निवेश की अवधि

आपको बता दें कि देश में पहली बार वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस तरह कि स्कीम सीनियर सिटीजन के लिए इंडिया पोस्ट लेकर आया है। इसके अलावा हाल ही में वरिष्ठ नागरिकों के लिए इंडिया पोस्ट ने रोजगार एक्सचेंज भी लांच किया। जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को उनके हिसाब की नए सिरे से नौकरी दी जाएगी और 1 अक्टूबर से यह एक्सचेंज शुरू हुआ है।
क्या लंबी अवधि के लिए डेब्ट फंड में निवेश करना अच्छा है?
गिल्ट फंड और लंबी अवधि के फंड सहित लंबी अवधि के डेब्ट फंड ने पिछले एक साल में शानदार प्रदर्शन किया है, जिसने निवेशकों के बड़े समूह का ध्यान खींचा है। इन फंडों ने न केवल छोटी अवधि के फंडों से बेहतर प्रदर्शन किया है, बल्कि अपने लॉन्ग-टर्म औसत और लगभग सभी इक्विटी फंडों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। इन रिटर्न को देखने के बाद आपको यह जानने की उत्सुकता हो सकती है कि क्या आप लंबी अवधि के लिए डेब्ट फंड में निवेश कर सकते हैं। लेकिन इसका उत्तर देने से पहले, आइए पहले यह समझें कि दीर्घावधि के डेब्ट फंड इस तरह के उच्च लाभ या हानि कैसे करते हैं, जबकि वे मुख्य रूप से निश्चित आय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
लंबी अवधि के ऋण, गिल्ट और अन्य फंड जो उच्च-परिपक्वता के कागजात खरीदते हैं, वे उच्च स्तर की ब्याज दर जोखिम लेते हैं यानी जब ब्याज दर बढ़ती है, तो उनका रिटर्न तेजी से घट जाता है और इसके विपरीत ब्याज दरों के लिए यह जवाबदेही "संशोधित अवधि" नामक एक उपाय द्वारा दी गई है। दूसरी यह की संशोधित अवधि का मतलब है, कि ब्याज दर में 1% कटौती से फंड में लगभग 2% लाभ होगा। लंबी अवधि के फंड में आम तौर पर उच्च संशोधित अवधि होती है। आम तौर पर 6-12 के बीच, जिसका अर्थ है कि वे ब्याज निवेश की अवधि दर के आंदोलनों के प्रति संवेदनशील हैं - आप ब्याज दरों में बदलाव के आधार पर भारी लाभ या हानि उठा सकते हैं।
जोखिम कहाँ हैं?
हालांकि बीते साल में लंबी अवधि के डेब्ट फंड्स से रिटर्न अच्छा रहा है, लेकिन निवेशकों को दो कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है।
आम तौर पर ब्याज दरों में कटौती से इन फंडों का लाभ एकमुश्त लाभ होता निवेश की अवधि है। जब तक अगले तीन से पांच वर्षों में एक ही नाटकीय तरीके से दरों में गिरावट जारी रहती है, तब तक ऐसे लाभ खुद को दोहराने की संभावना नहीं है। पिछले 20 वर्षों में, एक आरबीआई के रुख के साथ 6% से कम की रेपो दर केवल दो अन्य अवसरों पर हुई है। यहां तक कि अगर दरें 6% से नीचे जाती हैं, तो ऐतिहासिक रूप से वे लंबे समय तक वहां नहीं रहे हैं।
यदि मुद्रास्फीति बढ़ती है तो निवेश की अवधि ब्याज दरें स्वयं को उलट सकती हैं। उदाहरण के लिए, वर्तमान में, औसत CPI 5% है और इसलिए सामान्य स्थिति के तहत रेपो दर 5% से नीचे नहीं जा सकती है। यदि आप डेब्ट फंडों में दोहरे अंकों का रिटर्न देखते हैं, तो विशेषकर खुदरा निवेशकों के लिए अंगूठे का नियम सतर्क होना चाहिए।
क्या आपको लंबी अवधि के लिए डेब्ट फंड में निवेश करना चाहिए?
