स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है?

Top 5 Stock Exchanges of the World | Biggest Stock Exchanges of the World
स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchange) का इतिहास बहुत पुराना है। स्टॉक एक्सचेंज वो जगह है जहां सभी कंपनिया लिस्टेड होती है स्टॉक एक्सचेंज किसी कंपनी और इन्वेस्टर के बीच में मीडिएटर का काम करते है जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार से पैसा उठाना होता है तो वह कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लेती है जिससे की लोग उस कंपनी में निवेश कर सके।
दुनिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज (First Stock Exchange of World) की स्थापना 440 से ज्यादा साल पहले हुई थी। दुनिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज यूरोप में शुरू हुआ था। नीदरलैंड्स में इसकी शुरुआत 1602 में हुई थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 1875 में हुई थी। यह देश के दो सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। क्या आप जानते हैं दुनिया के पांच सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज कौन हैं?
आज हम इसी बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते है :
यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह अमेरिका में है। इसकी इमारत न्यूयॉर्क के 11, वॉल स्ट्रीट में स्थित है।केवल 24 लोगों द्वारा शुरू किए गए इस स्टॉक एक्सचेंज में आज 2400 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इनमें कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। इस लिस्ट में बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathway), वाल्ट डिजनी (Walt Disney), कोका कोला, जेपी मॉर्गन चेज, वॉलमार्ट जैसी कंपनियां हैं। इस एक्सचेंज की स्थापना 1792 में हुई थी। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) का बाजार पूंजीकरण 22.9 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा है। इस पर रोजाना औसतन 2 से 6 अरब शेयरों का कारोबार होता है। NYSE को ‘द बिग बोर्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटेशंस (NASDAQ) दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह भी अमेरिका में है। यह एनवाईएसई के मुकाबले काफी नया है। इसकी स्थापना 1971 में हुई थी। इसे दुनिया में पहला इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा वाला एक्सचेंज माना जाता है। इस पर 3000 से ज्यादा कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 10.8 लाख करोड़ डॉलर है। इस पर कई दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इनमें माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), गूगल (Google), फेसबुक (Facebook), टेस्ला (Tesla), ऐमजॉन, एपल, सिस्को शामिल हैं।
टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (TSE) का मुख्यालय जापान के टोक्यो में है। इसकी स्थापना 1878 में हुई थी। इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। इस पर करीब 3500 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। निक्केई 225 इसका प्रमुख सूचकांक है। एक्सचेंज पर ट्रेडों को येन में दर्शाया जाता है और हर दिन बहुत अधिक मात्रा में होता है क्योंकि व्यापारी जापान के भीतर की स्थितियों पर प्रतिक्रिया करते हैं, साथ ही वैश्विक बाजार दबाव भी। इस पर होंडा, सुजुकी, सोनी, मित्सीबिशी जैसी दिग्गज कंपनियां सूचीबद्ध हैं।
- शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (SSE)
यह एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह चीन के शंघाई में है। इसकी स्थापना 1866 में हुई थी। लेकिन, 1949 में चीन में हुई क्रांति में इसका वजूद खत्म हो गया था। दोबारा 1990 में इसकी स्थापना हुई। इस पर 1450 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर है। शंघाई स्टॉक एक्सचेंज अभी भी पूरी तरह से विदेशी निवेशकों के लिए खुला नहीं है और अक्सर चीन की केंद्र सरकार के फैसलों से प्रभावित होता है।
यह नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम में स्थित है। इसे यूरोपीय स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है। इसे यूरोप का सबसे अच्छा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। इस पर 1300 से ज्यादा कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 4.2 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा है। इस एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की खरीदफरोख्त यूरो में होती है।
तो दोस्तों ये हमने आज बात की दुनिया भर की टॉप 5 स्टॉक एक्सचेंज के बारे में। दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया
मुंबई, भारत, 05 अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।
