वैश्विक बाजार

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वैश्विक बाजार से सकारात्मक संकेत, एशियाई बाजारों में भी उछाल
- अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले यूएस फ्यूचर्स पर दबाव
नई दिल्ली, 07 नवंबर (हि.स.)। ग्लोबल मार्केट से सोमवार को मजबूती के संकेत नजर आ रहे हैं। एशियाई बाजारों ने भी आज मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की है, लेकिन अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले यूएस फ्यूचर्स पर दबाव बना हुआ नजर आ रहा है।
पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी मार्केट उतार-चढ़ाव के बावजूद मजबूती के साथ बंद हुए थे। डाओ जोंस 400 अंक की मजबूती के साथ और नैस्डेक 132 अंक की मजबूती के साथ बंद हुए थे, जबकि एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.36 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,770 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। माना जा रहा है कि भविष्य की आशंका के बावजूद बेहतर जॉब डेटा के कारण अमेरिकी बाजार की मजबूती कायम रही है। पिछले सप्ताह आए अमेरिकी जॉब डेटा उम्मीद से बेहतर रहे हैं।
अनुमान की तुलना में जॉब डेटा में करीब 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद अमेरिका में बेरोजगारी दर अभी भी 3.7 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है, जो दिसंबर 2020 के बाद का सबसे कमजोर स्तर है। इसी सप्ताह 9 नवंबर को यूएस कांग्रेस के मिड टर्म चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इसके साथ ही 10 नवंबर को महंगाई के आंकड़े आने वाले हैं। चुनाव के नतीजों और महंगाई के आंकड़ों का असर अमेरिकी बाजार पर पड़ेगा, जिससे ग्लोबल मार्केट भी प्रभावित होगा।
एशियाई बाजारों में भी आज सुबह से मजबूती का रुख बना हुआ है। एसजीएक्स निफ्टी 2 अंक की सांकेतिक मजबूती के साथ 18,205 अंक के स्तर पर बना हुआ है, जबकि निक्केई इंडेक्स 1.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 27,543.66 अंक के स्तर पर है। स्ट्रेट टाइम्स इंडेक्स भी 0.21 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,136.वैश्विक बाजार 59 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह हैंग सेंग इंडेक्स 543.43 अंक यानी 3.42 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल के साथ 16,714.57 अंक के स्तर पर कारोबार करता नजर आ रहा है।
अभी तक के कारोबार में ताइवान वेटेड इंडेक्स में भी 211.10 अंक की तेजी आ चुकी है, जिसके कारण ये इंडेक्स 13,237.81 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं कोस्पी इंडेक्स 0.97 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,371.24 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा सेट कंपोजिट इंडेक्स 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,630.06 अंक के स्तर पर, जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,061.65 अंक के स्तर पर और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,084.87 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।
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Cooking Oil Rate Indore: वैश्विक बाजार टूटने से सोया तेल घटकर 1310 रुपये बिका
Edible Oil Price in Indore: देशभर में सोयाबीन की आवक बढ़कर 8 लाख बोरी की रही जिसमें से मध्यप्रदेश में आवक 3 लाख 75 हजार बोरी की दर्ज की गई। बाजारों में भी लेवाली का अभाव रहने से सोया तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा।
Edible Oil Price in Indore इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। संयुक्त राष्ट्र की अध्यक्षता में होने वाली अनाज निर्यात सौदे को 120 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। इसके चलते वैश्विक खाद्य तेल बाजारों में जोरदार कमजोरी देखी गई। मलेशिया पाम तेल वायदा में गुरुवार को चार महीनों में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट आई। मलेशिया पाम तेल महीने में सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। बर्सा मलेशिया एक्सचेंज शुक्रवार को मलेशिया में चुनाव के कारण बंद रहेगा। सीबीओटी सोया तेल प्रोजेक्शन 122 माइनस रहा।
रूस-यूक्रेन सौदे का दबाव और चीन की कमजोर मांग से अन्य सकारात्मक पहलु को नजरअंदाज किया है। इसके चलते हाजिर बाजारों में भी लेवाली का अभाव रहने से सोया तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। गुरुवार को सोया तेल इंदौर 20 रुपये घटकर 1305-1310, पाम तेल इंदौर 10 रुपये घटकर 1010 रुपये प्रति दस किलो रह गया। दूसरी ओर देशभर में सोयाबीन की आवक बढ़कर 8 लाख बोरी की रही जिसमें से मध्यप्रदेश में आवक 3 लाख 75 हजार बोरी की दर्ज की गई।
प्लांटों की मांग कमजोर रहने से सोयाबीन में भी करीब 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट रही। छावनी अनाज मंडी में सोयाबीन बेस्ट 5200-5500 एवरेज 4800-5100 रुपये प्रति क्विंटल बिकी। अक्टूबर में सोया मील का निर्यात सितंबर की तुलना में 193 फीसदी बढ़कर 40.196 टन पर पहुंच गया। पिछले साल अक्टूबर की तुलना में निर्यात में 7 फीसदी की गिरावट आई। अक्टूबर सरसों मील के निर्यात में 39.56 फीसदी की गिरावट आई है।
लूज तेल- (प्रति दस किलो के भाव) मूंगफली तेल इंदौर 1510-1530, मुंबई मूंगफली तेल 1560, इंदौर सोयाबीन रिफाइंड 1305-1310, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 1285-1290, इंदौर पाम 1010 मुंबई सोया रिफाइंड 1350, मुंबई पाम तेल 955, राजकोट तेलिया 2430, गुजरात लूज 1510-1530, कपास्या तेल वैश्विक बाजार इंदौर 1260-1275 रुपये।
प्लांटों सोयाबीन के दाम- लक्ष्मी 5575 खंडवा 5600 बैतूल 5650 कृति 5500 रामा 5450 अंबिका 5600 एमएस साल्वेक्स 5575 एमएस पचौर 5775 रुचि 5540 प्रेस्टीज 5500 सांवरिया 5750 धानुका 5575 अवी एग्रो 5475 रुचि 5640 रुपये प्रति क्विंटल ।
कपास्या खली- (60 किलो भरती) इंदौर 2250 देवास 2250, उज्जैन 2250, खंडवा 2225, बुरहानपुर 2225, अकोला 3150 रुपये।
‘मेड इन इंडिया’ पहल से भारतीय हस्तशिल्प को मिल रहा वैश्विक बाजार, निर्यात में दर्ज हुई 29 % की वृद्धि
हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयासों को जारी रखने के लिए आयोजित इस प्रदर्शनी में सम्पूर्ण भारत की झलक दिखी। भारत के सभी हिस्सों से 10 राष्ट्रीय मास्टर शिल्पकार और निर्यातक हस्तशिल्प उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित किया। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प उत्पादों जैसे होम डेकोर, होम फर्निशिंग, कालीन, फर्नीचर, लैंप, फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज, धूप, सुगंध और वेलनेस उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला शामिल रही। मेड इन इंडिया – ट्रेड शो प्रदर्शनी भारत की विविधता को चित्रित करने का एक अवसर है, जिसकी दुनिया सराहना कर रही है। ईपीसीएच के तत्वावधान में आयोजित यह प्रदर्शनी दुनिया के सामने भारत के कौशल प्रतिस्पर्धा वैश्विक बाजार और दुनिया के लिए गुणवत्ता अनुपालन का पालन करने का भी एक अवसर है।
ईपीसीएच दे रही हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) देश से विश्व के अन्य देशों में हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प वस्तुओं और सेवाओं के वैश्विक बाजार विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेश में भारत की छवि पेश करने के लिए एक नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच की पहल से वर्ष 2021-22 के दौरान 33253.00 करोड़ रुपए (4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हस्तशिल्प निर्यात दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष की तुलना में रुपए के संदर्भ में 29.49 प्रतिशत और डॉलर के संदर्भ में 28.90 प्रतिशत की वृद्धि है। ईपीसीएच और भारतीय मिशनों के सहयोग से भारतीय कला और शिल्प पर ‘मेड इन इंडिया’- ट्रेड शो प्रदर्शनी लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देगी।
2021-22 में हस्तशिल्प निर्यात में 29 % की वृद्धि
केंद्र सरकार के सहयोगात्मक प्रयास से हस्तशिल्प क्षेत्र नित नई ऊंचाइयों वैश्विक बाजार पर पहुंच रहा है। देश को 2021-22 में हस्तशिल्प निर्यात में 29 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है। 2020-21 में हस्तशिल्प निर्यात 25,680 करोड़ रुपए से बढ़कर 2021-22 में 33,253 करोड़ रुपए हो जाना इसकी सफलता का प्रमुख उदाहरण है। केंद्र सरकार इस क्षेत्र में अपने निर्यात लक्ष्यों को और बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए सरकार ऐसा परितंत्र बना रही है जिससे गुणवत्ता, निरंतरता, डिजाइन और ब्रांडिंग पर जोर देकर इस क्षेत्र में कई गुना वृद्धि संभव की जा सके। हस्तशिल्प कलाकारों और निर्यातकों से इस क्षेत्र में विकास को गति देने के लिए सरकार ने नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं की मजबूत कर रहा पारंपरिक कौशल
