Bitcoin का इस्तेमाल क्या है?

Bitcoin
फॉरेक्स टाइम लिमिटेड (www.forextime.com/eu) साइप्रस प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा विनियमित है, जिसका CIF लाइसेंस नंबर है 185/12, तथा यह दक्षिण अफ्रीका के फाइनेंशियल सेक्टर कंडक्ट अथॉरिटी (FSCA) द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और इसका FSP नंबर 46614 है। यह कंपनी यूके के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर 600475 है।
ForexTime (www.forextime.com/uk) फाईनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस नंबर 777911 के अंतर्गत अधिकृत और विनियमित है।
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Cryptocurrency और Digital Rupee में क्या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्तेमाल तो आपको क्या होगा फायदा?
Zee Business हिंदी 02-11-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम
क्रिप्टोकरेंसी को टक्कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? परखेगा और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद इसके इस्तेमाल को शुरू किया जाएगा.
RBI ने अभी इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या फर्क है और इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा?
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्य संस्था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.
डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्कत आने पर वित्तीय संस्थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.
डिजिटल रुपी के फायदे
- अगर डिजिटल रुपी को आम आदमी के लिए शुरु किया गया तो आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी या हो सकता है कि जरूरत ही न पड़े.
- इसे आसानी से मोबाइल वॉलेट में रखा जा सकेगा. डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आप कहीं भी कर सकेंगे. जिस तरह जगह-जगह डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन पेमेंट एक्सेप्ट किए जाते हैं ठीक उसकी तरह डिजिटल रुपी भी एक्सेप्ट किए जा सकेंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा. कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा. इसके अलावा सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन सरकार की नोटिस में होंगे.
- जिस तरह नोट पुराने हो जाते हैं, खराब हो जाते हैं या कट-फट जाते हैं, डिजिटल करेंसी में इस तरह की कोई समस्या नहीं आएगी.
- इसके इस्तेमाल से कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा और इससे बैंकिंग क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा. डिजिटल रुपी कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा.
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. जिन लोगों को डिजिटल ट्रांजेक्शन में दिक्कत होती है, उनको डिजिटल रुपी को नकदी में बदलने की सुविधा मिलेगी.
Bitcoin क्या है | Bitcoin कैसे काम करता है
दुनिया में हर देश की अलग-अलग करेंसी होती है (जैसे-भारत की करेंसी रुपया है) जिसका यूज लोग सामान खरीदने के लिए करते हैं ठीक उसी तरह इंटरनेट में भी बिटकॉइन नाम की एक करेंसी होती है जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है आज इस आर्टिकल में हम आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी देंगे जैसे- बिटकॉइन क्या होता है इसे कैसे और क्यों यूज किया जाता है और इसकी वैल्यू कितनी होती है.
Table of Contents
बिटकॉइन क्या है? (What is Bitcoin in Hindi?)
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं क्युकी लोग इसे डिजिटल तरह से इस्तेमाल में लाते हैं और ये बाकि सब करेंसी से अलग होती है इसीलिए इसे वर्चुअल करेंसी कहते हैं बिटकॉइन को हम डॉलर या रुपया की तरह न छू सकते और न ही देख सकते हैं फिर भी इसका यूज पैसों के जैसे लेन-देन/ट्रांजेक्शन के लिए करते हैं इसे सिर्फ ऑनलाइन वोलेट में स्टोर किया जा सकता है.
