कम अस्थिरता

विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने, यौन हिंसा के पीड़ितों के लिये न्याय सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी हिंसा को रोकने के एक साधन के रूप में, जवाबदेही मज़बूत करने के मुद्दे पर, बुधवार को सुरक्षा परिषद में हुई एक उच्चस्तरीय चर्चा को सम्बोधित किया.
सतर्क रहने की जरूरत : अक्टूबर महीने के मुद्रास्फीति के आंकड़े
अक्टूबर महीने के मुद्रास्फीति के आंकड़ों से निकले कीमतों में एक स्वागत योग्य नरमी के इशारे इस वर्ष की शुरुआत से ही मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए जूझ रहे मौद्रिक नीति से जुड़े अधिकारियों को थोड़ी राहत प्रदान करेंगे। पिछले महीने की खुदरा मुद्रास्फीति या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित कीमतों में वृद्धि सितंबर माह के 7.41 फीसदी से घटकर 6.77 फीसदी हो गई। ऐसा खाद्य पदार्थों की कीमतों में एक सराहनीय गिरावट के कारण संभव हुआ। सरकार के मुताबिक “सब्जियों, फलों, दालों और तेल एवं वसा की कीमतों में हुई गिरावट” की मदद से उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक पर आधारित साल-दर-साल की मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में लगभग 160 आधार अंक गिरकर 7.01 फीसदी हो गई, जोकि पिछले महीने 8.60 फीसदी थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के कुल भार का करीब 46 फीसदी हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले खाद्य और पेय पदार्थ उप-सूचकांक के साथ, खाद्य कीमतों में आई मंदी ने समग्र मुद्रास्फीति को कम कर दिया। यह एक अलग बात है कि कपड़े एवं जूते, आवास और स्वास्थ्य जैसी तीन अन्य आवश्यक श्रेणियों में कीमतें या तो सितंबर से थोड़ी बदलीं या फिर उनमें तेजी आई। थोक कीमतों के स्तर पर भी मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रही और यह 19 महीनों में पहली बार इकाई अंकों में गिरकर सुर्खियों का हिस्सा बनी। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में पसरती अनिश्चितता के बीच कच्चे तेल और इस्पात सहित विभिन्न वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में एक अलग किस्म की नरमी के साथ एक अनुकूल आधार प्रभाव थोक मूल्य वृद्धि को कम करने में काफी हद तक सहायक रहा।
अपने अस्थिर मन को शांत करने के लिए करें ये अद्भुत उपाय
मन में हमेशा आपके जीवन से संबंधित बातें चलती रहती हैं। लेकिन शायद आप यह बात नहीं जानते कि मन व दिमाग हमेशा अशांत रहने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है।
नई दिल्ली। आज की दौड़-भाग भरी जिन्दगी में मन और दिमाग कम अस्थिरता का अशांत रहना एक आम बात है। मन को शांत करना नामुमकिन तो नहीं होता है लेकिन मन को शांत करने के लिए टिप्स और उपाय को सही तरीके से इस्तेमाल करना जरुरी होता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है। मन अशांत रहने के कारण हम कई बार बड़े फैसले नहीं ले पाते हैं और छोटी-छोटी बातों में गलतियां करते हैं। हमारा दिमाग हमारा मन उस तरफ आकर्षित रहता है जहां हम नहीं सोचना चाहते। इन्हीं गलतियों से बचने और मन को शांत करने में मन को शांत करने के उपाय काफी लाभकारी हो सकते हैं। मन की दुविधा को दूर करने तथा मन व दिमाग को शांत रखने के लिए कुछ उपाय अपनाये जा सकते हैं, जिनके बारे में हम यहाँ बताने जा रहें हैं।
युद्ध का प्राचीनतम अपराध
प्रमिल पैटन ने याद दिलाते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद ने महिलाओं, शान्ति व सुरक्षा पर 10 प्रस्ताव पारित किये हैं, जिनमें से पाँच प्रस्ताव, संघर्षों सम्बन्धी यौन हिंसा की रोकथाम और उनसे निपटने पर केन्द्रित हैं.
उन्होंने सवाल पेश किया कि उन घोषणाओं का इस समय यूक्रेन, अफ़ग़ानिस्तान, म्याँमार या इथियोपिया के उत्तरी क्षेत्र टीगरे की महिलाओं के लिये क्या अर्थ है.
उन्होंने कहा, “युद्ध की हर एक नई लहर अपने साथ, मानव त्रासदी का एक बढ़ा हुआ प्रवाह लाती है, जिनमें युद्ध का सबसे पुराना, सबसे ज़्यादा ख़ामोश, और सबसे कम निन्दित अपराध भी शामिल है.”
चिन्तनीय वृद्धि
संघर्ष की स्थिति में यौन हिंसा पर, यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन, महिलाएँ और शान्ति व सुरक्षा मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए.
