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क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं

क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं

क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्रोकरेज: क्या अंतर है?

बढ़ते क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग में, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे उपयोगकर्ता अपनी डिजिटल संपत्ति खरीद, बेच, हिस्सेदारी या विनिमय कर सकते हैं। आज तक, दो सबसे लोकप्रिय तरीके क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज और क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्रोकरेज हैं। वे समान लग सकते हैं, फिर भी वे हैं अलग। क्रिप्टो ब्रोकरेज ग्राहकों और बाजार के बीच मॉडरेट करके अप्रत्यक्ष व्यापार को सक्षम बनाता है। एक क्रिप्टो एक्सचेंज एक मध्यस्थ के रूप में भी कार्य करता है, लेकिन विशेष रूप से व्यापारियों के बीच। हालांकि, यह उससे कहीं अधिक है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्रोकरेज और क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज क्या हैं, उनके पेशेवरों और विपक्षों, उनके बीच मुख्य अंतर और उन्हें कैसे पहचानें, यह जानने के लिए आगे पढ़ें। इस लेख के अंत तक, हम आपको दिखाएंगे कि कैसे वह विकल्प खोजें जो आपके लिए सही हो।

क्रिप्टो ब्रोकर - यह क्या है?

क्रिप्टोक्यूरेंसी दलालों का उद्देश्य पारंपरिक दलालों के समान है: वे व्यापारियों और क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार के बीच एक माध्यम के रूप में काम करते हैं, जिससे उन्हें क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने में मदद मिलती है। क्रिप्टो ब्रोकर प्लेटफॉर्म, व्यवसाय या क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं व्यक्ति हो सकते हैं। कुछ परिस्थितियों में, एक क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्रोकर व्यापारियों को डेरिवेटिव उत्पाद प्रदान कर सकता है, जिससे उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य पर व्यापार करने के लिए अनुबंधों में संलग्न होने की अनुमति मिलती है।

क्रिप्टोकरेंसी वाले डेरिवेटिव क्रिप्टोकुरेंसी फ्यूचर्स, क्रिप्टो विकल्प, या ट्रेडिंग सीएफडी का रूप ले सकते हैं।

ट्रेडिंग दर में उतार-चढ़ाव और निवेश दो सबसे आम तरीके हैं जो क्रिप्टो ब्रोकरेज मुनाफे को बढ़ाने की पेशकश करते हैं। फिर भी सबसे लोकप्रिय दृष्टिकोण मूल्य अस्थिरता पर आधारित व्यापार है।

सीधे व्यापार करने के बजाय Bitcoin, altcoins, या कोई भी अन्य क्रिप्टो संपत्ति, अंतर के लिए अनुबंध इसके बजाय उपयोग किए जाते हैं। अंतर के लिए अनुबंध, जिसे सीएफडी के रूप में भी जाना जाता है, एक खरीदार और विक्रेता के बीच एक विशेष संपत्ति के मूल्यांकन में अंतर पर समझौते होते हैं। अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य में अंतर अनुबंध के पूरा होने का समय और व्यापार को अंतिम रूप देने का समय अनुबंध का विषय है।

ध्यान दें कि सीएफडी एक अनुबंध समझौते के समान हो सकता है, फिर भी एक महत्वपूर्ण अंतर है। सीएफडी के साथ काम करते समय, विक्रेता को एक विशिष्ट संपत्ति रखने की आवश्यकता नहीं होती है। कहा जा रहा है कि खरीदार के लिए इसकी मांग करना मुश्किल है। विक्रेता। यहां विक्रेता खरीदार को अंतर देता है यदि स्थिति के खुलने और बंद होने के बीच परिसंपत्ति की कीमत बढ़ जाती है। खरीदार विक्रेता को किसी भी कीमत में कटौती के लिए क्षतिपूर्ति करता है।

जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, हम क्रिप्टो ब्रोकर का उपयोग करते समय सीएफडी अनुबंधों का आदान-प्रदान करते हैं। हर बार जब हम खरीदते हैं, मान लीजिए, एक बिटकॉइन, हम ब्रोकर के साथ अंतर के लिए एक अनुबंध में प्रवेश करते हैं, यह मानते हुए कि यदि मूल्य बढ़ता है, तो हम लाभ लेते हैं। पर दूसरी ओर, यदि बीटीसी का मूल्य गिरता है, तो हम उस मूल्य अंतर को खो देंगे।

CFD ट्रेडिंग का अर्थ है कि हम क्रिप्टो ब्रोकर से वास्तव में बीटीसी या अन्य क्रिप्टो संपत्तियां न खरीदें।

आइए एक उदाहरण देखें। सुझाव है कि आप एक क्रिप्टो ब्रोकर खाता खोलें, और हम 1,000 अमरीकी डालर जमा करते हैं ताकि हम बिटकॉइन बेच सकें। यदि बीटीसी की कीमत गिरती है, तो हम उस अंतर से लाभान्वित हो रहे हैं जिस पर हम व्यापार से बाहर निकलते हैं। तो, एक बार कीमत 1,000 USD से गिरकर, मान लीजिए, 600 USD, हम उस अंतर के कारण 400 USD का लाभ लेते हैं।

अब, आइए एक नज़र डालते हैं कि क्रिप्टो ब्रोकर के पेशेवरों और विपक्ष क्या हैं:

क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट? कैसे करते हैं इस्तेमाल, जानिए हर जरूरी बात

Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में

जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं

Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में कोडिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.

क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या हैं?

जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं. एक वॉलेट आपके फोन पर एक अलग डिवाइस या एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हो सकता है. वे ब्लॉकचैन तकनी का इस्तेमाल सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ आपकी क्रिप्टो एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए मदद करता है, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को भेजने और रिसीव करने की सुविधा भी देता है.

वॉलेट कितने तरह के होते हैं

इन्हें खास तौर पर हॉट एंड कोल्ड वॉलेट (Hot and Cold Wallets) में कैटेगरीज किया जा सकता है. हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं और इन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकता है. इनमें ऑनलाइन क्लाउड वॉलेट, most मोबाइल वॉलेट, सॉफ्टवेयर वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं.

कोल्ड वॉलेट इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं और आपको अपने क्रिप्टो ऑफ़लाइन को स्टोर करने देते हैं. कोल्ड वॉलेट में हार्डवेयर और पेपर वॉलेट शामिल हैं.

Hardware Wallets : एक हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो स्टोर करते समय सुरक्षा और सुविधा के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है. हार्डवेयर वॉलेट को आपकी प्राइवेट की (Private Key) को स्टोर करने के ऑनलाइन तरीकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कंप्यूटर और फोन पर, जिसे हैकर से एक्सेस किया जा सकता है. चूंकि आपकी प्राइवेट की डिवाइस को कभी नहीं छोड़ती है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता है. अगर आपका हार्डवेयर वॉलेट खो जाता है या टूट जाता है, क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं तो आप अपने बिटकॉइन को एक नए डिवाइस से एक्सेस कर सकते हैं जब तक कि आप अपने रिकवरी सीड वर्ड्स को नहीं जानते हैं.क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं

Paper Wallets: पेपर वॉलेट्स को पेपर की प्रिंटेड शीट पर स्टोर किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक है. क्रिप्टो को प्राइवेट की दर्ज करके या कागज पर क्यूआर कोड को स्कैन करके मूव किया जा सकता है. कंप्यूटर या मोबाइल पर सेव नहीं होने के वजह क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं से उन्हें डिजिटल रूप से हैक या चोरी नहीं किया जा सकता है. आपको किसी थर्ड पार्टी सर्वर पर निर्भर होने की भी जरूरत नहीं है. यूजर अपने फोन का इस्तेमाल करके अपने पेपर वॉलेट या सीड वर्ड्स की तस्वीर कभी नहीं लेनी चाहिए.

आपको एक वॉलेट में क्रिप्टो को कब होल्ड करना चाहिए?

