Bitcoin क्या होता है?

क्या आप भी Bitcoin में निवेश करने का बना रहे प्लान, तो जानिए यहां क्या करें.
टेस्ला की ओर से निवेश की घोषणा के बाद क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में हर दिन उछाल दर्ज किया जा रहा है.
क्या आप भी बिटकॉइन में पैसा लगाने का सोच रहे हैं. अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 09, 2021, 13:42 IST
नई दिल्ली: क्या आप भी बिटकॉइन (Bitcoin) में पैसा लगाने का सोच रहे हैं… अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है और इसमें कैसे ट्रेडिंग होती है. इन दिनों ये दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके रिटर्न ने निवेशकों को हैरान कर दिया है, लेकिन इसमें जिस तरह का रिटर्न मिलता है रिस्क भी उसी हिसाब से होता है.
साल 2017 में, दिल्ली के 37 साल के राहुल मिश्रा ने अपने कार्यालय के सहयोगियों को देखकर बिटकॉइन में निवेश किया. बता दें उस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन की कीमत पहले ही 65,000 रुपये से बढ़कर 3.61 लाख रुपये हो गई थी. हर महीने, वह 25,Bitcoin क्या होता है? 000 रुपये का निवेश करते रहे. उन्होंने अपनी चल रही म्यूचुअल फंड व्यवस्थित निवेश योजनाओं को बिटकॉइन में बदल दिया था.
बता दें उसके ठीक छह महीने बाद, उन्हें एक झटका लगा. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग का एक परिपत्र जारी किया. इसने आरबीआई द्वारा विनियमित सभी कानूनी संस्थाओं को निर्देश दिया कि वे आभासी मुद्राओं का सौदा न करें या क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले किसी व्यक्ति या व्यवसाय को सेवाएं प्रदान न करें. इससे निवेशक घबरा गए. भारत में बिटकॉइन की कीमत दुर्घटनाग्रस्त हो गई. सात दिनों के अंदर, इसकी कीमत 5.2 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन के उच्च स्तर से गिरकर 3.07 लाख रुपये हो गई. नोटबंदी से पहले 1.50 लाख रुपये के बिटकॉइन में उनका अपना निवेश 30,000 रुपये तक गिर गया था.
क्या होता है बिटकॉइन?
यह एक किस्म का डिजिटल या वर्चुअल टोकन होता है, जिसे काफी जटिल एल्गोरिदम को हल कर हासिल किया जाता. इस विख्यात क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांसफर आसानी से मुफ्त में एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में संभव है.
बिटकॉइन कैसे करता है काम?
अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है. इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं. आपको बता दें बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.
कई बार होता है भारी उतार-चढ़ाव
बिटकॉइन में कई बार भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. बता दें पिछले 5 सालों में बिटकॉइन करीब 40 से 50 फीसदी तक गिर गया है. साथ ही साल 2013 में बिटकॉइन की कीमत 233 डॉलर पर पहुंच गई थी और फिर अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ सकती है.
भारत में कहां से खरीद सकते है बिटकॉइन?
भारत में बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त के लिए 11 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं. इसमें उनोकॉइन, जेबपे, कॉइनसिक्योर, कॉइनमामा, लोकलबिटकॉइन और बिटकॉइन एटीएम जैसे नाम शमिल हैं.
कहां होता है बिटकॉइन का इस्तेमाल?
आपको बता दें इंडिया में आप फ्लिपकार्ट, अमेजन और मेकमायट्रिप जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां बिटकॉइन उपभोक्ताओं के लिए वाउचर प्रोग्राम चलाती है, लेकिन बिटकॉइन को स्वीकार नहीं करती है. इसके लिए एक्सचेंज बिटकॉइन को सामान्य करेंसी में बदलते हैं.
इसमें करना चाहिए निवेश या नहीं
आपको बता दें खुदरा निवेशकों को बिटकॉइन से बचना चाहिए. फाइनेंशियल एजुकेटर और फिनसफे इंडिया के संस्थापक मृणाल अग्रवाल ने बिटकॉइन में निवेश को जुए के बराबर बताया है. वह कहती हैं कि ”यहां कोई अंडरलाइंग संपत्ति नहीं है, यह अन-रेगुलेटिड है. इसके अलावा मूल्य की खोज अप्रत्याशित है तो इससे दूर रहो.’
