मुख्य प्रकार के सिक्के

Lyrics Embossed Famous Gold Dinar
आहत सिक्के क्या होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंप्राचीनतम सिक्कों को आहत सिक्के (पंचमार्क कॉइन्स) कहा जाता है। इन्ही को साहित्य में ‘पुराण’, ‘धरण’, ‘शतमान’ आदि भी कहा जाता है। समय ई0 पू0 दूसरी शती तक चलते रहे, ये सिक्के एक समान भार के है। उनका भार लगभग 50 से 56 ग्रेन था।
कौन सा सिक्का छोटे सिक्के कहलाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवर्तमान में भारत में 50 पैसे, एक रुपया, दो रुपये, पाँच रुपये, दस रुपये तथा बीस रुपये के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा रहे हैं । 50 पैसे तक के सिक्कों को “छोटे सिक्के” कहा जाता है तथा एक रुपया और इससे अधिक के सिक्कों को “रुपया सिक्का” कहा जाता है ।
वैदिक काल में सिक्के को क्या कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंवैदिक काल का एक प्रकार का सोने का सिक्का या मोहर जिसका मान भित्र भित्र समयों में भिन्न भिन्न था । विशेष—प्राचीन काल में यज्ञों में राजा लोग ऋषियों और ब्राह्मणों को दक्षिणा में देने के लिये सोने के बराबर तौल के टुकड़े कटवा लिया करते थे जो ‘निष्क’ कहलाते थे । इन्हीं टुकड़ों ने आगे चलकर सिक्कों का रूप घारण कर लिया ।
संसार में चांदी के सिक्के चलाने वाला पहला राजा कौन था?
इसे सुनेंरोकें- माना जाता है कि शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल में जो रुपया चलाया था, वह एक चांदी का सिक्का था।
भारत में स्वर्ण सिक्के जारी करने वाला प्रथम राजा कौन था?
इसे सुनेंरोकेंयह भारत के किसी राजा द्वारा जारी प्रथम स्वर्ण सिक्का माना जाता है; इसे 127 सीई में कुषाण राजा कनिष्क 1 द्वारा जारी किया गया था।
पंचमार्क सिक्के बनाने की डाई कहाँ मिली है?
इसे सुनेंरोकेंपंचमार्क सिक्के बनाने की डाई कहाँ मिली है – panchamark sikke banane ki dye kaha mili hai.
इसे सुनेंरोकेंआहत सिक्के धातु के टुकङे पर चिन्ह विशेष ठप्पा मारकर (पीटकर) बनाए जाते थे। आहत सिक्कों पर चिन्हों के अवशेष भी मिलते हैं जैसे – मछली, पेङ, मोर, यज्ञ वेदी, हाथी, शंख, बैल, ज्यामीतीय चित्र (वृत्त, चतुर्भुज, त्रिकोण ), खरगोश।
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ऐसे फायदे होते हैं भारत के दुर्लभ पुराने सिक्के से -sell combo
आपको इन्टरनेट पर Youtube विडियो या आर्टिकल के माध्यम से दर्जनों भर ऐसे जानकारी पुराने सिक्के के बारे में मिल सकते हैं जिनमे किसी पुराने या नए सिक्के को लाखो रुपए की कीमत होने का दावा करते हैं। किन्तु इसमें कितना सचाई हैं हम यह नही बताने वाले हैं बल्कि हम पुराने सिक्के के गुण और उसके फायदे के बारे में चर्च करेंगे , क्योकि किसी वास्तु की कीमत तभी होता हैं जब वह किसी व्यक्ति के लिए अच्छा और मुख्य प्रकार के सिक्के फायदे देनेवाली होना चाहिये , जैसे की किसी के लिए कोई रंग बहुत फलदायक होता हैं तो किसी के लिए कोई अंक और किसी -किसी के लिए तो कोई आकृति ही अधिक प्रभावशाली होता हैं जिससे उसका कई मुसीबत दूर हो सकता हैं।
पुराने सिक्को को बनाने में प्रयोग होने वाले धातु :-
पुराने समय में सिक्को का प्रचालन अधिक था और इसकी वैल्यू भी अधिक हुवा करता था इन सिक्को को बनाने के लिए पीतल , तम्बा, चांदी , सोना , सिल्वर का प्रयोग होता था , किन्तु पुराने समय में तम्बा और चांदी की सिक्के अधिक प्रचालित था जिस पर कई प्रकार की आकृति बने होते थे जो उस समय के घटनावो को भी मुख्य प्रकार के सिक्के प्रदर्शित करता था।
पुराने सिक्को का मूल्यवान होना उस सिक्के को बनाने में प्रयोग होने वाला धातु का समसे अहम् भूमिका होता हैं उसके बाद उस सिक्खे को जारी करने वाला तिथि तथा उस सिक्के में बने आकृति होता हैं। क्योकि दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनकी पसंद कई प्रकार का हो सकता हैं और अपने पसंद की वास्तु को खरीदने के लिए ऊचे दाम भी देने को तैयार हो जाते हैं।
पुराने सिक्के पास रखने के फायदे :-