इस मौके पर सुश्री फोर ने कहा, "भारतीय व्यापार समूह में यह समझ बढ़ रही है कि साझी मान्यताएं - जो इस विचार से उत्पन्न होती है कि परोपकार ही अच्छा व्यापार है - स्वस्थ, बेहतर शिक्षित, और अधिक संपन्न जन समूह को समर्थन देकर विकसित की जा सकती है। व्यापार जगत के लिए यह अनिवार्य नहीं कि उसका मुनाफा समुदाय हित की अनदेखी कर के ही प्राप्त किया जाए। वास्तव में, उनका मुनाफा स्थानीय समुदाय और वहां रहने वाले लोगों की बेहतर सेवा और मदद करके भी कमाया जा सकता है। एक पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्ट्स ने चर्चा की, कि कैसे व्यवसायी और उद्योगपति यूनिसेफ और एनएसई जैसे संगठनों के साथ मिलकर बच्चों और युवाओं के हित के लिए समाधान खोज सकते हैं। चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह व्यवसाय लिंग भेद का मुकाबला करने के लिए अधिक कार्य कर सकते हैं, और ऐसी सामाजिक बाधाओं का विरोध कर सकते हैं जो कार्यस्थल में लैंगिक असमानताओं को मजबूत करती हैं। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी गौर किया कि विश्व में किशोरों और युवाओं की तेज़ी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यकुशलता में कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में तत्काल निवेश की आवश्यकता है।
एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"
ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने कहा, “हम जैसे युवा जो कर सकते हैं, उसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। हमें ज़रूरत है सही अवसर और कौशल की। मैं हर तरह से यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" वर्तमान परिवेश में युवा लोगों में समान निवेश ही सबसे अच्छा और मूल्यवान लम्बी अवधि का निवेश है, जो सरकारें और व्यवसाय कर सकते हैं। युवा लोगों में निवेश करना वास्तव में उपयोगी है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और समाज को सकारात्मक लाभ मिलते हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में यूनिसेफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर 'युवाह!' का शुभारंभ किया। यह युवाओं, सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र को एक साथ लाने वाला मंच है, जिसका उद्देश्य है ऐसे समाधान खोजना जो युवाओं के लिए आवश्यक बदलावों में तेजी ला सके।
संपादकों के लिए टिपप्णी
सुश्री फोर, जो 1 जनवरी 2018 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की सातवीं कार्यकारी निदेशक बनीं, उन्हें सार्वजनिक विकास, निजी क्षेत्र और गैर-लाभकारी क्षेत्र में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवीय सहायता और आपदा राहत में अपने काम व नेतृत्व के लिए जाना जाता है।
अपने चार दशक से अधिक के कार्यकाल में, सुश्री फोर ने 2007 से 2009 तक एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ़ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और डायरेक्टर ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन असिस्टेंस के रूप में कार्य किया। 2009 में उन्हें डिस्टिंग्विशड सर्विस अवार्ड (विशिष्ट सेवा का पुरस्कार) मिला, जो कि संयुक्त राज्य अमरीका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
2005 से 2007 तक, उन्होंने अंडर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर मैनेजमेंट के रूप में काम किया, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर हैं।
कृपया उनके शैक्षिक अभिलेख और कार्य अनुभव के लिए यह लिंक (link to her CV) देखें।
Stock Market Muhurat Trading: दीपावली पर Muhurat Trading की ये होगी टाइमिंग, जानिए कैसी रही थी 2021 की मुहूर्त ट्रेडिंग
किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। बाजार में धारणा सकारात्मक है और विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी हो रही है। माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है।
Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: October 21, 2022 16:54 IST
Photo:FILE Muhurat Trading
शेयर बाजार में यूं तो साल भर कारोबार होता है, लेकिन दिवाली का दिन बाजार के लिए बेहद खास होता है। इस दिन शेयर बाजार में निवेश शुभ और वित्तीय समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। इस साल हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दीपावली पर सोमवार को प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होगा।
क्या होगी मुहूर्त ट्रेडिंग की टाइमिंग
दोनों शेयर बाजारों ने अलग-अलग परिपत्रों में बताया कि यह सांकेतिक कारोबारी सत्र शाम को सवा छह बजे से सवा सात बजे के बीच होगा। ऐसी मान्यता है कि ‘मुहूर्त’ के दौरान सौदे करना शुभ होता है और वित्तीय समृद्धि लाता है। अपस्टॉक्स में निदेशक पुनीत माहेश्वरी ने कहा, ‘‘किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। बाजार में धारणा सकारात्मक है और विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी हो रही है। माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है।’’
सतर्क रहें कारोबारी
माहेश्वरी ने कहा, यह सत्र केवल एक घंटे का है इसलिए नए कारोबारियों को इस दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है। सेंकटम वैल्थ में उत्पादों एवं समाधानों के सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है? कि संवत 2078 के दौरान भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों की तुलना में कहीं अच्छा प्रदर्शन किया था जो संवत 2079 में भी जारी रहने की उम्मीद है। शेयर बाजार 26 अक्टूबर को बंद रहेंगे।
कैसी रही थी 2021 की मुहुर्त ट्रेडिंग
बीते साल 4 नवंबर, 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था. हालांकि, साल 2022 में शेयर बाजार में खासी उथल-पुथल देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद उम्मीद है मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी.
