शेयर बाजार में हेरफेर

मेरे कोर्स के Module 5, "ए कम्पलीट कोर्स ऑन इंडियन स्टॉक मार्किट ", में शेयर बाजार, underlying assets और issuing organizations की समझ के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है। Module 5 के चैप्टर्स हैं-
Class Doubts - Module 5 - Hindi Batch
इंसान होने के नाते हम लोग प्राकृतिक रूप से जोखिमों से दूर भागते रहते है शेयर बाजार में हेरफेर क्युकी हर किसी को बिना जोखिम वाली लाइफ पसंद होती है लेकिन साथ ही इस बात को भी नाकारा नहीं जा सकता की जो लोग अपनी लाइफ में जोखिम उठाते है वो आमतौर पर ज़्यादा कामयाब और हीरो माने जाते है। यह जीवन के अधिकांश पहलुओं में सच प्रतीत हो सकता है, हालांकि, फाइनेंसियल मार्किट और शेयर मार्किट में ट्रेडिंग के मामले में पूरी तरह से सच नहीं है। बाजार बहुत अस्थिर है और एक स्थिर स्टॉक के भी ऊपर या नीचे जाने की कोई सीमा नहीं है।
जोखिम शब्द फाइनेंसियल और शेयर बाजारों का ही दूसरा शेयर बाजार में हेरफेर नाम है, क्योंकि उसमे "कोई हाई और कोई लौ नहीं होता है"। फाइनेंसियल मार्किट और ट्रेडिंग की दुनिया में जोखिमों से बचना मुश्किल और लगभग असंभव है, हालांकि इसे कम करना या कम करना बहुत संभव है। शेयर मार्किट में रिस्क मैनेजमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ऐसा ही एक इंस्ट्रूमेंट डेरिवेटिव है जिसे फ्यूचर्स और ऑप्शंस के रूप में जाना जाता है।
शेयर बाज़ार में निवेश के लिए सोशल मीडिया टिप्स पर कितना भरोसा किया जा सकता है?
डॉगकोइन, जो सबसे अधिक बात किए जाने वाले बिटकॉइन में से एक बन गया है, एक मीम से इसकी उत्पत्ति हुई है। शीबा इनु कुत्ते की विशेषता वाले डॉग मीम ने इंटरनेट का चक्कर लगाया और इतना प्रसिद्ध हो गया कि इसने अपना ऑनलाइन समुदाय विकसित कर लिया। यह 5 मई 2021 को यूएस $ 85,314,347,523 के बाजार पूंजीकरण तक पहुंच गया, सभी सोशल मीडिया को धन्यवाद।
पिछले कुछ वर्षों में, वित्तीय शोधकर्ता और अर्थशास्त्री वित्तीय बाजार को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों पर शोध कर रहे हैं। सबसे अधिक प्रभावित वित्तीय बाजार सट्टा है, अर्थात् शेयर बाजार और अब, बिटकॉइन भी। सोशल मीडिया और प्रभावित करने वाले नए जोड़े गए कारक हैं जो वित्तीय बाजारों की अस्थिरता में योगदान करते हैं।
इस लेख में, हम वित्तीय बाजार पर सोशल मीडिया के प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
सोशल मीडिया और वित्तीय बाजार
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बाद, सोशल मीडिया एक ऐसा स्रोत है जो बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित करता है। यह निष्कर्ष सठिक होगा कि सोशल मीडिया से लोगों के दिमाग पर अधिक प्रभाव पड़ता है क्योंकि विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर बातचीत और चर्चा में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी होती है।
