विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट

पिछले साल जनवरी में समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार तेजी देखने को मिली थी. ये 58 मिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 461.21 अरब डॉलर तक पहुंचा गया था. दुनिया में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत 8वें स्थान पर था. जबकि चीन इस सूची में पहले स्थान पर था.
RBI ने जारी किया रिपोर्ट: देश के विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट मुद्रा भंडार में आई गिरावट, स्वर्ण भंडार भी घटा
कोरोना महामारी के चलते जहां ईधन की खपत में बड़ी गिरावट देखने को मिली. वहीं विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) में भी भारत की स्थिति अच्छी नहीं रही. आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दो अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट भंडार 2.415 अरब डॉलर घटकर 576.869 अरब डॉलर पहुंच गया. इसके अलावा समीक्षाधीन सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार भी (Gold Reserves) 88.4 करोड़ डॉलर घटकर 34.023 अरब डॉलर रह गया.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार दो अप्रैल 2021 को देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में गिरावट के चलते देखने को मिली. इससे पहले 26 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.986 अरब डॉलर घटकर 579.285 अरब डॉलर रह गया था.
Forex reserve news: तेजी से घट रहा है विदेशी मुद्रा भंडार, इतना तो 2008 में भी नहीं गिरा था
नवभारत टाइम्स 27-09-2022
नई दिल्ली:विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट
देश का विदेशी मुद्रा भंडार (forex reserve) हाल में काफी तेजी से गिरा है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 16 सितंबर को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 545.65 अरब डॉलर रह गया जो इसका करीब दो साल का न्यूनतम स्तर है। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 85.88 अरब डॉलर की गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि डॉलर के मजबूत होने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट है। लेकिन इसकी बड़ी वजह यह है कि आरबीआई ने करेंसी मार्केट में डॉलर की काफी बिक्री की है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस बार 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में ज्यादा तेजी से गिरा है।
विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट भंडार 94.2 करोड़ डॉलर घटकर 393.52 अरब डॉलर पर
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताह में, कुल भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां 92.24 करोड़ डॉलर घटकर 369.076 अरब डॉलर रह गईं. अमेरिकी डॉलर में विदेशी मुद्रा आस्तियां, देश के मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल करता है.
13 अप्रैल, 2018 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 426.028 अरब डॉलर के रेकॉर्ड उच्च स्तर तक पहुंच गया था. तब से, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है और अब तक इसमें 31 अरब डॉलर की कमी आई है. आंकड़ों विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार 20.52 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा.
2013 के टैपर-टैंट्रम की तरह विदेशी मुद्रा भंडार खाली कर रहा भारत, रिजर्व बैंक धड़ल्ले से बेच रहा डॉलर
नई दिल्ली : घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपये में विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट आई कमजोरी को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) विदेशी मुद्रा भंडार को तेजी से खाली कर रहा है. वह लगातार डॉलर को बेचने में जुटा है. मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि आरबीआई रुपये की गिरावट को थामने के लिए जिस प्रकार से डॉलर की बिक्री कर रहा है, उसने 2013 के टैपर-टैंट्रम की याद दिला दी है. वर्ष 2013 में भी रुपये की गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करते हुए डॉलर की धड़ल्ले से बिक्री की थी.
2013 में भी आरबीआई ने धड़ल्ले से बेची थी डॉलर
बता दें कि रुपये की जोरदार गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने वर्ष 2013 के दौरान भी विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर की बिक्री की थी. मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई ने जून से सितंबर 2013 विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार से करीब 13 अरब डॉलर की बिक्री कर दी थी. उस समय मई 2013 में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने इस बात के संकेत दिए थे कि वह अपने बॉन्ड खरीद कार्यक्रम को बंद करेगा, जो वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण वैश्विक स्टॉक और बॉन्ड्स में अचानक बिकवाली का दौर शुरू हो गया था. इसका मतलब यह था कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व धन की आपूर्ति बंद कर देगा. जब फेडरल रिजर्व बॉन्ड खरीद कार्यक्रम को बंद करने वाला बयान दिया था, तब यह माना गया था कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा. इसका नतीजा यह निकला कि निवेशकों ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं से दूरी बना ली. उन्होंने शेयर बाजारों से रातोंरात अपना पैसा निकल लिया. अर्थशास्त्रियों ने निवेशकों की इस गतिविधि को टैपर-टैंट्रम नाम दिया था.
विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले दिनों देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) में गिरावट का रुख देखा गया। इससे पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार 3.84 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया था। एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था।
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपए की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 5.77 अरब डॉलर बढ़कर विदेशी मुद्रा भंडार में आई बड़ी गिरावट 470.84 अरब डॉलर हो गई। डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है।