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शेयर बाजार के नियम

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SEBI New Norm: 25 फरवरी से शेयर बाजार में लागू होने जा रहा है ये नया नियम, जानिए आपको कैसे होगा फायदा

SEBI New Norm: SEBI ने शेयर बाजार कारोबार के लिए एक नई व्यवस्था को मंजूरी दे दी है. इसके तहत शेयर बेचने के एक दिन के भीतर होगा निवेशकों को भुगतान. फरवरी की इस तारीख से लागू होगी टी प्लस वन व्यवस्था.

By: abp news | Updated at : 09 Nov 2021 03:32 PM (IST)

SEBI New Norm: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानि सेबी (SEBI) ने बताया कि शेयर बाजार एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी के संयुक्त फैसले के बाद एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है. इसके तहत शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों को अगले साल से बिक्री के एक दिन के भीतर ही भुगतान कर दिया जाएगा. बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को नई सेटलमेंट व्यवस्था टी प्लस वन (T+1) लागू करने का रोडमैप पेश किया.

इस नई व्यवस्था को 25 फरवरी, 2022 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. फिलहाल बीएसई पर टी प्लस टू (T+2) व्यवस्था लागू है, जिसमें वास्तविक कारोबार के बाद निपटान पूरा होने में दो दिन लगते हैं.

इन चरणों में नई व्यवस्था

पहले यह व्यवस्था एक जनवरी, 2022 से लागू होनी थी, जिसे अब 25 फरवरी से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. सबसे पहले इसमें शुरुआती 100 छोटी कंपनियों को शामिल किया जाएगा. इसके बाद मार्च से अगली 500 छोटी कंपनियों पर नई व्यवस्था लागू होगी. इसी तरह, हर महीने के आखिरी शुक्रवार को अगली 500 कंपनियों पर नियम लागू होते जाएंगे. अगर शुक्रवार को अवकाश होगा, तो इसे अगले कारोबारी दिवस पर लागू करना होगा.

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अक्टूबर के आधार रैंकिंग

टी प्लस वन सेटलमेंट व्यवस्था लागू करने के लिए सूचीबद्ध कंपनियों की रैंकिंग अक्टूबर के औसत दैनिक बाजार पूंजीकरण के आधार पर की जाएगी. यदि कोई स्टॉक एनएसई और बीएसई दोनों ही एक्सचेंज पर सूचीबद्ध है, तो बाजार पूंजीकरण की गणना उच्चतम ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले एक्सचेंज में स्टॉक की कीमत के आधार पर होगी. जो कंपनियां अक्तूबर के बाद सूचीबद्ध हुई हैं, उनके बाजार पूंजीकरण की गणना कारोबार शुरू होने के 30 दिन के औसत ट्रेडिंग मूल्य के आधार पर की जाएगी.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Published at : 09 Nov 2021 03:31 PM (IST) Tags: India NSE SEBI Share Market Investment bse profit loss investment tips Exonomy Share Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क्या आप शेयर बाजार से कमाई के इन 7 नियमों को जानते हैं?

शेयरों से मोटी कमाई के बारे में सब जानते हैं. हालांकि, यह उतना सरल नहीं, जितना सुनने में लगता है.

क्या आप शेयर बाजार से कमाई के इन 7 नियमों को जानते हैं?

1. कंपनी का कारोबार और संभावना
कंपनी के शेयरों में निवेश से पहले यह देखना जरूरी है कि कंपनी का कारोबार क्या है और भविष्य में उसकी क्या संभावना है. इसके अलावा कंपनी के पुराने प्रदर्शन पर नजर डालना जरूरी है. इनसे कंपनी की ग्रोथ की उम्मीद का अनुमान लगाया जा सकता है.

उन शेयरों का पीछा न करें, जिन्होंने पहले कई गुना रिटर्न दिया है. निवेश से पहले सही शोध जरूरी है. इक्विनोमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के संस्थापक जी चोक्कालिंगम का कहना है कि नए निवेशक कई गुना रिटर्न देने वाले शेयरों की पीछा करने में फेल हो जाते हैं.