बिटकॉइन को सातोशी नाकामोटो ने 2008 में जारी किया था और 2009 में इसे ग्लोबल पेमेंट के रूप में शुरू किया गया था तब से लोगो में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है ये एक डिसेंट्रलाइसड करेंसी है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या गवर्नमेंट अथॉरिटी नही है जिस तरह से हम सभी लोग इंटरनेट का यूज करते हैं
और इंटरनेट का कोई मालिक नही है बिटकॉइन भी ठीक सही तरह है जिसके पास बिटकॉइन होता है वो फिजिकल रूप से सामान की खरीदारी नही कर सकता है बल्कि इससे ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता हैं बिटकॉइन को दूसरी करेंसी में भी चेंज किया जा सकता है अगर आपके पास बिटकॉइन है
तो आप इसे अपने देश की बैंक अकाउंट में चेंज करके ट्रान्सफर कर सकते हैं आज के समय में ये दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है कंप्यूटर नेटवर्क के द्वारा इस करेंसी को बिना किसी माध्यम के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है डिजिटल करेंसी को डिजिटल वोलेट में रखा जा सकता है इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं
सिंपल करेंसी की तरह आप इसे भी प्रयोग में ला सकते हैं इसका प्रयोग आप सरकारी संगठनों में दान करने, सामान खरीदने और उन्हें किसी और को भेजने के लिए भी प्रयोग में ला सकते हैं इसका इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है कोई भी बैंक या सरकारी संस्था आपको ऑनलाइन बिटकॉइन भेजने से नही रोक सकती है
इसमें एक और दिक्कत होती है जैसे अगर आपके साथ कोई धोखा होता है तो आप किसी के पास इसकी शिकायत दर्ज नही करा सकते है लेकिन फिर भी दुनिया में बहुत से बड़े लोग और बड़ी-बड़ी कंपनियां इसका इस्तेमाल करती हैं.
बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ और क्यों किया जाता है?
बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने में या पेमेंट करने में किया जाता है बिटकॉइन पी टू पी पर नेटवर्क पर बेस्ड है मतलब कि दुनिया में लोग एक- दूसरे के साथ बिना किसी बैंक क्रेडिट कार्ड कंपनी के माध्यम के आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं
आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने में 2 से 3% लेन-देन शुल्क लगता है लेकिन इसमे ऐसा कुछ नही होता है इसीलिए इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है और ये सुरक्षित भी रहता है इन्हीं सब कारणों से आज ज्यादा लोग इसे यूज में लाते है जैसे- इंटरप्रेनियुर्स, नॉट-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन, ऑनलाइन डेवेलोपर्स आदि इसीलिए पूरे वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के जैसे किया जाता है
इसकी क्रेडिट लिमिट न होने के साथ ही आप इसे कही पर भी ले जाने में कोई दिक्कत नही होती है दुनिया में आप इसे कहीं भी यूज कर सकते हैं और ये बिलकुल सुरक्षित होता है.
बिटकॉइन की वैल्यू क्या है? (What is the value of Bitcoin?)
बिटकॉइन की वैल्यू समय-समय पर कम-ज्यादा होती रहती है क्युकी इसे कंट्रोल करने के लिए कोई बैंक या अथॉरिटी नही है इसलिए बिटकॉइन की वैल्यू उसकी मांग के अनुसार चेंज होती रहती है और सभी देशों में इसकी कीमत अलग-अलग इसकी डिमांड के अनुसार होती है.
बिटकॉइन को कैसे पाया जा सकता है?
बिटकॉइन (Bitcoin kya hai hindi me bataye) को आप दो तरीके से पा सकते हैं पहला आप पैसे देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं अगर Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? आपके पास पैसे है तो, और अगर आपके पास इतने सारे पैसे नही है तो अगर आप एक बिटकॉइन नही खरीद सकते तो आप उसकी एक यूनिट सातोशी करीब सकते हैं जैसे-एक रूपये में 100 पैसे होते हैं ठीक उसी तरह इसके एक सातोशी में 10 करोड़ सातोशी होते है
इस तरह आप एक सातोशी से 1 बिटकॉइन या फिर उससे ज्यादा बिटकॉइन भी खरीद सकते हैं और आपके पास ज्यादा बिटकॉइन हो जाये तो आप उनको बेचकर ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और आप बिटकॉइन खरीदकर उसमे इन्वेस्ट भी कर सकते हैं भारत में दो वेबसाइट ऐसी हैं जहाँ से बिटकॉइन खरीदा और बेचा जा सकता है
Zebpay.com और Unocoin.com, बिटकॉइन खरीदने के लिए आपको इनमे से किसी एक वेबसाइट पर अपना अकाउंट बनाना होता है और कुछ डॉक्यूमेंट जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, फोन नंबर, ईमेल और बैंक डिटेल्स भी सबमिट करना होता है
