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कम अस्थिरता

कम अस्थिरता

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

जब वायुमंडल में वायु का उर्ध्वाधर संचरण स्थगित हो जाता है अर्थात् वायु धरातल के निकट ठंडी एवं शीतल होने के कारण ऊपर उठ नहीं पाती है, तो ऐसी स्थिति में किसी क्षेत्र विशेष में वायुमंडलीय स्थिरता की स्थिति पाई जाती है, लेकिन यदि वायु का निरंतर उर्ध्वाधर संचरण जारी रहता है, तो ऐसी स्थिति में वायुमंडलीय अस्थिरता की स्थिति पाई जाती है।

वायुमंडल की स्थिरता व अस्थिरता ताप ह्रास दर (NLR) शुष्क रुद्धोष्म ताप ह्रास दर (DALR) के मध्य संबंधों पर निर्भर करती है।

वायुमंडलीय स्थिरता की स्थिति-
जब NLR का मान DALR के मान से कम होता है तो किसी विशेष ऊँचाई पर वायु का ताप वायुमंडल के ताप से कम हो जाता है। ऐसी दशा में वायु का उर्ध्वाधर प्रवाह रुक जाता है तथा वायु का अवतलन प्रारंभ हो जाता है, जिसमें वायुमंडल स्थिर हो जाता है।

वायुमंडलीय अस्थिरता की स्थिति-
जब NLR का मान DALR के मान से अधिक हो जाता है, तो ऐसी दशा में वायु का ताप वायुमंडल के ताप से अधिक होता है और वह उर्ध्वाधर गति करती रहती है, जिसमें अस्थिरता की स्थिति बनी रहती है।

कम अस्थिरता

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वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए काम कर रहा भारत : विदेश मंत्री एस जयशंकर

वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता से दोनों देशों को उस अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए रणनीति बनाने में मदद मिली, जिसका दुनिया वर्तमान समय में सामना कर रही हैं। जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका …

वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता से दोनों देशों को उस अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए रणनीति बनाने में मदद मिली, जिसका दुनिया वर्तमान समय में सामना कर रही हैं। जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तथा रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया।

जो बाइडेन के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद दोनों देशों के मंत्रियों ने सोमवार को पहली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता की थी। जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ इस चर्चा से हमें अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए रणनीति बनाने में मदद मिली, जिसका दुनिया वर्तमान में सामना कर रही है। यह स्वाभाविक रूप से हमारी नीतियों में नजर आएगी।’’ चर्चा के दौरान दोनों देशों को विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक चुनौतियों पर एक साथ सोचने का मौका मिला।

इससे दोनों देशों के बीच उभरते प्रमुख द्विपक्षीय संबंधों पर गौर करने का अवसर भी मिला। भारत के, यूक्रेन पर आक्रमण रोकने के लिए दबाव बनाने के सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमारी चर्चा का एक लक्ष्य, नफरत को समाप्त करने के लिए दबाव बनाना भी है, मुझे लगता है कि इस बात से सब सहमत होंगे कि इससे ही मामले सुलझेंगे और दुनिया में अनिश्चितता कम होगी।’’

उन्होंने कहा कि कम अस्थिरता भारत, वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए काम कर रहा है। ‘‘ जब हम मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हम यूक्रेन के लोगों के साथ संपर्क में हैं… खासकर दवाओं की आपूर्ति के लिए…हम पहले ही यूक्रेन और कुछ पड़ोसी देशों को मानवीय राहत प्रदान कर चुके हैं। इस समय जब हम बात कर रहे हैं, तब भी दवाओं की एक खेप भेजी जा रही है या बहुत जल्द कीव भेजी जाएगी।’’

बाजार में अस्थिरता के बीच कहां और कैसे करें निवेश? किनको बेचकर निकल जाएं? एक्सपर्ट से जानिए

एक निवेशक के लिए अपने निवेश का जायजा लेने और उसमें भविष्य की जरूरतों के अनुसार बदलाव करने के लिए साल का अंत अच्छा समय हो सकता है

शेयर बाजार में लगातार जारी उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों में थोड़ी घबराहट हो सकती है। साथ ही बजट भी करीब एक महीने में पेश होना है, इससे भी अनिश्चितता बढ़ी है। इसके अलावा फिक्स्ड-इनकम वाले निवेशों पर पर ब्याज दरें इतनी कम हैं कि उनका आकर्षण अब खत्म हो गया है। ऐसे में एक निवेशक के लिए अपने निवेश का जायजा लेने और उसमें भविष्य की जरूरतों के अनुसार बदलाव करने के लिए साल का अंत अच्छा समय हो सकता है।

क्या आपको इक्विटी में निवेश करना चाहिए या अभी बेचना बेहतर है?

