भविष्य अनुबंध

- जैसे विषयों से निपटना
• बिना किसी डर के परीक्षाओं का सामना करना
• छात्रों के लिए तनाव प्रबंधन
• छात्रों में अध्ययन की आदतों का विकास करना
• अध्ययन कुशलताएँ
• अध्ययन तकनीक
• समय प्रबंधन
• संचार कौशल, आदि - कम प्राप्त करने वाले, कम प्राप्त करने वाले और उच्च प्राप्त करने वाले छात्रों के साथ व्यवहार करना
- छात्रों के कैरियर विकल्प को जानने के लिए कक्षा का सर्वेक्षण करना
- एप्टीट्यूड टेस्ट और इंटरेस्ट इन्वेंट्री के परिणाम के आधार पर छात्रों को कैरियर मार्गदर्शन
- छात्रों को उनकी पसंद के कैरियर भविष्य अनुबंध व्यवसाय पर मोनोग्राफ तैयार करने में मदद करना
- कैरियर वार्ता
- छात्रों द्वारा चार्ट और पोस्टर तैयार करना
- कार्यस्थलों पर जाएँ
- "पेशे से मिलो" कार्यक्रम
- कैरियर सम्मेलन सह प्रदर्शनी
- ance कैरियर गाइडेंस कॉर्नर ’
अस्थायी कामगारों को देना होगा अंशदान!
अस्थायी एवं एक निश्चित समय के लिए अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों (गिग वर्कर) को भविष्य निधि एवं बीमा लाभ लेने के लिए अपने हिस्से से मामूली अंशदान करना पड़ सकता है। सरकार ने हाल में ही एक नया सामाजिक सुरक्षा ढांचा तैयार किया है, जो ऐसे कर्मचारियों के लिए लागू होगा। इसके अलावा सरकार सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की रूपरेखा इस तरह तैयार करेगी जिससे राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कोष में अंशदान करने के बाद भी इन कर्मचारियों पर आर्थिक बोझ न पड़े। सरकार ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं लेने वाली कंपनियों से 1 अप्रैल, 2020 से कोष के मद में रकम लेगी।
इस बारे में श्रम एवं रोजगार सचिव अपूर्व चंद्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, 'सामाजिक सुरक्षा लाभ पंजीयन आधारित होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि कर्मचारी भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) या कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के मद में मामूली अंशदान करेंगे। इससे कंपनी के अलावा कर्मचारी भी अपने स्तर पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में निवेश करते रहेंगे।'
चंद्रा ने कहा कि बीमा लाभ लेने के लिए सरकार कामगारों के लिए न्यूनतम अवधि तक योजना के साथ जुड़े रहने के प्रावधान का निर्धारण करेगी। ईएसआई योजना में कुछ खास भविष्य अनुबंध योजनाओं का लाभ उठाने के लिए एक निश्चित अवधि तक अंशदान करना पड़ता है। चंद्रा ने कहा, 'उदाहरण के लिए बीमारी नकद भत्ते का लाभ लेने के लिए पिछले छह महीने में कम से कम 78 दिनों का अंशदान होना चाहिए। हालांकि इस मामाले में यह अवधि कम रह सकती है और महीना आधारित रोजगार की तरह नहीं होगी।'
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शुक्रवार को अस्थायी एवं अनुबंध पर कर्मचारी रखने वाली ओला, उबर, अर्बन कंपनी स्विगी सहित दूसरी बड़ी कंपनियों के साथ एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में सामाजिक सुरक्षा, 2020 पर नई संहिता के प्रावधानों पर चर्चा हुई थी। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 हाल में ही संसद में पारित हुई है।
इन कंपनियों ने सरकार को बताया कि सामाजिक सुरक्षा ढांचा शुरू होने के पहले साल 10 लाख से अधिक कर्मचारी इस नई पहल का हिस्सा बन सकते हैं। चंद्रा ने कहा, 'कंपनियां नई संहिता को लेकर खासी उत्साहित थीं और कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष में अंशदान करने संबंधित प्रावधानों को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी।' इस समय अस्थायी या स्वतंत्र रूप से काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिलते हैं क्योंकि वे देश के श्रम कानून के तहत नहीं आते हैं।
