स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके

ABOUT STOCK MARKETS.
देश की अर्थव्यवस्था प्राय: हर क्षेत्र में तरक्की की कुलांचे भर रही है। अमेरिका तथा अन्य पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था जहां मंदी स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके के दौर से गुजर रही है, वहीं इंडियन कॉर्पोरेट कंपनियां न केवल सफलता के नए मानदंड स्थापित कर रही हैं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके भी बना रही हैं। ऐसे में उनके शेयर बाजार में आते ही कुछ ही घंटों में ओवर-सब्सक्राइब हो जा रहे हैं। दरअसल, अर्थव्यवस्था की मजबूती के स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके साथ शेयर बाजार में भी अब पहले से अधिक रौनक आ गई है। यही कारण है कि अब सिर्फ बडे निवेशक ही नहीं, बल्कि आम आदमी भी पैसा बनाने के लिए इसमें निवेश करने लगा है और बाजार की गतिविधियां बढने से कुशल ब्रोकर, डीलर, सेल्स परसन, कॅप्लायंस ऑफिसर्स, इंफॉर्मेशन सिक्युरिटी ऑडिटर्स आदि की डिमांड में काफी तेजी आई है।
उल्लेखनीय है कि शेयर मार्केट काफी संवेदनशील होने के कारण इसमें सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत होती है। चूंकि छोटे निवेशक बाजार के रुख और जिन कारणों से शेयर बाजार प्रभावित होता है, उससे सही तरीके से वाकिफ नहीं होते, इसलिए उन्हें किसी ऐसे जानकार की सेवा लेने की जरूरत महसूस होती ही है, जो उसके पैसे का सुरक्षित निवेश सुनिश्चित कर सके और इसलिए स्टॉक ब्रोकर और इस मार्केट से जुडे अन्य जानकार लोगों की जरूरत होती है। यदि आप भी स्टॉक ब्रोकर बनने में दिलचस्पी रखते हैं, तो सबसे पहले आपको इस मार्केट के बारे में अच्छी तरह से जानना होगा। इसके लिए पहले आप किसी प्रामाणिक संस्थान से इससे संबंधित कोर्स करें। फिर उसके बाद किसी स्थापित ब्रोकर के साथ कुछ समय काम करके प्रैक्टिकल अनुभव भी हासिल कर सकते हैं। वैसे, यदि आप कैपिटल और कॅमोडिटी मार्केट में रेगुलर इनवेस्ट करने वाले जागरूक निवेशक हैं, तो आप भी स्टॉक मार्केट से संबंधित शॉर्ट-टर्म कोर्स करके अपना ज्ञान बढा सकते हैं। ऐसा करने से आप भी मार्केट की सही एनालिसिस करने में सक्षम हो सकेंगे।
क्या है स्टॉक एक्सचेंज?
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा मार्केट है, जहां स्टॉक ब्रोकर्स शेयर्स, डिबेंचर्स, गवर्नमेंट्स सिक्युरिटीज, बॉन्ड्स लोगों और संस्थाओं को खरीदते व बेचते हैं। इन सिक्युरिटीज का मूल्य डिमांड और सप्लाई के आधार पर मिनट-मिनट में बदलता रहता है। देश में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), मुंबई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), दिल्ली दो बडे स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसके अलावा कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ में भी स्टॉक मार्केट हैं।
क्या करते हैं स्टॉक ब्रोकर?
