इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis

स्विंग ट्रेडिंग क्या है | What is swing trading
स्विंग ट्रेडिंग क्या है- शेयर मार्केट के अंदर ट्रेडिंग करने की कई सारी स्टाइल है लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग को कहा जाता है स्विंग ट्रेडिंग क्या है यह ट्रेडिंग करने के लिए ऐसी रणनीति है जिसमें किसी शेयर को खरीदने के 1 दिन बाद या फिर कुछ दिनों के भीतर भी बेच दिया जाता है इसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं ।
यदि आप शेयर मार्केट में मैं नए है और ट्रेडिंग करने का मन बना रहे हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग की बजाए स्विंग ट्रेडिंग का रास्ता अपना सकते हैं इस लेख में आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या है, स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है और स्विंग ट्रेडिंग के क्या फायदे और नुकसान है आदि ऐसे कई सारे सवालों के ऊपर बात करने वाले हैं तो कृपया करके आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपकी स्विंग ट्रेडिंग के प्रति इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis भावना क्लियर हो जाए
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – what is swing trading
जब आप किसी कंपनी के शेयर को 24 घंटे या फिर इससे ज्यादा के लिए होल्ड करके रखते हैं उसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं शेयर मार्केट में काम करने वाले कई सारे लोग इंट्राडे ट्रेडिंग और लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट से ज्यादा स्विंग ट्रेडिंग को पसंद करते हैं क्योंकि यहां पर व्यक्ति को मैं तो कम फोड़ने ही ज्यादा समय का इंतजार करना पड़ता है स्विंग ट्रेडिंग के अंदर व्यक्ति को 24 घंटे या कुछ दिनों के भीतर ही 10% से 15% या इससे ज्यादा का रिटर्न देखने को मिल जाता है
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें – how to do swing trading
शेयर मार्केट मैं किसी भी तरह की ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना अति आवश्यक है क्योंकि यहीं पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को रखा जाता है इसके बाद आप नीचे दिए गए तरीकों को अपनाकर स्विंग ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते हैं
(1) इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis टेक्निकल एनालिसिस – technical analysis
आपको यह पता लगाना होगा कि कौन सा शेयर किस जगह से सपोर्ट और रजिस्टेंस ले रहा है इसके अलावा कौन सा शेयर ट्रेंड लाइन को तोड़ रहा है या फिर उसको टच कर रहा है आदि ऐसे सभी टेक्निकल एनालिसिस के फैक्टर आपको अपना कर देखने हैं
(2) फंडामेंटल एनालिसिस
यदि आप चाहो तो जिस शेयर का आप टेक्निकल एनालिसिस कर रहे हो उसका फंडामेंटल एनालिसिस भी कर लेना चाहिए क्योंकि इससे पता चल जाता है कि कंपनी का अगला रिजल्ट कैसा होगा कंपनी कितना grow कर रही है इसके अलावा वह कंपनी की नई रणनीतियों के ऊपर कार्य कर रही है आदि देसी कई सारी बातें आपको फंडामेंटल एनालिसिस के अंदर देखने की आवश्यकता होती है
इनके साथ ही आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ चैनल, फिबोनाची रिट्रेसमेंट, मूविंग एवरेज और बॉलिंगर बैड जैसे कई सारे टेक्निकल एनालिसिस के तरीके अपनाकर एक अच्छे शेयर का चुनाव कर सकते हैं
इन सभी तरीकों के साथ आप न्यूज़ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जानिए कैसे जब मार्केट के अंदर कोई किसी कंपनी से संबंधित न्यूज़ आती है तो आपको यह देखना है कि इस न्यूज़ का असर उस शेयर के ऊपर क्या होने वाला है क्या वह शेयर नीचे जाएगा या ऊपर आदि ऐसे कारणों के ऊपर आप एनालिसिस करके उस शेयर के अंदर अपना स्विंग ट्रेड बना सकते हैं
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने – How to choose stocks for swing trading
