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भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब?

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब?
क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन के लिए मौजूदा कानून अपर्याप्त, सरकार संसद में जल्द बिल लाएगी- अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री#Bitcoin #CryptoCurrency @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/bgSvcG53jX — Zee Business (@ZeeBusiness) February 9, 2021

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब?

​क्रिप्टो करेंसी पर सरकार का रुख

वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन का भाव सातवें आसमान पर है. भारत में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने वाली है. क्रिप्टो करेंसी पर सरकार ने साल 2019 में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? अपनी रिपोर्ट दे दी है.

इसके आधार पर क्रिप्टो करेंसी बिल का मसौदा बना है. हालांकि, इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. जानिए 2019 में आए इस मसौदे में क्या था खास और क्या होगा आप पर इसका असर:

Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में जल्द लगेगी रोक! जानिए-क्या होगा पैसा भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? लगाने वालों पर असर?

cryptocurrency in India: भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे जुड़ा नया विधेयक बजट सत्र में लाया जा सकता है. ऐसे में अब निवेशकों का क्या होगा?

Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में जल्द लगेगी रोक! जानिए-क्या होगा पैसा लगाने वालों पर असर?

वैसे क्रिप्टो एक्सचेंज का चयन एक जटिल प्रक्रिया है. यहां की बातें भी टेक्निकल एक्सपर्ट लोगों को ही समझ में आती है. हालांकि CoinSwitch Kuber जैसे कुछ एक्सचेंज हैं, जहां रिटेल निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं. इतना सबकुछ होने के बाद भी रिटेल निवेशकों से कहा जाता है कि वे इसमें संभल कर निवेश करें. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में गहराई से अध्ययन करें. बारीकियों को समझने के बाद ही इसमें निवेश का फैसला लें.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सरकार ऐसा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा (digital currency) के लिए फ्रेमवर्क बनाने के लिए कर रही है. अगर आसान शब्दों में कहें तो RBI अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में है. आपको बता दें कि क्रिप्टो का मतलब ऐसी चीज जो रियल न हो. क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी करेंसी होती है जो कंप्यूटर के एल्गोरिद्म से बनती है. यह सिर्फ इंटरनेट और कंप्यूटर पर मिलती है. इसका इस्तेमाल ऑनलाइन ही हो सकता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इसका कोई मालिक नहीं होता और न ही इसे कोई सेंट्रल बैंक जारी करता है. इसीलिए इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.

अब क्या होने वाला है

अगर ये करेंसी बिल पारित हो जाता है, तो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी लेन-देन और करेंसी के तौर पर इस्तेमाल बंद हो जाएगा. इसके अतिरिक्त, क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान सिस्टम से बाहर कर दिया जाएगा.

लोकसभा बुलेटिन के अनुसार आधिकारिक डिजिटल करेंसी नियमन विधेयक भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? 2021 (भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? The Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) को संसद के बजट सत्र में पेश किये जाने की संभावना है.

सरकार के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी पर अस्पष्टता समाप्त होने की उम्मीद है जो भारत में न तो प्रतिबंधित है और न ही वैध है. RBI ने बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था मार्च मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था.

अगर कोई क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करेगा तो क्या होगा

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार इसके लिए आरबीआई को रेग्युलेटर बनाना चाहती है यानी बैंकों की तरह आरबीआई इसकी भी निगरानी करेगा.

अब क्या है RBI की तैयारी

25 जनवरी को जारी आरबीआई बुकलेट में कहा गया था कि केंद्रीय बैंक रुपये के डिजिटल संस्करण पर विचार कर रहा है. जल्द ही इस पर फैसला लेगा.

कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी

डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी हैं. बिटकॉइन के अलावा दुनिया में सैकड़ों अन्य क्रिप्टो करेंसी भी मौजूद हैं जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कॉइन, वॉइस कॉइन और मोनरो.

क्या होता है बिटकॉइन

बिटकॉइन (Bitcoin) भी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है.

इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? किया गया था. इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है.

भारत में रिजर्व बैंक ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाज़त दे दी है. यानी भारत में भी बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त हो सकती है.

क्रिप्टोकरेंसी का मुनाफा काफ़ी अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता.

साल 2009 में जब बिटकॉइन को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी. 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची. लेकिन आज बिटकॉइन का रेट भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? 30 हजार डॉलर है. अगर भारतीय रुपये में बात करें तो इसकी कीमत 24 लाख रुपये के करीब बैठती है.

अब क्या होगा बिटकॉइन जैसी करेंसी खरीदने वालों का

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी पर क्लियरिटी आएगी. लेकिन निवेशकों को इसे तुरंत बेचना होगा. पिछली बार की तरह इस बार इसे बेचने के लिए वक्त दिया जा सकता है.

भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब?

​क्रिप्टो करेंसी पर सरकार का रुख

वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन का भाव सातवें आसमान पर है. भारत में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने वाली है. क्रिप्टो करेंसी भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? पर भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? सरकार ने साल 2019 में एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है.