शेयर मार्केट में एक स्टॉक ब्रोकर डीलर, अडवाइजर या सिक्युरिटी एनालिस्ट के रूप में काम करता है। स्टॉक ब्रोकर को खुद को संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कराना होता है। स्टॉक मार्केट का मेंबर बनने के लिए लिखित परीक्षा देनी होती है और इसे उत्तीर्ण करने के बाद ट्रेनिंग भी लेनी होती है। लिखित परीक्षा में अकाउंटेंसी, कैपिटल मार्केट, सिक्युरिटी और पोर्टफोलियो एनालिसिस का टेस्ट लिया जाता है। ब्रोकर को मेंबरशिप के लिए एक निश्चित धनराशि भी सिक्युरिटी मनी के रूप में जमा करनी होती है। इसके बाद मेंबर को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि स्टॉक मार्केट में काम करने के लिए उसके पास कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि का इंफ्रास्ट्रक्चर है। उसे यह विकल्प भी बताना होता है कि वह एक डीलर के रूप में काम करना चाहेगा या फिर वहां पहले से कार्यरत स्टॉकब्रोकिंग फर्म के साथ एजेंट के रूप में! स्टॉक मार्केट में चार तरह के स्टॉक ब्रोकर्स होते हैं : 1. सिक्युरिटीज सेल्स रिप्रेजेंटेटिव 2. सिक्युरिटीज ट्रेडर्स 3. सिक्युरिटीज ब्रोकर्स तथा 4. सिक्युरिटीज एनालिस्ट।
किन लोगों की होती है जरूरत?
स्टॉक मार्केट में काम कर रही बडी ब्रोकिंग फर्मे ऐसे एमबीए को प्राथमिकता देती हैं, जिन्होंने फाइनैंस में स्पेशलाइजेशन किया हो या फिर वह चार्टर्ड अकाउंटेंट या चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट हो। इस प्रोफेशन में इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट्स, फाइनैंस मैनेजर, फाइनैंशियल एनालिस्ट, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट्स, इनवेस्टमेंट ऐंड फाइनैंशियल प्लानर्स की आवश्यकता भी होती है।
ब्रोकर की बढती मांग
इंस्टीटयूट ऑफ कम्प्यूटर अकाउंटेट (आईसीए) के चेयरमैन एनके श्यामसुखा का कहना है कि स्टॉक मार्केट बिजनेस और करियर की दृष्टि से तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। इसमें स्किल्ड लोगों की जबर्दस्त मांग है। वर्ष 1992-93 में जहां स्टॉक ब्रोकर्स की संख्या लगभग साढे छह हजार थी, वहीं आज इनकी संख्या बढकर करीब पंद्रह हजार हो गई है।
करें कौन-सा कोर्स?
यदि आप स्टॉक मार्केट से जुडना चाहते हैं, तो आपको एमबीए (फाइनैंस), सीए या सीएफए करना होगा। इकोनॉमिक्स या कॉमर्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन करके भी आप इस क्षेत्र में जा सकते हैं। हां, शर्त बस यही है कि आपको वित्तीय मामलों का एक्सपर्ट होना चाहिए। वैसे, खुद स्टॉक एक्सचेंजों या अन्य प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्स/शॉर्ट टर्म कोर्स स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके करके भी आप इस क्षेत्र में आ सकते हैं। आइए जानते हैं इन कोर्सो के बारे में :
पीजी डिप्लोमा इन फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग : इसमें दो कोर्स हैं, एक की अवधि 12 महीने है जबकि दूसरा 6 माह का कोर्स है। इसके तहत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है। किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट (इकोनॉमिक्स व कॉमर्स को प्राथमिकता) इसमें प्रवेश ले सकते हैं। यह कोर्स देश के कई संस्थानों में उपलब्ध है।
कैपिटल मार्केट सर्टिफिकेट प्रोग्राम : यह शॉर्ट टर्म कोर्स है, जो पूरे वर्ष चलता रहता है। इस कोर्स में कभी भी एडमिशन लिया जा सकता है। यह कोर्स मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीटयूट द्वारा संचालित किया जाता है। यह प्रोग्राम ऑनलाइन भी उपलब्ध है। ऑल इंडिया सेंटर फॉर कैपिटल मार्केट स्टडीज द्वारा एक वर्ष की अवधि का पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम भी चलाया जाता है।
पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट : नरसी मुंजी इंस्टीटयूट, मुंबई द्वारा चलाए जाने वाले इस कोर्स की अवधि एक वर्ष है।