अब जब आप समझते हैं कि लॉन्ग-टर्म बांड ने पिछले साल कितना बड़ा लाभ अर्जित किया है और इसी कारण से भारी नुकसान हो सकता है या भविष्य में भारी लाभ उत्पन्न करने के अवसर का नुकसान हो सकता है, तो आपको इन फंडों में निवेश करते समय सतर्क रहना चाहिए।
यदि आपके पास एक लंबा निवेश क्षितिज है, तो यह आपकी आदर्श प्राथमिकता के रूप में इक्विटी फंड रखने का सुझाव दिया गया है। लेकिन अगर आप एक रूढ़िवादी निवेशक हैं और इक्विटी स्पेस में उद्यम नहीं करना चाहते हैं, तो यहां कुछ डेब्ट फंड हैं जो आप अपने निवेश क्षितिज, जोखिम श्रमता औररिटर्न की उम्मीद में फिट हो सकते हैं।
1. मध्यम अवधि निधि- यह एक ओपन-एंडेड डेब्ट स्कीम है, जो डेब्ट / बॉन्ड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करती है, जैसे कि औसत परिपक्वता अवधि 3-7 साल के बीच होती है।
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पहली छमाही के दौरान 14% घटकर 26.9 अरब डॉलर हुआ
पहली छमाही के दौरान सिंगापुर 10 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ शीर्ष निवेशक के रूप में उभरा है.
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी प्रवाह इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 14 प्रतिशत घटकर 26.9 अरब डॉलर रह गया. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान इक्विटी प्रवाह 31.15 बिलियन डॉलर था. चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान कुल एफडीआई प्रवाह भी घटकर 39 अरब डॉलर रह गया, जिसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी शामिल है. जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 42.86 अरब डॉलर रहा था.
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इस वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सिंगापुर 10 अरब डॉलर के एफडीआई के साथ शीर्ष निवेशक के रूप में उभरा है. इसके बाद मॉरीशस (3.32 बिलियन डॉलर), यूएई (2.95 बिलियन डॉलर), यूएसए (2.6 बिलियन डॉलर), नीदरलैंड्स (1.76 बिलियन डॉलर) और जापान (1.18 बिलियन डॉलर) का स्थान आता है.
चालू वित्त वर्ष की छह महीने की अवधि के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेक्टर में सबसे अधिक 6.3 अरब डॉलर का इक्विटी प्रवाह आया. इसके बाद सर्विस सेक्टर (4.16 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (3.28 अरब डॉलर), केमिकल (1.3 अरब डॉलर), वाहन उद्योग (93.2 करोड़ डॉलर) और निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों ने (99 करोड़ डॉलर) का पूंजी प्रवाह हासिल किया है.