पांच दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता हैं | Share Market In Hindi
Share Market In Hindi: शेयर बाजार एक ऐसा मंच है जहां निवेशक स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है? शेयर, बांड और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों में व्यापार करने के लिए आते हैं। स्टॉक एक्सचेंज इस लेनदेन के एक सूत्रधार के रूप में काम करता है और शेयरों की खरीद और बिक्री को सक्षम बनाता है।
भारतीय शेयर बाजार का परिचय (Introduction to the Indian Stock Market)
Table of Contents
शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा जरिया है। भारत में मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)। कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को आईपीओ के जरिए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करती हैं। निवेशक इन शेयरों में द्वितीयक बाजार के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं।
भारत में दो स्टॉक एक्सचेंजों में कुछ अवसरों पर INR 6,00,000 करोड़ के शेयरों का कारोबार हुआ है। भारत में शुरुआती लोग अक्सर शेयर बाजार में जुए में निवेश करने पर विचार करते हैं, लेकिन शेयर बाजार की एक बुनियादी समझ उस धारणा को बदल सकती है।
भारतीय शेयर बाजारों का विनियमन (Regulation of the Indian Stock Markets)
भारत में शेयर बाजारों का विनियमन और पर्यवेक्षण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास है। सेबी का गठन 1992 के सेबी अधिनियम के तहत एक स्वतंत्र पहचान के रूप में किया गया था और स्टॉक एक्सचेंजों का निरीक्षण करने की शक्ति रखता है। निरीक्षण प्रशासनिक नियंत्रण के पहलुओं के साथ बाजार के संचालन और संगठनात्मक संरचना की समीक्षा करते हैं। सेबी की मुख्य भूमिका में शामिल हैं:
- निवेशकों के विकास के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत बाजार सुनिश्चित करना
- एक्सचेंज संगठन का अनुपालन, सिस्टम सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (विनियमन) अधिनियम (एससी (आर) अधिनियम), 1956 के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार इसका अभ्यास करता है।
- सेबी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें
- जाँच करें कि क्या एक्सचेंज ने सभी शर्तों का अनुपालन किया है और एससी (आर) अधिनियम 1956 की धारा 4 के तहत, यदि आवश्यक हो तो अनुदान का नवीनीकरण किया है।
शेयर बाजार के प्रकार (Share Market In Hindi)
शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।
प्राथमिक शेयर बाजार (Primary Share Market)
यह प्राथमिक बाजार में है कि कंपनियां अपने शेयर जारी करने और धन जुटाने के लिए खुद को पंजीकृत करती हैं। इस प्रक्रिया को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने का उद्देश्य धन जुटाना है और यदि कंपनी पहली बार अपने शेयर बेच रही है तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी एक सार्वजनिक इकाई बन जाती है।
द्वितीयक बाजार (Secondary Market)
प्राथमिक बाजार में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद कंपनी के शेयरों का द्वितीयक बाजार में कारोबार होता है। इस तरह निवेशक अपने शेयर बेचकर बाहर निकल सकते हैं। द्वितीयक बाजार में होने वाले ये लेन-देन व्यापार कहलाते हैं। इसमें निवेशकों की एक-दूसरे से खरीदारी करने और सहमत मूल्य पर आपस में बेचने की गतिविधि शामिल है। एक दलाल एक मध्यस्थ है जो इन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।
शेयर बाजार कैसे काम करते हैं (How do the Share Markets work)
स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को समझना (Understanding the Stock Exchange Platform)
स्टॉक एक्सचेंज वास्तव में एक ऐसा मंच है जो स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार करता है। इस प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ट्रेड करने के लिए प्रतिभागियों को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराना होता है। व्यापारिक गतिविधियों में दलाली, कंपनियों द्वारा शेयर जारी करना आदि शामिल हैं।
सेकेंडरी मार्केट में कंपनी की लिस्टिंग (Listing of the Company in the Secondary Market)
किसी कंपनी के शेयर पहली बार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश या आईपीओ के माध्यम से द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध होते हैं। शेयरों का आवंटन लिस्टिंग से पहले होता है और शेयरों के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों को निवेशकों की संख्या के आधार पर अपना हिस्सा मिलता है।
द्वितीयक बाजार में व्यापार (Trading in the Secondary Market)
एक बार कंपनी सूचीबद्ध हो जाने के बाद, निवेशकों द्वारा द्वितीयक बाजार में शेयरों का कारोबार किया जा सकता है। यह खरीदारों और विक्रेताओं के लिए लेन-देन करने और मुनाफा कमाने या कुछ मामलों में नुकसान का बाजार है।
