क्रिप्टोबो फैसले

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FTX Exchange Crash: रातोंरात धराशायी होने वाले क्रिप्टो एक्सचेंज के पीछे का चेहरा हैं निषाद सिंह, जानें उनके बारे में
By: ABP Live | Updated at : 13 Nov 2022 07:54 PM (IST)
Nishad Singh Crypto Exchange FTX Crash: भारतीय लोगों ने टेक्नोलॉजी (Technology) के मामले में दुनियाभर में अपना डंका मनवाया हैं. ऐसा ही एक नाम है निषाद सिंह (Nishad Singh), जो कि मूलतः भारतीय है. हालांकि अब ये ही निषाद सिंह जांच के दायरे में हैं. बताया जा रहा है कि वो सैम बैंकमैन-फ्रायड (Sam Bankman-Fried) क्रिप्टोबो फैसले जो एफटीएक्स एक्सचेंज के सीईओ हैं, उन्हें क्रिप्टो को लेकर फैसले लेने में कुछ मदद किया करते थे.
जांच के दायरे में निषाद
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक FTX का अचानक दिवालिया होना, अब सबके लिए परेशानी खड़ी कर रहा है. FTX के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्रायड के साथ निषाद सिंह सहित 9 अन्य लोग शामिल है. इससे पहले निषाद फेसबुक को भी अपनी सेवाएं दे चुके है.
Cryptocurrency: क्रिप्टोबाजार में गिरावट का दिखने लगा असर, इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर शुरू हुई छंटनी
ग्लोबल बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से चल रही कमजोरी का असर अब कंपनियों के पे रोल पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर डिजिटल करेंसी में गिरावट के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ब्लॉकचेन ट्रेडिंग और लेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म ब्लॉकफाई ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने अपने कुल 850 कर्मचारियों में से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले से लगभग 200 लोगों की नौकरी जा सकती है।
विस्तार
ग्लोबल बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से चल रही कमजोरी का असर अब कंपनियों के पे रोल पर भी पड़ रहा है। जहां एक ओर डिजिटल करेंसी में गिरावट के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है वहीं दूसरी ओर क्रिप्टो के कारोबार से जुड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर भी शुरू हो गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक ब्लॉकचेन ट्रेडिंग और लेंडिंग क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म ब्लॉकफाई ने क्रिप्टोबो फैसले सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि कंपनी ने अपने कुल 850 कर्मचारियों में से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कंपनी के इस फैसले क्रिप्टोबो फैसले से लगभग 200 लोगों की नौकरी जा सकती है।
ब्लॉकफाई (BlockFi) के सीईओ जैक प्रिंस ने ट्विटर पर एक पोस्ट करते हुए अपने कर्मियों को कंपनी से निकालने की बात कही है। आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में पिछले साल नवंबर में जबरदस्त तेजी दिखने क्रिप्टोबो फैसले के बाद गिरावट का दौर शुरू हो गया था। अब बाजार का हाल यह है कि बिटकॉइन जैसी सबसे प्रचलित करेंसी भी टूटकर 20000 डॉलर के नीचे आ गई है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
Crypto पर गेंद अब पीएम नरेंद्र मोदी के पाले में, नियम बनाने पर लेंगे अंतिम फैसला
क्रिप्टो करेंसी पर देश के अलग-अलग नियामक और एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है। क्रिप्टोबो फैसले इस मामले से जुड़े दो लोगों ने इकनॉमिक टाइम्स को यह जानकारी दी है। पिछले गुरुवार को एक उच्च स्तरीय मीटिंग हुई जिसमें क्रिप्टो करेंसी से जुड़े सभी पक्ष की बात पर बहस करने के बाद यह फैसला लिया गया है। भारत के बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर गंभीर चिंताएं जताई है।
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क्रिप्टो क्रिप्टोबो फैसले पर चर्चा में अलग-अलग राय
भारत सरकार के अधिकारियों और क्रिप्टो करेंसी एक्सपर्ट की बातचीत में कई विकल्प निकल कर सामने आए हैं जिनमें से एक यह है कि सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को पूरी तरह बैन कर दिया जाए। इसके साथ ही कुछ लोगों की राय यह भी है कि क्रिप्टो करेंसी पर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाया जाए। कई एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि क्रिप्टो प्रोडक्ट की हर कैटेगरी को नियम के तहत अनुमति दी जाए। क्रिप्टोबो फैसले एक राय यह भी सामने आई है कि कुछ क्रिप्टो करेंसी को क्रिप्टोबो फैसले नियम के दायरे में रहकर कारोबार करने की इजाजत दी जा सकती है।
ड्राफ्ट बिल में बदलाव संभव
उम्मीद जताई जा रही है कि इस मसले पर शुक्रवार को भी एक बैठक हो सकती है। उसके बाद क्रिप्टो करेंसी पर नियामकीय फ्रेमवर्क के लिए फैसला लिया जा सकता है। क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 संसद के शीत सत्र में पेश होना है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने एक प्रस्तावित बिल के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है। सरकार के अंदर ही कई पक्ष का यह मानना है कि इस मसले पर विस्तृत चर्चा की जरूरत है।
क्रिप्टो रूल पर जल्द फैसला चाहती है सरकार, G20 मीटिंग में बढ़ सकती है बात
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Nov 14, 2022 | 4:16 PM
क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट के बीच सरकार इसके रेगुलेशन पर बड़ा फैसला करना चाहती है. भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के विकल्पों पर पहले से विचार कर रही है. सरकार यह भी चाहती है कि भारत की अध्यक्षता में G20 की बैठक में क्रिप्टो के रेगुलेशन पर हां या ना हो जाए. क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर दो तरह के विकल्प हैं. एक में कहा जा रहा है कि क्रिप्टो को रेगुलेट कर दिया जाए. जबकि रिजर्व बैंक की सलाह है कि क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देना चाहिए. क्रिप्टो पर कोई प्रतिबंध लगेगा या इसे रेगुलेट किया जाएगा, इस पर क्रिप्टोबो फैसले सरकार की तरफ से फैसला होना बाकी है.
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टैक्स के पीछे ये है सरकार की मंशा
अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में डिजिटल करेंसी पर इसी तरह से वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं, जिसकी वजह से इन देशों में इस करेंसी को लीगल यानी वैध माना जाता है. हालांकि कुछ देशों में इस पर अपवाद की भी स्थिति है. भारत सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने Crypto Currency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हैं. इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपये इस समय ऐसी Digital Currency के रूप में दांव पर लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में Crypto Currency का इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए. दूसरी बात, सरकार ये जानती है कि उसके इस फैसले के बाद लोग डिजिटल करेंसी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इसलिए उसने एक और विकल्प तैयार किया है.