पहली बार कैब, खाद्य एवं किराना आपूर्ति, परिवहन, ई-मार्केट प्लेस आदि सेवाएं देने वाली कंपनियों को ऐसे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के मद में अंशदान के लिए कहा जाएगा। यह रकम इन कंपनियों की सालाना कमाई का 1 से 2 प्रतिशत हिस्सा होगी। हालांकि इस कानून के अनुसार यह अंशदान ऐसे कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन का 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और कंपनियों के बीच हुई बैठक की जानकारी रखने वाले उद्योग जगत के एक अधिकारी ने कहा, 'कुछ कंपनियों इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण चाहती थीं कि सामाजिक सुरक्षा अंशदान की गणना करते वक्त क्या उनके पूरे समूह की कमाई पर विचार किया जाएगा।'
भविष्य अनुबंध
विश्व में कच्चे हीरों की आपूर्ति करने वाली अग्रणी कंपनी डी बीयर्स ग्रुप ऑफ कंपनीज ने नीलामी बिक्री कारोबार के लिए निश्चित कीमत पर फॉरवर्ड अनुबंध शुरू करने का फैसला किया है। इससे नीलामी में खरीदारी करने वाले ग्राहकों को भविष्य में आपूर्ति की गारंटी मिलेगी। इससे यह भी निश्चित हो जाएगा कि अनुबंध की अवधि पूरी होने पर कितनी कीमत अदा करनी पड़ेगी। डी बीयर्स कच्चे हीरों की श्रेणियों ग्रेनर्स, स्मॉल्स और नियर-जेम के लिए ऐसा पहला अनुबंध 16 फरवरी को पेश करेगी। कंपनी ने दिसंबर 2013 में परिवर्तनशील कीमत पर फॉरवर्ड अनुबंध बिक्री शुरू की थी। इसके बाद नीलामी बिक्री में फॉरवर्ड बिक्री का एक माध्यम विकसित हो गया है। तब से 350 आपूर्ति अनुबंध हो चुके हैं।
कंपनी की नीलामी बिक्री के कार्यकारी उपाध्यक्ष नील वेंचुरा ने कहा, 'ग्राहकों के साथ व्यापक संवाद से यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि कच्चे हीरों के फॉरवर्ड बाजार को विकसित करने में संभावनाएं हैं। हमारे ग्राहकों ने हमें बताया है कि उन्हें लघु अवधि के आपूर्ति अनुबंध सुरक्षित करने में तार्किकता नजर आती है, लेकिन वे निश्चित कीमत फॉरवर्ड अनुबंध करने को तरजीह देंगे।' उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'निश्चित कीमत पर नीलामी के अनुबंधों से लंबी अवधि के कारोबारी फैसले लेने में मदद मिलेगी।'
कंपनी ने निश्चित कीमत पर फॉरवर्ड अनुबंध शुरू करने का फैसला पिछली फॉरवर्ड अनुबंध बिक्री के बारे में ग्राहकों की प्रतिक्रिया के बाद किया है। पिछले फॉरवर्ड अनुबंध में भविष्य में आपूर्ति की गारंटी तो थी, लेकिन कीमत फ्लोटिंग थी। यह कीमत फॉरवर्ड अनुबंध के परिपक्व होने के समय की हाजिर कीमतों पर आधारित थी। निश्चित कीमत के फॉरवर्ड अनुबंधों से उन छोटे और मझोले उद्योगों को खरीदारी का एक प्रभावी स्रोत मिलेगा, जो निर्धारित कीमत पर नियमित आपूर्ति चाहते हैं।
खत्म हों अनुबंध और प्रोबेशन की शर्तें
प्रदेश सरकार भविष्य में अनुबंध और प्रोबेशन की शर्तें समाप्त करने के लिए विचार-विमर्श करे ताकि कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति मिल सके । हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष विजय हीर ने सरकार से यह मांग की है कि अनुबंध तीन भविष्य अनुबंध साल से दो साल करने हेतु सरकार इस बजट में विचार करे और भविष्य में अनुबंध की प्रथा को समाप्त करने हेतु प्रावधान करे । जिन अनुबंध कर्मचारियों ने अनेक वर्षों तक अनुबंध सेवाएं दी हैं ए उनको प्रमोशन के लिए तय सेवा अवधि में छूट देते हुए अनुबंध सेवाकाल को नियमित सेवाकाल की जगह मान्यता दी जाए क्योंकि