SWING Trading करते समय आपको उन शेयर का चुनाव करना चाहिए जो फंडामेंटली अच्छे हो और जिनके अंदर ज्यादा लिक्विडिटी हो ताकि अगर वह शेर आपकी एनालिसिस के अगेंस्ट भी चला जाए तो भी आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा इसके अलावा आप स्विंग ट्रेडिंग करते समय स्विंग ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए नियमों का इस्तेमाल करके स्टॉक का चुनाव कर सकते हैं
- स्विंग ट्रेडिंग के लिए आप उन शेयर का चुनाव करें जिनके अंदर ज्यादा लिक्विडिटी होती है
- हमने आपको जो ऊपर टेक्निकल और फंडामेंटल से संबंधित नियम बताइए आप इनका इस्तेमाल करके मार्केट से एक अच्छे शेयर का चुनाव करने की कोशिश करें
- स्विंग ट्रेडिंग करते समय आपको भारतीय बाजार के साथ विदेशी बाजार के ऊपर भी नजर रखनी चाहिए जिससे आपको पता चलता रहे कि विश्व में किस वस्तु की डिमांड बढ़ रही है और किसकी घट रही है यह आपको न्यूज़ पढ़ने से भी पता चलेगा
- किसी भी कंपनी का तिमाही रिजल्ट अच्छा आएगा या बुरा इसका एनालिसिस करके इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis आप उस कंपनी के अंदर अपनी पोजीशन बना सकते हैं
- स्विंग ट्रेडिंग के अंदर आपका सबसे ज्यादा साथ टेक्निकल एनालिसिस देता है इसलिए आप जिन स्टॉक का चुनाव करते हैं उनका अच्छे से टेक्निकल एनालिसिस करना चाहिए
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ – Benefits of swing trading
(1) स्विंग ट्रेडिंग के अंदर आपको यह फायदा मिलता है कि यदि किसी स्टॉक के अंदर आपको प्रोफिट नहीं मिल रहा है तो आप उसको 24 घंटे या इससे ज्यादा समय के लिए रोक कर रख सकते हैं
(2) स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको ज्यादा समय का इंतजार नहीं करना पड़ता है क्योंकि यहां पर आप 24 घंटे या कुछ सप्ताह के लिए स्विंग ट्रेडिंग को करते हो और इसी समय के बीच में अपने प्रोफिट को निकाल लेते हैं
(3) स्विंग ट्रेडिंग के अंदर आप 6 से 7 महीनों के भीतर मिलने वाले प्रॉफिट को सिर्फ कुछ दिनों के भीतर ही निकाल सकते हैं
(4) स्विंग ट्रेडिंग के जरिए आप हर महीने अपने पैसों के ऊपर 15% से 20% तक का रिटर्न कमा सकते
(5) इंट्राडे ट्रेडिंग करने की वजह आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो आपको नुकसान कम होने के चांस रहते हैं और प्रॉफिट ज्यादा होने के चांस होते हैं
स्विंग ट्रेडिंग के नियम – swing trading rules
(1) स्विंग ट्रेडिंग करते समय आप पहले से ही अपना एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस को प्लान करके रखें
(2) स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का क चुनाव करते समय स्टॉक को प्रत्येक दिशा से देखने की कोशिश करें
(3) आपको हमेशा स्विंग ट्रेडिंग 10% से 15% तक के रिटर्न के लिए ही करनी चाहिए
(4) यदि आपको किसी स्विंग ट्रेड के अंदर 24 घंटे या एक-दो दिन के भीतर ही 5% से 10% का रिटर्न मिल जाता है तो आपको बिना भावनाओं में बह अपना प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए
(5) स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको भारतीय बाजार के साथ विश्व के सभी बाजार के ऊपर नजर रखनी चाहिए और इन से संबंधित न्यूज़ को पढ़ते रहना चाहिए
निष्कर्ष: स्विंग ट्रेडिंग क्या है
डियर पाठक आज के इस लेख में हमने स्विंग ट्रेडिंग के बारे में जाना आशा करते हैं आज का लेख स्विंग ट्रेडिंग क्या है आपको पसंद आया होगा पसंद आया है तो ऐसा अपने सोशल मीडिया पर अवश्य शेयर करें
Technical Analysis Time Frame
जब हम किसी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करते हैं तब Time Frame का बहुत अधिक महत्व होता है, आप किस टाइम फ्रेम में किस शेयर का एनालिसिस कर रहे है उसके आधार पर यह तय होता है की आपकी एनालिसिस सही होगी या नहीं!