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Cryptocurrency क्या है, Popular cryptocurrencies in Hindi
(Cryptocurrency in Hindi) is a digital currency, secured by cryptography and based on blockchain technology.
क्रिप्टो करेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल, क्रिप्टोग्राफ़ी द्वारा सुरक्षित और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित मुद्रा है।
Cryptocurrency is a digital, cryptographically secured and blockchain technology based currency.
क्रिप्टो करेंसी का मतलब | Cryptocurrency Meaning in Hindi
टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है जिससे लोगों के काम करने, संवाद करने, खरीदने और भुगतान करने का तरीका भी बदल गया है। यह सब समय के साथ बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ साथ बदलता रहता है।
आज के समय में लोगों ने कैश रखना बहुत कम कर दिया है जो लेनदेन हो रहे है उसमें ज्यादातर डिजिटल होते है, और यह डिजिटल लेनदेन आम जनमानस का हिस्सा बन गए है। कॉर्पोरेट्स और कंस्यूमर धीरे धीरे कैश से लेनदेन कम करते जा रहे हैं और स्मार्टफोन ने इस डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया को आसान और तेज कर दिया है।
डिजिटल लेनदेन के साथ डिजिटल करेंसी भी पैर जमा रही है, यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी है।
क्रिप्टोकरेंसी शब्द की उत्पत्ति | Origin of Cryptocurrency word in Hindi
क्रिप्टोकरेंसी शब्द कह सकते हैं नया शब्द है, जो 21 वीं सदी की शुरुआत से ही आया है। यह दो शब्दों – ग्रीक शब्द ‘kryptos’ जिससे ‘क्रिप्टो’ लिया गया है जिसका अर्थ है ‘छिपा हुआ या गुप्त’ और लैटिन शब्द ‘currere’ जिससे ‘करेंसी’ लिया गया है जिसका अर्थ है ‘चलाना’ से मिलकर बना है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है? | How Does Cryptocurrency Work in Hindi?
क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मनी है जिसे आप छू नहीं सकते, जेब में नहीं रख सकते यानी यह करेंसी का डिजिटल रूप है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसे Bitcoin क्या होता है? क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं और इनकी कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी नहीं है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक नयी डिजिटल भुगतान प्रणाली है जिसका लेनदेन Bitcoin क्या होता है? का सत्यापन बैंकों पर निर्भर नहीं होता है और क्रिप्टोक्यूरेंसी का इस्तेमाल वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के लिए ऑनलाइन आदान-प्रदान किया जा सकता है।
पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी 2009 में आयी और एक दशक से भी कम समय में दुनिया भर में अरबों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में है। शायद आपने बिटकॉइन के बारे में सुना हो यह पहली क्रिप्टोकरेन्सी थी और उसे लोगों ने स्वीकार किया और उसके बाद अन्य क्रिप्टोकरेंसी आयी जो धीरे धीरे पॉपुलर हो रही हैं। आज के समय में लोग क्रिप्टोकरेंसी को ज्यादातर ऑनलाइन ट्रेड में लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं।
करेंसी किसे कहते हैं | What is Currency in Hindi
हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) होती है जैसे कि अमेरिका की डॉलर, यूरोपियन यूनियन की यूरो, भारत की रुपया, पाकिस्तान की पाकिस्तानी रुपया, चीन की युआन है यानी एक ऐसी भुगतान प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य/अधिकृत हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से चीजें खरीद सकते हों, जिसकी कोई वैल्यू हो, करेंसी (Currency) कहलाती है।
क्रिप्टोकरेंसी कितनी सुरक्षित है? | How secure is Cryptocurrency in Hindi?
ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाई जाती है। ब्लॉकचेन डिजिटल कोड में लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। यह एक काफी जटिल, तकनीकी प्रक्रिया है जिससे हैकर्स के Bitcoin क्या होता है? लिए छेड़छाड़ करना मुश्किल है।
इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के लिए two-factor authentication की प्रक्रिया भी होती है। जैसे, लेनदेन शुरू करने के लिए आपको Username और Password दर्ज करने के लिए कहा जा सकता है। या फिर, आपको एक authentication code दर्ज करना पड़ सकता है जो आपके व्यक्तिगत मोबाइल फ़ोन पर टेक्स्ट के माध्यम से आता है।
डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? | Where can you store Digital Currency in Hindi?