प्रदेश में कई कर्मचारी 8 से 10 साल अनुबंध पर काम कर चुके हैं और उनको भी नियमित 5 साल सेवाकाल की शर्त लगाई जा रही है जिसके कारण पदोन्नति में लंबा समय लग रहा है । अनुबंध सेवा में बिना नियमित हुए ही रिटायर किए गए कर्मचारियों को पेंशन में भी दिक्कत आती हैं और प्रदेश में बैच आधारित नौकरियों में अधिकांश व्यक्ति 35 से 45 वर्ष की आयु में नियुक्त हो रहे हैं जिनको सीमित सेवाकाल मिलता है जबकि नियमित पूर्ण पेंशन हेतु 20 साल नियमित सेवा चाहिए और न्यू पेंशन स्कीम में कम सेवाकाल पर बहुत कम पेंशन मिलती है । ऐसे में प्रदेश सरकार को इन कर्मचारियों के आर्थिक कल्याण हेतु उचित कदम उठाने चाहिए । प्रोबेशन की शर्त के कारण प्रमोट होने वाले और नियुक्त कर्मचारियों को 2 साल तक आर्थिक नुकसान हो रहा है और ऐसे में कर्मचारी वर्ग सरकार से राहत की अपेक्षा रखती है ।
भविष्य अनुबंध
प्रेस विज्ञप्तियां
May 31, 2012
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री ने हाइड्रोकार्बन उत्खनन के क्षेत्र में भविष्य के लिए उत्पादन साझा अनुबंधों (पीएससी) की रुपरेखा तय करने के लिए समिति गठित की
नवीन उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) के तहत पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय से तेल और गैस उत्खनन तथा उत्पादन के लिए स्वीकृति प्रदान किए जाने के मद्देनज़र, इस बात पर गौर करने की आवश्यकता है कि इस नीति की रुपरेखा ने किस प्रकार तेल और गैस उत्खनन तथा उत्पादन पर प्रभाव डाला है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के अनुरोध पर प्रधानमंत्री ने हाइड्रोकार्बन उत्खनन के क्षेत्र में भविष्य के लिए उत्पादन साझा अनुबंधों (पीएससी) की रुपरेखा तय करने के लिए समिति के गठन को मंजूरी दे दी है।
समिति के सदस्य इस प्रकार हैं-
i. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. सी. रंगराजन- अध्यक्ष,
ii. योजना आयोग के सदस्य श्री बी. के. चतुर्वेदी
iii. उच्चतम न्यायालय के भूतपूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री जगन्नाथ राव
iv. प्रो. रामप्रसाद सेनगुप्ता
v. भूतपूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी श्री जे. एम. मौसकर
vi. ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री जोमन थॉमस
यह समिति भविष्य में उत्पादन साझा अनुबंधों के लिए आवश्यक सभी ज़रुरी सुधारों पर विचार करेगी ताकि तेल और गैस के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही सरकारी हिस्सेदारी में भी वृद्धि हो सके और साथ ही उत्पादकों के निगरानी खर्चे की प्रक्रिया को कम किया जा सके।
समिति द्वारा निम्नलिखित मुद्दों पर विचार किया जाएगा
(i) वर्तमान लाभ- साझा प्रणाली के संदर्भ में आधारभूत मानदंड के रुप में कर-पूर्व निवेश गुणज (पीटीआईएम) सहित मौजूदा पीएससी की समीक्षा
(ii) समय पर हाइड्रोकार्बन उत्पादन और सरकारी हिस्से के साथ समझौता किए बगैर संविदाकार के निगरानी व्यय को कम करने के दृष्टिकोण के साथ अनुबंध के विभिन्न मॉडलों पर विचार करना
(iii) पीएससी के अनुबंध क्रियान्वयन का प्रबंधन करने के लिए एक उपयुक्त प्रणाली
(iv) भारत सरकार के पेट्रोलियम लाभ की निगरानी और अंकेक्षण के लिए उपयुक्त सरकारी प्रणाली
(v) घरेलू रुप से उत्पादित गैस की कीमतों का आधार अथवा सूत्र तय करने के लिए तथा वास्तविक मूल्य निर्धारण की निगरानी के लिए संरचना और दिशानिर्देश के तत्व
Contractual staff with salary
Ans: The monthly payment towards the contractual teachers भविष्य अनुबंध and the pro rata payment to the teachers may be regulated as follows.