अगर आप शेयर बाजार में अपना निवेश कम करना चाहते हैं, तो भी एक बार में अपने सभी शेयरों को बेचने से बचें। आदर्श रूप से, अगर आपने लंबी अवधि (5 साल या उससे अधिक) के लक्ष्य के साथ निवेश किया है, तो आपको निवेश में बने रहना चाहिए। लेकिन अगर आपका लक्ष्य एक साल या उससे कम अवधि का है और आपने अपना लक्ष्य लगभग हासिल कर लिया है, तो फिर आपको इक्विटी निवेश को बनाए नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसे बेचकर कैश भुना लेना चाहिए।

Sharekhan के इनवेस्टमेंट सॉल्यूशंस हेड, गौतम कालिया आपके पोर्टफोलियो में शामिल उन निवेश को बेचने की सलाह कम अस्थिरता देते हैं, जो सबसे ज्यादा अस्थिर हैं। इनमें स्मॉल-कैप और कुछ थीमैटिक फंड शामिल हैं, जिन्होंने इस साल बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने निवेशकों को इनमें अपना निवेश कम करने की सलाह दी है। उदाहरण के लिए, स्मॉल-कैप और टेक्नोलॉजी सेक्टर के फंड्स ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, दोनों ने कम अस्थिरता 22 दिसंबर 2021 के हिसाब से पिछले एक साल में औसतन 66.26 फीसदी और 62.93 फीसदी का रिटर्न दिया।

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कई निवेशक स्मॉल-कैप शेयरों, IPO और यहां तक कि कई थीमैटिक फंडों में बिना किसी इनवेस्टमेंट व्यू या फिर उससे बाहर निकलने की कम अस्थिरता रणनीति (Exit Stratgey) के ही इनमें निवेश कर रहे हैं। अमेरिकी फेड रिजर्व ने हाल ही उम्मीद से पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत दिया है, जिसके बाद से विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयर बाजार में अपना निवेश घटा रहे हैं। इससे बाजार में अस्थिरता और बढ़ी है। ऐसे में यह खराब क्वालिटी वाली शेयरों से बाहर निकलने और अपने इक्विटी पोर्टफोलियो की गुणवत्ता को बेहतर करने का समय है। अच्छी क्वालिटी वाले शेयरों में गिरावट के बाद हमेशा मजबूत उछाल देखी कम अस्थिरता जाती है। खराब क्वालिटी वाले शेयरों में ऐसा नहीं होता है।

प्लान रुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज (Plan Rupee Investment Services) के फाउंडर अमोल जोशी ने बताया, "शेयर बाजार में इस साल अच्छी रैली आई और इसने अगले दो से तीन सालों में जितना रिटर्न की उम्मीद थी, उतना इसी साल में दे दिया है। ऐसे में अब निवेशकों को अपने एसेट अलोकेशन पर फिर नए सिरे से विचार करना चाहिए।"

इसका यह मतलब नहीं है कि निवेशक घबराहट में बिकवाली करने लगें। कालिया कहते हैं, 'इक्विटी म्यूचुअल फंड न बेचें क्योंकि बाजार में तेजी है। हालांकि यदि आपका कम अस्थिरता कम अस्थिरता आवंटन इक्विटीज में काफी ज्यादा है, तो उसे कम करना बेहतर रहेगा।"

क्या कम अस्थिरता कम अस्थिरता शेयरों में निवेश के लिए अब देर हो चुकी है?

अगर आप पिछले डेढ़ साल से शेयर बाजार में जारी तेजी की लहर पर सवार नहीं हो पाए हैं, तो आपके लिए निवेश करने का अच्छा समय हो सकता है। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ MD और CEO आशीष शंकर ने बताया, "अगर बजट से पहले शेयर बाजार में अस्थिरता आती है, तो निवेशकों के लिए यह मौका हो सकता है। एक बार में सारा पैसा न लगाए। पहले थोड़ा निवेश करें। फिर कोई कम अस्थिरता बड़ी गिरावट आने और अच्छा मौका दिखने पर और निवेश करें। हालांकि इससे मिलने वाले रिटर्न की उम्मीद को मॉडरेट रखें।"

जोशी कहते हैं, 'नए निवेशकों के कम अस्थिरता लिए एग्रेसिव हाइब्रिड और बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में SIP के जरिए निवशे एक अच्छी शुरुआत हो सकती हैं। इसके अलावा उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निवेश करना चाहिए। पोर्टफोलियो का 5 से 10 पर्सेंट हिस्सा गोल्ड में भी जरूर निवेश करना चाहिए।"

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