अकाउंट बनाने के बाद उस वेबसाइट से बिटकॉइन खरीदा और बेचा जा सकता है और दूसरा तरीका ये है कि बिटकॉइन माइनिंग, सिम्पली माइनिंग का मतलब होता है कि खुदाई करने पर निकले उत्पाद जैसे-सोना, कोयला आदि की माइनिंग, बिटकॉइन का कोई फिजिकल रूप नही होता है
इसलिए इसकी माइनिंग नही की जा सकती है इसीलिए नये बिटकॉइन के निर्माण करने को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं बिटकॉइन निर्माण कंप्यूटर पर ही सम्भव है बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन मैनर्स करते है इसके लिए सिस्टम, हाई स्पीड प्रोसेसर और माइनिंग सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है बिटकॉइन का यूज ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के बाद इसे वारिफाई किया जाता है और जो वारिफाई करते हैं उन्हें मैनर्स कहते है उनके पास हाई परफॉरमेंस कंप्यूटर और एक बेहतर/अच्छा हार्डवेयर होता है जिसके द्वारा ये ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को वारिफाई करते हैं मैनर्स एक अलग तरह का कंप्यूटर इस्तेमाल करके ट्रांजेक्शन को पूरा करते हैं और नेटवर्क को सुरक्षित करते हैं
इस काम के बदले में उनको कुछ कॉइन्स इनाम में मिलते हैं और इस तरह मार्केट में नये बिटकॉइन्स आते हैं ट्रांजेक्शन को वारिफाई करना आसान नही होता है इसमें बहुत से मैथमेटिकल कैलकुलेशन को हल करना काफी कठिन होता है बिटकॉइन माइनिंग कोई भी कर सकता है जिसके पास हाई स्पीड प्रोसेसर वाला कंप्यूटर होना चाहिये, माइनिंग का वर्क वो लोग कर सकते है
जिसके पास विशेष कैलकुलेशन करने वाले कंप्यूटर्स और बड़े कैलकुलेशन करने की क्षमता होती है इंडिया में भारतीय रिजर्व बैंक लोगों को इस करेंसी में निवेश करने से रोकता है क्युकी इसमें पहले से ही किसी भी प्रकार के निवेश को गैर कानूनी बताया जाता है फिर भी लोग इसमें निवेश कर रहे है
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 दिसम्बर 2013 में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के बारे में कहा था कि इसके लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नही दी गयी है और कई स्तर पर इसका इस्तेमाल करना खतरनाक है 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके बारे में सावधानी जारी की गयी है.
इसे भी पढ़े?
आज आपने क्या सीखा?
हम उम्मीद करते हैं कि हमारा ये आर्टिकल (Bitcoin kya hai hindi me bataye) आपको काफी पसंद आया होगा
आज इसमें हमने आपको बताया है कि बिटकॉइन क्या है कहाँ और क्यों इस्तेमाल करते हैं इसकी वैल्यू क्या है? आदि, आपको हमारी ये जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और जो इस बारे में जानना चाहते है उसके साथ भी इसे जरुर शेयर कीजियेगा.
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Bitcoin क्या होता है – जानिए बिटकॉइन के फ़ायदे और नुक़सान हिंदी में
Bitcoin क्या होता है
Bitcoin क्या होता है – जानिए बिटकॉइन
Bitcoin क्या होता है | दुनिया में हर देश की कोई ना कोई currency जरूर होती है, जिसका इस्तेमाल कोई भी सामान या कोई भी वस्तु खरीदने के लिए आमतौर पर किया जाता है, दुनिया में हर देश की currency अलग-अलग होती है जिसका कोई ना कोई नाम होता है जैसे कि अगर हम भारत की बात करें तो भारत की currency रुपया है, अमेरिका की करेंसी डॉलर है, ये करेंसी पूरी तरह से लेनदेन के लिए होती है, इसका इस्तेमाल अलग-अलग देशों में अलग अलग तरीके से किया जाता है और अलग-अलग करेंसी का उपयोग किया जाता है।
इसी तरह से इंटरनेट के अंदर भी एक currency होती है जिसका इस्तेमाल लेनदेन के लिए किया जाता है और उस currency का नाम है बिटकॉइन (bitacoin)
बिटकॉइन के बारे में आप सभी लोगों ने जरूर सुना ही होगा क्योंकि बिटकॉइन काफी सालों से चर्चा में बना हुआ है और आज के इस लेख के अंदर हम आपको बताने वाले हैं कि बिटकॉइन क्या होता है और बिटकॉइन का इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इस करेंसी की वैल्यू कितनी होती है, इन सभी सवालों के जवाब हम आपको इसलिए के अंदर देने वाले हैं, इसलिए इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें-
Bitcoin क्या होता है ?
