फोरेक्स में व्यापार

निवेश उत्पाद

निवेश उत्पाद

किशन रेड्डी बोले-G20 की अध्यक्षता पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देगी !

किशन रेड्डी बोले-G20 की अध्यक्षता पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देगी !

मिजोरम न्यूज डेस्क् !! केंद्रीय पर्यटन और डोनर मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने से हॉस्पिटैलिटी के साथ-साथ एडवेंचर, क्रूज और वेलनेस टूरिज्म के लिए निवेश को बढ़ावा मिलेगा। रेड्डी ने गुरुवार शाम को तीन दिवसीय 10वें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (आईटीएम) आइजोल का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पूर्वोत्तर सहित देश भर में आयोजित होने वाली जी20 बैठकें दुनिया के सामने इस क्षेत्र की संस्कृति, इतिहास और पर्यटन क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेंगी। शुक्रवार को एक अन्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, रेड्डी ने कहा कि मिजोरम एक सुंदर राज्य है जिसमें साहसिक और पर्यावरण-पर्यटन में बड़ी संभावनाएं हैं और आईटीएम की योजना सरकारी एजेंसियों और हितधारकों के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने की है। मंत्री ने स्कूलों और कॉलेजों में युवा निवेश उत्पाद पर्यटन क्लब स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया।

पूर्वोत्तर में विभिन्न विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, रेड्डी ने कहा कि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा बड़ी संख्या में परियोजनाएं शुरू करना पूर्वोत्तर क्षेत्र में समग्र विकास लाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईटीएम के हिस्से के रूप में बड़ी संख्या में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें खरीदारों, विक्रेताओं, मीडिया, सरकारी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के बीच बातचीत, आठ पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा उनकी पर्यटन क्षमता पर प्रस्तुतियां, सांस्कृतिक शामें, बी2बी बैठकें शामिल हैं, जहां देश के विभिन्न क्षेत्रों के खरीदार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विक्रेताओं के साथ आमने-सामने की बैठकों में शामिल होंगे।

भाग लेने वाले राज्यों के पर्यटन उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट पूर्वोत्तर राज्यों में रोटेशन के आधार पर आयोजित निवेश उत्पाद किए जाते हैं, मिजोरम इस साल पहली बार इस मार्ट की मेजबानी कर रहा है। इस मार्ट के पिछले संस्करण गुवाहाटी, तवांग, शिलांग, गंगटोक, अगरतला, इंफाल और कोहिमा में आयोजित किए गए थे।

New Delhi : निर्यात, घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने की गारंटी नहीं है मुक्त व्यापार करार

New Delhi : Free trade agreement is not a guarantee to increase exports, domestic manufacturing: Report

नयी दिल्ली: (New Delhi) शोध एवं रणनीति परामर्श कंपनी ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर वार्ता कर रहे देशों को इनसे जुड़े कुछ मिथकों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। इनमें, एफटीए से निर्यात में तेजी से वृद्धि होती है और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलता है जैसे मिथक शामिल हैं।

जीटीआरआई की रिपोर्ट में इन मिथक को दूर करने का दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ये मिथक हैं: एफटीए से विश्व व्यापार संगठन कमजोर होता है, दुनियाभर के देश एफटीए करने को बेताब हैं और इन समझौतों से निवेश बढ़ता है और निवेश उत्पाद दाम घटते हैं।‘एफटीए: शानदार, बेकार या खामियों से भरा’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा मानना गलत है कि विश्व का ज्यादातर व्यापार एफटीए मार्ग के जरिये होता है, जबकि वास्तविकता यह है कि 20 प्रतिशत से भी कम विश्व व्यापार इस रास्ते से होता है।रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात में कोई सचाई नहीं है कि दुनियाभर के देश एफटीए करने को उत्सुक हैं बल्कि वास्तविकता में इन समझौतों में मुख्य रूप से पूर्वी-एशियाई देशों की अधिक दिलचस्पी है जिन्होंने उत्पाद शुल्क में कमी की है या यह शुल्क खत्म ही कर दिया है।

इसके मुताबिक, ‘‘प्रमुख औद्योगिक देश या क्षेत्र एफटीए बहुत ही चुनिंदा तरीके से करते हैं। मसलन अमेरिका ने निवेश उत्पाद यूरोपीय संघ, चीन, जापान, आसियान या भारत जैसी महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं किया है। यूरोपीय संघ ने 41 व्यापार समझौते किए हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर छोटे देशों और कच्ची सामग्री के आपूर्तिकर्ताओं के निवेश उत्पाद साथ है।’’विश्व व्यापार में 83-85 प्रतिशत इन समझौतों से हटकर और डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक होता है।एक मिथक यह है कि एफटीए से निर्यात में वृद्धि होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि 20 प्रतिश्त से भी कम विश्व व्यापार रियायती उत्पाद शुल्क पर हो निवेश उत्पाद रहा है ऐसे में भारत को 80 प्रतिशत व्यापार को इस मार्ग से हटकर बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त रणनीति की जरूरत होगी।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एफटीए पर हस्ताक्षर करने भर से निर्यात में वृद्धि की गारंटी नहीं निवेश उत्पाद मिल जाती। एफटीए के जरिये निर्यात में वृद्धि की संभावना तब कम हो जाती है जब साझेदार देश में आयात शुल्क कम होता है। इस लिहाज से देखा जाए तो सिंगापुर या हांगकांग में निर्यात बढ़ाने के लिए एफटीए विशेष लाभदायक नहीं होगा क्योंकि वहां आयात शुल्क है ही नहीं।वहीं मलेशिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रुनेई के साथ व्यापार समझौते का लाभ चुनिंदा उत्पाद समूहों को ही मिलेगा क्योंकि इन देशों में ज्यादातर आयात पर शुल्क नहीं लगता।

रेटिंग: 4.74
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 638
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *