सामूहिक निवेश क्या है

किसानों को सरकार से तकनीकी सहायता और प्रदर्शन प्रोत्साहन की आवश्यकता है। शुरुआत में एक लोकल एनजीओ से उन्हें मार्गदर्शन मिलना चाहिए। समूह का आकार छोटा हो। सदस्यों के बीच जातीय विविधता हो। वाणिज्यिक फसलों सहित स्थानीय पारिस्थितिकी के अनुकूल फसलें उगाई जाए।
म्यूच्यूअल फण्ड क्या है प्रकार, निवेश कैसे करें (Mutual Fund In Hindi)
Mutual Fund In Hindi: अगर आप पैसे से पैसा कमाने में रूचि रखते हैं तो Mutual Fund का नाम आपने जरुर सुना होगा, टीवी में आपने Mutual Fund के कई सारे विज्ञापन भी देखे होंगे पर क्या आप जानते हैं आखिर Mutual Fund क्या है, म्यूच्यूअल फण्ड की शुरुवात कब हुई, म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कैसे करें और म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे तथा नुकसान क्या हैं.
अगर आप उपरोक्त सारी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप एकदम सही लेख पर आये हैं. आज के इस लेख में हम आपको Mutual Fund से जुडी तमाम सारी जानकारी प्रदान करवाने वाले हैं. जिससे कि आपको Mutual Fund में निवेश करने में आसानी हो.
म्यूच्यूअल फण्ड के द्वारा आप अपने पैसों को ऐसे Fund House में निवेश करते हैं जहाँ आपके पैसों को मैनेज करने का काम फण्ड मैनेजर करते हैं. म्यूच्यूअल फण्ड में कई सारे निवेशक सामूहिक निवेश क्या है पैसे निवेश करते हैं. फण्ड मैनेजर सभी निवेशकों के पैसों को अलग – अलग जगह निवेश कर देते हैं और profit को सभी निवेशकों में निवेश के आधार पर बाँट दिया जाता है.
ठगी के खिलाफ
जनसत्ता 24 सितंबर, 2014: अपने ढाई दशक के इतिहास में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी को कई तरह की वित्तीय अनियमितताओं से जूझना पड़ा है और इन अनुभवों के कारण उसके अधिकार बढ़ाए गए हैं। अब एक बार फिर इस नियामक संस्था की ताकत में इजाफा किया गया है ताकि लाखों छोटे निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके। इस मकसद से लाए गए विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई है। सेबी को नए अधिकार देने का सामूहिक निवेश क्या है कानूनी उपाय और पहले हो जाना चाहिए था। अब देर से ही सही, एक जरूरी कदम उठाया गया है। संशोधित कानून के जरिए सामूहिक निवेश वाली विभिन्न स्कीमों को सेबी के नियमन के दायरे में लाया गया है। सेबी को संदिग्ध निकाय या कंपनी से देश और देश के बाहर सूचना मांगने और तलाशी लेने की शक्ति दी गई है। उसे जांच के सिलसिले में कॉल डाटा रिकार्ड मंगाने का अधिकार दिया गया है। अलबत्ता फोन टैप करने का अधिकार उसे नहीं होगा, यह केवल टेलीग्राफ कानून के प्रावधानों के मुताबिक ही हो सकता है। सेबी कोई भी तलाशी मुंबई स्थित निर्धारित अदालत से मंजूरी के बाद ही कर सकेगा।
एक्शन में बाजार नियामक सेबी, समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है मामला
Highlights नियामक ने पाया कि कंपनी इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजनाएं जारी कर कोष जुटाने में लगी थी। लोगों से पैसे बकरी/भैंस की खरीद और पालन कारोबार के नाम पर जुटाये गये। कंपनी से अक्टूबर 2017 तक 11.97 लाख ग्राहक जुड़े थे और उन निवेशकों को देय राशि 122 करोड़ रुपये से अधिक थी।
नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने बिना पंजीकरण के सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के जरिये कोष जुटाने को लेकर समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने कई योजनाओं की पेशकश की थी, जिसके तहत लोगों से पैसा जुटाया गया।
सामूहिक निवेश क्या है
आंध्रप्रदेश के गांव मुलिगोडा में किसान पटि्टका सुलोचना का खेत। फोटो: सीएसई
आपने 10 से अधिक वर्षों तक सामूहिक खेती का अध्ययन किया है। यह क्या लाभ दे सकता है?
सामूहिक खेती में स्वेच्छा से भूमि, श्रम और पूंजी को एकत्रित करना और खेती करना शामिल है। इससे छोटे किसानों को अपनी उत्पादन बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। अधिकांश भारतीय खेत बहुत छोटे हैं, जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। करीब 86 फीसदी किसान 2 हेक्टेयर से कम जमीन के टुकड़ों पर खेती करते हैं। अधिकांश के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है। बैंक ऋण, प्रौद्योगिकियां और सूचना और बाजारों में सौदेबाजी की शक्ति नहीं सामूहिक निवेश क्या है है। बड़ी संख्या में महिलाएं हैं। समूह खेती एक संस्थागत समाधान प्रदान कर सकती है। किसान बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का आनंद लेंगे तो अधिक निवेश आ सकता है। धन और कौशल, इनपुट लागत को कम करना और जलवायु परिवर्तन से निपटना जरूरी है। महिलाएं किसान के रूप में स्वतंत्र पहचान हासिल कर सकती हैं। मेरे अनुसंधान, जिसने भारत और नेपाल में नए प्रयोगों को भी उत्प्रेरित किया है, यह प्रदर्शित करता है। 2020 के कोविड-19 राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान अधिकांश समूह आर्थिक रूप से सक्षम रहे, जबकि अधिकांश व्यक्तिगत किसानों को नुकसान हुआ।