बाजार अवलोकन

सोने के दाम किसपर निर्भर?

सोने के दाम किसपर निर्भर?
लेकिन अनौपचारिक रूप से एलबीएमए एमसीएक्स (भारत), टोकोम(टोक्यो), कॉमैक्स (न्यूयॉर्क) और एसजीई (शंघाई) जैसी राष्ट्रीय स्तर की इकाईयों की तरफ से लिए गए फैसलों पर व्यवधान (आपत्ति) नहीं डालता है। ये सोने के वायदा बाजार और हाजिर बाजार दोनों की कीमतें तय करता है।

ho sets gold price Know Everything in Hindi-बाजार में आप जिस कीमत पर सोना ज्‍वैलर्स से खरीदते हैं

जानिए रोजाना कैसे और कौन तय करता है सोने के दाम, इस वजह से हर शहर में होती हैं अलग कीमतें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 17, 2019, 12:48 IST

पेट्रोल और डीजल की कीमतों की तरह सोने की कीमत भी रोज बदलती है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? जब आप नींद ले रहे होते हैं, उस दौरान ऐसा क्या हो जाता है कि बाजार खुलने पर सोना महंगा या सस्ता हो जाता है? इस पर एक्सपर्ट्स जवाब देते हुए कहते हैं कि सोने की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है. इनमें आर्थिक और पॉलिटिकल कारण सबसे अहम हैं. ये घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के हो सकते हैं. जैसे अगर हमारे देश की सरकार ने सोने के इंपोर्ट से जुड़ा कोई नया नियम लागू किया है तो इसका असर सोने की कीमत पर पड़ेगा. इसी तरह सोने का एक्सपोर्ट करने वाले देश सोने के दाम किसपर निर्भर? सोने के दाम किसपर निर्भर? में किसी साल उत्पादन घट जाता है तो इसका असर भी घरेलू बाजार में सोने की कीमत पर पड़ेगा. इसी तरह देश में या विदेश में ऐसे कई घटनाएं होती हैं, जिनका असर सोने की कीमत पर पड़ता है.

जानिए दुनिया में कैसे तय होती है गोल्ड की कीमत

नई दिल्ली: त्योहारी सीजन पर सोने की खरीद में तेजी देखने को मिलती है। ऐसे मौकों पर सोने के सिक्के, आभूषण और मूर्तियों की मांग में जबरदस्त उछाल आ जाता है। शुभ सोने को खरीदने में आम लोग दिवाली के मौके पर खास दिलचस्पी दिखाने लग जाते हैं, लेकिन क्या आप में से किसी ने भी कभी यह सोचने की कोशिश की है कि आखिर सोने की कीमतें तय कैसे होतीं हैं?, नहीं न। तो चलिए जागरण डॉट कॉम आज आपको इस खबर के माध्यम से यह बताने की कोशिश करेगा कि आखिर बाजार में सोने की कीमतें तय कैसे होती हैं।

दो तरह से तय होती हैं सोने की कीमतें

मांग और आपूर्ति पर टिका है सोने का गणित:
सोने की कीमतें हर रोज बदलती रहती हैं, ये बदलाव काफी हद तक बाजार में इस कीमती धातु की मांग और आपूर्ति के अनुपात पर निर्भर करता है। मांग और आपूर्ति ही सोने के इस बाजार की पूरी एबीसीडी को बयां करता है।

सोने की कीमतों पर किन बातों का पड़ता है असरॽ

सोने की कीमतों पर किन बातों का पड़ता है असरॽ

अस्थिरता से बचाता है
निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखते हैं. अस्थिरता और अनिश्चितता से खुद को बचाने के लिए लोग इस पीली धातु को खरीदते हैं. जब दूसरी संपत्तियां अपना मूल्य खोने लगती हैं, सोना इस गिरावट से बचा रहता है. भारतीयों में सोने का आकर्षण हमेशा से रहा है. समय अच्छा हो या बुरा लोग इस चमकीली धातु का मोह नहीं छोड़ पाते. अर्थव्यवस्था दौड़ी या मंद हुर्इ, निवेशकों ने सोने में खरीद जारी रखी.