कोल्ड वॉलेट निस्संदेह आपकी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने का सबसे सुरक्षित तरीका है. वे ऑनलाइन वायरस और हैकर्स से बचाने में मदद करता हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने डेटा को स्टोर करने के लिए किसी थर्ड पार्टी पर निर्भर नहीं हैं.

ऑनलाइन अटैक या स्कैम के लिए ऑनलाइन या वेब वॉलेट सबसे ज्यादा रिस्क होते हैं. अगर आप क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप अपनी एसेट्स के साथ उन पर भरोसा कर सकते हैं.

ऐसे खरीद सकते हैं Bitcoin, केवल 100 रुपए से भी शुरू हो सकता है निवेश

Bitcoin समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना अब काफी आसान हो गया है. रिटेल निवेशक इसमें 100 रुपए भी निवेश कर सकते हैं.

TV9 Hindi | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Feb 12, 2021, 2:16 PM IST

Bitcoin

16 फरवरी को यह पहली बार 50 हजार डॉलर के पार पहुंचा. 17 फरवरी को यह 52 हजार डॉलर, 19 फरवरी को 56 हजार डॉलर, 20 फरवरी को 57 हजार डॉलर, 21 फरवरी को 58 हजार डॉलर तक पहुंचा. उसके बाद उसकी कीमत में कुछ दिनों के लिए गिरावट आई. 13 मार्च को एकबार फिर इसने 61 हजार का स्तर छुआ. टेस्ला के अलावा बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलन, ब्लैकरॉक, क्रेडिट कार्ड जायंट मास्टरकार्ड ने भी इस क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट किया है, जिसके कारण इसकी कीमत में उछाल आया है.

16 फरवरी को यह पहली बार 50 हजार डॉलर के पार पहुंचा. 17 फरवरी को यह 52 हजार डॉलर, 19 फरवरी को 56 हजार डॉलर, 20 फरवरी को 57 हजार डॉलर, 21 फरवरी को 58 हजार डॉलर तक पहुंचा. उसके बाद उसकी कीमत में कुछ दिनों के लिए गिरावट आई. 13 मार्च को एकबार फिर इसने 61 हजार का स्तर छुआ. टेस्ला के अलावा बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलन, ब्लैकरॉक, क्रेडिट कार्ड जायंट मास्टरकार्ड ने भी इस क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट किया है, जिसके कारण इसकी कीमत में उछाल आया है.

बिटक्वॉइन की कीमत इस समय 36000 डॉलर के करीब है.

एनर्जी कंजप्शन को लेकर चाइनीज सरकार भी काफी गंभीर है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले महीने क्रिप्टो सर्विसेज पर बैन की घोषणा की. उसके बाद बिटक्वॉइन, इथेरियम जैसी डिजिटल करेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. भारत सरकार भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है. RBI मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फिर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक अपने रुख पर कायम है और वह इसके खिलाफ है.

एनर्जी कंजप्शन को लेकर चाइनीज सरकार भी काफी गंभीर है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले महीने क्रिप्टो सर्विसेज पर बैन की घोषणा की. उसके बाद बिटक्वॉइन, इथेरियम जैसी डिजिटल करेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. भारत सरकार भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है. RBI मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फिर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक अपने रुख पर कायम है और वह इसके खिलाफ है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ है और इन लोगों के पास करीब 10 हजार करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी है. बैंकिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि RBI का कहना है कि इस रास्ते से मनी लॉन्ड्रिंग की भारी संभावना है. इसलिए बैंकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं उपलब्ध करानी चाहिए.

रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ है और इन लोगों के पास करीब 10 हजार करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी है. बैंकिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि RBI का कहना है कि इस रास्ते से मनी लॉन्ड्रिंग की भारी संभावना है. इसलिए बैंकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं उपलब्ध करानी चाहिए.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनका टोटल मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका है. यह मार्केट कैप 7 जनवरी 2021 को महज 1 ट्रिलियन डॉलर था. केवल तीन महीने में मार्केट कैप दोगुना हो गया है. इसमें आधे से ज्यादा योगदान तो केवल बिटक्वॉइन का है. बिटक्वॉइन का मार्केट कैप 1.13 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर गया है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनका टोटल मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका है. यह मार्केट कैप 7 जनवरी 2021 को महज 1 ट्रिलियन डॉलर था. केवल तीन महीने में मार्केट कैप दोगुना हो गया है. इसमें आधे से ज्यादा योगदान तो केवल बिटक्वॉइन का है. बिटक्वॉइन का मार्केट कैप 1.13 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर गया है.