2. बिजनेस मॉडल में भिन्नता
कई बार कंपनी का प्रोडक्ट या बिजनेस मॉडल अलग होता. मगर यदि ये उस कंपनी के प्रतिद्वंद्वियों से मेल खाते हैं, तो जरूरी है कि इस मॉडल में कुछ नयापन या भिन्नता जरूर है. यह एक बात कंपनी को अपने प्रतिद्वंद्वियों से अलग करती है.

इसके अलावा कंपनी की बिजनेस साइकिल, विविधता आदि पर भी जोर देना जरूरी है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, विविधता से भरा कोराबार निवेश के लिए मुफीद होता है.

3. मुनाफे पर रखें नजर
कंपनी के नेट प्रॉफिट, रेवेन्यू जैसे आंकड़े निवेश का फैसला लेने से पहले जरूर जांच और समझ लें. इसके अलावा कंपनी पर दांव खेलने से पहले उसके वार्षिक और तिमाही के नतीजों पर गौर जरूर करें. शेयरों में निवेश के शेयर बाजार के नियम लिए दीर्घावधि नजरिया रखें.

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4. प्रबंधन की क्वालिटी को देखें
कंपनी की ग्रोथ काफी हद तक उसके प्रबंधन पर निर्भर करती है. सीमित साधनों में शानदार परिचालन उसकी योग्यता और अवसर दर्शाता है. नामी प्रबंधन पर दांव खेलने से बेहतर है कि आप प्रबंधन की कुशलता पर पैसा लगाएं.

5. कर्ज/इक्विटी अनुपात पर गौर करें
यह अनुपात बेहद अहम होता है, क्योंकि इससे यह समझने में सरलता होती है कि एक कंपनी पर शेयरधारकों की तुलना में कितना कर्ज है. यदि यह अनुपात कम होता है, तो कंपनी में निवेश का जोखिम भी कम ही माना जाता है.

6. वैल्यूएशन देख लें
वैल्यूएशन के आधार तय किया जाता है कि कोई शेयर महंगा है या सस्ता. यह पैमाना किसी शेयर की कीमतों के आकर्षण को बढ़ाता या घटाता है. कंपनियां अपनी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ओवरवैल्यू या अंडरवैल्यू चिह्नित की जाती हैं.

इसके लिए सबसे लोकप्रिय तरीक पीई (प्राइस/अर्निंग) अनुपात है. बैंकों के लिए यह थोड़ा अलग है. बैंक शेयरों के लिए पीबी (प्राइस-टु-बुक) अनुपात बेहतर माना जाता है. पूंजी आधारित कंपनियों के लिए ईवी/एबिड्टा अनुपात को तरजीह दी जाती है,

7. खुद पर रखें काबू
किसी कंपनी के बारे में किसी भी प्रकार की अच्छी या बुरी खबर से दो-चार होने पर उत्साहित या हताश होकर फैसला लेने से बचें. चोक्कालिंगम के अनुसार, सिर्फ बाजार में फैल रही बातों के आधार शेयर बाजार के नियम पर निवेश का फैसला न लें.

एक बार आपने शेयर की खरीद-फरोख्त कर ली, तो आप उसे बदल नहीं पाएंगे. इसले अपना होमवर्क पूरा रखें. ऐसे 'अवसरों' को जाने दें, जो अफवाहों के दम पर नजर आ रही हों. अच्छे शेयर अच्छा रिटर्न जरूर देते हैं.