डिप्लोमा इन फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग : एक साल की अवधि वाला यह कॅरेस्पॉन्डेंस-कम-लेक्चर कोर्स इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग, मुंबई द्वारा संचालित किया जाता है। बीएलबी इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल मार्केट (बीआईएफएम) द्वारा भी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फाइनैंशियल प्लानिंग ऐंड वेल्थ मैनेजमेंट प्रोग्राम चलाया जाता है। इसमें ग्रेजुएट प्रवेश ले सकते हैं। इसमें 3 ट्राइमेस्टर में 16 पेपर पढाए जाते हैं।
शॉर्ट टर्म कोर्स
कुछ प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा शॉर्ट टर्म कोर्स भी संचालित किए जाते हैं। इनमें तीन महीने का स्टॉक करियर और स्टॉक बिजनेस कोर्स प्रमुख हैं। इन कोर्सो के तहत कैपिटल मार्केट मॉडयूल, डेरिवेटिव मार्केट, कॅमोडिटी मार्केट, ओडीआईएन लाइव टर्मिनल ऑपरेशन, बैक ऑफिस जॉब ऑपरेशन, फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल एनालिसिस आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा स्मार्ट इनवेस्टर (3 माह का) कोर्स भी है। ये सभी जॉब ओरिएंटेड कोर्स हैं, जिन्हें करने के बाद आप ब्रोकर फर्मो में काम पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
द मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीटयूट 18वीं-19वीं मंजिल, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, दलाल स्ट्रीट, मुंबई-400 001 वेबसाइट : www.bseindia.com
इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल एड इवेस्टमेंट प्लानिंग, बी/303, वेंटेक्स विकास, अंधेरी ईस्ट, मुंबई
द इंस्टीटयूट ऑफ कम्प्यूटर अकाउंटेंट 31, इंद्रदीप बिल्डिंग, कम्युनिटी सेंटर, अशोक विहार, नई दिल्ली-88, फोन : 011-47086000, 46056000 वेबसाइट : www.icajobguarantee.com
द नरसी मुंजी इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी, मुंबई वेबसाइट : www.nmims.edu
द यूटीआई इंस्टीटयूट ऑफ कैपिटल मार्केट्स प्लॉट 82, सेक्टर-17, वाशी, नवी मुंबई- 400705
47 साल पहले शुरू हुआ था दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक शेयर बाजार नैसडैक
1971- आज ही के दिन दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक शेयर बाजार नैसडैक शुरू हुआ था। बाजार में लगी कुल पूंजी के लिहाज से नैसडैक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक इंडेक्स है। इसके आगे अमेरिका का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज है। नैसडैक शुरू होने से पहले शेयर बाजार में निवेश के लिए ‘ओवर द काउंटर’ तरीका चलता था। इसी इंडेक्स ने बढ़ती हुई कंपनियों में निवेश के लिए आईपीओ का प्रचलन भी शुरू किया। इससे बहुत सी कंपनियों को स्टॉक बाजार में निवेशकों का पैसा अपनी कंपनियों में लगाने का मौका मिला। नैसडैक का मकसद ऐसे बाजार का निर्माण था, जहां निवेशक शेयरों को तेज और पारदर्शी तरीके से कंप्यूटर की मदद से खरीद बेच सकें। 2006 में यह एनएएसडी से अलग होकर राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज बन गया। इसके बाद स्कैंडीनेवियाई एक्सचेंज समूह ओएमएक्स के साथ नैसडैक ओएमएक्स समूह भी बनाया गया।
खास  प्लास्टिक मनी आने से दुनिया अब कैशलेस की ओर बढ़ रही है। धीरे-धीरे एटीएम खत्म होने लगेंगे। इनकी जगह मोबाइल कनेक्टिविटी की कोडिंग मशीनें लगेंगी।
स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके
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Share Market Complete Hindi guide – शेयर बाजार हिंदी गाइड