यदि आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं, तो आप इसे क्रिप्टो एक्सचेंज पर या क्रिप्टो डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं। कई अलग-अलग प्रकार के वॉलेट हैं, प्रत्येक के अपने फायदे और सुरक्षा हैं।
सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी कौन सी हैं? | What are the most popular Crypto Currencies?
इसमें कोई शक नहीं कि सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। बिटकॉइन (Bitcoin) अब तक की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, इसके बाद एथेरियम(Ethereum), लाइटकॉइन (Litecoin) और टीथर (Tether) जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी हैं।
bitcoin
क्रिप्टो करेंसी के नाम | Cryptocurrency Names in Hindi
Bitcoin | बिटकॉइन |
Ethereum | एथेरियम |
Litecoin | लाइटकॉइन |
Binance Coin | बिनेंस कॉइन |
Cardano | कार्डानो |
Dogecoin | डॉगकॉइन |
Polka Dot | पोल्का डॉट |
Uniswap | यूनिस्वैप |
Ripple | रिपल |
Dash | डैश |
Tether | टीथर |
Popular Crypto Currency
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? | Cryptocurrency legal in India in Hindi?
अभी भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी गैर कानूनी नहीं हैं, लेकिन रेगुलेटेड भी नहीं हैं इसका मतलब अगर क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में कुछ भी गलत होता हैं तो आप किसी अथॉरिटी, बैंक और सरकार के पास नहीं जा सकते।
भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सरकार के पास कोई आधिकारिक डेटा नहीं है। और सरकार के पास इन एक्सचेंजों से जुड़े निवेशकों की संख्या के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।
Question for you?
टेक्नोलॉजी हमेशा ही जन मानस की उत्सुकता को बढ़ाती रही है आप क्या कहते है की क्रिप्टोकरेंसी के साथ कैसे आगे बढ़ना चाहिए। कमेंट करिये-
बिटकॉइन क्या होता है? बिटकॉइन कैसे बनता है? बिटकॉइन कैसे खरीदें ?
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Bitcoin Kya hai ? What is Bitcoin in Hindi –
बिटकॉइन क्या है ? (bitcoin kya hai) बिटकॉइन का प्राइस क्या ? बिटकॉइन कैसे ख़रीदे? बिटकॉइन क्या होता है ? बिटकॉइन कैसे बनता है ? बिटकॉइन अकाउंट ? बिटकॉइन रेट क्या है ?
बिटकॉइन से जुड़े हुए ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है. बिटकॉइन की कीमत के बारे में बात करें तो यह 28,91,153.04 भारतीय रुपया है. काफी टाइम से बिटकॉइन के प्राइस में कभी उतार तो उछाल देखने को मिल रहा है. वहीं अगर डॉलर में बिटकॉइन की कीमत बताएं तो यह 39,529.00 United States Dollar है.
कई बार ऐसा भी समय आया जब यह कहा जाने लगा कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत एक करोड़ रुपए तक पहुँच सकती है. देखने को मिला था कि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने के आरबीआई के आदेश के बाद बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी की तरफ अपना रुख किया था. चलिए जानते हैं बिटकॉइन से जुड़े कुछ सवालों के जवाब :-
बिटकॉइन क्या होता है? (what is bitcoin in hindi, bitcoin kya hai)
जैसे rupees और dollar होता है वैसे ही bitcoin भी एक currency है, लेकिन यह एक Virtual currency यानी Cryptocurrency है. अंग्रेजी शब्द ‘क्रिप्टो’ का अर्थ गुप्त होता है. Bitcoin भी एक तरह की currency है, लेकिन यह दूसरी currency से बहुत अलग है. दूसरी currency की तरह आप इसे ना तो देख सकते हैं और ना ही छू सकते है. Bitcoin को आप सिर्फ online wallet में ही रख सकते है.