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी होती है, जिसको हम डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से डिजिटल तरीके से ही किया जाता है और इसको वर्चुअल करेंसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह करेंसी बाकी सभी currency से बहुत ही अलग है, इसको हम बाकी currency जैसे कि रुपए, डॉलर इत्यादि की तरह देख नहीं सकते हैं और ना ही हम इसको पैसे की तरह छू सकते हैं।
लेकिन हम इसका इस्तेमाल पैसों की तरह लेन-देन में ही आसानी के साथ कर सकते हैं, बिटकॉइन का आविष्कार Satoshi Nakamoto ने 2008 के अंदर किया था और 2009 के अंदर इसको ग्लोबल पेमेंट ग्रुप में इसको इसको जारी किया गया था और तब से ही इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।
यह एक Decentralized Currency होती है जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह से मुक्त करेंसी है जिसका नियंत्रण करने के लिए कोई भी बैंक या सरकार नहीं होती है।
यह पूरी तरह से फ्री होकर कार्य करती है यानी कि इसका कोई भी मालिक नहीं है लेकिन इसका इस्तेमाल हर कोई कर सकता है जैसे कि हम इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, ठीक उसी तरह से बिटकॉइन का इस्तेमाल भी कोई भी कर सकता है।
जिस इंसान के पास bitcoin होता है वह उसका इस्तेमाल भौतिक चीजों की खरीदारी के लिए नहीं कर सकता है लेकिन उसका इस्तेमाल ऑनलाइन कर सकता है।
अगर आपके पास bitcoin है तो आप इसको अपने देश की currency के अंदर बदलकर अपने बैंक के अंदर जमा करवा सकते हैं, कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए बिना किसी माध्यम के इसकी सीधी लेन देन कर सकते हैं, वही इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट के अंदर रखा जाता है इसलिए बिटकॉइन को क्रिप्टोकोर्रेंसी भी कहा जाता है।
बिटकॉइन का इस्तेमाल कब और क्यों किया जाता है?
बिटकॉइन मुख्य रूप से ऑनलाइन भुगतान के लिए और किसी भी तरह की ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है, बिटकॉइन पूरी तरह से peer to peer network पर कार्य करता है जिसका मतलब होता है कि आप किसी भी माध्यम जैसे कि बैंक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के बिना आसानी से ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।
आमतौर पर जब हम डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कोई भी ऑनलाइन भुगतान करते है तो उसके ऊपर हमको 2-3% तक का शुल्क देना होता है लेकिन बिटकॉइन के अंदर आपको किसी भी प्रकार का कोई भी शुल्क नहीं देना होता है।
शायद यही वजह है कि बिटकॉइन आज के समय में इतना लोकप्रिय बनता जा रहा है, इसके अंदर काफी तेज ट्रांजैक्शन होती है और यह सुरक्षित ट्रांजैक्शन भी मानी जाती है।
आज के समय में सभी लोग बिटकॉइन को अपना रहे हैं, जिसकी वजह से इसकी ग्लोबल value बढ़ती जा रही है, इसके अंदर किसी भी प्रकार की कोई लिमिट नहीं होती है और ना ही आपको कहीं पर नगद भुगतान करना होता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है और इसका इस्तेमाल करने की कोई लिमिट नहीं होती है, आप अपने अनुसार कितना भी इसको इस्तेमाल कर सकते हैं।
बिटकॉइन का रेट-
1 Bitcoin = 1,695,123.94 Indian rupee है, समय-समय पर इसके अंदर बदलाव आता रहता है और उसके अंदर उतार-चढ़ाव चलते ही रहते हैं क्योंकि इसको नियंत्रण में करने के लिए कोई भी authorty नहीं है और ना ही कोई बैंक है इसलिए इसका भाव समय-समय पर बदलता रहता है।
बिटकॉइन वॉलेट क्या होता है ?
