कितना सोना है

सोने का भंडारण कहां किया गया है, इस पर रिजर्व बैंक ने बताया कि ये सोना भारत और विदेश दोनों जगह रखा गया है। भारत में ये सोना भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम विभाग के वॉल्ट में रखा गया है।
Viral Video: 'सोना कितना सोना है' पर नाचीं धनश्री वर्मा, लोगों ने यजुवेंद्र चहल को याद कर किए मजेदार कमेंट
डीएनए हिंदी: आप चाहे देश में हों या विदेश में हिंदी गाने सुनकर डांस तो निकल ही जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ यजुवेंद्र चहल की सोशल मीडिया क्वीन वाइफ धनश्री वर्मा के साथ. अपने मजेदार डांसिंग रील्स के लिए मशहूर धनश्री डबलिन की सड़कों पर जबरदस्त डांस करती दिखीं. उन्होंने गाना भी ऐसा चुना कि पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं. धनश्री गोविंदा और करिश्मा कपूर के हिट गाने 'सोना कितना सोना' है पर डांस करती दिखीं.
वीडियो में धनश्री का डांस तो मजेदार है ही उनका स्टाइल भी करिश्मा कपूर जैसा लग रहा है. इंटरनेट यूजर्स को यह डांस वीडियो बेहद पसंद आ रहा है. लोग उनके डांस मूव्स की तारीफ करते नहीं थक रहे. वैसे धनश्री सोशल मीडिया के मामले में काफी एक्टिव हैं. कभी आप उन्हें अलग-अलग स्टार्स के साथ डांस करते तो कभी लिप सिंक करते देख सकते हैं.
विज्ञान विश्व
न्यूट्रॉन तारों के टकराव से स्वर्ण निर्माण की संभावना है।
स्वर्ण/सोना मानव मन को सदियों से ललचाता रहा है! लेकिन स्वर्ण की उत्पत्ती कैसे हुयी ? हम यहा पर स्वर्ण खदानो की चर्चा नही कर रहे है, चर्चा का विषय है कि इन खदानो मे स्वर्ण का निर्माण कैसे हुआ है?
हमारे सौर मंडल मे स्वर्ण की मात्रा शुरुवाती ब्रह्माण्ड मे निर्माण हो सकने लायक स्वर्ण की मात्रा के औसत से कहीं ज्यादा है। स्वर्ण निर्माण की यह प्रक्रिया सूर्य मे नियमित रूप से होने वाली हिलीयम निर्माण की प्रक्रिया के जैसे ही है। इस प्रक्रिया मे हायड्रोजन परमाणु के दो नाभिक हिलीयम का नाभिक बनाते है। हिलीयम निर्माण की इस प्रक्रिया से उत्पन्न ऊर्जा के कारण ही सूर्य प्रकाशमान है।
49 टन कितना सोना है है विदेश में सोना
आरटीआई के जवाब में बताया गया कि विदेश में जो भारत का सोना रखा गया है उसकी मात्रा 265.49 टन है।
जबकि भारत में 292.26 टन सोना मौजूद है।
याचिकाकर्ता अनीश के सवाल का जवाब देते हुए जानकारी दी गई कि विदेश में जो सोना रखा गया है वो छड़ों के रूप में है और बैंक ऑफ इंग्लैंड, बैंक ऑफ इंटरनेशनल सैटलमेंट इसकी मासिक आधार पर पुष्टि भी करता है।
भारत सरकार करती है बाहर रखने का फैसला
इस आरटीआई में यह भी पूछा गया कि ये कौन तय करता है कि कितना कितना सोना है सोना देश में रखा जाएगा और कितना विदेश में? इसके जवाब में आरबीआई ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के मुताबिक भारत सरकार से विचार विमर्श करके इसका फैसला करती है।
इस विचार विर्मश के बाद ही कितना सोना विदेश भेजा जाना है इसका निर्धारण किया जाता है।
26 जून 2013 को हुआ था आखिर बार ऑडिट
विदेशी बैंकों में रखे देश के सोने का आखिरी बार ऑडिट कब हुआ। इसको लेकर भी रिजर्व बैंक ने जानकारी दी। 26 और 28 जून 2013 कोभौतिक तौर पर सोने के भंडार का ऑडिट किया गया।
हालांकि ये सारे आंकड़े मार्च 2013 के आधार पर सरकार ने दिए हैं। रिजर्व बैंक ने भी बताया कि नमूने के आधार पर इस पूरे सोने ऑडिट किया गया।
आरटीआई में ऑडिट की रिपोर्ट मांगे जाने पर रिजर्व बैंक ने जवाब दिया कितना सोना है कि इसे जारी करने से देश के आर्थिक हितों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (ए) के तहत न जाहिर करने की छूट प्राप्त है।
‘सोना’ कितना ‘सोना’ है | EDITORIAL by Rakesh Dubey
कोई माने या न माने सोने [स्वर्ण] को लेकर एक बात बिल्कुल पक्की है, यह अनिश्चितता के दौर में सबसे महत्वपूर्ण निवेश है और इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता है। अनिश्चितता, तनाव, युद्ध की स्थितियों में सोने के भाव इसीलिए ऊपर जाते हैं कि तमाम निवेशक सोने की तरफ दौड़ते हैं। सदियों से इसके प्रति इस कदर आकर्षण है कि लोग इसमें रकम लगाते हैं और लगाते जाते हैं। कारण इसका ग्लोबल आकर्षण है। तमाम केंद्रीय बैंक सोने को खरीदकर अपने भंडार में रखते हैं, जिस केंद्रीय बैंक के पास सोने के जितने ज्यादा भंडार होंगे, उसकी स्थिति उतनी ही मजबूत मानी जायेगी। इस समय खासतौर पर संकट, अनिश्चितता, तनाव के चलते तो सोने के भाव आसमान छू रहे हैं।
सोना, कितना सोना है
कम नींद लेना जहां स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है, वहीँ ज्यादा नींद लेना भी खतरनाक है. जरूरत से ज्यादा सोने से सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है और इंसान कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है.
तेज़ रफ़्तार से भागती ज़िंदगी में कोरोना ने ब्रेक लगा दिए हैं. सब लोग बीते पांच महीने से अपने अपने घरों में कैद हैं. इस दौरान घरेलू महिलाओं का काम तो ज़रूर बढ़ गया है, क्योंकि घर के मर्द और बच्चे पूरे समय घर में बने हुए हैं, लिहाज़ा सारा दिन उनके खाने-पीने और अन्य बातों का ख्याल रखना पड़ रहा है, कितना सोना है इसलिए उनको आराम का वक़्त कम ही मिल रहा है, लेकिन जो महिलायें अविवाहित हैं या एकाकी जीवन जी रही हैं, उनके पास आराम का भरपूर समय है. इस समय को वे भरपूर नींद ले कर गुज़ार रही हैं. रात की पूरी नींद तो ले ही रही हैं, दिन में भी चार-पांच घंटे की नींद का मज़ा उठा रही हैं. कामकाजी महिलायें जो वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं, वो भी काम ख़त्म करके बिस्तर पर पसर जाती हैं, कि चलो एक नींद ले ली जाए. पुरुषों को तो आराम करने और खर्राटे बजाने का भरपूर समय कोरोना ने मुहैय्या कराया है. अब सुबह जल्दी उठ कर ऑफिस के लिए भागमभाग मचाने की ज़रूरत नहीं है, लिहाज़ा देर तक सोने का लुत्फ़ उठाया जा रहा है. दोपहर में भी यह सोच कर कई घंटे की नींद मार ली जाती है कि ऐसा मौक़ा फिर कहाँ मिलेगा.