कोई भी ऐसे धातु जिसका पुराना सिक्का बना हो लोग उसे अपने पास रखने से उनमे पड़ने वाले नकरात्म प्रभाव सकारात्मक प्रभाव में बदल सकते है जैसे की लोग अपने व्यापार नौकरी आदि में सफल होने ले लिए अनूठी , माला आदि को पहनते हैं और उसका प्रभाव उन्हें दीखता हैं ठीक ऐसे ही सिक्को का प्रभाव भी होता हैं , जैसे की हमने ऊपर चर्च किया हैं की पुराने समय में लोग सिक्को को बनाने के लिए कई प्रकार की धातु का प्रयोग करते थे , जिनका प्रभाव भी लोगो की जीवन में पड़ता था। इसके साथ ही साथ सिक्को पर बने आकृति का भी लोगो की जीवन में बड़ा प्रभाव डालता हैं जिस प्रकार से लोग मंदिर , मज्जिद , चर्च , गुरुद्वारा , आदि स्थानों में मूर्ति आदि की दर्शन आदि से उनके जीवन पर प्रभाव पड़ता हैं ठीक उसी प्रकार से सिक्को पर छपे महापुरुषो , आदि की आकृति भी लोगो के जीवन में प्रभाव डालता हैं। इसलिए जो लोग अपने व्यापार , नौकरी , राजनीती आदि में और अधिक उचाई पर जाना चाहते हैं उन्हें अपने पास अपने पसंद के अनुसार सिक्के को जरुर रखना चाहिये जिससे उनके जीवन पर पड़ने वाले हर मुसीबत का सकारात्मक प्रभाव पड़े।
सबसे पहले सोने के सिक्के किसने चलाए
एक समय था जब भारत को अक्सर सोने की चिड़िया कहा जाता था। अनेक वर्षों के बाद, विविध संभताएं स्वर्ण पर एक मुद्रा के रुप में निर्भर थी और यह समृद्धि का प्रतीक भी रहा। यहां पर आप पढ़ेंगे, भारत के सोने के सिक्कों के बारे में कुछ अद्भुत तथ्य, जो यह सिद्ध करते हैं, कि मुख्य प्रकार के सिक्के स्वर्ण को लेकर हमारा प्रेम सचमुच समय से परे है।
भारत के कुछ सबसे पुराने स्वर्ण के सिक्के, कुषाण सभ्यता में सामने आए थे। इनमें से कुछ, यहां पर हैं:
कनिष्क I स्वर्ण सिक्का
यह भारत के किसी राजा द्वारा जारी प्रथम स्वर्ण सिक्का माना जाता है इसे 127 सीई में कुषाण राजा कनिष्क 1 द्वारा जारी किया गया था। यह उन कुछ विशेष सिक्कों में से हैं जिन्हे ग्रीक भाषा में और बाद में बैक्टरियन भाषा में जारी किया गया था जो कि एक इरानी भाषा थी और उस दौरान केन्द्रीय एशिया के क्षेत्र बैक्टरिया (वर्तमान उज़्बेकिस्तान, अफगानिस्तान और तज़ाकिस्तान) में बोला जाता था।
जानें 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बाद आई भारतीय सिक्कों की कहानी.
नई दिल्ली/टीम डिजिटल।सि भारत में क्कों का इतिहास 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास माना जाता है। 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के बाद और आजादी के पहले और वर्तमान में सिक्कों को विभिन्न शासन में कई बदलाव किये गए। अपने पूरे इतिहास में सिक्कों और मौद्रिक प्रणाली ने कई उतार चढ़ाव भी देखने को मिला है। इसी दौरान खबर है कि सरकार जल्द ही सौ रुपये का सिक्का जारी करने वाली है।
गौरतलब है कि भारत में पहली बार 75, 150 मुख्य प्रकार के सिक्के और 1,000 रुपये के सिक्कों को ढाला गया। यह भारतीय रिजर्व बैंक की प्लैटिनम जुबली, रवीन्द्रनाथ टैगौर की 150वीं जयंती और बृहदेश्वर मंदिर के 1000 साल होने के उत्सव में क्रमशः जारी किए गए थे। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया था। बता दें कि कई पुराने सिक्कों का चलन बंद होने के बाद ये सिक्के इतिहास का हिस्सा बन गए और आज इन्हीं के बारे में हम आपको बताएंगे.
आवेदन पत्र एवं दस्तावेज
प्र 1. क्या यूनियन बैंक सोने के सिक्के का काम कता है ?
उ. जी हां, यूनियन बैं के पास सोने के सिक्के बेचने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति है.
प्र 2. मैं सोने का सिक्का क्यों खरीदूं ?
उ..सोने में निवेश करना मुदा स्फीति से बचाव का के उपाय है. अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में सोने की क्रय शक्ति बनी रहती है..सोने से आपके पोर्ट फोलियो की विविधता और समग्र स्थरता बनी रहती है.
प्र 3. मुझे यूनियन बैंक से सोने के सिक्के क्यों खरीदने चाहिये ?
उ. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 24 कैरट के सोने के सिक्कों का विकय करता है. किसी प्रकार की क्षति से बचाव के लिये यह टैंपर प्रूफ पैकिंग में होते हैं. इसके अलावा हमारे रेट प्रतियोगी होते हैं.