पारंपरिक कौशल से जुड़े व्यवसाय पीएम मोदी के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो ग्रामीण स्तर की स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं की ताकत के निर्माण पर आधारित है। सरकार पारंपरिक कौशल को बढ़ावा देने और उनके प्रचार प्रसार के लिए किए जा रहे सहयोग से जहां कारीगरों को अपनी उत्पाद का बजार मिल रहा है वहीं क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था भी तेजी से मजबूत हो रही है। सरकार ने सभी हस्तशिल्प कारीगरों और उद्यमियों को भारत और दुनिया के ग्राहकों के साथ जुड़ने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयाएर किया है ताकि वे आसानी से लेनदेन कर सकें। इससे न केवल इस क्षेत्र में व्यापार में आसानी होगी बल्कि भारत से निर्यात को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
मस्क के पदभार संभालने के साथ ही ट्विटर की वैश्विक बाजार हिस्सेदारी 55 प्रतिशत बढ़ी
नई दिल्ली। एलन मस्क के अधिग्रहण के बीच 2022 में ट्विटर की बाजार हिस्सेदारी में 55.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि दुनिया भर में डेस्कटॉप और मोबाइल उपकरणों पर नवंबर तक फेसबुक की हिस्सेदारी 11.86 प्रतिशत गिर गई है। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
फिनबोल्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, बाजार हिस्सेदारी के टूटने से संकेत मिलता है कि फेसबुक ने वर्ष की शुरुआत 76.85 प्रतिशत से की, जबकि नवंबर में, मूल्य 67.73 प्रतिशत था।
अन्य जगहों पर, जनवरी में, ट्विटर की बाजार हिस्सेदारी 7.16 प्रतिशत थी, जबकि नवंबर तक यह आंकड़ा 11.16 प्रतिशत था।
निष्कर्षो से पता चलता है कि डेटा से, फेसबुक प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना हुआ है, लेकिन ट्विटर अपने बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करने की दौड़ जीत रहा है। ट्विटर का हिस्सा टेस्ला के सीईओ मस्क द्वारा कंपनी के अधिग्रहण के साथ सहसंबंध में बढ़ गया है, जिन्होंने पहले ही कंपनी में कई बदलावों को लागू करना शुरू कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि आंतरिक रिपोर्ट, जिसकी पुष्टि एलन मस्क ने भी की है, उससे संकेत मिलता है कि ट्विटर के रूप में दैनिक उपयोगकर्ता वृद्धि ने मस्क के कार्यकाल के पहले पूरे सप्ताह के दौरान एक सर्वकालिक उच्च स्तर प्राप्त किया।
फिनबॉल्ड ने कहा, "प्रदर्शन शुरुआती आशंकाओं को शांत करने के लिए प्रतीत होता है कि ट्विटर मस्क के अधिग्रहण के साथ उपयोगकर्ताओं के बड़े पैमाने पर पलायन का अनुभव कर सकता है।"
पूरे वर्ष बाजार हिस्सेदारी के आंकड़ों के आधार पर, यह माना जा सकता है कि मस्क ने संख्याओं को प्रभावित किया है। उदाहरण के लिए, जब सौदे की पहली बार घोषणा की गई थी, तब शेयर मई के आसपास बढ़ गया था, लेकिन शुरू में पीछे हटने के बाद यह गिर गया।
मस्क फैक्टर और बदलाव के वादे के अलावा, ट्विटर के विकास को डिजाइन बदलने जैसे तत्वों के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वहीं, टिकटॉक जैसे नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा से फेसबुक की बाजार हिस्सेदारी प्रभावित हुई है।
इस लाइन में, जिस कंपनी ने 11,000 कर्मचारियों को निकाल दिया है, वह टिकटॉक जैसे प्रतिद्वंद्वियों के लिए उपयोगकर्ताओं और विज्ञापन राजस्व दोनों को खो रही है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "वैश्विक बाजार कुल मिलाकर, फेसबुक ने वर्षो से उपयोगकर्ताओं के साथ संघर्ष किया है, विशेषज्ञों ने सूचना अधिभार, गोपनीयता चिंताओं, लत, साथियों के दबाव और नए प्लेटफार्मों के उद्भव जैसे कारकों की ओर इशारा किया है।"
वैश्विक आर्थिक मंदी के 14 साल! फिर उसी डर में जी रही दुनिया, कहीं 2008 से भी ज्यादा खराब न हो जाए हालात
आर्थिक मंदी के पीछे लीमैन ब्रदर्स सबसे बड़ी वजह रहे. दरअसल, अमेरिका में 2002-04 में होम लोन सस्ता और आसान होने से प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ रही थी. इस तेजी में लीमैन ने लोन देने वाली 5 कंपनियों को खरीद ली.