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SEBI का बड़ा फैसला: एक जनवरी से बदलेगा शेयर बाजार का अहम नियम

बिजनेस डेस्कः पूंजी बाजार नियामक सेबी ने टी+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकल पेश किया है। इसके तहत अब शेयरों में होने वाले कारोबार को एक दिन में ही सेटल कर दिया जाएगा। हालांकि यह सेटलमेंट प्लान वैकल्पिक है। अगर ट्रेडर्स चाहें तो इसे चुन सकते हैं। इसका मकसद बाजार में खरीद-फरोख्त बढ़ाना है। नया नियम एक जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा।

ये है मौजूदा नियम
मौजूदा समय में देश में अप्रैल 2003 से T+2 सेटलमेंट साइकल लागू है यानी जब आप शेयर बेचते हैं, तो वो शेयर शेयर बाजार के नियम तुरंत ब्लॉक हो जाता है और राशि आपको कारोबारी दिन के दो दिन बाद (T+2 डे) मिलती है। इससे पहले देश में T+3 सेटलमेंट साइकिल चल रहा था।

क्या है नया नियम?
सेबी के नए सर्कुलर के अनुसार, नए साल से कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए T+1 सेटलमेंट साइकिल को चुन सकता है। आसान भाषा में समझें, शेयर बाजार के नियम तो आपको शेयर बेचने पर कारोबारी दिन के एक दिन बाद ही पैसा मिल जाएगा। यह छोटा सेटलमेंट साइकल ज्यादा सुविधाजनक होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पैसे के रोटेशन में तेजी आएगी।

ध्यान रहे कि यदि स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए एक बार T+1 सेटलमेंट साइकल को चुनता है, तो उसे कम से कम छह महीने तक जारी रखना होगा और यदि स्टॉक एक्सचेंज बीच में T+2 सेटलमेंट साइकिल चुनता है, तो भी उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा।

अगस्त में बना था पैनल
मालूम हो शेयर बाजार के नियम कि अगस्त 2021 की शुरुआत में ही सेबी ने इसके लिए निशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था, जिसे T+2 के बजाय T+1 साइकल लागू करने की प्रक्रिया की मुश्किलों पर रिपोर्ट पेश करनी थी। यह फैसला मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस जैसे स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटर्स के साथ बातचीत के बाद लिया गया है।

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भारत में शेयर बाजार के नियमन के लिए कौन सी एजेंसी जिम्मेदार है?

Important Points

  • इसका उद्देश्य शेयर बाजार की गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
  • शेयर बाजार के नियम
  • इसका उद्देश्य शेयरधारकों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके निवेश की सुरक्षा का आश्वासन देना है।
  • यह अपने वैधानिक नियमों और स्व-नियमन व्यवसाय को सामंजस्य बनाकर धोखाधड़ी से बचाता है।
  • यह म्यूचुअल फंड के कार्य को पंजीकृत और नियंत्रित करता है और यह कंपनियों के अधिग्रहण को नियंत्रित करता है।
  • सेबी का प्रबंधन उसके सदस्य मंडल (छह सदस्य) द्वारा किया जाता है।
  • इसमें एक शेयर बाजार के नियम अध्यक्ष (केंद्र सरकार द्वारा नामित), दो सदस्य (केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारी), एक सदस्य (आरबीआई से) और शेष दो सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नामित होते हैं।

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Last updated on Sep 22, 2022

The Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board (UPPRPB) has started accepting tenders from exam conducting bodies for UP Police Constable 2022 recruitment. UPPRPB has already released a notice to recruit more than 26000 candidates for the post of constable. This is a golden opportunity for candidates who want to make their career in the government (police) sector. The required educational qualification to apply for the job is 10+2 (Intermediate) Class or its equivalent. Meanwhile, the candidates can have a look at the UP Police Constable syllabus and exam preparation strategy.

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क्या आप शेयर बाजार से कमाई के इन 7 नियमों को जानते हैं?

शेयरों से मोटी कमाई के बारे में सब जानते हैं. हालांकि, यह उतना सरल नहीं, जितना सुनने में लगता है.

क्या आप शेयर बाजार से कमाई के इन 7 नियमों को जानते हैं?

1. कंपनी का कारोबार और संभावना
कंपनी के शेयरों में निवेश से पहले यह देखना जरूरी है कि कंपनी का कारोबार क्या है और भविष्य में उसकी क्या संभावना है. इसके अलावा कंपनी के पुराने प्रदर्शन पर नजर डालना जरूरी है. इनसे कंपनी की ग्रोथ की उम्मीद का अनुमान लगाया जा सकता है.