बिटकॉइन को हम इलेक्ट्रॉनिक रूप से ही स्टोर करके रख सकते हैं और इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करने के लिए एक बिटकॉइन वॉलेट की जरूरत होती है, जिसको हम बिटकॉइन वॉलेट कहते हैं, इसके अंदर online wallet, mobile wallet, destop wallet,hardware wallet होता है और हर एक wallet का इस्तेमाल करने के लिए एक अकाउंट की जरूरत होती है उसके लिए आपको एक address की जरूरत होती है।
इसके अंदर आप जो भी बिटकॉइन कमाते हैं उसको उस एड्रेस की मदद से उस अकाउंट के अंदर स्टोर करना होता है इसके अलावा अगर आपको कोई भी bitcoin बेचना है या फिर खरीदना है तो आपको बिटकॉइन वॉलेट की जरूरत होती है।
बिटकॉइन के क्या-क्या फायदे हैं ?
1. बिटकॉइन को ट्रांजैक्शन के मामले में बहुत ही तेज और अच्छा माना जाता है क्योंकि इसके अंदर ट्रांजैक्शन का कोई भी शुल्क नहीं लगता है, बैंक के अंदर क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में शुल्क लगता है।
2. बिटकॉइन को आप दुनिया के अंदर कहीं पर भी आसानी के साथ भेज सकते हैं।
3. जिस तरह से किसी कारणवश हमारा बैंक अकाउंट ब्लॉक हो जाता है और हमारा क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड बंद हो जाता है तो हमको समस्या होती है लेकिन बिटकॉइन के अंदर आपका अकाउंट कभी भी ब्लॉक नहीं होता है।
4. अगर आप लंबे समय के लिए कहीं पर निवेश करना चाहते हैं तो बिटकॉइन एक बेहतर विकल्प होता है, इसके अंदर अगर आप लंबे समय के लिए अपने पैसे को निवेश करते हैं तो आपको इसका बेहतर परिणाम मिलता है।
बिटकॉइन के नुकसान –
1. बिटकॉइन के अंदर समय-समय पर काफी बदलाव आते हैं, जिसकी वजह से इसकी कीमत बहुत बार बहुत ही कम हो जाती है और बहुत बार बहुत ही ऊपर चली जाती है और बिटकॉइन के ऊपर किसी भी सरकार या बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता है जिसकी वजह से यह risky होता है।
2. अगर किसी वजह से आपके अकाउंट को हैक कर लिया जाता है तो आप अपने सभी खरीदे हुए बिटकॉइन स्कोर खो सकते हैं और आपकी मदद करने के लिए कोई भी उपस्थित नहीं होता है।
बिटकॉइन कैसे खरीदें –
बिटकॉइन की खरीदारी ठीक उसी तरह से होती है जिस तरह से आप सोने की खरीदारी करते हैं तो बिटकॉइन को खरीदने के लिए कुछ ऐसी वेबसाइट है जिन पर जाकर आप आसानी से बिटकॉइन खरीद सकते हैं तो जानते हैं उन वेबसाइटों के बारे में-
आपने आज क्या सीखा –
आज इस लेख के अंदर हमने बात की है कि Bitcoin क्या होता है(What is Bitcoin in Hindi) और bitcoin को कैसे खरीद सकते है और इसके साथ साथ हमने आपको इस लेख के अंदर बिटकॉइन खरीदने के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताया है, जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि बिटकॉइन को खरीदने के क्या-क्या फायदे और क्या-क्या नुकसान है।
हमारी हमेशा हर एक लेख के अंदर यही कोशिश होती है कि आपको बेहतरीन से बेहतरीन जानकारी प्रदान की जाए, जो आपके लिए फायदेमंद रहे। आशा करते हैं कि आपको क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जरूर कुछ अच्छी जानकारी सीखने को मिली होग और अगर आप चाहते हैं कि आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बिटकॉइन के बारे में पता लगे कि Bitcoin क्या होता है तो इस लेख को उनके साथ शेयर करना ना भूले ।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? | What Is Bitcoin In Hindi