IEA डेटा के मुताबिक, 2018 में भारत का टोटल एनर्जी कंजप्शन 1277 TWH रहा था जबकि दुनियाभर में एनर्जी कंजप्शन 23398 TWH रहा था. अमेरिका का कंजप्शन 4033 TWH, रसिया का 929 TWH, जापाना का 940 TWH, फ्रांस का 450 TWH और चीन का 6453 TWH रहा. साल 2019-20 में भारत का ग्रॉस कंजप्शन 1383 TWH रहा. इस तरह भारत जितना एक साल में एनर्जी कंज्यूम करता है उसका आठवां भाग बिटक्वॉइन माइनिंग में खर्च हो जाती है.

IEA डेटा के मुताबिक, 2018 में भारत का टोटल एनर्जी कंजप्शन 1277 TWH रहा था जबकि दुनियाभर में एनर्जी कंजप्शन 23398 TWH रहा था. अमेरिका का कंजप्शन 4033 TWH, रसिया का 929 TWH, जापाना का 940 TWH, फ्रांस का 450 TWH और चीन का 6453 TWH रहा. साल 2019-20 में भारत का ग्रॉस कंजप्शन 1383 TWH रहा. इस तरह भारत जितना एक साल में एनर्जी कंज्यूम करता है उसका आठवां भाग बिटक्वॉइन माइनिंग में खर्च हो जाती है.

वैसे क्रिप्टो एक्सचेंज का चयन एक जटिल प्रक्रिया है. यहां की बातें भी टेक्निकल एक्सपर्ट लोगों को ही समझ में आती है. हालांकि CoinSwitch Kuber जैसे कुछ एक्सचेंज हैं, जहां रिटेल निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं. इतना सबकुछ होने के बाद भी रिटेल निवेशकों से कहा जाता है कि वे इसमें संभल कर निवेश करें. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में गहराई से अध्ययन करें. बारीकियों को समझने के बाद ही इसमें निवेश का फैसला लें.

वैसे क्रिप्टो एक्सचेंज का चयन एक जटिल प्रक्रिया है. यहां की बातें भी टेक्निकल एक्सपर्ट लोगों को ही समझ में आती है. हालांकि CoinSwitch Kuber जैसे कुछ एक्सचेंज हैं, जहां रिटेल निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं. इतना सबकुछ होने के बाद भी रिटेल निवेशकों से कहा जाता है कि वे इसमें संभल कर निवेश करें. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में गहराई से अध्ययन करें. बारीकियों को समझने के बाद ही इसमें निवेश का फैसला लें.

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खोलने के लिए केवाईसी कराना होता है.

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh

Updated क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं on: Jun 17, 2021 | 6:49 PM

भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री ने तेजी से जगह बनाई है. बहुत कम समय में इसका बाजार बढ़ा है. क्रिप्टो आधारित कंपनियों पर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाबंदी हटने के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखी जा रही है. आज की तारीख में तकरीबन 1 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टो में निवेश किया है. पिछले एक साल में इन निवेशकों ने अच्छा रिटर्न भी पाया है. निवेशकों के लिए किसी भी क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने का तरीका वैसे ही है, जैसे इक्विटी आदि में लगाते हैं. नए निवेशक चाहें तो 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.