स्टॉक मार्केट टाइकून, आंद्रे कोस्टोलनी ने सोचा कि तथ्य केवल शेयर बाजार पर प्रतिक्रियाओं का 10% हिस्सा है। बाकी को मनोविज्ञान के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। और बिना किसी संदेह के, सोशल मीडिया आम जनता के मनोविज्ञान को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सोशल मीडिया ब्रांड मार्केटिंग, राजनीतिक प्रचार और वित्तीय चर्चा का एक उपयोगी साधन बन गया है। सोशल मीडिया पर चर्चा की जाने वाली हर चीज वित्तीय बाजार सहित हमारे जीवन के क्षेत्रों को प्रभावित करती है। सोशल मीडिया पर उपयोगकर्ता द्वारा जनरेट किया गया डेटा उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रसारित और उपभोग किया जाता है, जो अंततः उनके खरीद और बिक्री पैटर्न को प्रभावित करता है।
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यह एकमात्र उदाहरण नहीं है। इस साल, टेस्ला और सोशल मीडिया के संस्थापक एलोन मस्क, क्रिप्टोकरेंसी में लगे हुए हैं और अपने ट्वीट्स के माध्यम से शेयर ट्रेडिंग करते हैं। 4 फरवरी, 2021 को मस्क के एक ट्वीट ने डॉगकोइन को 50% से अधिक उछाल दिया। ऐसा इसलिए था क्योंकि सट्टा बाजार कहीं न कहीं ट्रस्ट फैक्टर पर काम करता है। मस्क बाजार की स्थिति का मार्गदर्शन करने में सफल रहे क्योंकि लोग उस पर भरोसा करते हैं, क्योंकि वह एक अरबपति है। लोगों का मानना है कि उनकी सफलता के पीछे उनके अच्छे वित्तीय निर्णय हैं और इस प्रकार, उनकी सलाह लेने से उन्हें लाभ होगा।
इससे पहले, 2018 में, मस्क पर प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा शेयर बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था। ऐसा इसलिए था, क्योंकि तब उन्होंने घोषणा की थी कि टेस्ला निजी होने पर विचार कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप टेस्ला के शेयर की कीमतों में 6% की वृद्धि हुई।
Penny Stocks: निवेशकों को ऐसे बर्बाद करते हैं पेनी स्टाॅक, निवेश से पहले जरूर जानें
Penny Stocks: शेयर बाजार कोई जुआ खेलने का अड्डा थोड़ी हैं, जो कोई भी कहीं भी पैसा लगाए और तुक्का लगाकर पैसा कमा लें। बल्कि यहां समझ और संयम दोनों की जरूरत होती हैं तब जाकर शेयर बाजार से अच्छा मुनाफा लिया जा सकता हैं। बहुत से निवेशक बहुत जल्दी अमीर होने के चक्कर में पेनी स्टाॅक में पैसा लगा देते हैं और मोटा मुनाफा मिलने की उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं, मगर वे शायद यह नहीं जानते कि जिस पेनी स्टाॅक में उन्होंने पैसा लगाया हैं वो स्टाॅक उन्हें बर्बाद भी कर सकता हैं। ऐसे बहुत से पेनी स्टाॅक रहें हैं जिसने इन्वेस्टर्स को बर्बाद किया हैं। हम एक ऐसे ही स्टाॅक के बारे में बताने वाले हैं जिसने निवेशकों को काफी लालच दिया और अब हर दिन निवेशकों का पैसा डूबता जा रहा हैं। और वे चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। या कहें कि उस स्टाॅक से बाहर नही निकल पा रहें हैं।
ऐसे लालच में फंसते हैं निवेशक
पेनी स्टाॅक बहुत लालच भरें होते हैं जिसके झांसे में बहुत से इन्वेस्टर्स फंस जाते हैं। पेनी स्टाॅक एक रैली में ऊपर चढ़ते चलें जाते हैं, जिसको देखकर लगता हैं कि इसमें निवेश करके बहुत जल्दी ज्यादा पैसा बनाया जा सकता हैं, इसी चक्कर में निवेशक अपनी महनत की कमाई उस स्टाॅक में झोंक देते हैं। हालांकि कुछ समय तक सब ठीक रहता हैं और कुछ रिटर्न भी आने लगता हैं। मगर जैसे ही और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद लगाकर स्टाॅक में डटे रहते हैं वहीं से निवेशकों की बर्बादी का खेल शुरू शेयर बाजार में हेरफेर होता हैं।