आज के डिजिटल युग में लोगों के बीच में शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में निवेश करने की होड बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही हमारी नई पीढ़ी खुली आर्थिक नीतियों के साथ जवान हुई है। इसलिए, नए पीढ़ी ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीके के साथ साथ खुले शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट पर ऑनलाइन पैसों को लगा करके कैसे लाभ कमा सकते हैं? इन सारी चीजों के बारे में काफी सजग हो गए हैं। आज हम अपनी इस वेबसाइट पर आपको Share Market Complete Hindi guide – शेयर बाजार हिंदी गाइड के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
Share Market Complete Hindi guide – शेयर बाजार हिंदी गाइड
आज के वर्तमान समय में लोगों की मानसिकता और नए नौजवान पीढ़ी, पैसों को बचाना एवं उन्हें निवेश करना और उससे लाभ अर्जित करना इस बारे में काफी जागरूक है। इसलिए वह नीति नए तरीके खोजते हैं ताकि वह अपने पैसों को अच्छी जगह निवेश करके अच्छी खासी लाभ कमा सकें।
अगर हमारे पास पैसे है तो हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और पैसों की बिना हमारा सपना सपना भरी रह जाता है। इसलिए नई पीढ़ी नीति नए तरीकों के माध्यम से चाहे वह शेयर बाजार हो, या फिर म्यूच्यूअल फंड या SIP करके अपने पैसों को निवेश करते हैं।
हम इसीलिए आप लोगों को यहां पर शेयर मार्केट से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। आप नीचे क्लिक करके संबंधित आर्टिकल पढ़ सकते हैं। और शेयर बाजार पर निवेश करना आरंभ कर सकते हैं।
How to invest in foreign stocks: जानें कैसे आप Google, Facebook जैसे स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं
शेयर बाजार में निवेश करना वर्तमान दौर में बेहद आसान हो चुका है अब आप सिर्फ अपने एक स्मार्टफोन से किसी भी कंपनी के शेयर मिनटों में खरीद या बेच सकते हैं। वर्तमान में देश के दोनों बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE तथा BSE में कुल मिलाकर 7,000 से अधिक कंपनियाँ लिस्टेड हैं, जिनमें आप आसानी से निवेश कर सकते हैं।
लेकिन यदि आप देश से बाहर Google, Apple, Facebook, Tesla, Amazon जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में निवेश करने में रुचि रखते हैं तो इसके लिए प्रक्रिया सामान्य से थोड़ी अलग है। आज इस लेख के माध्यम से समझेंगे कैसे आप भारत में रहते हुए विदेशी स्टॉक्स में पैसा निवेश कर सकते हैं (How to invest in foreign stocks) तथा यह घरेलू निवेश से कितना अलग है।
कैसे करें विदेशी कंपनियों में निवेश
भारत से अंतर्राष्ट्रीय शेयरों में निवेश करना बिल्कुल कानूनी है, हालाँकि इसके लिए कुछ विशेष प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता होती है। देश से विदेशी शेयरों में निवेश करने के विभिन्न तरीके हैं, जिनकों हम यहाँ विस्तार से समझेंगे। अमेरिकी शेयर बाजार में एक लोकप्रिय सूचकांक NASDAQ हालिया समय में भारतीय निवेशकों को खासा आकर्षित कर रहा है और भारत से विदेशी स्टॉक्स में निवेश पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ा है। आइए अब देखते हैं कुछ ऐसे तरीकों को जिनके द्वारा आप विदेशी कंपनियों में अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म (International Brokerage)स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके
ब्रोकरेज फर्म ऐसी फर्म होती हैं, जो निवेशकों और ट्रेडर्स को शेयर बाजार में लिस्टेड स्टॉक खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं। ब्रोकरेज फर्म बायर्स और सैलर्स के बीच एक बिचौलिये के रूप में कार्य करती है और सभी के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। भारत में मौजूद ब्रोकरेज फर्म की बात करें तो इनमें Zerodha , Upstox, Angel One, ICICI Direct कुछ प्रमुख नाम हैं।
ऊपर बताए गए ब्रोकरेज फर्म आपको केवल भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों में ही निवेश की सुविधा देते हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से आप देश के बाहर भी किसी अन्य कंपनी में निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से पहले, आपको एक अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज एकाउंट खोलने तथा आरबीआई की Liberalized Remittance Scheme आदि की औपचारिकताओं से गुजरना होगा।