टाइम फ्रेम किसको कहते है?
जब आप Candlestick चार्ट में एक कैंडल या LINE चार्ट में एक पॉइंट जितने समय का होता है उसको हम उस चार्ट का टाइम फ्रेम कहते है, आप अपने ट्रेडिंग टर्मिनल में जिस भी टाइम फ्रेम का चार्ट देखना चाहते है, उस टाइम फ्रेम का चार्ट देख सकते है!
सही टाइम फ्रेम का चुनाव कैसे करे
शेयर मार्केट में सही टाइम फ्रेम का चुनाव करने के लिए आपको यह पता होना चाहिए की आप कितने समय के लिए शेयर में ट्रेडिंग करना चाहते है, अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए एनालिसिस कर रहे है तो उसके लिए टाइम फ्रेम अलग होगा, वही स्विंग ट्रेडर और पोजीशन ट्रेडिंग के लिए फ्रेम दूसरा होगा! आप किस तरह के ट्रेडर या निवेशक है, उसके आधार पर आपको टाइम फ्रेम को चुनना चाहिए, तभी आप एक अच्छा ट्रेडर बन सकते है!
Best Time Frame For Intraday Trading
जब लोग इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो वे 1-2 मिनट के कैंडल के आधार पर ट्रेडिंग करते है जबकि 1 से 3 मिनट कैंडल पर ट्रेडिंग करते है, जबकि ये काम Scalper Trader करते है अगर आप एक इंट्राडे ट्रेडर है, तो आपको शुरू में 10 मिनट से 5 मिनट का चार्ट को देखना चाहिए, जो एक इंट्राडे ट्रेडर के लिए सही होता है!
5 Best Intraday Trading Tips in Hindi | इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम
इंट्राडे ट्रेडिंग, जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है, शेयर बाजार में शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग सबसे पंसदीदा ट्रेडिंग शैली है।
इसका कारण यह है कि बहुत कम ट्रेडर्स को पता होता है कि क्या ट्रेड करना है और कब ट्रेड करना है एंव एक ही समय में मनी मैंनेजमेंट की सही रणनीति है।
आज इस Intraday Trading Tips in Hindi लेख में जानेंगे,
* इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
* इंट्राडे में ट्रेडिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
* शेयर बाजार में शुरुआती लोगों के लिए, Intraday Trading Tips in Hindi तो चलिए शुरू करते हैं!
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग मुनाफा बुक करने के लिए उसी दिन शेयर खरीदने और बेचने के बारे में है। इसमें आप अपनी शेयरों की डिलीवरी लेने की योजना नहीं बनाते हैं। यानि अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीद कर उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले बेच देते है तो यह प्रकिया इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है।
दूसरे शब्दों में, यदि आप शेयरों को खरीदने या बेचने के लिए एक इंट्राडे ऑर्डर देते हैं, तो आप मूल्य में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाते हैं और ट्रेडिंग दिवस के अंत से पहले स्थिति को कवर करते हैं ताकि अगले दिन के लिए कोई बकाया शेयर न हो।
इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान आपकी मानसिकता बहुत ही अहम् भूमिका निभाती है इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी एंव मनी मैनेजमेंट पर काम करे, जो आपको ट्रेडिंग के दौरान सही निर्णय लेने में मदद करेंगे।
Intraday Trading Tips in Hindi for Beginners
लगातार इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं? इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं है, लेकिन लंबे समय में ये सरल टिप्स एक नए ट्रेडर और एक अनुभवी ट्रेडर के बीच अंतर करते हैं! यहां पांच नियम दिए गए हैं जिन्हें आप फोलो कर एक वेहतर ट्रेडर बन सकते हैं।
#1 आप क्या ट्रेड करेंगे और कब ट्रेड करेंगे, ये स्पष्ट होना चाहिए।