प्रमिला पैटन ने अपनी रिपोर्ट में बलात्कार व मानवाधिकार हनन के कुछ भयावह मामलों की जानकारी प्रस्तुत की है जिनमें दण्डमुक्ति का चलन भी सामने आया है.
इस रिपोर्ट में 18 देशों के हालात का जायज़ा लिया गया और वर्ष 2021 में यूएन द्वारा पुष्ट 3 हज़ार 293 मामलों की जानकारी भी है. वर्ष 2020 की तुलना में ये संख्या 800 ज़्यादा है जोकि ख़ासी बड़ी वृद्धि दर्शाती है.
क़ानूनी कार्रवाई, रोकथाम के लिये ज़रूरी
प्रमिला पैटन ने ध्यान कम अस्थिरता दिलाया कि क़ानूनी कार्रवाई, किस तरह रोकथाम के एक साधन के रूप में अति महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे, इन अपराधों के लिये दण्डमुक्ति और भय मुक्ति के चलन को, निवारण का चलन बनाने में मदद मिल सकती है.
उनका कम अस्थिरता कहना था, “दण्डमुक्ति जहाँ हिंसा को सामान्य बनाती है, वहीं न्याय के ज़रिये वैश्विक मानक मज़बूत होते हैं. ये समय है जब जवाबदेही की तरफ़ बढ़ा जाए, और ये सुनिश्चित किया जाए कि आज के दस्तावेज़, कल के मुक़दमों का रूप लें.”
न्याय और जवाबदेही
नोबेल पुरस्कार विजेता नादिया मुराद, इराक़ के उत्तरी हिस्से में रहने वाले यज़ीदी समुदाय की उन हज़ारों महिलाओं में से एक हैं जिन्हें यौन दासिता के लिये बेचा गया, और 2014 में दाएश (ISIL) के आतंकवादियों ने जिनका बलात्कार किया.
नादिया मुराद ने बताया कि तब से आठ वर्ष का समय बीत चुका है, अब भी लगभग 2,800 महिलाएँ व बच्चे, आतंकवादी गुट – दाएश के क़ब्ज़े में हैं.
उन्होंने सुरक्षा परिषद में कहा कि न्याय सुनिश्चित करना, जवाबदेही का सबसे ज़्यादा नज़र आने वाला रूप है. उन्होंने गत वर्ष जर्मनी की एक अदालात द्वारा दाएश के एक लड़ाके को, जनसंहार का दोषी क़रार दिये जाने के ऐतिहासिक मामले का भी ज़िक्र किया. उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से और ज़्यादा कार्रवाई की उम्मीद भी ज़ाहिर की.
अपने अस्थिर मन को शांत करने के लिए करें ये अद्भुत उपाय
मन में हमेशा आपके जीवन से संबंधित बातें चलती रहती हैं। लेकिन शायद आप यह बात नहीं जानते कि मन व दिमाग हमेशा अशांत रहने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है।
नई दिल्ली। आज की दौड़-भाग भरी जिन्दगी में मन और दिमाग का अशांत रहना एक आम बात है। मन को शांत करना नामुमकिन तो नहीं होता है लेकिन मन को शांत करने के लिए टिप्स और उपाय को सही तरीके से इस्तेमाल करना जरुरी होता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है। मन अशांत रहने के कारण हम कई बार बड़े फैसले नहीं ले पाते हैं और छोटी-छोटी बातों में गलतियां करते हैं। हमारा दिमाग हमारा मन उस तरफ आकर्षित रहता है जहां हम नहीं सोचना चाहते। इन्हीं गलतियों से बचने और मन को शांत करने में मन को शांत करने के उपाय काफी लाभकारी हो सकते हैं। मन की दुविधा को दूर करने तथा मन व दिमाग को शांत रखने के लिए कुछ उपाय अपनाये जा सकते हैं, जिनके बारे में हम यहाँ बताने जा रहें हैं।
झारखंड में राजनीतिक अस्थिर और बढ़ने की संभावना
मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के इस्तीफे के बाद झारखंड में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस और झारखंड विकास पार्टी के पास पर्याप्त बहुमत नहीं होने के कारण राज्य में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती नजर आ रही है। हालांकि ये दल सरकार बनाने की संभावना तलाश रहे हैं क्योंकि इन सभी दलों के विधायक एक और चुनाव नहीं चाहते।
राज्य में एक नयी स्थिर सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिए राज्यपाल एम ओ एच फारूक ने सोमवार को सुबह कांग्रेस, भाजपा तथा झारखंड विकास मोर्चा के नेताओं से बातचीत की।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि भाजपा के नेता रघुवर दास ने सुबह ग्यारह बजे, कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने साढ़े बारह बजे और बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाले झावुमो ने दोपहर दो बजे राज्यपाल से भेंट की।