उन शेयरों का पीछा न करें, जिन्होंने पहले कई गुना रिटर्न दिया है. निवेश से पहले सही शोध जरूरी है. इक्विनोमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के संस्थापक जी चोक्कालिंगम का कहना है कि नए निवेशक कई गुना रिटर्न देने वाले शेयरों की पीछा करने में फेल हो जाते हैं.

2. बिजनेस मॉडल में भिन्नता
कई बार कंपनी का प्रोडक्ट या बिजनेस मॉडल अलग होता. मगर यदि ये उस कंपनी के प्रतिद्वंद्वियों से मेल खाते हैं, तो जरूरी है कि इस मॉडल में कुछ नयापन या भिन्नता जरूर है. यह एक बात कंपनी को अपने प्रतिद्वंद्वियों से अलग करती है.

इसके अलावा कंपनी की बिजनेस साइकिल, विविधता आदि पर भी जोर देना जरूरी है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, विविधता से भरा कोराबार निवेश के लिए मुफीद होता है.

3. मुनाफे पर रखें नजर
कंपनी के नेट प्रॉफिट, रेवेन्यू जैसे आंकड़े निवेश का फैसला लेने से पहले जरूर जांच और समझ लें. इसके अलावा कंपनी पर दांव खेलने से पहले उसके वार्षिक और तिमाही के नतीजों पर गौर जरूर करें. शेयरों में निवेश के लिए दीर्घावधि नजरिया रखें.

investment-analysis

4. प्रबंधन की क्वालिटी को देखें
कंपनी की ग्रोथ काफी हद तक उसके प्रबंधन पर निर्भर करती है. सीमित साधनों में शानदार परिचालन उसकी योग्यता और अवसर दर्शाता है. नामी प्रबंधन पर दांव खेलने से बेहतर है कि आप प्रबंधन की कुशलता पर पैसा लगाएं.

5. कर्ज/इक्विटी अनुपात पर गौर करें
यह अनुपात बेहद अहम होता है, क्योंकि इससे यह समझने में सरलता होती है कि एक कंपनी पर शेयरधारकों की तुलना में कितना कर्ज है. यदि यह अनुपात कम होता है, तो कंपनी में निवेश का जोखिम भी कम ही माना जाता है.शेयर बाजार के नियम

6. वैल्यूएशन देख लें
वैल्यूएशन के आधार तय किया जाता है कि कोई शेयर महंगा है या सस्ता. यह पैमाना किसी शेयर की कीमतों के आकर्षण को बढ़ाता या घटाता है. कंपनियां अपनी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ओवरवैल्यू या अंडरवैल्यू चिह्नित की जाती हैं.

इसके लिए सबसे लोकप्रिय तरीक पीई (प्राइस/अर्निंग) अनुपात है. बैंकों के लिए यह थोड़ा अलग है. बैंक शेयरों के लिए पीबी (प्राइस-टु-बुक) अनुपात बेहतर माना जाता है. पूंजी आधारित कंपनियों के लिए ईवी/एबिड्टा अनुपात को तरजीह दी जाती है,

7. खुद पर रखें काबू
किसी कंपनी के बारे में किसी भी प्रकार की अच्छी या बुरी खबर से दो-चार होने पर उत्साहित या हताश होकर फैसला लेने से बचें. चोक्कालिंगम के अनुसार, सिर्फ बाजार में फैल रही बातों के आधार पर निवेश का फैसला न लें.

एक बार आपने शेयर की खरीद-फरोख्त कर ली, तो आप उसे बदल नहीं पाएंगे. इसले अपना होमवर्क पूरा रखें. ऐसे 'अवसरों' को जाने दें, जो अफवाहों के दम पर नजर आ रही हों. अच्छे शेयर अच्छा रिटर्न जरूर देते हैं.


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