पहले अपनी ट्रेडिंग के लिए लिक्विड स्टॉक्स की सूची बनाएं। यह कभी भी 10-15 से अधिक स्टॉक नहीं होना चाहिए क्योंकि आप इसे नियमित रूप से ट्रैक कर सकते हैं। मुख्य नियम अस्थिर बाजार के बीच में ट्रेड नहीं करना है। इंट्राडे ट्रेडिंग सबसे अच्छी होती है जब बाजार की दिशा और गति का अनुमान लगाया जा सकता है। यदि आप नियमित अंतराल पर स्टॉप लॉस को ट्रिगर करते रहते हैं, तो यह न केवल आपको विचलित करता है बल्कि एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में आपका मनोबल भी गिराता है। तार्किक रूप से यह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग काफी हद तक आपकी पूंजी की सुरक्षा के बारे में है और आपको विभिन्न स्तरों पर अपनी पूंजी की रक्षा करनी होगी। आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप कुल मिलाकर और प्रति ट्रेड के आधार पर कितना नुकसान उठाना चाहते हैं। वह पहला टिप है।
#2 स्टॉप लॉस और प्रॉफिट टारगेट वे ईंधन हैं जो इंट्राडे ट्रेडिंग को बेहतर बनाते हैं।
स्टॉप लॉस इंट्राडे ट्रेडिंग में बीमा की तरह है, भले ही आप शॉर्ट या लॉन्ग ट्रेडिंग कर रहे हों। बिना स्टॉप लॉस के कभी भी इंट्राडे ट्रेड न करें। स्टॉप लॉस की अनुपस्थिति में, आप असहनीय नुकसान के साथ पोजीशन धारण कर सकते हैं। जब आप एक इंट्राडे ट्रेडर होते हैं, तो आप रात भर का जोखिम नहीं उठा इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis सकते, भले ही आप प्रतीक्षा करने का जोखिम उठा सकते हों। इसका मतलब है कि आपको न केवल स्टॉप लॉस बल्कि प्रॉफिट टारगेट भी पहले से ही तय करना होगा। इस लिए ट्रेड में प्रवेश करने से पहले आपको अपना स्टॉप लॉस और टारगेट पता होने ही चाहिए।
#3 आप कैसे ट्रेड करते हैं और ट्रेड क्यों करते हैं, ये पता होना चाहिए।
यह एक ऐसी चीज है जिसे बहुत से इंट्राडे ट्रेडर पूरी तरह से नहीं समझते हैं। अपनी लाभ और अपनी नुकसान का रिकॉर्ड रखें और दिन के अंत में मूल्यांकन करें। यह सुनने में वचकाना लग रहा होगा, लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी अहमियत का एहसास होगा। आपने क्या गलत किया और आप क्या बेहतर कर सकते थे, इसका विश्लेषण करने के लिए एक ट्रेडिंग प्लान का उपयोग करें। समय के साथ, यह प्रक्रिया आपको एक बेहतर इंट्राडे ट्रेडर बनने में मदद करती है।
आप जो ट्रेड करते हैं उसमें यह भी शामिल है कि किस शोध और टेक्निक का उपयोग करना है और इसका उपयोग कैसे करना है। बाजार मे आने बाली जरुरी खबरों पर नजर रखें, अन्यथा एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में आपके असफल होने की संभावना है। कॉर्पोरेट कार्रवाइयों और परिणामों की घोषणाओं के प्रवाह का मूल्यांकन करें। आपको अपनी शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों के बारे में अच्छी तरह अपटेड रहना चाहिए। यहां तक कि इंट्राडे ट्रेडर्स को भी यह जानने की जरूरत है कि कंपनी क्या कर रही है और कैसा प्रदर्शन कर रही है। इन सबसे ऊपर, अपने स्वयं के तकनीकी चार्टिस्ट बनें और F&O डेटा जैसे OI/PCR/IV आदि का मूल्यांकन करें। ये सभी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण इनपुट हैं।
#4 जब आप नुकसान करते हैं तो ये सीखने का सबसे अच्छा मौका है।
किसी भी व्यवसाय की तरह, एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में आपके कौशल का सबसे अच्छा परीक्षण तब किया जाता है जब आप नुकसान में होते हैं। याद रखने के लिए यहां कुछ बुनियादी नियम दिए गए हैं।
जब आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हों और नुकसान उठा रहे हों तो घबराएं नहीं। बल्कि अपनी गलतियों को पहचानों और उनसे सीखो।
नुकसान के बारे में चिंता न करें, ये इंट्राडे ट्रेडिंग का हिस्सा हैं। अपने ट्रेडिंग जर्नल में अपनी गलतियों को देखना और विश्लेषण करना एक अच्छे ट्रेडर की पहचान है।
यदि कोई आपको बताता है कि वे ट्रेडिंग में हमेशा प्रोफ़िट करते हैं, तो वे या तो भगवान हैं या झूठे हैं। आपको उनमें से कोई भी नहीं होना चाहिए। नुकसान ट्रेडिंग का हिस्सा हैं।
यदि आपकी पोजीशन ने कुछ मिनटों या घंटे के भीतर आकर्षक लाभ अर्जित किया है, तो प्रोफ़िट बुक कर ले। अपनी किस्मत को ज्यादा देर तक न परखें। कभी भी ओवरट्रेडिंग करके नुकसान की भरपाई करने की कोशिश न करें। ये आपको और ज्यादा नुकसान की ओर ले जायेगी।
इंट्राडे ट्रेडिंग को समझना ज्यादा मुस्किल नहीं है। यह सिर्फ सही माइंडसेट और मनी मैंनेजमेंट पर निर्भर करता है, कि आप ट्रेडर बनेंगे या नही!