कुछ बड़े निवेशक या ऑपरेटर स्टाॅक के बडे़ हिस्से पर अपना कब्जा बनाये रखतें हैं। जो इस बर्बादी शेयर बाजार में हेरफेर के खेल को अपने तरीके से खेलते हैं। पहले काफी बडी संख्या में शेयर खरीदकर, शेयर प्राइस को बहुत ऊपर ले जाते हैं और शेयर प्राइस ऊपर जाने के बाद यें अपने शेयर बेचकर स्टाॅक से बाहर हो जाते हैं। अब जैसे ही बडी़ संख्या में शेयर बेचें जाते हैं, वैसे ही शेयर की कीमत एकदम से कम होने लग जाती हैं। क्योंकि पेनी स्टॉक कंपनियों के कम बाजार पूंजीकरण व सीमित शेयर और कम लिक्वीडिटी होने के कारण इसकी कीमत में हेरफेर आसान होता है। और इसी दौरान छोटे निवेशक इसका शिकार बन जाते हैं। क्योंकि शेयर जिस तरह ऊपर चढा़ था उसी तरह लगातार नीचे आता जाता हैं। या कहें कि शेयर प्राइस में लोअर सर्किट लग जाता हैं और फिर इसमें कोई खरीददार ना होने के कारण निवेशक अपने शेयरों को चाहकर भी नहीं बेच पाते हैं।
ऐसा ही रहा SEL Manufacturing Company पेनी स्टाॅक का सफर
एक साल पहले अक्टूबर 2021 में SEL Manufacturing Company Ltd के एक शेयर की कीमत महज 4 से 5 रुपए के बीच रही होगी। हालांकि इसमें पहले से ही अपर सर्किट का दौर बना हुआ था। जिसके चलते इसमें रिटेल इन्वेस्टर्स ने खुब शेयर बाजार में हेरफेर एंट्री ली होगी और अपना पैसा इस पेनी स्टाॅक में लगाया होगा। अक्टूबर 2021 से लेकर अप्रैल (2022) के अंत तक इसमें अपर सर्किट लगा रहा और और शेयर प्राइस 1900 रुपए के करीब पहुंच चुका था। अब निवेशक अपनी पूंजी को लगातार बढ़ता हुआ देख रहें होंगे। इस दौरान केवल 6 महीने में शेयर की कीमत में शेयर बाजार में हेरफेर लगभग 38000 फीसदी का उछाल आ चुका था। इसी समय का इंतजार कर रहें ऑपरेटर अपने शेयर बेचकर मोटा मुनाफा बनाकर बाहर आ गये होंगे और तब से लेकर इस शेयर में लगातार लोअर सर्किट लगा हुआ हैं, क्योंकि ऑपरेटरों ने बहुत बड़ी संख्या में शेयर बेचें होंगे जिसके कारण कीमत में एकदम से गिरावट आई और अब इस स्टाॅक में कोई खरीददार ही नहीं मिल रहा होगा जिसके कारण इसमें फंसे रिटेल निवेशक चाह कर भी शेयरों की बिक्री नहीं कर पा रहे होंगे। इस तरह पेनी स्टाॅक में निवेश करना काफी ज्यादा जोखिम भरा होता हैं। इसके अलावा और भी बहुत से स्टाॅक इसी तरह रहें हैं। जो रिटेल निवेशकों को अपना शिकार बनाते हैं।
SEBI ने लगाया विजय माल्या पर बैनः शेयर मार्केट में नहीं कर पाएंगे लेन-देन
नई दिल्लीः मार्केट रेगुलेटर सेबी ने यूनाइटेड स्पिरिट्स मामले में देश से बाहर जा चुके विजय माल्या और 6 अन्य को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है. माल्या और यूनाइटेड स्पिरिट्स के पूर्व अधिकारी अशोक कपूर को किसी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर पद लेने से भी रोका गया है. अब माल्या और छह अन्य व्यक्ति शेयर बाजार में किसी तरह का लेनदेन और कारोबार नहीं कर पाएंगे. छह अन्य व्यक्तियों में अशोक कपूर, पी एम मुरली, सौम्यनारायणन, एस एन प्रसाद, शेयर बाजार में हेरफेर परमजीत सिंह गिल और एइनापुर एसआर शामिल हैं.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा है कि माल्या और 6 अन्य व्यक्ति उसके आगामी आदेश तक डायरेक्ट-इनडायरेक्ट रूप में शेयर बाजार में किसी तरह का लेनदेन, कारोबारी नहीं कर पाएंगे. सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एस रमन ने इस बारे में 32 पन्नों का आदेश शेयर बाजार में हेरफेर जारी किया है.
