसा अक्सर होता है कि जब हम किसी सुपर मार्केट या स्टोर में जाते हैं तो जो ज़रूरी नहीं होता वह सामान भी ख़रीद लाते हैं। इसलिए हम ख़रीदारी के पहले सूची बना लें। साथ ही इस तरह की ख़रीदारी तब करें जब समय कम हो, इससे वापसी की जल्दी रहेगी और आप फटाफट सिर्फ़ वही सामान ख़रीदेंगे जिसकी ज़रूरत है। यूं ही घूम-घूमकर अनावश्यक चीज़ें नहीं ख़रीदेंगे।

अलग-अलग हों बैंक खाते

यदि आपके पास तीन बैंक अकाउंट हैं. एक जिसमें आय आती है और उसके अलावा दो अतिरिक्त बैंक अकाउंट हैं तो आप महीने के ख़र्च के पैसे को एक अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। बचत के लिए िनकाले गए पैसों को तीसरे बैंक अकाउंट में जमा कर सकते हैं। आय, व्यय और बचत के पैसों को अलग-अलग रखने से भी घरेलू अर्थव्यवस्था की तस्वीर साफ़ रहती है और हाथ रोककर ख़र्च करने व बचत बढ़ाने में मदद मिलती है।

धन के साथ मन का भी ख़्याल

बचत करें मगर ख़ुशी में कटौती न करें. कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मेगन मेककॉय कहते हैं, आप किसलिए बचत कर रहे हैं, सीमित बजट के साथ आपको कौन-सी ज़रूरतों पर ख़र्च करने की आवश्यकता है, इस सबकी सूची बनाएं, लेकिन उन वस्तुओं को इसमें बनाए रखने की कोशिश करें जो आपको ख़ुशी देती हैं।

परिवार के सदस्यों से चर्चा करें।

किसी भी चीज़ को देखने का हर व्यक्ति का अपना नज़रिया अौर उस पर काम करने की अपनी योजना होती है। इसलिए वित्तीय स्थिति के बारे में परिवार से इस तरह सहानुभूतिपूर्वक चर्चा करनी चाहिए जिससे किसी नतीजे पर पहुंचने में मदद मिल सके। घर के सदस्यों से आपसी चर्चा करके धन प्रबंधन करेंगे तो किसी की ज़रूरतों में ज़बरदस्ती कटौती नहीं होगी और हर सदस्य अपने-अपने ख़र्च कम करने के बारे में विचार कर सकेगा। इससे हर सदस्य के सामने आय-व्यय को लेकर स्पष्टता रहेगी, पारिवारिक तनाव नहीं होगा और सबका ध्यान बचत पर केंद्रित होगा।

बनाएं एक आपात फंड

हर महीने की आय में से बचत का कुछ भाग आपातकालीन फंड के रूप में रखें। यह पैसा किसी अचानक आई परिस्थिति में आपके बहुत काम आएगा। चाहे किसी फंक्शन में जाना हो, अचानक इलाज कराने की नौबत हो, कमाई कम या बंद हो गई हो अथवा कोई और तात्कालिक ज़रूरत हो- ऐसे वक़्त में थोड़ा-थोड़ा करके एकत्र किया हुआ यह धन काम आएगा। ध्यान रहे, यह फंड कम से कम इतना हो कि आपके घर ख़र्च को तीन से छह महीने तक चला सके। साथ ही किसी आपातकालीन स्थिति में आपकी मदद कर सके। आपातकालीन फंड होने से आपको इमरजेंसी का तनाव नहीं होगा और मन में सुकून बना रहेगा।

धन का प्रबंधन

union

union

Rewarded

Earn reward points on transactions made at POS and e-commerce outlets

Book your locker

Deposit lockers are available to keep your valuables in a stringent and safe environment

Financial Advice?

Connect to our financial advisors to seek assistance and meet set financial goals.

धन प्रबंधन से कुशल निवेश संभव

जासं, हजारीबाग : कुशल निवेश का तात्पर्य अधिकतम उपार्जन है, और यह बिना धन प्रबंधन के संभव नहीं है। इससे जोखिम को कम से कम किया जा सकता है। यह बातें बाम्बे धन का प्रबंधन स्टॉक एक्सचेंज के प्रशिक्षण प्रभारी रंजन वर्मा ने संत कोलंबा कालेज के अनमोड डेम्टा सभागार में अपने संबोधन में कही। एनएसएस और बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के संयुक्त तत्वावधान में वित्तीय साक्षरता एवं उपभोक्ता जागरुकता पर गोष्ठी में वह बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने पे टू योरसेल्फ तकनीक की सहायता से धन प्रबंधन एवं कुशल निवेश पर भी विस्तार से जानकारी दी। स्टॉक मार्केट में कैरियर संबंधी जानकारी भी उन्होंने वी पे टू योरसेल्फ तकनीक की सहायता से विद्यार्थियों को दी। इससे पहले प्राचार्य डा. सुशील टोप्पो ने वर्मा का स्वागत करते हुए विषय प्रवेश कराया। डा. सरिता सिंह ने सेमिनार की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। गोष्ठी को डा. राजकुमार चौबे, डा. मुकेश कुमार, डा. सत्येंद्र कुमार ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डा. सत्येंद्र कुमार कार्यक्रम पदाधिकारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. सरवर अली ने किया। इस अवसर पर विशेष रूप से अंकित गुप्ता, अनुराग हेम्ब्रम, तरूण वर्मा, स्नेहा, शालिनी, आयुषि, ज्योति, नीतू, सजल, तापस, अमर, आदित्य, सत्येंद्र, अबोध बेदिया, नरेश किस्कु, पिन्टू आदि उपस्थित थे।

रेटिंग: 4.13
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 729
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *