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कोशिश बाजार

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विस्तार एयरलाइन: कई प्रयासों के बाद वर्ष 2015 में पूरा हुआ था टाटा-एसएआई का सपना

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) बात 1994 की है। उस समय टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने भारत में संयुक्त उद्यम में एयरलाइन शुरू करने के प्रयास किये। उसके छह साल बाद, उन्होंने एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेकर दोबारा से देश के विमानन बाजार में दस्तक देने की कोशिश की।

हालांकि, उनके दोनों प्रयास विफल रहे। अंतत: दोनों कंपनियों के सपने ने हकीकत का रूप लिया और जनवरी 2015 में विस्तार ने उड़ान सेवा शुरू की।

टाटा समूह ने मंगलवार को विस्तार का विलय एयर इंडिया में किये जाने की घोषणा की।

विस्तार अब बाजार कोशिश बाजार हिस्सेदारी के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन है। कंपनी ने अपनी पहली उड़ान दिल्ली से मुंबई के बीच नौ जनवरी, 2015 को भरी।

विस्तार की बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में 9.2 प्रतिशत थी।

फिलहाल, विमानन कंपनी 43 घरेलू और विदेशी गंतव्यों को जोड़ती है और रोजाना 260 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है। कंपनी के बेड़े 54 विमान और 4,500 कर्मचारी हैं।

विस्तार की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘टाटा समूह और सिंगापुर एययरलाइंस दोनों का भारत के विमानन क्षेत्र में वृद्धि की संभावना को लेकर पूरा भरोसा रहा है। इसीलिए उन्होंने पूर्व में दो बार भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश की। सबसे पहले, 1994 में संयुक्त उद्यम बनाकर भारत में एयरलाइन बनाने का प्रयास किया। बाद में 2000 में एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के लिये गठजोड़ किया।’’

एयरलाइन क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा पर पाबंदी 2012 में हटने के बाद टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने फिर से गठजोड़ की मंजूरी मांगी। उन्हें अक्टूबर, 2013 में मंजूरी मिली। नवंबर, 2013 में टाटा एसआईए एयरलाइंस लि. अस्तित्व में आई, जो विस्तार की होल्डिंग कंपनी है।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

कपड़े फाड़े, कार के अंदर खींचने की कोशिश. भरे बाजार में महिला के साथ यौन उत्पीड़न

कपड़े फाड़े, कार के अंदर खींचने की कोशिश. भरे बाजार में महिला के साथ यौन उत्पीड़न

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बेहद शर्मनाक खबर सामने आई है। यहां भरे बाजार में पांच युवकों ने एक महिला का यौन उत्पीड़न किया। इतना ही नहीं आरोपियों ने महिला के कपड़े फाड़ते हुए उसे जबरन कार के अंदर भी खींचने की भी कोशिश की। घटना लखनऊ के बाजारखाला इलाके की है, जो भीड़भाड़ वाली जगह है।

बाजारखाला के थानाध्यक्ष विनोद यादव के अनुसार, महिला द्वारा दर्ज कराई गई FIR में कहा गया है कि घटना उस समय हुई, जब वह बाजार से घर जा रही थी। महिला ने एफआईआर में कहा, "मैं घर जा रही थी, रास्ते में सफेद रंग की कार में सवार पांच युवकों ने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया। कोशिश बाजार उन्होंने मुझे पकड़ लिया और मेरे कपड़े फाड़ दिए। उन्होंने मुझे कार के अंदर खींचने की भी कोशिश की।"

एसएचओ ने कहा, "जब पीड़िता ने शोर मचाया तो कुछ राहगीर उसे बचाने आए और आरोपी मौके से फरार हो गए।' एसएचओ कोशिश बाजार ने कहा, "हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी का पता लगाने के लिए आसपास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं।"

पिछले हफ्ते, एक निजी विश्वविद्यालय की एक छात्रा का कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया गया था और कथित आरोपी ने विरोध करने पर उसकी पिटाई की थी। इससे पहले हजरतगंज इलाके में एक बुजुर्ग महिला का उसके घर में कथित तौर पर यौन कोशिश बाजार उत्पीड़न किया गया था। 8 अगस्त को कृष्णा नगर इलाके में एक अधेड़ उम्र की महिला का उसके घर पर कब्जा करने को लेकर यौन उत्पीड़न किया गया। गोमती नगर एक्सटेंशन में एक युवती ने आरोप लगाया कि एक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया।

ब्रिटेन के साथ एफटीए में फार्मा उत्पादों को व्यापक पहुंच दिलाने की कोशिश

नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित कोशिश बाजार मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत भारत अपने औषधि उत्पादों के लिए व्यापक बाजार पहुंच हासिल करने की कोशिश में लगा हुआ है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि कुछ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध एफटीए के एक अध्याय के बारे में दी गई कोशिश बाजार सूचना संपादित होने के साथ छेड़छाड़ से भरपूर है और असल में यह भारत-ब्रिटेन एफटीए का एक तोड़-मरोड़कर पेश किया हुआ रूप है। अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रस्तावित समझौते की सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों ही पक्षों

इसके साथ ही अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि कुछ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध एफटीए के एक अध्याय के बारे में दी गई सूचना संपादित होने के साथ छेड़छाड़ से भरपूर कोशिश बाजार है और असल में यह भारत-ब्रिटेन एफटीए का एक तोड़-मरोड़कर पेश किया हुआ रूप है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रस्तावित समझौते की सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों ही पक्षों ने अपनी संवेदनाओं एवं आपत्तिजनक बिंदुओं से अवगत करा दिया है। जीवनरक्षक दवाओं के सस्ते संस्करण (जेनेरिक) का विनिर्माण ऐसा बिंदु है जिस पर कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है।’’

भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ लागू एफटीए में अपनी दवा कंपनियों के लिए सुगम बाजार पहुंच हासिल की है। इस समझौते के तहत भारतीय औषधि उत्पादों एवं चिकित्सकीय उत्पादों को 90 दिन के भीतर नियामकीय अनुमति मिलेगी। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित बाजारों में बिक्री के लिए मंजूरी हासिल कर चुके औषधि उत्पादों को यूएई में भी आसान पहुंच मिलने का प्रावधान है।

इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के व्यापार सौदे में भी त्वरित अनुमति और विनिर्माण संयंत्रों की गुणवत्ता परीक्षण के आकलन का प्रावधान होगा।

भारत, ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते में भी अपनी दवा कंपनियों के लिए सुगम पहुंच हासिल करने के प्रयास में है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम भारत-ब्रिटेन समझौते से फार्मा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक नतीजे पर नजरें टिकाए हुए हैं। ब्रिटेन की औषधि एवं स्वास्थ्य उत्पादन नियामक एजेंसी के साथ नियामकीय सहयोग को लेकर चर्चा जारी है।’’

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत इस साल जनवरी में शुरू हुई थी। इसके दिवाली तक पूरी हो जाने की समयसीमा तय की गई थी लेकिन ब्रिटेन में पैदा हुई राजनीतिक अनिश्चितता ने इसे कुछ समय के लिए टाल दिया है। इसमें उत्पाद, सेवा, निवेश एवं बौद्धिक संपदा समेत 26 अध्याय हैं।

अधिकारी ने कहा कि दोनों कोशिश बाजार ही देश अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए इस समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

विस्तार एयरलाइन: कई प्रयासों के बाद कोशिश बाजार वर्ष 2015 में पूरा हुआ था टाटा-एसएआई का सपना

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) बात 1994 की है। उस समय टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) ने भारत में संयुक्त उद्यम में एयरलाइन शुरू करने के प्रयास किये। उसके छह साल बाद, उन्होंने एयर इंडिया में हिस्सेदारी लेकर दोबारा से देश के विमानन बाजार में दस्तक देने की कोशिश की। हालांकि, उनके दोनों प्रयास विफल रहे। अंतत: दोनों कंपनियों के सपने ने हकीकत का रूप लिया और जनवरी 2015 में विस्तार ने उड़ान सेवा शुरू की। टाटा समूह ने मंगलवार को विस्तार का विलय एयर इंडिया में किये जाने की घोषणा की। विस्तार अब बाजार हिस्सेदारी के मामले

हालांकि, उनके दोनों प्रयास विफल रहे। अंतत: दोनों कंपनियों के सपने ने हकीकत का रूप लिया और जनवरी 2015 में विस्तार ने उड़ान सेवा शुरू की।

टाटा समूह ने मंगलवार को विस्तार का विलय एयर इंडिया में किये जाने की घोषणा की।

विस्तार अब बाजार हिस्सेदारी के मामले में देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन है। कंपनी ने अपनी पहली उड़ान दिल्ली से मुंबई के बीच नौ जनवरी, 2015 को भरी।

विस्तार की बाजार हिस्सेदारी अक्टूबर में 9.2 प्रतिशत थी।

फिलहाल, विमानन कंपनी 43 घरेलू और विदेशी गंतव्यों को जोड़ती है और रोजाना 260 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है। कंपनी के बेड़े 54 विमान और 4,500 कर्मचारी हैं।

विस्तार की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘टाटा समूह और सिंगापुर एययरलाइंस दोनों का भारत के विमानन क्षेत्र में वृद्धि की संभावना को लेकर पूरा भरोसा रहा है। इसीलिए उन्होंने पूर्व में दो बार भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश की। सबसे पहले, 1994 में संयुक्त उद्यम बनाकर भारत में एयरलाइन बनाने का प्रयास किया। बाद में 2000 में एयर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने के लिये गठजोड़ किया।’’

एयरलाइन क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा पर पाबंदी 2012 में हटने के बाद टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने फिर से गठजोड़ की मंजूरी मांगी। उन्हें अक्टूबर, 2013 में मंजूरी मिली। नवंबर, 2013 में टाटा एसआईए एयरलाइंस लि. अस्तित्व में आई, जो विस्तार की होल्डिंग कंपनी है।

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