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बिटकॉइन कैसे बनता है? (How Bitcoin is made)
बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.
बिटकॉइन का मालिक कौन है? (Who owns bitcoin) Bitcoin क्या होता है?
Bitcoin का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है. Bitcoin भी internet की तरह है. यानी Bitcoin एक decentralized currency है. इसे कोई भी control नहीं करता है. कोई भी bank या authority या सरकार यानि की कोई इसका मालिक नहीं है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है? (How does bitcoin work)
बता दे कि बिटकॉइन का इस्तेमाल online payment करने के लिए किया जाता है. बिटकॉइन peer to peer network पर काम करता है. इसमें दो व्यक्ति बिना किसी bank, credit card या company के माध्यम से transactions कर सकते है. बिटकॉइन एक पर्सनल e- wallet से दूसरे पर्सनल e- wallet में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये e- wallets आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.
बिटकॉइन कैसे कमाए? (How to earn bitcoin)
1. बिटकॉइन हासिल करने के तीन तरीके है. पहला तरीका यह है कि आप सीधे पैसे देकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं. बाद में उसकी कीमत बढ़ने पर उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि इसमें जोखिम भी बहुत होता है क्यों कि कभी-कभी कुछ घंटों में ही बिटकॉइन की कीमत 30 से 40 प्रतिशत तक गिर जाती है. अगर आपके पास बिटकॉइन खरीदने के पैसे नहीं है तो आप उसकी छोटी यूनिट ‘satoshi’ भी खरीद सकते है. जैसे 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं, उसी तरह 1 बिटकॉइन में 10 करोड़ ‘satoshi’ होते है.
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2. दूसरा तरीका यह है कि अगर आप अपनी कोई चीज ऑनलाइन बेच रहे हो और सामने वाले व्यक्ति के पास bitcoin है तो आप अपनी चीज के बदले उससे bitcoin भी ले सकते है. इस bitcoin को आप अपने bitcoin wallet में store करके रख सकते है. बाद आप bitcoin को बेचकर आए रुपयों को अपने bank में transfer कर सकते है.
3. तीसरा तरीका यह है कि अगर आपके पास High speed processor वाला computer है तो आप bitcoin mining का काम भी कर सकते है. Bitcoin miner का काम होता है कि Bitcoin क्या होता है? वह bitcoin में होने वाले transjaction को verify करने का काम करता है. इसके बदले उन्हें कुछ Bitcoin इनाम के तौर पर मिलते है. इससे मार्किट में नए Bitcoin आते हैं.
बाजार में कितने बिटकॉइन है? (How many bitcoins are in the market)
बता दे कि जिस तरह हर देश में currency छापने की एक सीमा होती है, उसी तरह bitcoin की भी एक सीमा है. दरअसल मार्किट में कभी भी 21 million से ज्यादा bitcoins नहीं आ सकते है. इस समय मार्केट में 13 million bitcoins है. बाकी bitcoins mining के जरिए मार्किट में आएंगे.
बिटकॉइन के क्या फायदे है? (What are benefits of bitcoin)
बिटकॉइन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें transaction करने की फीस credit card और debite card के मुकाबले काफी कम होती है. credit card और debite card की तरह इसका अकाउंट कभी भी ब्लाक नहीं होता है. इसके अलावा लंबे समय के लिए invest करने के लिए bitcoin एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.
बिटकॉइन के नुकसान क्या है? (What are disadvantages of bitcoin)
बिटकॉइन का एक नुकसान यह भी है कि इसके ऊपर किसी का भी control नहीं है. ऐसे में इसकी कीमत में काफी उतार-चढ़ाव आते रहते है. इसके अलावा आपका बिटकॉइन अकाउंट कभी भी हैक हो सकता है. ऐसे में इसमें कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता है.
Cryptocurrency: क्या होते हैं स्टेबलक्वॉइन? दूसरी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे हैं अलग?
क्रिप्टोकरेंसी को उसके उतार-चढ़ाव के लिए जाना जाता है. इसका मतलब है कि क्वॉइन्स की कीमतें कभी भी बढ़ और गिर सकती हैं. इससे निवेशकों के लिए किसी क्वॉइन को चुनना बेहद मुश्किल हो जाता है. हालांकि, स्टेबलक्वॉइन इस मुश्किल का समाधान है.