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#5 हमेशा सीखते रहे।
मैं अपने अनुभव से बता रहा हुं कि ज्यादातर ट्रेडर्स सिर्फ अच्छी स्ट्रेटजियों के पीछे भागते है, उन्हे ये वात समझने में सालो लग जाते है कि सिर्फ अच्छी स्ट्रेटजी से पैसा नही कमाया जा सकता है, जब तक कि इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis सही माइंडसेट और मनी मैंनेजमेंट न हो। इस लिए मेरी सबसे जरुरी प्रेक्टिकल सलाह है कि अपने माइंडसेट और मनी मैंनेजमेंट पर काम करे।
ट्रेडिंग को सीखना एक कभी न खत्म होने बाला प्रोसेस है इसलिए हर रोज कुछ न कुछ सीखते रहे। तभी आप स्टॉक मार्केट में सरवाइव कर पाओंगे, और अगर इसमें सरवाइव कर गए तो आपको ट्रेडर बनने से कोई नही रोक सकता है।
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अंतिम विचार
यदि आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कमाने के लिए ये बुनियादी वाते समझना महत्वपूर्ण है। साथ ही, किसी ट्रेड में प्रवेश करने से पहले आपको अपना होमवर्क अच्छी तरह से करना चाहिए।
ये Intraday Trading Tips in Hindi आपकी ट्रेडिंग यात्रा में आपकी मदद करेंगे। लेकिन हमेशा यह सुनिश्चित करना याद रखें कि आप सही माइंडसेट के साथ ट्रेड करे और भावना-आधारित निर्णयों से बचें।
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इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है ?
इंट्राडे ट्रेडिंग हम एक दिन में ही कर सकते है। इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे एक दिन में ही लोस्स और प्रॉफिट हो जाता है। भारत में शेयर मार्केट मंडे से लेकर फ्राइडे तक सुबह 9 :15 से लेकर शाम के 3 :30 खुलता है। अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो आप को इसी समय में शेयर को खरीदना और बेचना होगा। ज्यादातर निवेशक दो कारणों की बजह से इंट्राडे ट्रेडिंग करते है। पहला मार्जिन और दूसरा है न्यूज़।
मार्जिन क्या होता है
इंट्राडे में ब्रोकर अपने निवेशको को मार्जिन देते है। मार्जिन का मतलब है ब्रोकर अपने निवेशकों को निवेश करने के लिए पैसे उधार देते है। अगर आप के पास कम पैसे है और आप ज्यादा शेयर खरीदना चाहते है तो आप का ब्रोकर आप को मार्जिन देता है जिस से आप कोई भी कपनी के शेयर खरीद सकते है और जब आप के पास ज्यादा पैसे होंगे तो आप ज्यादा शेयर खरीद पाएंगे और अधिक लाभ कमा सकते है।
न्यूज का बहुत प्रभाव
जब भी कोई कंपनी की न्यूज आती है तो शेयर मार्किट में उस न्यूज का बहुत प्रभाव होता है शेयरों के प्राइस ऊपर निचे होने लग जाते है। जिस का निवेश फायदा उठा कर एक दिन में ही लाभ कमा लेते है। इन्ही दो करने की वजह से निवेशक इंट्राडे ट्रेडिंग करते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है।
- लॉन्ग इंट्राडे ट्रेडिंग
- शोर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग
1.लॉन्ग इंट्राडे ट्रेडिंग
लॉन्ग इंट्राडे ट्रेडिंग हम को जब लगता है कि कोई कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ने वाला है तो हम अपने ब्रोकर से मार्जिन ले कर अपने ब्रोकर की प्लेटफार्म पर जा कर उस कंपनी के शेयर को खरीद कर इंट्राडे सिलेक्ट करेंगे जिस से हमारे ऑडर मार्जिन अप्लाई हो जायेगा। फिर हम उस में क्वांटिटी भर देंगे। इस से हमारा ऑडर अप्लाई हो जायेगा। आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे है तो आप को उसी दिन ही शेयर को बेचना होगा। चाहे उस में आप का प्रॉफिट हो जा फिर लोस्स।