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क्या है सोने और महंगार्इ का रिश्ता?
जब महंगार्इ बढ़ती है तो करेंसी की कीमत कम हो जाती है. उस समय लोग धन को सोने के रूप में रखते हैं. इस तरह महंगार्इ के लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बने रहने पर सोने का इस्तेमाल इसके असर को कम करने के लिए किया जाता है.

गोल्ड टू सिल्वर रेश्यो

कम गोल्ड-सिल्वर रेश्यो चांदी के लिए अच्छा
आर्थिक मंदी में गोल्ड-सिल्वर रेश्यो बढ़ता है
मार्च 2020 में गोल्ड-सिल्वर रेश्यो अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा
1983 और 2011 में गोल्ड-सिल्वर रेश्यो का न्यूनतम स्तर था

एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड
शेयर की तरह एक्सचेंज पर होती है ETF की ट्रेडिंग
ICICI प्रूडेंशियल,ABSL के सिल्वर ETF लॉन्च
सिल्वर के अलग-अलग विकल्पों का एक फंड
डीमैट के जरिए कर सकेंगे चांदी में निवेश
निवेश की लागत हाजिर और वायदा से काफी कम
हाजिर की तरह स्टोरेज को लेकर झंझट नहीं
शुद्धता की कोई दिक्कत नहीं होगी

-सोने (gold)की मांग
-डॉलर इंडेक्स प्राइस
-राजनीतिक अनिश्चितता
-ब्याज दरें
-वित्तीय अस्थिरता
-सुरक्षित निवेश विकल्प
-आर्थिक मंदी के संकेत
-अच्छा मॉनसून

पेपर गोल्ड में निवेश का सबसे अच्छा तरीका सोने के दाम किसपर निर्भर?
गोल्ड ETF ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड है
1 गोल्ड ETF यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर है
गोल्ड में सोने के दाम किसपर निर्भर? निवेश के साथ ही स्टॉक में निवेश की सुविधा
गोल्ड ETF को शेयर की तरह BSE, NSE पर खरीद सकते हैं

ग्रोथ ओरिएंटेड- इक्विटी और रियल एस्टेट
डिफेंस ओरिएंटेड- डेट और कमोडिटी
एसेट जिनका आपस में उलटा संबध,उन्हें चुनें
डेट और इक्विटी,अलग बाजार में अलग रिएक्ट करते हैं
मध्यम अवधि के लक्ष्य के लिए 70% इक्विटी,30% डेट रखें
लंबी अवधि में 80% इक्विटी,20% डेट एलोकेशन करें.सोने के दाम किसपर निर्भर?

सोना सस्ता होने पर भी महंगी क्यों मिलती है ज्वैलरी? जानिए इसके पीछे का गणित

सोने की कीमतें लगातार गिर रही हैं. अभी सोना 50,338 रुपए प्रति दस ग्राम पर है. लेकिन, एक्सपर्ट्स की नजर में सोने की कीमतें अगले तीन महीने में 48 हजार रुपए तक फिसल सकता है.

ज्वैलर्स अक्सर बनी हुई ज्वैलरी को बेचते समय कस्टमर्स से बाजार में सोने के दाम के अतिरिक्त दाम भी वसूलते हैं. (PTI)

सोने की कीमतें लगातार गिर रही हैं. अभी सोना 50,338 रुपए प्रति दस ग्राम पर है. लेकिन, एक्सपर्ट्स की नजर में सोने की कीमतें अगले तीन महीने में 48 हजार रुपए तक फिसल सकता है. ऐसे में सोना खरीदने के लिए यह वक्त सही है. आगे शादी और त्योहार का सीजन है. ऐसे सोने के दाम किसपर निर्भर? में ज्वेलरी की डिमांड बढ़ेगी. लेकिन, सोने की ज्वैलरी सोने के दाम से महंगी होती है. बाजार में मिलने वाली ज्वैलरी के दाम असल में सोने के दाम से ज्यादा हो सकते हैं. यही नहीं ये दाम हर ज्वैलरी की दुकान पर भी अलग-अलग हो सकते हैं. ऐसा क्यों होता है, क्यों आपकी ज्वैलरी की कीमतों में फर्क आता है, कैसे ज्वैलर्स आपकी जेब पर डाका डालते हैं? आगे जानिए

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