SI. No | Designation | Station | Consolidated Pay |
---|---|---|---|
1 | PGT All Subject | Normal | Rs. 27500/- |
2 | Hard | Rs. 32500/- | |
3 | Very Hard | Rs. 35000/- | |
4 | TGT All Subject | Normal | Rs. 26250/- |
5 | Hard | Rs. 31250/- | |
6 | Very Hard | Rs. 33750/- | |
7 | PRT | Normal | Rs.2,1250/- |
8 | Hard | Rs. 26250/- | |
9 | Very Hard | Rs. 28750/- | |
10 | Computer Instructor (Teaching in classes Ill to V) | Normal | Rs. 21250/- |
11 | Hard | Rs. 26250/- | |
12 | . Very Hard | Rs. 28750/- | |
13 | Computer Instructor (teaching classes VI onwards) | Normal | Rs. 26250/- |
14 | Hard | Rs. 31250/- | |
15 | Very Hard | Rs. 33750/- | |
16 | Vocational Instructor for craft/dance musk/art/sports etc. | Normal | Rs. 21250/- |
17 | Hard | Rs. 26250/- | |
18 | Very Hard | Rs. 28750/- | |
19 | Spoken English Teacher | Normal | Rs.18750/- |
20 | Hard | Rs. 23750/- | |
21 | Very Hard | Rs. 26250/- |
उत्तर: केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा संबंधित अनुमोदन पर प्रति माह एक छुट्टी का भुगतान किया जाता है।
उत्तर: हां, एक संविदा शिक्षक का अभ्यर्थी जो एक वर्ष में केवी में सेवा दे चुका है, नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए संविदा शिक्षकों के रूप में नए सिरे से नियुक्ति के लिए चयन समिति द्वारा बाद के वर्षों में विचार किया जा सकता है।
उत्तर: परामर्श में डिप्लोमा के प्रमाण पत्र के साथ B.A/B.S.c(Psychology)। आगे यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में परामर्शदाताओं को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा और उनका पारिश्रमिक अन्य संविदात्मक TGTs के अनुसार होगा। सभी मौजूदा काउंसलर, स्नातकोत्तर होने के बाद, पारिश्रमिक के लिए उनके मौजूदा प्रावधानों के अनुसार शासित होंगे।
वांछनीय योग्यता आवश्यक है
स्कूलों में छात्रों को कैरियर / शैक्षिक परामर्श प्रदान करने में भविष्य अनुबंध न्यूनतम एक वर्ष का अनुभव।
या
प्लेसमेंट ब्यूरो में काम करने का ज्ञान और अनुभव।
या
व्यावसायिक परामर्शदाता के रूप में भारत के पुनर्वास परिषद के साथ पंजीकरण।
उत्तर: संविदा शिक्षक पर लगे परामर्शदाता का वेतन रु .25,000 / - प्रति माह है।
त्तर: परामर्शदाता को अनुबंध के आधार पर संलग्न करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है: -
- शिक्षक को पद पर सीधी भर्ती के लिए निर्धारित आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएँ प्राप्त करनी चाहिए।
- न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा क्रमशः 18 और 65 वर्ष होगी।
- वह / वह ऐसे समय तक लगी रहेंगी जब तक कि नियमित शिक्षक जुड़ नहीं जाता या शैक्षणिक सत्र समाप्त नहीं हो जाता, जो भी पहले हो।