क्रिप्टोकरेंसी को उसके उतार-चढ़ाव के लिए जाना जाता है. इसका मतलब है कि क्वॉइन्स की कीमतें कभी भी बढ़ और गिर सकती हैं.
What are Stablecoins: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पिछले कुछ समय में लोगों के बीच निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खासतौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इससे जुड़ी कुछ अहम बातों को जान लेना जरूरी हो जाती है. इनमें से एक स्टेबलक्वॉइन (stablecoin) है, जिसे समझ लेना चाहिए. क्रिप्टोकरेंसी को उसके उतार-चढ़ाव के लिए जाना जाता है. इसका मतलब है कि क्वॉइन्स की कीमतें कभी भी बढ़ और गिर सकती हैं. इससे निवेशकों के लिए किसी क्वॉइन को चुनना बेहद मुश्किल हो जाता है. हालांकि, स्टेबलक्वॉइन इस मुश्किल का समाधान है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते हैं.
स्टेबलक्वॉइन्स क्या हैं?
स्टेबलक्वॉइन्स डिजिटल करेंसी होती हैं, जिन्हें एसेट्स जैसे fiat करेंसी, दूसरी क्रिप्टोकरेंसी या सोने का समर्थन होता है. स्टेबल एसेट्स की मदद से इन क्वॉइन्स में ज्यादा उथल-पुथल नहीं होती है और इनकी कीमतें स्थिर रहती हैं. कुछ स्टेबलक्वॉइन अपनी वैल्यू को तुलनात्मक तौर पर स्थिर रखने के लिए कंप्यूटर एलगोरिदम का इस्तेमाल करते हैं. ये शुरुआती क्रिप्टो निवेशकों की जरूरत का नतीजा है, जिन्हें बेहद उतल-पुथल का सामना करना पड़ा.
स्टेबलक्वॉइन्स कैसे काम करते हैं?
स्टेबलक्वॉइन्स का फायदा है कि इन्हें इस तरह बनाया जाता है कि इन पर दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव का असर नहीं हो. इसके अलावा यह मोबिलिटी ऑफर करते हैं. यह ज्यादा स्थिर क्रिप्टोकरेंसी है, जो डिसेंट्रलाइज्ड है. इसका मतलब है कि यह किसी सेंट्रलाइज्ड सिस्टम या एजेंसी से नहीं जुड़े हैं. इससे इन्हें स्वतंत्रता मिलती है.
निवेशकों के बीच स्टेबलक्वॉइन्स के लोकप्रिय होने के कुछ दूसरे कारण भी मौजूद हैं. इससे पैसे को ज्यादा तेजी के साथ ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके साथ वित्तीय डेटा की प्राइवेसी भी मिलती है. इसके अलावा स्टेबक्वॉइन्स की मदद से यूजर्स फाइनेंशियल सर्विस फीस से भी बच सकते हैं.
कई तरीकों से, स्टेबलक्वॉइन्स दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से अलग होते हैं. इन्हें इस तरीके से डिजाइन किया जाता है, जिससे इनकी वैल्यू में गिरावट नहीं हो. इसका मतलब है कि जहां इनकी वैल्यू में गिरावट नहीं आएगी. वहीं, इसके साथ वैल्यू में बढ़ोतरी भी नहीं होगी. इसे USD क्वॉइन की बिटक्वॉइन से तुलना करके समझा जा सकता है. इसकी शुरुआत से, USD क्वॉइन 1 डॉलर की वैल्यू से ज्यादा नहीं हटा है. दूसरी तरफ, बिटक्वॉइन की वैल्यू 2019 में 4,000 डॉलर थी, जो मई 2021 तक 60,000 डॉलर तक पहुंच गई थी.
स्टेबक्वॉइन्स को डिजिटल कैश के एक तरीके के तौर पर भी देखा जा सकता है. हालांकि, स्थिरता के साथ यह क्रिप्टोकरेंसी ही है. इसलिए, यह एक नई चीज ही है, जिसमें कई ऐसे जोखिम हो सकते हैं, जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है.