कुछ प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म की बात करें तो इनमें Interactive Brokers, Saxo Bank, Capital.com, Vested Finance आदि शामिल हैं। हालाँकि ये ब्रोकरेज फर्म घरेलू फर्म की तरह एक सुविधाजनक ट्रेडिंग इंटेरफेस प्रदान करती हैं लेकिन किसी घरेलू ब्रोकरेज फर्म के विपरीत इनके ब्रोकरेज तथा अन्य सेवा शुल्क तुलनात्मक रूप से अधिक हो सकते हैं, इसके साथ ही कुछ अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म विदेशी स्टॉक्स में निवेश करने के लिए निवेश की एक न्यूनतम सीमा जैसे US$10,000 भी तय कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड्स (International Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड्स सामान्यतः ऐसे लोगों के लिए शेयर बाजार में निवेश करने का माध्यम है, जो स्वयं स्टॉक्स का चुनाव करने में सक्षम नहीं हैं अथवा ऐसा करने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसमें बहुत लोग पैसे लगाकर एक फंड तैयार करते हैं और इस फंड का प्रबंधन करने वाले लोग इन्हें विभिन्न स्टॉक्स में निवेश करते हैं।
ब्रोकरेज फर्म की तरह म्यूचुअल फंड्स भी आपको घरलू बाजार अथवा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निवेश करने का मौका देते हैं, अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड ऐसे इक्विटी फंड हैं, जो मुख्य रूप से भारत के बाहर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके ये फंड्स सामान्यतः म्यूचुअल फंड के निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करते हैं ताकि एक बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सके।
गौरतलब है कि, पोर्टफोलियो में विविधता के कारण ऐसे फंड्स में निवेश करना घरेलू म्यूचुअल फंड की तुलना में जोखिम भरा भी होता है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड के स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके माध्याम से किसी विदेशी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो ऐसे कुछ मुख्य म्यूचुअल फंड्स निम्नलिखित हैं
- Kotak NASDAQ 100 Fund of Fund (Growth)
- ICICI Prudential US Blue-chip Equity Fund (Growth)
- PGIM India Global Equity Opportunities Fund (Growth)
- Motilal Oswal Nasdaq 100 Fund of Fund (Growth)
- DSP World Mining Fund (Growth)
भारतीय एक्सचेंज द्वारा
भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए मुख्यतः दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE तथा BSE हैं, लेकिन यदि आप विदेशी कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो ये एक्सचेंज उसकी सुविधा भी देते हैं। इसके लिए दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज की सबसीदारी कंपनियाँ हैं। उदाहरण के तौर पर NSE की सहयोगी कंपनी NSE International Exchange (NSE IFSC) तथा BSE की सहयोगी कंपनी The India International Exchange (IFSC) Limited भारतीयों को विदेशी शेयरों में निवेश करने का मौका देती हैं।
इन दोनों कंपनियों में घरेलू ब्रोकर्स के विपरीत दूसरे ब्रोकर रजिस्टर होते हैं, जो ट्रेडर के ऑर्डर के आधार पर उनके लिए शेयरों को खरीदने या बेचने का काम करते हैं। इन ब्रोकर्स के साथ डीमैट खाता खोलने के बाद आप अपने स्थानीय बैंक खाते से इनके बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर कर सकते हैं और एक बार जब फंड आपके ब्रोकर के खाते में ट्रांसफर हो जाए तो आप आसानी से ट्रेड कर सकते हैं। ध्यान देने योग्य बात है कि, अन्य अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म के विपरीत यहाँ आप बस कुछ चुनिंदा कंपनियों में ही निवेश कर सकते हैं।