इसके आधार पर क्रिप्टो करेंसी बिल का मसौदा बना है. हालांकि, इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. जानिए 2019 में आए इस मसौदे में क्या था खास और क्या होगा आप पर इसका असर:

​क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा

कोई ऐसी सूचना, कोड या टोकन जिसकी वैल्यू का डिजिटल रूपांतरण उपलब्ध हो और कारोबारी गतिविधि में शामिल होने क्षमता हो, या फिर जिसकी वैल्यू को स्टोर किया जाए या फिर खाते की एक इकाई और जो क्रिप्टो ग्राफिक माध्यम से उत्पन्न की जाए.

​किस पर प्रतिबंध?

  • क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल लीगल टेंडर (कानूनी निविदा) या मुद्रा के रूप में करना प्रतिबंधित होगा.

​क्या होगी सजा?

  • नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना या 10 साल तक की जेल या फिर दोनों

Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर जल्द आएगा कानून, सरकार ने किया ये ऐलान

Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी.

सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर बिल लेकर आएगी (फोटो - जी बिजनेस)

Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी. रॉयटर्स की खबर के मुताबक सरकार का मानना है कि देश में क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है.

Elon Musk की कंपनी Tesla ने Bitcoin में पैसे लगाए
गौरतलब है कि एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी Tesla ने सोमवार भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? को जानकारी दी है कि उसने Bitcoin में 1.5 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट किया है. ये खबर आते ही बिटक्वाइन की कीमतों में 15 फीसदी तक की तेजी देखी गई. पहली बार ऐसा हुआ है कि Bitcoin का रेट 44,000 डॉलर से ज्यादा हो गया. दरअसल एक रेगुलेटरी के सामने टेस्ला ने इस बात का खुलासा किया. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडीटर अनिल सिंघवी के मुताबिक Elon Musk के पैसे लगाने के बाद आने वाले दिनों में दुनिया के कई देशों में Bitcoin को मान्यता मिल सकती है. दुनिया में आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी का फैशन बढ़ेगा. भारत समेत कई अन्य देश Bitcoin पर कर विचार कर सकते हैं . उन्होंने कहा कि हम दुनिया से अलग नहीं चल सकते. सरकार को ये साफ करने की जरूरत है कि भारत के लोगों को क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने चाहिए या नहीं.

बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल bitcoin prices
Tesla Inc के खुलासा करते ही कि उसने बिटकॉइन में 1.5 बिलियन डॉलर का इन्वेस्ट किया है, बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया. यह 44,000 डॉलर पर पहुंच गया जो All time High है. टेस्ला ने यह भी कहा कि वह अपनी इलेक्ट्रिक कारों के पेमेंट के तौर पर वह डिजिटल टोकन को स्वीकार करना शुरू करेगी. दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनियों में से एक और बिलियेनर एलन मस्क के बिटकॉइन में निवेश से पता चलता है क्रिप्टोकरेंसी को लोगों का कितना सपोर्ट मिल रहा है. जबकि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की वजह से पॉलिसी मेकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी की काफी आलोचना भी की है.

'बिटकॉइन में और बढ़ेगा निवेश' ('Bitcoin and investment will increase')
लंदन में नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर और को-फाउंडर एंटोनी ट्रेंशेव ने कहा कि- बिटकॉइन के लिए अपनी कंपनी के भारतीय खरीदारों के लिए क्या है क्रिप्टो करेंसी बिल का मतलब? खजाने का 1.5 बिलियन डॉलर देने से पता चलता है कि इसने कितने बड़े पैमाने पर institutional adoption (संस्थागत स्वीकृति ) हासिल कर ली है. उन्होंने आगे कहा कि 'टेस्ला ने अब रास्ता साफ कर दिया है'. वहीं ट्रेंशेव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2022 के अंत तक S&P 500 कंपनियों में से कम से कम 10% का इन्वेस्टमेंट बिटकॉइन में होगा.

क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन के लिए मौजूदा कानून अपर्याप्त, सरकार संसद में जल्द बिल लाएगी- अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री#Bitcoin #CryptoCurrency @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/bgSvcG53jX

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कई कंपनियों ने लगाए हैं पैसे (Many companies have invested money)
वहीं दूसरी कंपनियों ने भी बिटकॉइन में इन्वेस्ट किया है. MicroStrategy Inc. ने इसपर करीब 1.1 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. अक्टूबर में लंबे समय से क्रिप्टो के समर्थक रहे जैक डोर्सी की अध्यक्षता में Square Inc ने घोषणा कि थी उन्होंने 2020 की दूसरी तिमाही (second quarter) में अपनी कुल संपत्ति का लगभग 50 मिलियन डॉलर टोकन में बदल दिया. वहीं मिलर वैल्यू पाटनर्स के बिल मिलर ने कहा है कि यह तो महज शुरुआत है. बिटकॉइन के साथ विवाद और तारीफ दोनों जुड़े हुए हैं. जिसमें सबसे बड़ी चीज है इसकी अनिश्चितता. कुछ लोग इसे बुलबुले की तरह देखते हैं. वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि ये लंबे समय तक चलेगा.

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