दोस्तों आज का समय इंटरनेट का समय है। हम अपने हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम जो इंटरनेट के माध्यम से हो Bitcoin का इस्तेमाल क्या है? सकता है उसे करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। पैसों का लेनदेन हमारे जीवन में हमेशा से ही होता है, हमें कुछ खरीदने के लिए पैसा देना होता है एवं हमसे कुछ खरीदे जाने पर हमें पैसा मिलता है। दोस्तों पैसों के रूप में हम दुनिया भर के विभिन्न देशों में उपयोग होने वाले मुद्राएं जैसे रुपया, डॉलर, पाउंड, आदि को जानते हैं। हम मुद्राओं का लेन देन इन्हीं के रूप में करते हैं।
आज के ऐसे इंटरनेट के समय में हम ऑनलाइन खरीदी, ऑनलाइन पेमेंट, आदि जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं। इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के मुद्राओं का लेनदेन करने के लिए हमें Bank जैसी संस्थाओं के प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। परंतु आज के समय में इसका एक दूसरा विकल्प भी है जिसमें नाम आता है क्रिप्टोकरंसी (crypoto currency) का।
आसान नाम में इसे डिजिटल करेंसी (digital currency) या वर्चुअल करेंसी (virtual currency) भी कहा जाता है। और डिजिटल या वर्चुअल करेंसी में सबसे लोकप्रिय नाम है बिटकॉइन (Bitcoin)।
दोस्तों हर वह शख्स जो टेक्नोलॉजी रुचि रखता है एवं इंटरनेट से जुड़ा है उसने बिटकॉइन का नाम जरूर सुना होगा। अगर आप से कहा जाए कि अगर आपने आज से 10 साल पहले ₹10000 कहीं इन्वेस्ट किए होते और आज वही 10000, करोड़ों बन जाते हैं तो शायद आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे लेकिन बिटकॉइन से यह संभव हुआ है। आज के समय में बिटकॉइन बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। बहुत से लोगों को यह जानने इच्छा होती है कि बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? आदि।
दोस्तों आज इस लेख में हम मुख्यत: इसी से संबंधित सवालों पर चर्चा करेंगे।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? (Bitcoin kya hai)
दोस्तों अगर सीधे-सीधे कहें की बिटकॉइन क्या है तो Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है इसका मतलब है की अन्य मुद्राओं की तरह आप इसे छू या पकड़ नहीं सकते यह मुद्रा केवल इंटरनेट पर ही रहती है एवं वही से इसे प्राप्त व इसका भुगतान किया जा सकता है। इंटरनेट की भाषा में इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है।
Bitcoin एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, इसे अंग्रेजी मे इसे डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी (decentrilised currency) कहा जाता है जिसका मतलब है किस मुद्रा का संचालन मुद्राओं की तरह कोई केंद्रीय बैंक या सरकार नहीं कर सकती है। हम जिस दिन मुद्रा का इस्तेमाल किसी प्रकार की खरीद बिक्री के लिए करते हैं उसका संचालन किसी ना किसी बैंक द्वारा किया जाता है मतलब भुगतान करने या पेमेंट लेने के लिए आपको बैंक की आवश्यकता पढ़ती ही पढ़ती है।
परंतु विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर किसी की केंद्रीय बैंक का संचालन नहीं होता, अगर आप कंप्यूटर नेटवर्किंग पर कुछ खरीदने या बेचने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं तो आप सीधा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बिना किसी संस्था के बीच में आए भुगतान कर सकते हैं या भुगतान ले सकते हैं।
Bitcoin का इस्तेमाल इंटरनेट पर कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जिस प्रकार इंटरनेट का एक्सेस हर किसी के पास है उसी प्रकार बिटकॉन को भी कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं होता।
बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया?
