वैकल्पिक निवेश उत्पाद

प्लास्टिक के वैकल्पिक उत्पाद और प्रौद्योगिकी पर एक रिपोर्ट जारी
जैव-प्लास्टिक (Bio-plastics): इसमें ऐसी कई सामग्रियां होती हैं, जो या तो जैविक स्रोतों से प्राप्त की जाती हैं, या वे जैव-निम्नीकरणीय होती हैं या दोनों होती हैं। ये सामग्रियां नवीकरणीय बायोमास संसाधनों से बनाई जाती हैं।
जैव-निम्नीकरणीय (Biodegradable) प्लास्टिक: यह अपघटन योग्य प्लास्टिक से भिन्न अन्य प्रकार का प्लास्टिक है। इसे जैविक प्रक्रियाओं द्वारा पूरी तरह से निम्नीकृत किया जा सकता है। पर्यावरण पर इनका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
ऑक्सो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक: पॉलीएथिलीन (PE) जैसे पारंपरिक प्लास्टिक हैं। इन्हें छोटे टुकड़ों में टूटने में मदद करने के लिए एक योजक समाहित किया जाता है। इनसे पर्यावरण में माइक्रोप्लास्टिक का प्रवेश हो सकता है।
मेक इन इंडिया
भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।
'मेक इन इंडिया' पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में वैकल्पिक निवेश उत्पाद भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है:
सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरुरतों से हटाया गया है।
सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत वैकल्पिक निवेश उत्पाद बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26% से 49% तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण, संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।
29 दिसंबर 2014 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उद्योग से संबंधित मंत्रालय प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत प्रत्येक मंत्रालय ने अगले एक एवं तीन साल के लिए कार्यवाही योजना की पहचान की है।
कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' निवेशकों और उनकी उम्मीदों से संबंधित भारत में एक व्यवहारगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। 'इनवेस्ट इंडिया' में एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। नये निवेशकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अनुभवी दल भी निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ में उपलब्ध है।
निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य
- मध्यम अवधि में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में प्रति वर्ष 12-14% वृद्धि करने का उद्देश्य
- 2022 वैकल्पिक निवेश उत्पाद तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% की वृद्धि
- विनिर्माण क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना
- समावेशी विकास के लिए ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबों के बीच उचित कौशल का निर्माण
- घरेलू मूल्य संवर्धन और निर्माण में तकनीकी गहराई में वृद्धि
- भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
- विशेष रूप से पर्यावरण के संबंध में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना
- भारत ने अपनी उपस्थिति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप दर्ज करायी है
- 2020 तक इसे दुनिया की शीर्ष तीन विकास अर्थव्यवस्थाओं और शीर्ष तीन निर्माण स्थलों में गिने जाने की उम्मीद है
- अगले 2-3 दशकों के लिए अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश। गुणवत्तापूर्ण कर्मचारियों की निरंतर उपलब्धता।
- जनशक्ति की लागत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है
- विश्वसनीयता और व्यावसायिकता के साथ संचालित जिम्मेदार व्यावसायिक घराने
- घरेलू बाजार में मजबूत उपभोक्तावाद
- शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित मजबूत तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमतायें
- विदेशी निवेशकों के लिए खुले अच्छी तरह विनियमित और स्थिर वित्तीय बाजार
भारत में परेशानी मुक्त व्यापार
'मेक इन इंडिया' इंडिया' एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी वैकल्पिक निवेश उत्पाद ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत वैकल्पिक निवेश उत्पाद में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नयी डी-लाइसेंसिंग और ढील के उपायों से जटिलता को कम करने और समग्र प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता काफी बढ़ी हैं।
अब जब व्यापार करने की बात आती है तो भारत काफी कुछ प्रदान करता है। अब यह ऐसे सभी निवेशकों के लिए आसान और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करता है जो स्थिर अर्थव्यवस्था और आकर्षक व्यवसाय के अवसरों की वैकल्पिक निवेश उत्पाद तलाश कर रहे हैं। भारत में निवेश करने के लिए यह सही समय है जब यह देश वैकल्पिक निवेश उत्पाद सभी को विकास और समृद्धि के मामले में बहुत कुछ प्रदान कर रहा है।
वैकल्पिक निवेश उत्पाद
वेल्थडेस्क ने यूनिफाइड वेल्थ इंटरफेस (यूडब्ल्यूआई) पर श्वेतपत्र जारी किया
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। निवेश प्रौद्योगिकी मंच वेल्थडेस्क ने एक श्वेत पत्र जारी किया है कि कैसे यूनिफाइड वेल्थ इंटरफेस (यूडब्ल्यूआई) धन सृजन का लोकतंत्रीकरण कर रहा है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। निवेश प्रौद्योगिकी मंच वेल्थडेस्क ने एक श्वेत पत्र जारी किया है कि कैसे यूनिफाइड वेल्थ इंटरफेस (यूडब्ल्यूआई) धन सृजन का लोकतंत्रीकरण कर रहा है।
वेल्थडेस्क के संस्थापक और सीईओ उज्जवल जैन द्वारा लिखित श्वेत पत्र में चर्चा की गई है कि कैसे यूडब्ल्यूआई संपत्ति, धन और ब्रोकिंग इकोसिस्टम के लिए एक गेम चेंजर होगा।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यूडब्ल्यूआई पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और वितरण में मदद करता है और रेगटेक, मार्केटिंग और कार्यान्यवयन समर्थन देता है।
वेल्थबास्केट प्रबंधक पूरी तरह से बहु संपत्ति निवेश उत्पाद बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और उन्हें अब इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कैसे उत्पाद का पैकेज करें और उन्हें बेचें।
श्वेत पत्र वैकल्पिक निवेश उत्पाद में लिखा है, यूडब्ल्यूआई पर मजबूत नेटवर्क प्रभावों के अतिरिक्त लाभ के साथ ब्रोकरो, वितरकों और आरएम के मौजूदा वितरण नेटवर्क का लाभ उठाकर वेल्थबास्केट को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों निवेशकों को मूल रूप से वितरित किया जा सकता है।
खुदरा निवेशक प्रभावी तरीके से ब्रोकिंग और अन्य लेनदेन प्लेटफार्मों के प्रीमियम धन सृजन उत्पादों में आसानी से निवेश कर सकते हैं।
श्वेत पत्र भारत के ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है जो 2016 से 7.79 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है और आज करीब 95 मिलियन डीमैट खाते हैं, जो देश में मजबूत मांग का प्रमाण है।
हालांकि, आपूर्ति की समस्या बरकरार है। भारत में केवल 1,300 पंजीकृत निवेश सलाहकार हैं, यानि कि प्रति 71,000 निवेशकों पर केवल 1 आरआईए।
ऐतिहासिक रूप से, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) और वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) जैसे धन प्रबंधन उत्पाद खुदरा निवेशकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि इसमें बड़े निवेश की जरूरत होती है।
श्वेत पत्र में कहा गया है, खुदरा निवेशक क्या चाहते हैं और रिटेल वेल्थ मैनेजमेंट मार्केट क्या है -- इसमें गहरी खाई पैदा हो गई है।
इसका यह परिणाम हुआ है कि एएमसी द्वारा पेश की जाने वाली म्युचुअल फंड योजनाएं बड़ी होती जा रही हैं। इसका मतलब है कि खुदरा निवेशकों के लिए इन उत्पादों पर धन समाधान की सही पैकेजिंग नहीं है।
यहीं पर यूनिफाइड वेल्थ इंटरफेस (यूडब्ल्यूआई) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
श्वेतपत्र के लॉन्च पर बोलते हुए उज्जवल जैन ने कहा, हमने यूडब्ल्यूआई को इंटरनेट स्केल इंटरफेस के रूप में न केवल मौजूदा खाई को पाटने के लिए बल्कि पूरे इकोसिस्टम वैकल्पिक निवेश उत्पाद को बदलने के लिए बनाया है।
जैन ने कहा, यूडब्ल्यूआई निवेश निमार्ताओं को अनोखा बहु-परिसंपत्ति निवेश उत्पाद बनाने, उन्हें वेल्थबास्केट में पैकेज करने, और फिर उन्हें कम लागत, निर्बाध और कुशल तरीके से 100 से अधिक यूडब्ल्यूआई भागीदारों की बढ़ती सूची के जरिए बड़े पैमाने पर वितरित करने की अनुमति देता है। हम उत्साहित हैं उन संभावनाओं से जो यूडब्ल्यूआई संपत्ति, धन और ब्रोकिंग इकोसिस्टम के प्रत्येक हितधारक को प्रदान करता है।
श्वेत पत्र मौजूदा निवेश परि²श्य पर भी रोशनी डालता है। संपत्ति, धन और ब्रोकिंग पारिस्थितिकी तंत्र में मौजूदा खाई को रेखांकित करता है, और इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे यूडब्ल्यूआई इस खाई को प्रभावी ढंग से पाटने के लिए एक मजबूत प्रौद्योगिकी लेयर प्रदान करता है।
यूडब्ल्यूआई बड़े पैमाने पर अनुसंधान, उत्पाद निर्माण, उत्पादीकरण और वितरण को मूल रूप से जोड़ता है।
जनवरी 2021 में, निम्न में से किसने अपना पहला वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) उत्पाद लॉन्च किया?
IBPS RRB Clerk Provisional Allotment List (CRP-RRBs-X) released on 22nd September 2022. Earlier, the IBPS RRB Clerk Prelims Scorecard (CRP RRBs XI) was released on 13th September 2022. The Mains Examination will be held on 24th September 2022. The IBPS वैकल्पिक निवेश उत्पाद RRB Clerk Admit Card for the Mains Exam (CRP-RRB-XI). has also been released and candidates can download the same by 24th September 2022. The final selection of the candidates will be based on their scores in the Mains Exam. A total number of 4483 vacancies are released for the RRB Office Assistant 2022. With a decent pay scale of Rs. 11,765 to Rs. 31,540, it is a golden opportunity for job seekers. Prepare well for your excam with the help of IBPS RRB Clerk books.