- एक अनुबंधित शिक्षक का अभ्यर्थी जो एक वर्ष भविष्य अनुबंध में केवी में सेवा कर चुका है, नियत प्रक्रिया का पालन करके संविदा शिक्षक के रूप में नए सिरे से नियुक्ति के लिए चयन समिति द्वारा बाद के वर्षों में विचार किया जा सकता है।
लगे हुए शिक्षकों को केन्द्रीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए भविष्य अनुबंध और प्रस्ताव से जुड़े नियम और शर्तों के लिए उनकी औपचारिक स्वीकृति प्राप्त की जाएगी।
उत्तर: परामर्शदाताओं के कार्य की प्रकृति निम्नानुसार है: -
- जैसे विषयों से निपटना
• बिना किसी डर के परीक्षाओं का सामना करना
• छात्रों के लिए तनाव प्रबंधन
• छात्रों में अध्ययन की आदतों का विकास करना
• अध्ययन कुशलताएँ
• अध्ययन तकनीक
• समय प्रबंधन
• संचार कौशल, आदि - कम प्राप्त करने वाले, कम प्राप्त करने वाले और उच्च प्राप्त करने वाले छात्रों के साथ व्यवहार करना
- छात्रों के कैरियर विकल्प को जानने के लिए कक्षा का सर्वेक्षण करना
- एप्टीट्यूड टेस्ट और इंटरेस्ट इन्वेंट्री के परिणाम के आधार पर छात्रों को कैरियर मार्गदर्शन
- छात्रों को उनकी पसंद के कैरियर व्यवसाय पर मोनोग्राफ तैयार करने में मदद करना
- कैरियर वार्ता
- छात्रों द्वारा चार्ट और पोस्टर तैयार करना
- कार्यस्थलों पर जाएँ
- "पेशे से मिलो" कार्यक्रम
- कैरियर सम्मेलन सह प्रदर्शनी
- ance कैरियर गाइडेंस कॉर्नर ’
उत्तर: डॉक्टर (न्यूनतम एमबीबीएस और एमसीआई के साथ पंजीकृत) -Rs.1,000 प्रति दिन दो घंटे के लिए।
नर्स (डिप्लोमा धारक) प्रतिदिन रु .50।
उत्तर: डॉक्टर (न्यूनतम एमबीबीएस और एमसीआई के साथ पंजीकृत) -Rs.1,000 प्रति दिन दो घंटे के लिए।
नर्स (डिप्लोमा धारक) प्रतिदिन रु .50।
उत्तर:। काउंसलर को अनुबंध के आधार पर संलग्न करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है: -
- शिक्षक को पद पर सीधी भर्ती के लिए निर्धारित आवश्यक शैक्षणिक योग्यताएँ प्राप्त करनी चाहिए।
- न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा क्रमशः 18 और 65 वर्ष होगी।
- वह / वह ऐसे समय तक लगी रहेंगी जब तक कि नियमित शिक्षक जुड़ नहीं जाता या शैक्षणिक सत्र समाप्त नहीं हो जाता, जो भी पहले हो।
- एक अनुबंधित शिक्षक का अभ्यर्थी जो एक वर्ष में केवी में सेवा दे चुका है, नियत प्रक्रिया का पालन करके संविदा शिक्षकों के रूप में एक नई नियुक्ति के लिए चयन समिति द्वारा बाद के वर्षों में विचार किया जा सकता है।
लगे भविष्य अनुबंध हुए शिक्षकों को केन्द्रीय विद्यालयों में प्रधानाचार्य द्वारा संबोधित किया जाना चाहिए और प्रस्ताव से जुड़े नियम और शर्तों के लिए उनकी औपचारिक स्वीकृति प्राप्त की जाएगी।
उत्तर: अनुबंध के आधार पर नियुक्त योग शिक्षकों का पारिश्रमिक खेल के लिए अनुबंधित कोचों को किए गए भुगतान के समान होगा।