सरकार का सीनियर सिटीजन को तोहफा! अब 3 साल तक और बढ़ा सकते हैं अपने निवेश की अवधि
बिजनेस डेस्कः वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुशखबरी है। अब सीनियर सिटीजन को कभी पैसे की दिक्कत नहीं होगी। सरकार सीनियर सिटीजन को एक मौका दे रही है जहां वे अपना पैसा 5 साल से अधिक के लिए निवेश कर सकते हैं जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को सारी जानकारी इंडिया पोस्ट के पोर्टल पर उपलब्ध है और देश के हर डाक घर पर भी आप पूरी जानकारी जुटा सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए शानदार मौका
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) की अवधि 5 वर्ष की है। अगर कोई भी वरिष्ठ नागरिक को इसकी अवधि बढ़ाना चाहते है वो एक लिखित में आवेदन दे सकते है और इसकी बचत की अवधि को अगले 3 साल के लिए बढ़ा सकते है। पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम में निवेशकों को 7.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। सिर्फ 5 वर्षों में यह पैसा 14 लाख तक पहुंच सकता निवेश की अवधि है। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में खाता खुलवाने के लिए उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक होना चाहिए।
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आज का पंचांग- 5 दिसंबर, 2022
PPF Investment: इस सरकारी स्कीम में करें SIP की तरह निवेश, मैच्योरिटी पर पाएं 41 लाख
PPF Investment: इस स्कीम में एक वित्तीय साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश करने की सुविधा है। वहीं न्यूनतम 500 रुपये का निवेश जरूरी है। अगर आप मासिक आधार पर अधिकतम सीमा को पूरा करना चाहते हैं, तो आपको हर महीने 12,500 रुपये का निवेश करना होगा।
PPF Investment: छोटी बचत योजनाएं एक सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करती हैं। जहां पैसे खोने का डर नहीं होता है। साथ ही गारंटीड रिटर्न भी मिलता है। इसमें एक विकल्प है, जहां आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP की तरह हर महीने निवेश कर सकते हैं। इस योजना का नाम पब्लिक प्रोविडेंट फंड है। जिसे पोस्ट ऑफिस की किसी भी शाखा से शुरू किया जा सकता है। यह कई अन्य छोटी बचतों की तुलना में अधिक ब्याज प्रदान करता है।
निवेश की लिमिट
इस स्कीम में एक वित्तीय साल में अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश करने की सुविधा है। वहीं न्यूनतम 500 रुपये का निवेश जरूरी है। अगर आप मासिक आधार पर अधिकतम सीमा को पूरा करना चाहते हैं, तो आपको हर महीने 12,500 रुपये का निवेश करना होगा।
सार्वजनिक भविष्य निधि एक लोकप्रिय विकल्प है। खासकर उन लोगों के लिए जो लंबी अवधि के निवेश की योजना बना रहे हैं। यग 15 साल की परिवक्वता अवधि के साथ लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित करता है। साथ ही यदि आप इस स्कीम में निवेश करते हैं, तो आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है। फिलहाल सालाना ब्याज दर 7.1 फीसदी है।
कितना मिलेगा पैसा?
प्रति महीने निवेश- 12,500 रुपये
ब्याज दर- 7.1% प्रति साल
परिपक्वता पर प्राप्त राशि - 40,68,209 रुपये
कुल निवेश- 22,50,00 रुपये
ब्याज लाभ- 18,18,208 रुपये
पीपीएफ योजना के तहत जमा राशि पर धारा 80सी के तहत टैक्स लाभ मिलता है। पीपीएफ खाते में एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। पीपीएफ जमा पर अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि कर मुक्त है।
Post Office Scheme: बेहद खास है पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 8000 रुपये के निवेश पर मिलेगा 2 करोड़ का लाभ, जानें डीटेल
Post Office Scheme: इंडिया पोस्ट ऑफिस अलग-अलग प्रकार योजना के साथ बीमा की सुविधा भी देता है। जिसका लाभ निवेशक अपने लिए उठा सकते हैं। कई ऐसे बीमा की योजनाएं हैं, जिसमे अच्छे रिटर्न के साथ तगड़ा सम अश्यॉर्ड मिलता है। ऐसी ही बीमा स्कीम में एक “होल लाइफ एश्योरेंस” है। इस स्कीम के तहत जीवित बीमाधारक को 2 करोड़ रुपये का लाभ मिलता है। इसके अलावा 50 लाख सम अश्यॉर्ड भी मिलता है। इस पॉलिसी को सुरक्षित और आसान माना जाता है। जिसमें पॉलिसीहोल्डर्स को 80 साल के उम्र के बाद रिटर्न मैच्योरिटी होने पर मिलता है। इसी बीच यदि व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को मैच्योरिटी के साथ सम अश्यॉर्ड और बोनस का भी लाभ मिलता है।