जियोटस (Giottus) के सीईओ और को-फाउंडर विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी में निवेशक 100 रुपये भी लगा सकते हैं और इसके लिए वे क्रिप्टो आधारित कॉइन या टोकन में बहुत कम मात्रा में खरीदारी कर सकते हैं. अच्छा यह रहता है कि पैसे को अलग-अलग क्रिप्टो में अलग-अलग अवधि के लिए लगाया जाए. किप्टो की तरह मीम कॉइन डोजकॉइन और शिबू इनु मशहूर हैं जिसमें पैसा निवेश किया जा सकता है. विक्रम सुब्बुराज कहते हैं, सही रिटर्न के लिए जरूरी है कि टॉप 10 क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया जाए.

अगर पोर्टफोलियो की बात करें तो 40 परसेंट बिटकॉइन में, 40 परसेंट इथीरियम (अन्य टॉप 10 क्रिप्टो में इस पैसे को बांट सकते हैं) और बाकी बचा 20 परसेंट हाई रिस्क कॉइन में लगा सकते हैं. क्रिप्टो में पैसे लगाएं और कुछ दिन धीरज रखें, बाजार को मैच्योर होने दें. पैसा निकाल कर कहीं और निवेश करने की जल्दबाजी न करें.

क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानें

Giottus एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जहां इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. ट्रेडिंग के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है, वह भी भारतीय केवाईसी नियमों के साथ. केवाईसी के तुरंत बाद अगर डॉक्युमेंट दुरुस्त हों तो वेरिफिकेशन हो जाता है और 15 मिनट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. जियोटस जैसे प्लेटफॉर्म पर एक साथ 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरंसी की जानकारी मिलती है जहां 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर पैसा जमा करना होता है. कुछ प्लेटफॉर्म पैसा जमा करने के लिए शुल्क लेते हैं, कुछ नहीं. इसी जमा पैसे से क्रिप्टो में निवेश शुरू होता है.

कैसे खोलें खाता

क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. हालांकि एक पैन से क्रिप्टो के अलग-अलग एक्सचेंज में कई अकाउंट खोल सकते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज में 24 घंटे और सातों दिन ट्रेडिंग कर सकते हैं. नए निवेशकों के लिए सलाह दी जाती है कि जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही क्रिप्टो की ट्रेडिंग करें. क्रिप्टो के दाम उतार-चढ़ाव में या तो तेजी से गिरते हैं या तेजी से चढ़ते हैं. यानी कि भारी मुनाफे के साथ भारी गिरावट का भी खतरा होता है. इसलिए दिल थाम कर क्रिप्टो की ट्रेडिंग में हाथ लगाना चाहिए.

बिटकॉइन से करें शुरुआत

हर क्रिप्टोकरंसी अपने आप में यूनिक है और उसी हिसाब से उसकी ट्रेडिंग होती है. नए निवेशक जब खरीदारी करने चलें तो उसके बारे में ठीक से रिसर्च कर लें. जैसे नंबर टू क्रिप्टोकरंसी इथीरियम एक प्लेटफॉर्म भी है जिसे अलग-अलग ऐप के जरिये खरीदा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि किसी खास ऐप से ही इसकी ट्रेडिंग और खरीदारी होगी. जैसे मोबाइल में एंड्रॉयड सिस्टम अलग-अलग मोबाइल कंपनियों में काम करता है, वैसे ही इथीरियम अलग-अलग ऐप पर भी काम करता है. नए निवेशकों को एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बिटकॉइन और इथीरियम में पैसा लगाकर शुरुआत करनी चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे इक्विटी में एसआईपी के जरिये निवेश शुरू करते हैं.

सावधानी के साथ करें निवेश

भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी रेगुलेटेड नहीं है, सरकार और रिजर्व बैंक का अभी रुख साफ नहीं है. ऐसे में कम पैसे में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडिंग का मतलब होता है कि खरीदारी पर कितना मुनाफा कमाते हैं. कोई किप्टो कितने में खरीदते हैं, ट्रेडिंग का मकसद यह नहीं होता है. इसी हिसाब से क्रिप्टो में पैसे लगाने और उसे जारी रखने पर फोकस करना चाहिए. नए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 2-3 परसेंट क्रिप्टोकरंसी को रखना चाहिए. बाद में मार्केट की समझ हो जाए तो निवेश बढ़ा सकते हैं.

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