स्टॉक ब्रोकर्स (Stock Brokers)
हजारों की संख्या में निवेशकों की संख्या के कारण, उन्हें एक स्थान पर इकट्ठा करना मुश्किल है। इसलिए, व्यापार करने के लिए, स्टॉक ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म तस्वीर में आते हैं।
ये ऐसी संस्थाएं हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत हैं और निवेशकों और एक्सचेंज के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती हैं। जब आप किसी शेयर को किसी निश्चित दर पर खरीदने का ऑर्डर देते हैं, तो ब्रोकर इसे एक्सचेंज में प्रोसेस करता है जहां कई पार्टियां शामिल होती हैं।
आपके आदेश का पारित होना (Passing of your order)
आपका खरीद ऑर्डर ब्रोकर द्वारा एक्सचेंज को पास कर दिया जाता है, जहां उसका मिलान उसी के लिए बेचने के ऑर्डर के लिए किया जाता है। विनिमय तब होता है जब विक्रेता और खरीदार एक कीमत पर सहमत होते हैं और इसे अंतिम रूप देते हैं; फिर आदेश की पुष्टि की जाती है।
समझौता (Settlement)
एक बार जब आप किसी कीमत को अंतिम रूप दे देते हैं, तो एक्सचेंज यह सुनिश्चित करने के लिए विवरण की पुष्टि करता है कि लेनदेन में कोई चूक नहीं है। एक्सचेंज तब शेयरों के स्वामित्व के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है जिसे निपटान के रूप में जाना जाता है। ऐसा होने पर आपको एक संदेश प्राप्त होता है। इस संदेश के संचार में ब्रोकरेज ऑर्डर विभाग, एक्सचेंज फ्लोर ट्रेडर्स आदि जैसे कई पक्ष शामिल होते हैं।
प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में क्या अंतर है? कैसे होता है इसमें निवेश
प्राइमरी मार्केट में नए शेयर और बांड जारी किए जाते हैं, जबकि सेकेंडरी मार्केट में पहले से जारी शेयरों और बांडों की बिक्री और खरीद होती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: Oct 20, 2022 | 12:51 PM
यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पहले प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बीच के अंतर को समझना होगा . शेयर मार्केट के एक्सपर्ट आमतौर पर प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं . आपने भी प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बारे में अक्सर सुना होगा . क्या आप जानते स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है? हैं इनका क्या मतलब होता है और इनमें क्या अंतर है ? दरअसल शेयर मार्केट दो तरह के होते हैं – प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट . क्या आपको पता है कि दोनों मार्केट एक दूसरे से कैसे अलग हैं ?
प्राइमरी मार्केट
नई सिक्योरिटीज जैसे नए शेयर और बांड प्राइमरी मार्केट में जारी किए जाते हैं . प्राइमरी मार्केट में कंपनियां निवेशकों को शेयर बेचती हैं और पैसा जुटाती हैं . प्राइमरी मार्केट में सीधे कंपनी और निवेशकों के बीच लेनदेन होता है . ऐसे कई अलग – अलग तरीके हैं जिनके माध्यम से एक कंपनी प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटा सकती है . इनमें पब्लिक इश्यू (IPO), प्राइवेट प्लेसमेंट और राइट्स इश्यू शामिल हैं .
जब कोई कंपनी स्टॉक एक्सचेंज के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर पहली बार निवेशकों से पैसा जुटाती है तो उसे ऐसा करने के लिए एक IPO लॉन्च करना पड़ता है . प्राइमरी मार्केट में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए जिसे ब्रोकरेज हाउस या बैंकों के साथ खोला जा सकता है . ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म है 5 पैसा ( https://www.5paisa.com/open-demat-account ) जहां आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . इस प्रक्रिया के जरिए कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है? जाती है . कंपनी का प्राइमरी मार्केट में प्रवेश ( एंटर ) करने का मुख्य मकसद पैसा जुटाना होता है . प्राइमरी मार्केट में निवेशक केवल शेयर खरीद सकते हैं बेच नहीं सकते . खरीदे गए शेयरों को बेचने के लिए उन्हें सेकेंडरी मार्केट में जाना पड़ता है .
सेकेंडरी मार्केट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसे स्टॉक एक्सचेंज सेकेंडरी मार्केट हैं , जहां आप IPO के दौरान खरीदे गए शेयरों को बेच सकते हैं . इस मार्केट में किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं . जब हम स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदते और बेचते हैं तब हम सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग कर रहे होते हैं . सेकेंडरी मार्केट में निवेशकों ( खरीदारों और विक्रेताओं ) के बीच पैसे और शेयरों का आदान – प्रदान ( एक्सचेंज ) किया जाता है . कंपनी सेकेंडरी मार्केट में होने वाले लेनदेन ( ट्रांजेक्शन ) में शामिल नहीं है . सेकेंडरी मार्केट को “ आफ्टर मार्केट ” भी कहा जाता है क्योंकि जो शेयर पहले ही जारी किए जा चुके हैं , उनका कारोबार यहां होता है .