Business News In Hindi : share market : खूब दौड़ रहे Adani के शेयर, ये है वजह
HR Breaking News : नई दिल्ली : पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से शेयर बाजार में उठा-पटक चल रही है।
अडानी शेयर बाजार में हेरफेर ग्रुप के कुछ स्टॉक्स ऐसे हैं, जिन्होंने बाजार की इस उठा-पटक में भी अपने शेयरधारकों को शानदार रिटर्न दिया है।
हाल में स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयरों में पिछले एक महीने में करीब 32 फीसदी का उछाल आया है और मंगलवार को अडानी विल्मर के शेयर अपने लाइफ-टाइम हाई पर पहुंच गए। कंपनी के शेयरों ने लिस्टिंग के बाद पहली बार 500 रुपये के ऊपर के लेवल को छुआ है।
अडानी पावर के शेयर पिछले 1 महीने में करीब 40% चढ़े
इसी तरह, अडानी पावर (Adani Power) के शेयर अपने लाइफ-टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। कंपनी के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 181.40 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। अडानी पावर के शेयरों ने पिछले एक महीने में करीब 40 पर्सेंट रिटर्न निवेशकों को दिया है। वहीं, अडानी पोर्ट्स के शेयर पिछले एक महीने में करीब 7.5 फीसदी चढ़े हैं।
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शेयर बाजार में हेरफेर
कमोडिटीज के प्राइसेज बढ़ने से अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में तेजी
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कमोडिटीज की शेयर बाजार में हेरफेर कीमतें बढ़ने के कारण अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में तेजी आ रही है। पॉम ऑयल के प्राइसेज बढ़ने से ट्रेड ऐक्टिविटीज बढ़ी हैं, जिसका सीधा मतलब है कि अडानी पोर्ट्स के बिजनेस में तेजी आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पॉम ऑयल की कीमतें बढ़ने से अडानी विल्मर को अपनी अनसोल्ड इनवेंटरी पर मार्जिन बेनेफिट होगा। इससे कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत होगी, क्योंकि अभी कुछ और समय तक कीमतों में तेजी बनी रह सकती है।
मारवाड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज में इक्विटी रिसर्च के हेड और वाइस प्रेसिडेंट जय ठक्कर का कहना है, 'दुनिया भर में कमोडिटी प्राइसेज बढ़ने से अडानी ग्रुप के स्टॉक्स अपवार्ड मोमेंटम में हैं। पॉम ऑयल के प्राइसेज में बढ़ोतरी से निश्चित रूप से अडानी विल्मर और अडानी पोर्ट्स लिमिटेड के बिजनेस को फायदा होगा। इन कमोडिटीज के प्राइसेज में कुछ समय तक तेजी बनी रहने की उम्मीद है, ऐसे में कंपनी को अनसोल्ड इनवेंटरी पर मार्जिन बेनेफिट होगा। अडानी विल्मर के शेयरों में लगातार 2 दिन अपर सर्किट लगा है और स्टॉक्स ने 420 रुपये के लेवल के ऊपर ब्रेकआउट दिया है। अब यह लेवल निकट भविष्य में स्टॉक के लिए अहम सपोर्ट के रूप में काम करेंगे।'