दोस्त अगर बात करें बिटकॉइन के आविष्कार की तो रिपोर्ट के अनुसार बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो ने वर्ष 2009 में किया था और उस समय 1 बिटकॉइन की जो वैल्यू थी वह आज के समय में काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।
भारत में 1 बिटकॉइन का मूल्य कितना है?
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 में एक बिट कॉइन की वैल्यू 0.008 डॉलर्स थी, वही आज के समय में अगर आप गूगल पर जाकर 1 बिटकॉइन की वैल्यू चेक करें तो यह 37476. 60 यूएस dollars है जो की इंडियन रुपीस में 27 लाख 47 हजार 700 रुपए के आसपास की हो जाती है।
विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन को किसी बैंक में जमा नहीं कराया जा सकता बिटकॉइन को हम सिर्फ ऑनलाइन वॉलेट (online wallet) में ही रख सकते हैं।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
अगर आप भी बिटकॉइन खरीद कर रखना चाहते हैं तो आप इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं। जेबपे (zebpay), Unocoin, आदि जैसी अन्य और कई ऐसी वेबसाइट पर जाकर आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
इसमें आपको पहले कुछ डाक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं जिनमें आपका वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड पैन कार्ड आदि एवं बैंक डिटेल्स लिया जाता है। उसके बाद आप अपनी इच्छा अनुसार जितनी भी रुपए जैसे हजार, 10 हज़ार, के बिटकॉइन खरीद सकते हैं एवं उनका इस्तेमाल इंटरनेट पर लेन देन में कर सकते हैं।
अगर बात करें बिटकॉइन कमाने की तो आप पैसे देकर उसके बदले बिटकॉइन खरीद सकते हैं या फिर अगर आपने किसी को कुछ बेचा है तो आप पैसों के बदले उससे बिटकॉइन के रूप में पेमेंट ले लेकर उसे अपने वॉलेट में रख सकते हैं।
बिटकॉइन के फायदे और नुकसान? (Bitcoin ke fayde aur nuksaan)
दोस्तों बिटकॉइन पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण ना होने के कारण बहुत से लोग इंटरनेट पर लेनदेन के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। परंतु कोई नियंत्रण ना होने के कारण बिटकॉइन में होने वाले फ्रॉड के भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
पेमेंट करने के लिए बिटकॉइन peer to peer नेटवर्क पर काम करता है मतलब लोग एक दूसरे के साथ सीधा सीधा बिना किसी भी बैंक या क्रेडिट कार्ड या किसी भी अन्य कंपनी के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
बिटकॉइन को अन्य मुद्राओं की तरह ट्रैक नहीं किया जा सकता अर्थात इसका भुगतान कब,कहां,किसको किया गया है इसका पता लगाना संभव नहीं होता इसी कारण ज्यादातर ऐसे लोग जो इन जानकारियों को गुप्त रखना चाहते हैं पेमेंट करने या पेमेंट रिसीव करने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं।
बिटकॉइन का ट्रांजैक्शन एक पब्लिक लेजर (ledger) यानी खाते में रिकॉर्ड होकर रहता है जिससे बिटकॉइन ब्लॉकचेन (blockchain) कहते हैं।
इंटरनेट में आज के समय में 21 मिलीयन बिटकॉइन ही है जिनमें से लगभग 25% खो चुके हैं जिसका मतलब है कि यह किसी के पास भी नहीं है। बिटकॉइन को एक्सेस करने के लिए एक पब्लिक की (key) होती है, एवं उस की के खो जाने पर आप उस बिटकॉइन को एक्सेस नहीं कर सकते।
क्या हमें बिटकॉइन खरीदना चाहिए?
Bitcoin की वैल्यू इंटरनेट पर हमेशा एक समान नहीं रहती वह घटती और बढ़ती रहती है। इसलिए अगर आपने कभी कम कीमत पर बिटकॉइन खरीदी और कुछ समय बाद उसकी कीमत बढ़ने पर अगर आपको लगता है कि आपको उस बिटकॉइन को बेचकर बहुत फायदा होगा तो आप उसे उस समय की कीमत के अनुसार बेचकर मुद्राएं ले सकते हैं। बिटकॉइन का लेनदेन आप पूरे दुनिया भर में किसी से भी और कहीं भी कर सकते हैं।