2.शोर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग
शोर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग में जब हम को लगता है कि किसी कंपनी के शेयर का प्राइस गिरने वाला है तो इस में हमारा ब्रोकर में कुछ शेयर उधार पर देता है जिसे हम अपने ब्रोकर के प्लेटफर में जा कर उस कंपनी के शेयर को बेच देते है उस समय उस शेयर का प्राइस 100 रुपए है तो आप उसे बेच देते है उस शेयर का प्राइस 10 रुपए ज्यादा गिर जाये तो आप उस कंपनी के शेयर खरीद कर अपने ब्रोकर को वापिस कर देंगे जो आप ने उस से उधार लिए थे। इस में आप ने ज्यादा प्राइस पर शेयर को बेच कर उसे कम प्राइस में खरीद लिए इस से आप को हर एक शेयर पर 10 रुपए का प्रॉफिट हुआ।
अगर इस में शेयर का प्राइस 10 रुपए ऊपर जाता तो इस में आप को हर एक शेयर पर 10 रुपए का नुकसान होता।
इंट्राडे ट्रेडिंग पर हमे कोन से नुकसान होते है
ब्रोकरेज
इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे चाहे प्रॉफिट हो चाहे हमारा नुकसान हो हमारा ब्रोकर हमारे हर एक ऑडर पर चार्ज लेता है। उस के पैसे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में से कट जाते है। इंट्राडे में हम उस दिन ही शेयर खरीदते है और उस दिन ही बेचते है जिस के कारण हमारा ब्रोकर हमारे हर एक ऑडर पर चार्ज लेता है।
एक दिन का ही समय मिलना
इंट्राडे ट्रेडिंग में हम ने जिस दिन शेयर खरीदते होते है हमे उसे उसी दिन ही बेचना होता है। इस लिए हमारे पास शेयर खरीदने या बेचने के लिए थोड़ा समय ही होता है। अगर इस में हमारा लोस्स हो रहा हो फिर भी हमे शेयर को उसी दिन ही खरीदना या बेचना होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में हमे एक दिन में ही शेयर खरीदने और बेचने होते है जिस के कारण इस में बहुत ज्यादा रिस्क होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग से हमे ज्यादा फायदा और ज्यादा नुकसान दोनों ही हो सकते है। इस लिए अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो आप को इंट्राडे ट्रेडिंग को अच्छी तरह से समझना होगा और इंट्राडे ट्रेडिंग में होने के बारे में भी पता होना चाहिए। तभी आप ट्रेडिंग में सफल हो सकते है।
आज हम ने इस आर्टिकल में जाना कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है ,मार्जिन क्या होता है ,इंट्राडे ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है और इंट्राडे ट्रेडिंग से हमे क्या क्या नुकसान हो सकते है। मुझे उम्मीद है कि मेरे इस आर्टिकल से आप को इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अच्छी तरह से समझ आ गया होगा। अगर आप को हमारा आर्टिकल पसंद आया है तो कमेंट करके जरूर बताए।
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, इंट्राडे ट्रेडिंग के समय का Analysis तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकसद पैसा कमाना ही होता है, लेकिन इनमें समय अवधि का अंतर होता है. निवेश का संबंध जहां कई वर्षों से है, वहीं ट्रेडिंग में कुछ मिनटों से लेकर कुछ साल तक के लिए पॉजिशन रखा जाता है.
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
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इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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