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आखिर शेयर ब्रोकर्स कैसे फायदा पहुंचाते थे?

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जल्द आप शेयरों की तरह बॉन्ड भी खरीद सकेंगे, SEBI बना रहा नियम और कानून

सेबी (SEBI) ने गुरुवार को ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स (Online Bond Platforms) के रेगुलेशन के लिए फ्रेमवर्क का प्रस्ताव पेश किया है।

सेबी (SEBI) ने गुरुवार को ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स (Online Bond Platforms) के रेगुलेशन के लिए फ्रेमवर्क का प्रस्ताव पेश किया है। ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स पर लिस्टेड बॉन्ड्स की बिक्री होती है। आइए जानते हैं मार्केट रेगुलेटर सेबी के इस प्रस्ताव में क्या है।

इसमें कहा गया है कि बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स को स्टॉक ब्रोकर्स (ऑनलाइन ब्रोकर्स डेट सेगमेंट) की तरह सेबी के पास रजिस्टर्ड होना पड़ेगा या उन्हें सेबी-रजिस्टर्ड ब्रोकर्स की ऑनलाइन ब्रोकर्स तरह काम करना होगा। इससे इनवेस्टर्स खासकर नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का भरोसा बढ़ेगा।

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स्टॉक-ब्रोकर के रेगुलेशन इन इंटिटीज (बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स) पर लागू होंगे। उनके कामकाज से जुड़े सभी पहलू, कोड ऑफ कंडक्ट और रिस्क मैनेजमेंट इसके तहत आएंगे। सेबी के प्रस्ताव में कहा गया है, " सिर्फ लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स की तरफ से खरीद-बिक्री के लिए ऑफर किए जाएंगे।

अगर बॉन्ड प्लेटफॉर्म्स पर प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर डेट सिक्योरिटीज की लिस्टिंग होती है तो उनमें छह महीने का लॉक-इन पीरियड होगा। लॉक-इन पीरियड ऑनलाइन ब्रोकर्स डेट सिक्योरिटीज की अलॉटमेंट की तारीख से शुरू होगा।

IFCM समूह के बारे में

IFCM समूह है एक समूह की कंपनियों के विकास और 15 से अधिक वर्षों के लिए नए वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रभावी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल हैं.

IFCM समूह की गतिविधि ब्रोकरेज और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा निर्धारित एकीकृत आवश्यकताएँ पूरी करता है.

यह छोटा सा काम ऑनलाइन ब्रोकर्स करके शेयर बाजार से कमा सकते हैं करोड़ों

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नोएडा. हर शख्स की कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत होती है। अगर आप भी कम समय में ज्यादा पैसा कामाना चाहते हैं तो आप की यह चाहत शेयर बाजार (Share market) से पूरी हो सकती है। अब सवाल पैदा होता है कि शेयर बेजार में काम कैसे शुरू की जाए। यानी शेयर बाजार में निवेश और ड्रेडिंग (Trading and Investment in stock market) के करने से पहले क्या करना पड़ता है। आइए आज हम आपके इन ही उलझनों को दूर कर ये बताएंगे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कैसे कर सकते हैं।

फाइनेंशियल एक्सपर्ट (Financial expert) और ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रीपू दमन गॉड ने बताया कि शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड करने के लिए एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट किसी भी शेयर ब्रोकर के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। ये दोनों अकाउंट एक साथ खुल जाते हैं। आमतौर पर डीमैट अकाउंट को खुलवाने की औसतन फीस 500 रुपए तक होती है, लेकिन ज्‍यादातर ब्रोकर कंपनियां (Broakage houses in india) पहले एक साल के लिए यह अकाउंट फ्री खोल देती है। हालांकि, इसके बाद हर साल कंपनी अकाउंट मेंटेनेंस के लिए 200 से 500 रुपए तक फीस चार्ज करती है।

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इनकम टैक्स ने कैसे पकड़ा शेयर ब्रोकर्स के बड़े नेटवर्क का काला कारोबार

इनकम टैक्स विभाग ने की छापेमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

  • नई दिल्ली,
  • 09 ऑनलाइन ब्रोकर्स दिसंबर 2019,
  • (अपडेटेड 09 दिसंबर 2019, 12:47 PM IST)

मुंबई की इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन टीम ने पूरे देश में फैले शेयर ब्रोकर्स के ऐसे नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी ट्रेड करके अपने कस्टमर के घाटे और लाभ के साथ कालेधन को भी साफ करते थे. टैक्स विभाग ने देशभर में ब्रोकर्स के कई ठिकानों पर छापे मारकर करीब 6,000 करोड़ रुपये की फर्जी ट्रेडिंग को पकड़ा है.

टैक्स अधिकारी ने कहा, ''अभी तो यह शुरुआत भर है, हम जल्द ही बड़ी मछलियों तक पहुंचने वाले हैं. शेयर बाजार को पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों को इससे बाहर किया जाए.'' टैक्स अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इंडिया टुडे से कहा कि इसमें बुलियन कारोबार से जड़ी कंपनियों के अलावा कई बड़े ब्रोकरेज हाउस भी हैं. इस ऑपरेशन के बाद हमें कई बड़े सुराग मिले हैं.

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