क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

RBI ने 2018 में लगाया था बैन
डेली अपडेट्स
- 19 Jul 2022
- 10 min read
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क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन, ब्लॉकचेन
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चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के मौद्रिक और राजकोषीय स्वास्थ्य के लिये 'अस्थिर प्रभावों' का हवाला देते हुए क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
Crypto Ban: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध उचित नहीं, गैर-कानूनी कारोबार में तेजी की आशंका, क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं क्रिप्टो काउंसिल ने दिए अहम सुझाव
काउंसिल ने क्रिप्टोकरेंसीज को करेंसी की बजाय एसेट के रूप में इस्तेमाल किए जाने की वकालत की है. (Image- Reuters)
Crypto Ban: शीतकालीन सत्र में बिटक्वाइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग सकता है. इसे लेकर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की इकाई ब्लॉकचेन व क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) का कहना है कि भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नॉन-स्टेट प्लेयर्स को प्रोत्साहन मिलेगा और इस बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी करेंसीज के गैरकानूनी प्रयोग में तेजी आएगी. हाल ही में पीएम मोदी (PM Modi) ने सभी लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसीज पर साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया था और इसे गलत हाथों में न पड़ने देने को सुनिश्चित करने को कहा था. पीएम मोदी के मुताबिक गलत हाथों में पड़ने पर यह युवाओं को बर्बाद कर सकता है. आईएएमएआई ने पूर्ण प्रतिबंध की क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं बजाय इसे एसेट के रूप में मान्यता देने का सुझाव दिया है.
सरकार की चिंता सही लेकिन पूर्ण बैन भी समाधान नहीं
आईएएमएआई ने अपने बयान में कहा कि वह क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पीएम मोदी की चिंता और सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा इस पर दाखिल दृष्टिकोण को लेकर सहमत है. हालांकि आईएएमएआई का यह भी मानना है कि इस पर पूर्ण प्रतिबंध भी उचित नहीं है और यह खुदरा निवेशकों को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर सकता है. पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले इसके गलत हाथों में पड़ने पर युवाओं के बर्बाद होने की चिंता जाहिर की थी तो केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले इसे लेकर सुप्रीमकोर्ट में अपना दृष्टिकोण दाखिल किया था. इसके मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई नियमन नहीं है और इसके स्रोत को क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं ट्रेस नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा यह टैक्स चोरी का अहम जरिया बन सकता है.
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करेंसी की बजाय एसेट के रूप में मान्यता की पैरवी
काउंसिल ने अपने बयान में कहा कि वह हमेशा से देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में इस्तेमाल करने के पक्ष में नहीं रही है क्योंकि इससे मॉनीटरी पॉलिसी और राजकोषीय नियंत्रण को लेकर समस्या हो सकती है. इसके विपरीत काउंसिल ने क्रिप्टोकरेंसीज को एसेट के रूप में इस्तेमाल किए जाने की वकालत की है और उसका मानना है कि बेहतर तरीके से क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं क्रिप्टो एसेट्स कारोबार को रेगुलेट करने पर निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकेगी. इसके अलावा इससे भारतीय खरीदारों और बेचने वालों पर नजर रखी जा सकेगी और टैक्स सिस्टम में भी आसानी होगी. इसके अलावा इससे क्रिप्टो के गैरकानूनी प्रयोग पर रोक लगेगी. काउंसिल के मुताबिक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज निगरानी रखने के लिए बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं.
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Cryptocurrencies Latest Update: अंधकारमय दिख रहा है क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर, अब रूस की केंद्रीय बैंक ने दिया बड़ा झटका
क्रिप्टोकरेंसी के फ्यूचर को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। एक के बाद एक देश इस वर्चुअल मुद्रा को किसी न किसी तरह से प्रतिबंधित कर रहा है। इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है रूस का। रूस के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वित्तीय स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इसकी मौद्रिक नीति संप्रभुता के लिए खतरों का हवाला देते हुए रूसी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल और माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया है।
क्रिप्टो करेंसी से लेन-देन की इजाजत, RBI के प्रतिबंध को SC ने हटाया
- नई दिल्ली,
- 04 मार्च 2020,
- (अपडेटेड 04 मार्च 2020, 12:26 PM IST)
- अप्रैल, 2018 में RBI ने लगाया था बैन
- IAMAI ने SC में बैन को दी थी चुनौती
क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान क्रिप्टो करेंसी पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से लगाए गए बैन को हटाने का आदेश सुनलाया गया है. आरबीआई ने 2018 में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग से जुड़ी वित्तीय सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं की गई थी.
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बता दें, भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई विनियमन नहीं है – विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्राओं जैसे कि बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम का एक सेट जो किसी भी बैंकिंग नियामक द्वारा विनियमित नहीं है. आपको बता दें, क्रिप्टोकुरेंसी बिल ऐसे समय में सूचीबद्ध होने जा रहा है, जब इस विषय में ज्यादा लोग रुचि दिखा रहे हैं.
सभी ‘निजी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं क्रिप्टोकरेंसी’ पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक
- ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’, यह पेश करने, विचार करने और पारित करने के लिए नए बिलों की सूची में से एक है.
- यह विधेयक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.
- इस बिल में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास है.
- हालांकि, यह क्रिप्टोकुरेंसी की अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवाद भी इससे जुड़े हैं.