डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन

कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है और जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, वह डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पात्र है, बशर्ते कि उसके पास पैन कार्ड हो. आपको अपना पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ प्रदान करना होगा, और बैंक अकाउंट रजिस्टर करने के लिए कैंसल किए गए चेक की कॉपी प्रदान करनी होगी. मूल डॉक्यूमेंट डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन ब्रोकरेज (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट) को दिखाने होंगे.
डीमैट और ट्रेडिंग डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन अकाउंट के लिए पात्रता मानदंड
शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट आवश्यक हैं. डीमैट अकाउंट डिजिटल मोड में शेयर्स को स्टोर करता है और फिज़िकल शेयर सर्टिफिकेट से जुड़े जोखिमों जैसे चोरी, फर्जी कागज़ बनना आदि से होने वाले नुकसान को दूर करता है. बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ अकाउंट खोलने के लिए 100% डिजिटल प्रोसेस प्रदान करता है, ताकि आप डॉक्यूमेंट्स की सॉफ्ट कॉपी अपलोड कर सकें और उन्हें ऑनलाइन सबमिट कर सकें.
हां, आप डीमैट अकाउंट डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन में अपना एड्रेस बदल सकते हैं. इसके लिए, आपको अकाउंट संशोधन फॉर्म भरना होगा, इस पर हस्ताक्षर करने होंगे और इसके साथ प्रमाण के रूप में आवश्यक डॉक्यूमेंट, अपने डिपॉजिटरी डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन पार्टिसिपेंट (डीपी) को सबमिट करना होगा. बदलाव करने से पहले डीपी अनुरोध को सत्यापित करेंगे.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. हालांकि, इसे डीमैट अकाउंट खोलते समय एड्रेस प्रूफ के रूप में सबमिट किया जा सकता है. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए एड्रेस प्रूफ के रूप में वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, अधिकतम 3 महीने डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन पुराने यूटिलिटी बिल, और पिछले 3 महीनों के बैंक स्टेटमेंट भी सबमिट किए जा सकते हैं.
शेयरों में निवेश शुरू करना चाहते हैं? जानिए कैसे खोलें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट
डिजिटल फॉर्म भरें
पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं. फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें. इसमें आपको नाम, पता, पैन और उस बैंक अकाउंट की डीटेल्स भरनी होंगी जिन्हें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ना है. साथ ही सबसे उपयुक्त ब्रोकरेज प्लान को सेलेक्ट करने की जरूरत होती है.
डॉक्यूमेंट अपलोड करें
आधार, पैन, कैंसिल्ड चेक जैसे डॉक्यूमेंट की स्कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत पड़ती है. निवेशक की तस्वीर के साथ स्कैन किए हुए सिग्नेचर की भी जरूरत हो सकती है.
इन-पर्सन वेरिफिकेशन
इन-पर्सन वेरिफिकेशन ब्रोकर करते हैं. इसे डिजिटल कॉल या व्यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से किया जाता है. इसके लिए निवेशकों को स्क्रीन पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है.
Demat Account कैसे खोलें? यहां जानें प्रोसेस; Share Market में ट्रेडिंग करने के लिए है जरूरी
अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने की इच्छा रखते हैं तो आपका डीमैट खाता होना जरूरी है। डीमैट खाते को बैंक वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के साथ खाला जा सकता है। यह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से खोला जा सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट खाता होना जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति का डीमैट खाता नहीं है तो वह शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है। डीमैट डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन खाता खोलने के लिए सबसे पहले डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) का चुनाव करें, जिसके साथ आप डीमैट खाता खोलना चाहते हैं। यह कोई बैंक, वित्तीय संस्थान या ब्रोकर हो सकता है। डीपी का चुनाव आदर्श रूप से ब्रोकरेज शुल्क और वार्षिक शुल्क आदि के आधार पर करना चाहिए।
डीमैट खाता कैसे खोलें?
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
Demat Account क्या होता है?
डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन अकाउंट खोलने पर आपको एक एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं.
इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?
डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.
2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.
3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.
डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कौन एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.
हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.