बीता हुआ कल बुरा हो या अच्छा, नई सीख देता है. लेकिन हालात अगर अनुकूल न हो तो बीता हुआ कल वर्तमान को और भी बुरा बना देता है. इतनी गूढ़ बातें इसलिए क्योंकि आज ही के दिन ठीक 14 साल पहले 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते दुनियाभर के बाजारों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई थी. अमेरिकी बाजारों में भयानक बिकवाली के चलते उस समय करीब 1.2 लाख करोड़ डॉलर सिर्फ एक दिन में साफ हो गया था. ठीक 14 साल बाद आज भी हालात मंदी के ही बन रहे हैं. दुनियाभर के जानकार यही मानकर चल रहे हैं कि कम से कम 2022 में 14 साल पुरानी स्थिति ना तैयार हो.
अमेरिकी बाजार के लिए कैसा रहा था 29 सितंबर
सोमवार, 29 सितंबर 2008 को जब अमेरिकी बाजार खुले, तो गिरावट के कई पुराने रिकॉर्ड टूट गए. बाजार के प्रमुख इंडेक्स डाओ 7 फीसदी, S&P 500 इंडेक्स 8.8 फीसदी और नैस्डैक 9 फीसदी टूटे. US मार्केट में इससे पहले 1987 में इतनी बढ़ी गिरावट देखने को मिली थी. एक दिन की भारी बिकवाली में अमेरिकी बाजार की वैल्यू करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर घट गई थी, जोकि उस समय भारत की कुल GDP के वैश्विक बाजार बराबर की रकम थी. बाजार के दिग्गज स्टॉक जैसे एप्पल 18 फीसदी, Citigroup 12 फीसदी, JP Morgan 15 फीसदी तक टूटे. बड़े बैंकिंग शेयर हों या रीजनल बैंकों के शेयर सभी में भारी बिकवाली रही.
वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह क्या थी?
आर्थिक मंदी के पीछे लीमैन ब्रदर्स सबसे बड़ी वजह रहे. दरअसल, अमेरिका में 2002-04 में होम लोन सस्ता और आसान होने से प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ रही थी. इस तेजी में लीमैन ने लोन देने वाली 5 कंपनियों को खरीद ली. लेकिन ऊंची कीमतों के चलते डिमांड घटने लगा और लोन अब डिफॉल्ट होने लगे. इसका परिणाम यह हुआ कि मार्च 2008 में अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी होम लोन कंपनी बियर स्टर्न्स डूब गई. फिर 17 मार्च को लीमैन के शेयर 48 फीसदी तक गिरे. दूसरी ओर कोरिया डेवलपमेंट बैंक द्वारा इसमें निवेश और वैश्विक बाजार बार्कलेज में विलय की बात असफल रही. अंत में कंपनी ने 15 सितंबर 2008 को दीवालीयापन के लिए आवेदन किया. लंबे समय से जारी बिकवाली हावी हो गई और 29 सितंबर को अमेरिकी बाजार में कोहराम मच गया. मंदी का असर अगले एक दशक तक रहा.